यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि मैंने नताशा को बिना कंडोम के चोद दिया था और वो एक गर्भ निरोधक गोली खा कर मेरे बाजू में लेट गई थी.
अब आगे..
मैंने नताशा से पूछा- मजा आया न!
नताशा- हां यार.. उस समय तो ऐसा लग रहा था कि कोई गरम लिक्विड चुत में जा रहा हो.
मैंने उसे चूमा और कहा- तो हो जाए दूसरा राउंड?
नताशा- अभी नहीं यार.. बाद में चोद लेना.. अभी मुझे नींद आ रही है.
मैं- मगर इसके लिए तुम्हें मेरा टास्क पूरा करना होगा.
नताशा- कैसा टास्क?
मैं- तुम्हें तीनों कमरे में जाना है और उन तीनों से एक एक मिनट के लिए अपनी गांड मरवानी है और मुझे इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी चाहिए.
नताशा- इससे अच्छा है कि तुम्हीं मेरे साथ सेक्स कर लो.
मैं- तुमसे मैं खुश हो गया जान.. इसलिए नो टास्क.. तुम अब सो सकती हो.
नताशा खुश हो गई और मुझे कर सोने लगी. हम दोनों चिपककर सो गए.
करीब छह बजे आलिया ने मुझे उठाया. वो तैयार हो चुकी थी. फिर मैं खड़ा होकर नहाने के लिए बाथरूम चला गया. करीब पंद्रह मिनट बाद मैं नहाकर बाहर आया और तैयार होकर कमरे से बाहर आ गया. वहां वो तीनों टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा. अभी चारों औरतें किचन में खाना बना रही थीं.
अविनाश- राज तुम बहुत सोये.. क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं बस थोड़ा सा थक गया था.
आकाश- तुम.. और थक गए थे!
मैं- हां यार मैं भी इन्सान हूँ.
आकाश- अब आगे क्या प्लान है.
अविनाश- क्यों ना हम आज रात फाइव सम का खेल खेलें.
नीरज- मतलब?
अविनाश- एक औरत और हम चार. इससे हम हमारा कल का बदला भी ले लेंगे.
मैं- अभी मुझे आलिया के साथ शादी भी करनी है.. उसे पोर्न हीरोइन नहीं बनानी है.
नीरज- हां इसके लिए जिया भी कभी नहीं मानेगी.
अविनाश- आज वो हमारी हर बात मानेगी.
आकाश- अविनाश यह आईडिया ठीक नहीं है.
अविनाश- ठीक है प्लान केंन्सल.
मैं- क्यों ना आज रात हम चारों उन चारों को तड़पाएं, जैसे उस दिन उन्होंने हमें तड़पाया था.
आकाश- हां यह आईडिया ठीक है.
अविनाश- लेकिन आज रात को इसके लिए हमें चुदाई के बिना रहना पड़ेगा.
मैं- जीजा जी आप एक रात भी नहीं बिता सकते?
अविनाश- ठीक है.
फिर हम चारों अपना प्लान बनाते हुए टीवी देख रहे थे, तभी वो चारों डाइनिंग टेबल पर खाना लगाने लगीं और हम सभी साथ मिलकर खाना खाने आ गए. खाना खाने के बाद हमारे कहने के मुताबिक वो चारों टी-शर्ट और शॉर्ट पहनने के लिए कमरे में चली गईं. इधर हम हॉल में आकर पैग बनाने लगे और हमने उन चारों के पैग में वायग्ररा मिला दी. तभी वो चारों भी हॉल में आ गईं और हम सभी पैग मारने लगे. मैंने वायग्ररा वाले गिलास उनको दे दिए.
अविनाश- अब तुम चारों अपने कपड़े निकाल दो.
उन चारों ने कुछ बोले बिना, अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो चारों बिल्कुल नग्न हो गईं. हम चारों भी सिर्फ निक्कर में थे, इसलिए उन चारों को ऐसा लगा कि हम उनकी चुदाई करेंगे. लेकिन हमारा कुछ और ही प्लान था.
उसके बाद हम चारों ने अपनी अपनी पार्टनर को बेड पर लेटने के लिए कहा. सबसे पहले दीदी थीं, उसके बाद आलिया, नताशा और जिया लेटी थीं. हम चारों ने हथकड़ियों से उनके हाथ बांध दिए.
चित्रा- ये क्या क्या रहे हो?
अविनाश- तसल्ली रखो और देखो.
जिया- आप लोगों का इरादा क्या है?
आकाश- घमासान चुदाई.
नताशा- क्या?
मैं- हम चारों अभी आए.
फिर हम वहां से चले गए और बाहर बैठ गए. हमें बस वायग्ररा के असर का इन्तजार था.
आलिया- ये चारों हम इस हालत में छोड़कर कहां चले गए हैं?
नताशा- पता नहीं.
जिया- मुझे अन्दर से कुछ अलग सी फीलिंग हो रही है.
आलिया- मुझे भी अन्दर से ऐसा लग रहा है.
नताशा- शायद उन लोगों ये हमारे ड्रिंक्स में कुछ मिलाया है.
चित्रा- यह असर वायग्ररा का है.
आलिया- शायद वो उस दिन का बदला ले रहे हैं.
चित्रा- लेकिन वो चुदाई के बिना नहीं रह पाएंगे.
नताशा- मतलब आज हमारी चुत का कबाड़ा पक्का होगा.
तभी हम चारों नग्न अवस्था में अन्दर आ गए और वे चारों हमें देखने लगीं.
चित्रा- आप लोगों ये ड्रिंक्स में क्या मिलाया है?
आकाश- वायग्ररा.
चित्रा- क्या?
अविनाश- जैसी करनी वैसी भरनी.
आलिया- हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- वो कल सुबह ही खुलेंगे.
इसके बाद हम चारों अपने अपने पार्टनर के पास गए और उनके ऊपर चढ़कर उनके होंठों को चूमने लगे. वो चारों भी हमारा साथ दे रही थीं. आलिया किस करने पर गरम हो रही थी. फिर हम चारों उनके गर्दन पर किस करने लगे और उन चारों पर अब वायग्ररा का असर होने लगा था. आलिया अपनी आंखें बंद करते हुए हाथ को छटपटा रही थी.
मैं आलिया के मम्मों को अपने हाथ से सहलाने लगा, जिससे आलिया और मदहोश हो रही थी. मुझे देखकर जीजा जी दीदी के मम्मों को सहलाने लगे. दीदी मदहोशी की हालत मुझे और आलिया को देख रही थी. आकाश और नीरज भी अपनी बीवी के मम्मों को सहलाने लगे. हमारा काम था अपनी बीवी को गरम करना और फिर चुदाई के लिए तड़पाना.
मैं अभी आलिया के बदन को चूम रहा था. तभी जीजा जी दीदी की चुत चाटने लगे और मुझे इशारा किया. मैं आलिया की गीली चुत चाटने लगा. मेरे साथ आकाश भी नताशा की गीली चुत चाटने लगा और आखिर में नीरज भी चुत में लग गया. वो चारों जोरों से सीत्कार कर रही थीं. आकाश तो नताशा की चुत चाटने के साथ चुत में उंगली भी कर रहा था. वो चारों अब पूरी तरह से चुदने के लिए तड़प रही थीं.
चित्रा- अविनाश अब कन्ट्रोल नहीं हो रहा.. प्लीज़ फक मी.
दीदी की बात को इग्नोर करके जीजा जी ने चुत चाटना जारी रखा. दीदी छटपटाने लगीं और ऐसी हालत उन तीनों की थी.
जब वो चारों गरम हो गईं, तो हम चारों खड़े हो गए और पैग बनाने लगे.
नताशा- आकाश क्या कर रहे हो?
आकाश- कुछ भी तो नहीं.
जिया- नीरज कन्ट्रोल नहीं हो रहा हमारे हाथ छोड़ो.
मैं- खुद छोड़ लो.
आलिया- तुम चारों क्यों ऐसा मजाक कर रहे हो. प्लीज़ हमें ऐसे ना तड़पाओ.
मैं- उस दिन तुम तीनों ये हमें तड़पाया था.. अब हमारी बारी है.
जिया- उस दिन तो हम यहां पर मौजूद भी नहीं थे.
नीरज- फिर भी पनिशमेन्ट तो मिलेगी.
चित्रा- अविनाश तुम्हें जितना चोदना हो, चोद लो, लेकिन ऐसे हमें मत तड़पाओ.
आलिया- भाभी सही बोल रही हैं.. हम अब नहीं रह सकते.
मैं- किसके बिना.
आलिया- चुदाई के बिना.
तभी जीजा जी ने ड्रावर से डिल्डो निकाला और हम चारों ने उनके बदन पर डिल्डो रख दिए.
अविनाश- अब इनसे चुद लो.
चित्रा- प्लीज अविनाश ऐसा मत करो.
आलिया- भाई प्लीज़ हमारे हाथ छोड़ दो.
वो चारों हम से रिक्वेस्ट कर रही थीं, हमसे माफी मांग रही थीं.. मगर हम पर कोई असर नहीं था. हम चारों अपना पैग खत्म करने में लगे रहे.
अविनाश- ठीक है.. तुमको पहले हमारी कुछ शर्तों माननी पड़ेंगी.
जिया- कैसी शर्तें?
मैं- पहले हां या न..!
आलिया- पहले हमें बताएं.
चित्रा- हां.. ठीक है.
आलिया- भाभी!
चित्रा- अभी चुत में आग लगी हुई है.. और हमारे पास और कोई चॉइस नहीं है.
आलिया- कौन सी शर्त है?
अविनाश- सबसे पहली आप चारों को एक साथ बोलना पड़ेगा. प्लीज हमें चोदो.. हम तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हैं.
आकाश- बोलो कि इस समय हमें तुम्हारे लंड की जरूरत है.
वो चारों एक दूसरे तरफ फिर वो एक साथ मिलकर बोलने लगीं, जिसे सुनकर हमें मजा आने लगा.
मैं- सबसे आखिरी शर्त.. अब से तुम चारों हमारी हर बात सुनोगी.
आलिया- नेवर.
मैं- सोच लो.
जिया- यह आप ठीक नहीं कर रहे.
नीरज- ठीक है आपके लिए थोड़ा डिस्काउंट देते हैं. कल तुम चारों बिना कपड़े के घूमोगी और हम कल जब चाहें, तब तुम्हारी चुदाई कर सकते हैं.
चित्रा ने एक दूसरे तरफ देखकर कहा- हमें मजूंर है.
अविनाश- गुड.
आलिया- अब तो हाथ छोड़ दो.
अविनाश- राज तो हो जाएं शुरू?
हम चारों ने ड्रावर से वायग्ररा की गोली लेकर अपने पार्टनर के हाथ खोल दिए और उनके ऊपर चढ़कर ठुकाई शुरू कर दी. वो चारों इस समय चुत में किसी का भी लंड लेने के लिए तैयार थीं. पूरे हॉल में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं.
वो चारों अपनी गांड उछालकर चुद रही थीं, तभी मैं और जीजा जी ने अपनी जगह बदल ली और उन दोनों ने भी अपनी जगह बदल ली. हम चारों इस समय अपनी बहन की ठुकाई कर रहे थे और वो चारों बड़े मजे से अपनी चुत में अपने भाई के लंड ले रही थीं.
जीजा जी आलिया के दोनों पैर ऊंचे करके गांड पेल रहे थे. इधर मैं दीदी के एक चूचे पर हाथ रखकर चुदाई कर रहा था.
दीदी- आहहह उम्मह ओ यस चोद बहनचोद और जोर से चोद कब से चुत में खुजली हो रही है.
मैं- हां साली आज तेरी सारी खुजली मिटा देता हूं. आज तो तुझे रांड बनाकर रहूँगा.
अविनाश- राज अच्छे से अपनी बहन की सर्विस करना.
आलिया- आहहह भाई.. पहले आप तो अपनी बहन की अच्छी सर्विस कीजिए.
अविनाश- हां साली तेरी चुत की आग अभी मिटाता हूँ.
जीजा जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लंबे लंबे झटके मारने लगे. उधर आकाश जिया को तेजी से पेल रहे थे.
जिया- भाई धीमे.. मैं आपकी बीवी नहीं हूँ, जो रांड की तरह चोद रहे हो.
आकाश- अभी तू ही मेरी रांड है.. क्योंकि मेरी बीवी तेरे पति के साथ मजे से चुदवा रही है.
नताशा- नीरज.. तुम इसकी बात मत सुनो बस चुदाई करो.
नीरज- अविनाश भाई क्यों ना हम बदल जाएं.
अविनाश- आ जा मैं तुम्हारी दीदी की ठुकाई करता हूं. तू मेरी बहन को चोद ले.
फिर वो दोनों बदल गए और चुदाई का खेल जारी रखा.
आकाश- राज अगर तुमने अपनी दीदी की ठुकाई कर ली हो, तो क्या मैं तुम्हारी बहन चोदने आ सकता हूं.
मैं- आ जाएं.. आप मेरी दीदी को खुश करें.. मैं आपकी बहन को चोद कर खुश करता हूं.
फिर हम दोनों बदल गए, मैंने जिया को घोड़ी बना दिया और बिना देरी किए जिया की गांड में लंड घुसा दिया.
जिया- आहहह कमीने धीमे डाल.. जलन हो रही है.
मैं- चुप साली.. पहले तो चुदने के लिए तड़प रही थी.
हम सभी एक दूसरे को गाली देकर चुदाई का मजा ले रहे थे. इस समय हम सभी हवस में पागल हो चुके थे और घमासान चुदाई चल रही थी. करीब बीस मिनट के बाद सबसे पहले नीरज आलिया की गांड के ऊपर झड़ गया.
आलिया- कमीने तुम्हीं साफ करना.
नीरज हंसने लगा और टिश्यू पेपर से अपना लंड और आलिया की गांड साफ करने लगा. तभी आकाश दीदी की चुत में झड़ गए और उसके बाद जीजा जी नताशा के बदन पर झड़ गए.
एक मिनट बाद मैं भी जिया की चुत में झड़ गया. फिर वो चारों खड़ी होकर बाथरूम चली गईं और हम बेड पर लेट गए.
आकाश- सच में आज बहुत मजा आया.
नीरज- मैंने पहली बार इतनी देर तक चुदाई का मजा लिया.
मैं- तो हो जाए फिर से दूसरा राउंड!
नीरज- मुझसे नहीं होगा.
आकाश- हां मैं भी थक गया हूँ.
अविनाश- अभी तो मैं भी आराम करना चाहता हूं.
मैं- मेरा लंड तो तैयार है.
अविनाश- राज अभी रहने दे क्योंकि कल हमें घूमने जाना है.
मैं- अरे.. ये तो मैं भूल ही गया था.
तभी वो चारों बाथरूम से बाहर आ गईं. हम उनका ही इन्तजार कर रहे थे.
अविनाश- अब तो किसी को चुदने का मन नहीं हो रहा न!
चित्रा- हम कोई रांड नहीं हैं.
आकाश- तो चलो हम अपने कमरे में जाकर सो लेते हैं.. कल सुबह मिलते हैं.
हम सभी अपने कमरे में चले गए. आलिया तो सो गई, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. इस समय हम सभी नग्न अवस्था में थे. अब मुझे चुदाई का मन कर रहा था लेकिन आलिया सो रही थी, इसलिए मैंने आलिया को उठाया. आलिया आधी नींद में थी.
आलिया- क्या हुआ?
मैं- बेब चुदाई का मन कर रहा है क्यों ना एक राउंड हो जाए.
आलिया- राज मुझसे अभी नहीं होगा.. मेरा सर दर्द कर रहा है.
मैं- ठीक है तुम सो जाओ.
आलिया सो गई, लेकिन अब मैं क्या करूं. अब मेरे पास एक ही चॉइस थी और वो थी दीदी.. क्योंकि मुझे मालूम था कि दीदी मुझे चोदने से कभी मना नहीं करेंगी. वैसे भी यहां पर एक रूल था कि कोई भी अपने कमरे का दरवाजा अन्दर से लॉक नहीं कर सकता था.
मैं खड़ा होकर नग्न अवस्था में दीदी के कमरे की ओर गया. सबसे पहले मैंने धीमे से दरवाजा खोला. अन्दर दीदी और जीजा जी सो रहे थे. इसलिए मैं चुपचाप दीदी के पास लेट गया. वैसे मुझे जीजा जी के उठने की चिंता नहीं थी क्योंकि अगर उन्हें पता चला भी, तो वो कुछ नहीं कहने वाले थे. वो दोनों भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.
दोस्तों चुदाई का मजा अभी और भी आना बाकी है. इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में आगे पूरे विस्तार से लिख कर आपके लंड चुत गरम करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.
कहानी जारी है.