यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मेरी बहन चित्रा और उसके पति ने अपनी अदला बदली की कल्पना को साकार करने के लिए मुझे और जीजाजी की बहन आलिया को राजी कर लिया था.
मैं अपनी बहन के पास मुम्बई आ गया था और बाथरूम में अपनी बहन और उनकी ननद आलिया के मादक जिस्मों की चुदाई को लेकर सोच रहा था.
अब आगे:
मैं फ्रेश होकर रूम से बाहर आ गया और जीजा जी के साथ सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा. वो दोनों रसोई में खाना बना रही थीं.
तभी दीदी ने आवाज़ दी और खाना खाने के लिए बुलाया. मैं और जीजा जी वहां डाइनिंग टेबल के पास जाकर बैठ गए.
डाइनिंग टेबल पर मेरे सामने दीदी बैठी थीं, मेरे पास आलिया बैठी थी. दीदी के पास जीजा जी बैठे थे.
दीदी खाना सर्व करने लगीं. मैं उन दोनों लड़कियों को बारी बारी से देख रहा था. उन दोनों इस समय टी-शर्ट और शॉर्ट पहने हुए थीं.
हम चारों खाना खाते हुए एक दूसरे की तरफ देख रहे थे. फिर खाना खत्म हुआ और मैं जीजा के साथ हॉल में आ गया. वो दोनों बर्तन साफ करने रसोई में चली गईं.
इधर हम दोनों टीवी देख रहे थे, तभी आलिया वहां पर आ गई. वो मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गई. दीदी स्कॉच व्हिस्की की बोतल और चार गिलास लेकर आ गईं. वो जीजा जी के पास बैठ कर गिलास में व्हिस्की डालने लगीं.
फिर हम चारों ने गिलास उठाए और चियर्स बोल कर पैग चुसकना शुरू कर दिया. जीजा जी ने एक ही सांस में पैग हलक के नीचे उतारा और दोबारा पैग बनाने लगे. तभी मैंने भी अपना गिलास खाली किया और अपना गिलास भी आगे कर दिया. कुछ ही पल बाद दीदी और आलिया भी दूसरे पैग का मजा लेने लगीं.
जीजा जी का कहना था कि शराब हमेशा खाने के बाद ही लेना चाहिए.
जल्दी ही हम सबने तीन तीन पैग मार लिए. करीब दस बजे तक हम टीवी देखते रहे.
चित्रा ने आलिया का हाथ पकड़ते हुए उसे चलने के लिए कहा- आलिया कम ऑन … एन्जॉय यार.
फिर वो दोनों गेस्ट वाले कमरे में चली गईं. उनके जाने के एक मिनट बाद हम दोनों भी खड़े होकर उसी कमरे में चले गए.
अविनाश ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा- हमारी फैंटेसी पूरी करने के लिए तुम दोनों का धन्यवाद.
चित्रा ने नशे की मस्ती में मुझसे कहा- राज डियर … पहले तुम्हारे बारी है. जिस तरह जैसे अविनाश ने तुम्हारी बहन की सील तोड़ी थी, आज तुम उसकी बहन की सील तोड़ोगे.
दीदी आज दारू के नशे में फुल मूड में आ गई थीं … जिस तरह से वो बात कर रही थीं … उससे मुझे समझ आ गया था कि आज मुझे अपनी बहन का छिनालों वाला रंग देखने मिलने वाला है.
मैंने दीदी के चूचों की तरफ देखा.
चित्रा ने मुस्कुराते हुए कहा- ये भी तेरे लिए तैयार हैं … मगर पहले तुम दोनों एक दूसरे को किस करो.
आलिया कसमसाते हुए बोली- भाई, मुझसे नहीं होगा.
अविनाश- चित्रा.
तभी दीदी आलिया के पास गई और आलिया के होंठों को चूमने लगी. पहले तो आलिया को अजीब लगता रहा, लेकिन फिर नशे की वजह से वो भी दीदी का साथ देने लगी.
जीजा जी सिगरेट का धुंआ छोड़ते हुए वहां पर पड़ी कुर्सी पर बैठ गए और मैं खड़ा होकर उन दोनों को किस करते देखने लगा.
तभी एक मिनट बाद दीदी रुक गईं और उन्होंने मुझे इशारा कर दिया.
मैं उठ कर उधर गया और आलिया का मुँह पकड़कर उसे किस करने लगा. अब आलिया का संकोच कम हो गया था और वो मुझे साथ देने लगी थी.
उधर दीदी जीजा जी की गोद में जा कर बैठ गईं … और जीजा जी के हाथ से सिगरेट लेकर धुंआ उड़ाने लगीं.
आलिया भी कामुक होकर मेरा साथ देने लगी थी. आलिया के होंठों को चूमने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरे दोनों हाथ आलिया की कमर पर आ गए थे और हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए.
सामने दीदी जीजा जी की गोद में बैठकर उनको किस कर रही थीं. हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे के मुँह को छू रही थीं. हम दोनों मस्त होकर किस करने लगे थे. मैं अपने दोनों हाथों से आलिया की गांड को सहला रहा था, हम इतने मशगूल हो गए थे कि हम यह भूल गए थे कि इस कमरे में हमारे अलावा भी दो और लोग हैं.
दीदी- आलिया, राज की टी-शर्ट निकाल दो.
तभी आलिया ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मैंने भी आलिया की टी-शर्ट निकाल दी. उसने इस समय काले रंग की ब्रा पहनी थी. उसके 34B साइज के चुचे देखकर मेरा लंड तन गया. उधर अपनी बहन आलिया के चूचे ब्रा में देख कर अविनाश जीजा जी का लंड भी तन गया था. मैं और आलिया हम दोनों किस करने में लग गए.
दीदी जीजा जी कान में बोलीं- क्या बात है डियर, अपनी बहन का हॉट फिगर देखकर लंड उछलने लगा है क्या!
अविनाश- हां यार, वो है ही इतनी हॉट.
चित्रा- वैसे आज मेरा भाई तुम्हारी बहन को अच्छे से पेलेगा.
अविनाश- जैसे मैं तुम्हें पेलता हूं.
दीदी जीजा जी के होंठों को चूमने लगीं और इधर मैं आलिया के होंठों को चूम रहा था.
चित्रा- अब पूरी रात सिर्फ किस ही करोगे या आगे भी कुछ करोगे?
दीदी की बात सुनकर मैंने आलिया को घुमा दिया और उसकी ब्रा का हुक खोल कर निकाल दिया. अब मैं अपने दोनों हाथ से आलिया के मम्मों को सहलाने लगा.
आलिया दीदी और जीजा जी की तरफ सेक्सी नजरों से देख रही थी. मैं आलिया के मम्मों को जोर से दबाने लगा और उसकी चूचियों के कड़क हो चुके दोनों निप्पलों को अपने दोनों हाथों की उंगलियों के बीच दबा कर मींजने लगा. इससे आलिया मदहोशी की हालत में सीत्कार करने लगी.
इधर मैं आलिया के मम्मों को मसल रहा था, तो उधर जीजा जी दीदी के मम्मों को मसल रहे थे. आलिया के चुचे बड़े टाइट थे.
उसी समय आलिया अपने हाथों से मेरे हाथों को रोक कर घूम गई और मुझको किस करने लगी.
ये सब दो ही मिनट हुआ था कि मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने आलिया को बेड पर पटक दिया … और आलिया के ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूमने लगा. दीदी और जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे.
मैं आलिया के मम्मों को सहलाते हुए उसके पूरे बदन को चूमने लगा. आलिया कामुक आवाज कर रही थी. मैंने अब उसका शॉर्ट और काली पैंटी भी निकाल दिया. मैंने देखा कि आलिया की चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. उधर जीजा जी दीदी के मम्मों को मस्ती से सहलाए जा रहे थे.
जीजा जी- तुम्हारा भाई तो खिलाड़ी लग रहा है.
दीदी- आखिर भाई किसका है.
मैं जैसे ही आलिया की चुत को चाटने लगा, तो आलिया एकदम से सिसक गई और बेडशीट को पकड़कर कसमसाने लगी. आलिया की चुत बहुत टाइट थी और बड़ी ही मादक थी. आलिया मुझे ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई., और उसके शरीर में ऐंठन शुरू हो गई.
आलिया- आहह उह ओह आ आहह!
दीदी- राज अब और मत तड़पा … जल्दी से चोद डाल.
मैंने दीदी की तरफ देखा. दीदी अपने नंगे मम्मों को जीजा जी से चुसवाने लगी थीं. मैंने आलिया की दोनों टांगें फैला दीं और उसकी कमसिन चुत की फांकों पर अपना लंड सैट कर दिया.
तभी आलिया ने मुझे रोक दिया- प्रोटेक्शन!
दीदी- रुको … मैं देती हूं.
मैं भी सोच रहा था कि साली को नशे में भी कंडोम की याद बनी रही.
दीदी ने झट से उठ कर ड्रावर में से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दे दिया. मैंने कंडोम पहनकर आलिया की चुत पर लंड सैट किया और एक जोर का धक्का लगा दिया. पहले ही शॉट में मेरा आधा लंड चुत में घुस गया.
आलिया दर्द के मारे जोरों से चिल्ला उठी- ओहह मर गई … उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने उसकी चीख सुनी तो डर के मारे आलिया की चुत से लंड निकाल लिया.
जीजा जी- साले साहब, धीमे से.
आलिया तड़फ कर कहने लगी- उंह … बहुत मोटा है … मुझसे नहीं होगा.
तभी दीदी ने मुझे किस करने का इशारा कर दिया और मैं आलिया के होंठों को चूमने लगा.
कुछ देर बाद जब आलिया शांत हो गई, तब मैंने फिर से लंड को सैट किया.
आलिया डरते हुए बोली- धीमे डालना, बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने आलिया की बात सुनकर धीमे से धक्का मारा, जिससे इस बार वो धीमे स्वर में आवाज़ करने लगी. कुछ देर की मशक्कत के बाद मैंने कुछ लंड अन्दर पेल दिया और उसको चूमने सहलाने लगा. एक मिनट बाद आलिया को दर्द से मुक्ति मिल गई और अब मैं उतने ही लंड को चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. आलिया भी चुदाई का मजा लेते हुए कामुक आवाजें करने लगी.
अविनाश- तुम्हारे भाई का लंड तो बहुत बड़ा है जान.
चित्रा- हां यार … इसका बहुत बड़ा मूसल है … पता नहीं आलिया का क्या हो रहा होगा.
उसी समय मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. कुछ देर बाद मैंने एक जोर का झटका मारा, जिससे मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत में घुस गया.
और आलिया फिर से जोरों से चिल्लाने लगी- आहहह राज, स्टॉप इट … आह यू हर्ट मी … राज स्टॉप इट … प्लीज बाहर निकालो … मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने आलिया की बात सुनकर और उत्साहित होकर जोर से झटके मारना शुरू कर दिए. इससे आलिया की आंख में आंसू आ गए … मगर मैं बेरहमी से आलिया को उसके भाई के सामने पेलता रहा.
आलिया- आहहह … राज आह भाई … राज मुझे दर्द हो रहा है.
जीजा जी और दीदी लंड चुत की सीलतोड़ चुदाई देखने का आनन्द ले रहे थे.
आलिया ने दोनों हाथों से बेडशीट पकड़ ली थी … मैं पूरी ताकत से आलिया को चोदने में लगा हुआ था. हालांकि कुछ देर बाद आलिया की चीखें खत्म हो गई थीं.
करीब दस मिनट लगादार चोदने के बाद मैं झड़ गया और कंडोम निकाल कर आलिया के पास लेट गया.
आलिया अपनी चुत को हाथ सहलाते हुए सीत्कार कर रही थी. आलिया की चुत पर हल्का सा खून लगा था.
तभी दीदी खड़ी होकर आलिया के पास आईं और जीजा जी बाहर निकल गए.
दीदी- रिलेक्स … पहली बार ऐसा ही होता है.
अपनी ननद आलिया की चुत को दीदी ने टिश्यू पेपर से साफ किया और उसको चूम लिया. आलिया की दर्द मिश्रित मुस्कान निकलने लगी. दीदी ने भी उसको हंस कर देखा और वो दोनों किस करने लगीं.
मैं उन दोनों को चूमते हुए देख रहा था. तभी जीजा जी व्हिस्की की बोटल लेकर कमरे में आ गए.
जीजा जी ने पैग बनाए और पहले मुझे गिलास देते हुए बोले- लो थकान दूर करो.
उसके बाद जीजा जी ने उन दोनों को भी गिलास दे दिए.
मैं- सॉरी आलिया.
आलिया मुस्कुराते हुए- इट्स ओके.
फिर हम चारों चियर्स कहकर पैग मारने लगे. इस समय हम दोनों नग्न अवस्था में थे, जबकि दीदी और जीजा जी ने कपड़े पहने हुए थे.
चित्रा- आलिया … एक काम करो तुम शावर ले लो … तुम्हें राहत मिलेगी.
आलिया- ठीक है.
फिर आलिया धीमे से उठकर बाथरूम में चली गई और हम तीनों ने एक एक पैग और बना लिया.
जीजा जी- राज, तुमने तो मेरी बहन की बैंड बजा दी.
चित्रा- और तुम मेरी बैंड बजाते हो उसका क्या!
इस बात पर हम तीनों हंसने लगे. जीजा जी ने कहा इसी बात पर एक सिगरेट सुलगाओ यार.
दीदी अपने होंठों में सिगरेट दबा कर लाईटर से सुलगाने लगीं. मैं दीदी को कामुक नजर से देख रहा था. मुझे उनमें एक चुदक्कड़ माल दिख रहा था.
दोस्तो, इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में पूरे विस्तार से लिख कर आपके आइटम गर्म करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.
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कहानी जारी है.