यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की मेरी इस पार्टनर स्वैपिंग सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि चुदाई के बाद हम सभी ने एक खेला, जिसमें हम मर्दों की हार हो गई और हमें उन सभी लड़कियों की बात माननी पड़ी.
खाने के बाद दीदी ने हम सभी मर्दों से कहा कि तुम लोगों के लिए आज सरप्राइज होगी.
जीजा जी को डिल्डो वाली सरप्राइज याद आ गई और वो मना करने लगे.
मैंने पूछा- जान तो लो … दीदी किस सरप्राइज की बात कह रही हैं?
अब आगे:
जीजा जी- वो ही यार … जो मैंने तुझे छुपाने के लिए दिया था.
मैं- ओह वो डिल्डो … वो इन्हें कभी नहीं मिलेंगे.
चित्रा- तभी मैं सोचूं कि वो किसने गायब किए हैं … लेकिन अब पता चला कि वो डरपोक कौन था.
आलिया- आप लोगों ने अब हमारा काम और भी आसान कर दिया.
नीरज- मतलब?
जिया- जब हम गेम खेल रहे थे, तब हमें वो हथियार मिल गए थे.
मैं- क्या..!! लेकिन मैंने तो वो!
आलिया- जहां तुमने छुपाए थे, वो हमें क्लू ढूंढते समय मिल गए थे … और अब रात को हम उसका इस्तेमाल करेंगे.
मैंने जीजा जी तरफ देखकर- सॉरी जीजा जी.
जीजा जी- कोई बात नहीं साले साहब … आपके कारण गांड मराने की सजा भी झेल ही लेंगे.
हम सब हंसने लगे.
हम चारों के अन्दर थोड़ा डर था जो गया नहीं था. फिर हम खाना खाकर बर्तन साफ करने लगे और वो चारों सोफे पर बैठकर टीवी देखती रहीं.
जिया- क्या हम सच में उन लोगों की गांड मारेंगे.
चित्रा- नो वे यार.
आलिया- लेकिन भाभी, क्यों नहीं?
चित्रा- शायद तुम उस दिन को भूल गई हो … उस दिन उस जीजा-साले ने कैसे हमारी बैंड बजाई थी. इसलिए हम हमारे प्लान के मुताबिक ही चलेंगे.
उधर हम चारों भी आज रात को लेकर बात कर रहे थे.
नीरज- आज रात को क्या होगा?
आकाश- जो होना है वो ही होगा.
मैं- मुझे लगता है कि वो ऐसा कभी नहीं करेंगी. क्योंकि उन लोगों को पता है कि बाद में हम भी उसका बदला लेंगे.
अविनाश- राज तुम सही कह रहे हो. हमें डरने की जरूरत नहीं है … हां लेकिन आज रात को कुछ तो हमारे साथ जरूर होगा.
फिर हम भी उन लोगों के साथ बैठ गए. तभी वो चारों खड़ी होकर उस बड़े कमरे में चली गईं.
मैं- आज रात के लिए हमें कुछ तो प्लानिंग करनी पड़ेगी.
जीजा जी- सबसे पहले तो हमें उस हॉल में कोई कैमरा नहीं छुपाया, वो देखना पड़ेगा.
आकाश- आज रात को खाना हम ही बनाएंगे, तो क्यों न हम खाने में वायग्ररा मिला दें, ताकि उसके असर से उनको भी चुदने का मन जरूर होने लगेगा.
मैं- हम ऐसा नहीं कर सकते, कहीं हमारा प्लान हम पर ही भारी ना पड़ जाए.
नीरज- तो फिर हम क्या करें?
अविनाश- अभी हमारी बीवियां कमरे में सोने चली गई हैं, इसलिए हमको प्यार से उनसे आज रात के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. उन चारों में कोई तो बता देगा, फिर हम हमारा प्लान बनाएंगे.
मैं- यह आईडिया ठीक रहेगा.
आकाश- फिर देर किस बात की है … चलो चलते हैं.
अविनाश- हां चलो.
फिर हम सभी अपने कमरे में आ गए. जब में अन्दर गया, तब आलिया बेड पर लेटकर फोन इस्तेमाल कर रही थी. मैं आलिया के पास लेट गया.
मैंने अपना हाथ आलिया के बदन पर घुमाना शुरू कर दिया.
आलिया- राज क्या कर रहे हो?
मैं- कुछ भी तो नहीं.
आलिया- राज स्टॉप इट … गुदगुदी हो रही है.
फिर मैं बेड पर बैठकर आलिया के पैर दबाने लगा. तभी आलिया मेरी ओर देखने लगी.
आलिया- इतना प्यार करने की वजह क्या है?
मैं- क्यों मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेवा भी नहीं कर सकता?
आलिया- ज्यादा भोले मत बनो … अगर तुम सेक्स करने के बारे में सोच रहे हो, तो भूल जाओ.
मैं- क्यों?
आलिया- क्योंकि आज हमने डिसाइड किया है कि आज हम सेक्स नहीं करेंगी.
मैं- मतलब आज सेक्स के बिना बिताना पड़ेगा.
आलिया- हां फिलहाल ऐसा समझो.
मैं- वो मेरे हथियार को बहुत मन हो रहा है.
आलिया- एक काम करो अपने हथियार को बाथरूम ले जाओ और फिर कल रात तुम और भाभी किचन में जो कर रहे थे उसे याद करके मुठ मार लो. तुम्हारे हथियार को आराम मिलेगा और साथ में तुम्हें भी आराम पड़ जाएगा.
मैं- तुम्हें किचन की चुदाई कैसे पता चली?
आलिया- भाभी ने बताया.
मैं- आलिया आज रात का क्या सरप्राइज प्लान है?
आलिया- ओह … अब समझ आया कि इतनी सेवा इसके लिए है. लेकिन यह बेकार है … क्योंकि वो तुम्हें आज रात को ही पता चलेगा. मुझे नींद आ रही है इसलिए तुम अच्छे से पैर दबाना … बस ज्यादा ऊपर मत आ जाना.
आलिया सो गई और पांच मिनट बाद मैं भी सो गया.
चलो मैं तो कामयाब नहीं हो सका, लेकिन उन तीनों में से कोई तो जरूर कामयाब हुआ होगा.
जब हम चार बजे मिले, तब हम चारों का प्लान फेल हो गया. अब बस रात का इन्तजार करना था.
हम सब मर्द समुद्र किनारे गए और वहां पर ठंडी बियर पीते हुए मजा करने लगे. करीब पांच बजे वो चारों एकदम हॉट अंदाज में आ गईं. जिसे देखकर हम सभी का लंड खड़ा हो गया. वो चारों सिर्फ इस समय ब्रा और पैंटी में थीं. मुझे तो इस समय चुदाई का मन हो रहा था. वो चारों शांत समुद्र में आनन्द ले रही थीं और हम बस उन्हें देख रहे थे.
जीजा जी- सच में वो चारों इस समय अप्सराओं जैसी लग रही हैं.
मैं- मेरा तो हथियार भी फनफना रहा है.
आकाश- मन तो मेरा भी हो रहा है.
नीरज- आज तो बिना सेक्स के बिताना पड़ेगा. जीजा जी, आपकी वजह से आज मेरी बैंड बजेगी.
आकाश- मतलब?
नीरज- जिया बोल रही थी कि जब आपने उसकी गांड मारते समय जितना दर्द दिया था, उतना दर्द वो रात को मुझे देगी.
मैं- तुम इसमें अकेले नहीं हो … सबसे ज्यादा तो मेरी हालत बुरी होगी क्योंकि उन चारों को सबसे ज्यादा मैंने ही दर्द दिया था.
अविनाश- राज वो रात याद है, जब हम दोनों उन दोनों को बेरहमी से चोद रहे थे. कैसे वो चिल्ला रही थीं.
मैं- हां … जब मैं दीदी की गांड मार रहा था, तब वो ऐसे चिल्ला रही थीं, मानो अपनी जिंदगी में पहली बार सेक्स कर रही हों.
आकाश- मजा तो मुझे जिया की गांड मारने में आया था.
नीरज- वो इसलिए जीजा जी क्योंकि जब मैंने आपकी बहन की गांड मारने की कोशिश की, तो उसने दर्द के मारे मना कर दिया. उस दिन के बाद उसने कभी अपनी गांड नहीं मारने दी.
आकाश- थैंक्स.
तभी दीदी आवाजें देने लगी थीं और वो हमें अन्दर जाकर खाना बनाने को बोलीं. हम सभी अन्दर चले गए और खाना बनाने लगे.
खाना बन गया, तो हम सबने साथ मिलकर खाना खाया. फिर सभी मर्द हॉल में आ गए, जहां हमारे लिए चार कुर्सी पड़ी थीं.
जीजा जी- सुनो इस बार कोई ड्रिंक्स मत करना.
मैं- ओके.
तभी वो चारों अन्दर आ गईं, उनके हाथों में डिल्डो और शराब थी. हाथ में डिल्डो देखकर हमारी फट गई. उन चारों ने टी-शर्ट और शॉर्ट पहने थे. वो बड़ी हॉट लग रही थीं.
चित्रा- सुनो तुम चारों अपने पूरे कपड़े निकालकर नग्न अवस्था में होकर उस कुर्सी पर बैठ जाओ.
हम चारों कुर्सी पर बैठ गए. तभी चारों औरतों ने हमारे हाथ हथकड़ी से बांध दिए.
जीजा जी- तुम चारों का इरादा क्या है?
चित्रा- बस देखते जाओ.
जिया- आज पूरी रात तुम लोग ऐसे रहोगे.
नीरज- यह गलत है.
मैं- हम पूरी रात ऐसे नहीं रह सकते हैं.
आलिया- अभी सुबह होने में देर है … इसलिए बस चुपचाप फिल्म का मजा लो.
अविनाश- कौन सी फिल्म?
चित्रा- कुछ इन्तजार कर लो … सब सामने आ जाएगा.
फिर उन चारों ने पैग बनाए, तो हमें लगा वो हमारे लिए पैग बना रही हैं.
मैं- हमें ड्रिंक्स नहीं करनी.
आलिया- डोन्ट वरी, यह हमारे लिए है.
फिर वो बेड पर बैठकर चियर्स कहकर पैग मारने लगीं. दूसरा पैग भी चलने लगा.
अविनाश- चित्रा हमारे लिए भी पैग बना दो.
चित्रा- तुम लोगों को ड्रिंक्स नहीं करनी है.
मैं- वो तब मन नहीं था … लेकिन तुम लोगों को देखकर हमें भी ड्रिंक्स करने का मन हो गया.
जिया- सॉरी … यह सुविधा आपके लिए उपलब्ध नहीं है.
आकाश- प्लीज़.
तभी वो चारों एक दूसरे तरफ देखने लगीं और मुस्करा कर हमारे पास आ गईं.
चित्रा- तुम लोगों के पास छूटने के लिए एक रास्ता है.
मैं- कौन सा?
आलिया- इसके लिए तुम लोगों को अपनी गांड मरवानी होगी.
अविनाश- हम ऐसे ठीक हैं.
तभी वो चारों हमारे सामने स्माइल करके एक दूसरे से किस करने लगीं. आलिया और जिया किस कर रही थीं और दीदी और नताशा किस कर रही थीं. उन चारों को देखकर हमारे लंड खड़े हो गए.
उन चारों ने धीमे धीमे किस करते हुए अपनी टी-शर्ट निकाल दी. इस समय हम चारों मर्दों को चुदाई का मन हो रहा था. फिर उन चारों ने अपने शॉर्ट भी उतार दिए. उन लोगों की यह सरप्राइज हमारे लिए एक सजा बराबर थी. हम कुछ बोल भी नहीं सकते थे क्योंकि अब उन चारों ये हमारे मुँह पर पट्टी बांध दी थी.
फिर वो चारों बेड पर चली गईं और लेस्बियन रोमांस करने लगीं. डिल्डो भी कोने में पड़े थे. करीब दो घंटे तक वो लेस्बियन सेक्स करती रहीं. वो चारों किस कर रहीं थीं, एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थीं … एक दूसरी की चुत में उंगली घुमा रही थीं.
इधर हम उन चारों को देखकर तड़प रहे थे.
दो घंटे बाद वो सब सो गईं और हम ऐसे कुर्सी पर बैठे बैठे सो गए.
मुझे एक तो अच्छे से नींद भी नहीं आ रही थी और इस समय थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.
करीब रात के एक बजे दीदी ने हम चारों के हाथ खोल दिए और हमें अपने कमरे में सोने के लिए कह दिया. हम चारों कपड़े पहनकर अपने कमरे में जाकर सो गए.
दूसरे दिन मैं सुबह के छह बजे उठ गया. इस समय सभी सो रहे थे, इसलिए मैं फ्रेश होकर समुद्र किनारे चला गया. करीब आठ बजे वहां पर आलिया आई. वो मेरे पास आकर बैठ गई.
आलिया- क्या कर रहे हो?
मैं- नथिंग.
आलिया- चलो ब्रेकफ़ास्ट तैयार है.
मैं- चलो.
हम दोनों खड़े होकर अन्दर गए, वहां सभी नाश्ता कर रहे थे. हम दोनों भी उन लोगों के साथ ज्वाइन हो गए.
अविनाश- चलो आज भी कोई गेम खेलते हैं.
जिया- आज कोई गेम नहीं.
मैं- क्यों हारने से डर लगता है?
जिया- हम डरती नहीं हैं.
चित्रा- मगर इस बार गेम हमारे अनुसार होगा.
अविनाश- सभी तैयार हो न?
मैं- हां बिल्कुल.
आलिया- तो देखते हैं … आज कौन विजेता होता है.
नीरज- गेम कौन सा है?
चित्रा- दोनों साइड दो टीम होंगी, बीच में रूमाल होगा. हम टीम में से कोई बारी-बारी एक मेम्बर वो रूमाल लेने आएगा. उनको रूमाल लेकर अपनी टीम के पास पहुंचना है … अगर उस दौरान दूसरे मेम्बर ने उसे छू लिया, तो वो पॉइंट उसमें एड होगा. टीम को जीतने के लिए करीब बीस पॉइंट चाहिए होंगे. जो टीम जीतेगी, वो कल की तरह कल सुबह तक इस घर में राज करेगी.
अविनाश- यह तो बच्चों का खेल है.
नताशा- क्यों हारने से डरते हो?
मैं- हमें मंजूर है.
आकाश- मुझे भी.
जिया- हम गेम कहां पर खेलेंगे?
मैं- समुद्र किनारे.
अविनाश- तो आज हो जाए और एक गेम.
फिर हम सभी नाश्ता करके वहां पर आ गए. दोनों टीम अपनी जगह पर खड़ी थीं और बीच गोले में रूमाल था.
मैं- सबसे पहले कौन जाएगा?
अविनाश- राज सबसे पहले तुम जाओ … इस बार हमें किसी भी हालत में जीतना ही है.
मैं- ठीक है.
मैं आगे गया और मेरे सामने जिया आ गई. हम दोनों रूमाल के चक्कर लगा रहे थे, तभी जिया ने मुझे फ्लाइंग किस किया. मैंने भी फ्लाइंग किस कर दिया. तभी वो रूमाल लेकर चली गई. वो चारों खुश हो गईं.
मैं- यह चीटिंग है.
आलिया- इसे चीटिंग नहीं … दिमाग चलाना कहते हैं.
जिया- डोन्ट वरी राज … दूसरी बार भी तुम ही हारोगे.
मैं- वो देखेंगे.
अविनाश- इस बार मैं जाऊंगा.
जीजा जी के सामने आलिया आई. वो दोनों रूमाल के चारों और चक्कर लगा रहे थे. तभी जीजा जी रूमाल लेकर भागने को हुए … लेकिन आलिया ने जीजा जी को पकड़ लिया, जिससे उन लोगों के दो पॉइंट हो गए और हमारा अभी भी जीरो पॉइंट ही था.
इस बार आकाश गए और उसके सामने दीदी थी. लेकिन इस बार भी लड़कियों को ही पॉइंट मिला. अब नीरज की बारी थी, लेकिन इस बार हमें पॉइंट मिल गया.
फिर हम बारी-बारी खेल में पॉइंट बनाते चले गए. इस खेल के दौरान एक बार नीरज गिर गया था, तो एक बार आलिया अपनी टीम के बदले समुद्र की तरफ भागने लगी थी.
करीब पांच मिनट बाद उनके नौ पॉइंट थे और हमारे पास छह पॉइंट थे. दोनों टीम जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही थीं.
करीब बीस मिनट बाद उनके सोलह पॉइंट थे और हमारे पास बारह पॉइंट थे. एक बार मैं और आलिया करीब पांच मिनट तक गोले के चक्कर लगाते रहे. आलिया मुझे अपने मम्मे दिखाते हुए बहका रही थी. लेकिन वो पॉइंट मैंने ही जीता था.
पच्चीस मिनट बाद हमारी टीम उससे आगे थी, फिर उनकी टीम लीड पर थी. करीब आधे घंटे बाद हम दोनों टीम को जीतने के लिए सिर्फ एक पॉइंट की जरूरत थी. यह खेल अब पूरी तरह से रोमांचक हो चुका था.
मजा आ रहा है ना? जब तक अगला भाग आये, आप मुझे मेल कीजिएगा.
[email protected]
सेक्स की कहानी जारी है.