यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि आज मालदीव में हम तीन कपल यानि तीन लड़के और तीन लड़कियां आपस में ग्रुप सेक्स का मजा करने पहुँच चुके थे.
मेरे पास आकाश की बीवी नताशा थी, जिस मैं अपनी बहन चित्रा की सहेली होने के कारण बहन ही मानता था. आज वो मेरे लंड से चुदने वाली थी. दूसरी तरफ आकाश मेरी बहन चित्रा को चोदने की तैयारी कर रहा था और मेरे जीजा जी अविनाश अपनी सगी बहन आलिया की चुदाई की में मस्त होने वाले थे.
अब आगे:
मैंने कुछ देर पहले ही एक कामवर्धक गोली खा ली थी ताकि मैं अपनी बहन की सहेली को जम कर चोद सकूँ.
नताशा मदहोशी की हालत में सीत्कार कर रही थी. नताशा के दोनों हाथ मेरे हाथ पर थे. करीब दो मिनट बाद नताशा घूम गई और मुझे किस करने लगी.
उधर आलिया, जीजा जी का लंड चूस रही थी और आकाश दीदी के मम्मों को दबा रहे थे.
फिर नताशा ने मेरे बदन को चूमते हुए घुटने के बल बैठकर मेरा लोवर और निक्कर निकाल दिया. मेरा खड़ा लंड उसके मुँह के सामने था.
मेरी बहन की सहेली मेरा लंड देखकर चौंक गई- तुम्हारा लंड तो आकाश के लंड से भी बड़ा है.
मैंने उसे आंख मार दी.
उसने मुस्कुरा कर लंड को देखा और वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने दोनों हाथों से उसके बालों को पकड़ लिया और उसके साथ मुख मैथुन शुरू कर दिया. नताशा बड़ी अच्छी तरह से ब्लो जॉब दे रही थी.
कुछ पल बाद मैंने नताशा से खड़े होकर लोवर निकालने को कहा. और वो एकदम से चुदासी हो गई थी. उसने झट से अपना लोवर निकाल दिया और मैंने उसी पल नताशा को बेड पर पटक दिया.
वो कामातुर होकर अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी थी.
मैंने झट से कंडोम का पैकेट निकाल कर लंड पर कंडोम लगा लिया. उसके बाद मैं नताशा के ऊपर चढ़ गया. उसके बदन को चूमने लगा. नताशा भी मेरा साथ देते हुए किस कर रही थी. मैंने उसके पूरे चिकने मदमस्त बदन को चूमते हुए धीमे से उसकी गीली पैंटी निकाल दी. नताशा की चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैं नताशा की चूत को जीभ से चाटने लगा. नताशा कामुक आवाजें करने लगी.
करीब दो मिनट बाद नताशा से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. नताशा की चूत इतनी टाइट नहीं थी, लेकिन उनकी चूत देखकर यह पता चल गया था कि आकाश का लंड कैसा है.
नताशा- राज कम ऑन फक मी फास्ट … मुझसे सहन नहीं हो रहा है … मेरी चूत में आग लग गई है.
मैंने अपने लंड को नताशा की चूत पर सैट किया और वो कुछ बोल पाए, उससे पहले मैंने एक जोर का धक्का मार दिया. जिससे मेरा लंड आधा उसकी चूत में घुसता चला गया.
वो कुछ बोलने के बदले दर्द से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
क्योंकि मेरा लंड आकाश के लंड से बड़ा था. मैंने उसकी कराहें सुने बिना, धक्का लगाना शुरू कर दिया.
वो जोरों से कामुक आवाजें करने लगी- आहहह राज धीमे … तुम्हारा लंड बहुत मोटा और बड़ा है … ओह गॉड आहह याह आह … मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे नसीब में इतना मोटा लंड भी लिखा होगा. आह … जरा धीरे चोदो डार्लिंग.
नताशा की मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं और उधर आकाश मेरी दीदी के बदन से खेलने में लगा था.
दीदी- देख … मेरा भाई तुम्हारी बीवी की बैंड बजा रहा है … और तुम अभी तक मेरे बदन से सिर्फ खेल रहे हो.
तभी आकाश ने दीदी को सोफे से उठा कर बेड पर पटक दिया और लंड में कंडोम लगाकर दीदी के ऊपर चढ़ गया. उधर जीजा जी अपनी बहन आलिया को अच्छे से पेल रहे थे.
नताशा- आहह राज सो हार्ड धीमे आहह आह ओह याह.
मैं दारू के नशे और कामवर्धक दवाई के असर की वजह से बड़ी तेजी से नताशा की चुदाई कर रहा था. पूरे कमरे में चुदाई की वजह से फच फच की आवाजें सुनाई दे रही थीं.
नताशा ने दर्द से बेडशीट को जोरों से पकड़ लिया था. वो कभी मेरे पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लेती थी, कभी चादर को भींचने लगती थी.
हम तीनों का एक ही कमरे में चुदाई का खेल शुरू हो गया था. इधर मैं आकाश की बीवी को चोद रहा था, तो उधर वो मेरी दीदी को चोद रहे थे. तीसरी तरफ जीजा जी अपनी छोटी बहन आलिया को चोद रहे थे.
शायद नताशा को इस समय अहसास हो रहा होगा कि क्यों दीदी उस समय मुस्करा रही थीं. अब तक नताशा ने मेरे लंड को झेल लिया था और वो भी चुदासी मूड में हो गई थी. क्योंकि अब तक उस पर भी दारू का नशा हो गया था.
नताशा- आहह आह राज सो और तेज चोदो … आह मेरी चूत फाड़ दो … ओहह याह या तेरा लंड कितना मजा दे रहा है … इतना बड़ा लंड मैंने आज पहली बार लिया है … आह चोद दे … आहहह. …
आलिया- आहह भाई आहह याहह आह ओह भाई…
दीदी- आहह आह ओह आकाश याह या उहह आहह. …
हम तीनों मर्द अपने नीचे चूत चुदाई में लगे थे और तीनों चूत लंड के कहर से मचल रही थीं.
करीब बीस मिनट बाद मैं हांफते हुए झड़ गया … जिससे नताशा को बड़ा सुकून मिला … मुझे भी उसकी चूत चुदाई में मजा आ गया था.
मैंने नताशा के ऊपर से हटकर लंड से कंडोम निकाला … तो नताशा अपनी फैली हुई चूत में उंगली घुमाने लगी.
मैं- रस पीना है?
नताशा- शटअप … उधर जा … अपनी दीदी को पिला दे.
मैंने हंसते हुए कंडोम को डस्टबिन में फेंक दिया और नताशा के पास लेट गया.
इस बार दवा की असर जल्द ही खत्म हो गया था जिसकी वजह नताशा की नई चूत थी.
उधर वो दोनों पहले ही झड़ चुके थे.
मैं- लंड कैसा लगा?
नताशा- अब मुझे समझ आया कि उस समय चित्रा क्यों मुस्करा रही थी. आज ऐसे तो आकाश ने भी कभी नहीं चोदा है. तुमने मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दीं.
मैं- मैं लक्की हूँ कि जो तुम जैसी औरत के साथ सेक्स करने का मौका मिला.
अपनी बहन की सहेली के मम्मों को सहलाते हुए मैं किस करने लगा. उधर दीदी के कमरे में आकाश दीदी के बदन से खेलते हुए चुदाई खत्म कर चुका था.
आकाश- चित्रा, मुझे तुम्हारी गांड मारनी है … क्योंकि आज तक मैं कभी भी नताशा की गांड नहीं मार सका. वो हमेशा गांड मारने से मना करती है.
चित्रा- कोई बात नहीं … आज मेरा भाई तुम्हारी बीवी की गांड का उद्घाटन कर डालेगा. तुम मेरी गांड मार लो.
आकाश ने दीदी को घोड़ी बना दिया और दीदी के गांड में लंड घुसा दिया.
उन दोनों की गांड चुदाई शुरू होते ही मेरा मूड भी बन गया.
मैं- नताशा, मैंने तुम्हारी चूत का स्वाद तो ले लिया. अब मेरा लंड तुम्हारी गांड का स्वाद लेना चाहता है.
नताशा- नहीं … गांड नहीं … वहां बहुत दर्द होता है और तुम साले बहुत बेरहमी से चोदते हो.
मैं- आकाश ने भी गांड नहीं मारी?
नताशा- नो … आज तक मैंने उसको भी नहीं मारने दी.
मैं- एक बात समझ नहीं आ रही कि सभी औरतें गांड मारने से डरती क्यों हैं.
यदि आप एक औरत हो, तो कमेन्ट में जरूर बताएं कि क्या आप भविष्य में अपनी गांड मरवाओगी.
नताशा- तुम हमारी जगह पर होते, तब पता चलता.
मैं- प्लीज़ नताशा इस बार पक्का धीमे डालूंगा.
नताशा- तुम … और धीमे!
मैं- देखो न … हम यहां पर एक हफ्ते के लिए हैं. आज नहीं तो कल, तुम्हें अपनी गांड मरवानी ही होगी. जीजा जी तो पक्का तुम्हारी गांड मारेंगे, वो भी जानवर की तरह … और वैसे भी तुम्हें भी बाद में दुगना मजा आएगा. सोच लो किस से पहले अपनी गांड मरवाओगी?
नताशा ने हाथ डालते हुए कहा- ठीक है लेकिन वादा करो … धीमे धीमे ही गांड मारोगे.
मैं- पक्का यार.
फिर मैंने बाथरूम से तेल की शीशी का ढक्कन खोला और कमरे में आकर नताशा को घोड़ी बना दिया. सच में नताशा की गांड देखकर बॉलीवुड की हिरोइन अनुष्का शर्मा की याद आ गई.
मैंने धीमे से नताशा के गांड पर लंड सैट करके तेल टपकाया और धीमे से धक्का लगा दिया, जिससे थोड़ा सा लंड तेल की चिकनाई के साथ उसकी कुंवारी गांड में घुस गया.
नताशा- आहह मां ओहह … राज बहुत बड़ा है … मर गई.
मैंने धीमे धक्के के साथ तेल टपकाता गया और कुछ ही देर में नताशा की गांड में थोड़ा लंड पेल दिया. मैं उतने से ही उसकी गांड मारने लगा. अभी थोड़ा सा लंड अन्दर गया था, फिर भी नताशा जोरों से आवाजें कर रही थी.
मैंने लगातार तेल की शीशी का मुँह उसकी गांड और लंड के साथ टपकाता जा रहा था. मेरा लंड तेल की चिकनाई के साथ थोड़ा थोड़ा करके अन्दर घुसता जा रहा था.
कुछ ही देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और नताशा की कमर पकड़ कर जोर जोर के लंबे झटके लगाने लगा. इससे मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया. नताशा दर्द के मारे जोरों से चिल्लाने लगी थी.
उधर आकाश मजे से मेरी दीदी की गांड मार रहे थे और दीदी की कामुक आवाजें कर रही थीं- आहह याह या … सुन नताशा की आवाजें … मेरा भाई, नताशा की गांड मार रहा है.
आकाश- हां मारने दो … मेरे लिए वो मेरी बीवी की गांड खोल रहा है … इधर मैं उसकी बहन की गांड मार रहा हूँ.
दीदी- आहह ओह आकाश याह उहह!
नताशा- राज धीमे आहह ओह गॉड राज धीमे, प्लीज़ धीमे डाल … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- दर्द के आगे जीत है.
नताशा- आहह ओह बहनचोद … तुझे मजाक सूझ रहा है. … अपना लंड निकाल भोसड़ी के … आहह राज उहह याह!
मैंने नताशा की गांड पर चपत लगाते कहा- चुप साली … अभी तो पार्टी शुरू हुई है … आज तुझे पूरी रंडी बना कर छोडूंगा.
अपनी गांड पर चपत लगने से वो और जोर से चिल्ला उठी और उसकी गांड लाल हो गई. नताशा की आंख में दर्द की वजह से आंसू आ गए थे.
मैंने अपनी बहन की सहेली की चूत को सहलाना शुरू कर दिया था. मेरा दूसरा हाथ उसकी एक चूची के निप्पल को मसलने में लगा था.
करीब दस मिनट तक बेरहमी से चोदने के बाद में नताशा की गांड से लंड बाहर निकाल कर उसके चूतड़ों पर झड़ गया. फिर अपना लंड हिला कर बेड पर लेट गया.
नताशा भी कराहते हुए कुछ सेकंड बाद उठी और अपनी गांड को टिश्यू पेपर से साफ करने लगी.
नताशा- आहह कमीने … ऐसे कोई चोदता है. साले गांड सुजा दी.
मैं- सॉरी बहना … यार मुझे कन्ट्रोल ही नहीं हुआ.
नताशा- बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- मालिश कर दूं.
नताशा- तुम रहने दो.
फिर वो बेड पर लेट गई, उधर दूसरी तरफ भी सब खत्म हो गया था.
नताशा- अपनी दीदी को भी ऐसे चोदते हो?
मैं- हॉट फिगर देखकर लंड काबू में नहीं रहता है. वैसे नताशा तुम्हें मजा तो आया न … सच बताना!
नताशा- मजा तो आया … लेकिन दर्द अभी भी हो रहा है.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए और इस किंग साइज़ बेड पर हम चारों थककर सो गए. आलिया और जीजा जी अपने कमरे में चले गए थे.
कुछ समय बाद सबसे पहले दीदी उठीं और कपड़े लेकर अपने कमरे में चली गईं. वहां दोनों भाई-बहन सो रहे थे इसलिए दीदी बाथरूम में घुस गईं.
इधर नताशा की आंख खुली और वो मुझसे अलग होकर कपड़े लेकर चली गई. दीदी ने नहाकर कपड़े बदले और नंगी पड़ी आलिया को उठाया.
आलिया अपने कपड़े लेकर कमरे में आ गई और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई. हम तीनों मर्द अभी भी नग्न अवस्था में सो रहे थे.
दीदी सुबह का नाश्ता बनाने के लिए किचन में घुस गईं और पानी पीकर नाश्ता बनाने लगीं. तभी थोड़ा लंगड़ाकर चलते हुए नताशा किचन में आई.
चित्रा- गुड मॉर्निंग.
नताशा- गुड मॉर्निंग.
चित्रा- कैसी रही कल की रात?
नताशा- क्या कहूँ तुमसे.
चित्रा- दर्द हो रहा है.
नताशा- हां, लेकिन पहले से थोड़ा अच्छा लग रहा है. तुम्हारे भाई ने कल रात बहुत जोर से गांड मारी थी.
चित्रा- वो ऐसा ही है.
नताशा- तुम्हारी कल रात कैसी रही.
चित्रा- तुमसे अच्छी.
नताशा- कल रात को ऐसा लग रहा था मानो घोड़े का लंड गांड चोद रहा हो. तुम्हारे भाई ने कल रात हालत पतली कर दी थी.
चित्रा- सच बोलूं, तो तीनों मर्द एक जैसे हैं. तुम्हारा पति मेरी गांड भी ऐसे मार रहा था … मानो कभी पहले कभी औरत देखी ना हो. वो तो मैंने पहले गांड मरवा ली थी, इसलिए अच्छा था … वर्ना तुम्हारा पति मेरी गांड का कबाड़ा कर देता.
तभी आलिया भी किचन में आ गई.
आलिया- क्या बात कर रही हो.
चित्रा- कल रात के बारे में, वैसे कैसी रही कल की रात!
आलिया- आप तो भाई को जानती ही हो. वैसे नताशा तुम्हारी आवाजें सुनकर भाई और जोर से जोश में मेरी गांड बजा रहे थे.
नताशा- यह तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड की मेहरबानी है. अब एक बात तो पक्की हो गई है कि मेरी आगे और भी जोर से बजने वाली है.
चित्रा- डोन्ट वरी आगे तुम्हें भी मजा आएगा.
उधर वे तीनों अपनी कथा सुना रही थीं और इधर मैं नहाकर फ्रेश हो रहा था. नहाकर अपने कपड़े पहनकर मैं बाहर आ गया. बाहर हॉल में जीजा जी और आकाश टीवी देख रहे थे. मैं भी उनके साथ बैठ गया.
जीजा जी- आओ साले साहब, गुड मॉर्निंग.
मैं- गुड मॉर्निंग.
आकाश- कल रात को तुम नताशा की अच्छी बजा रहे थे.
अविनाश- नताशा की आवाजें सुनकर मुझे जोश आ रहा था. इधर मैं अपनी प्यारी बहन की बजा रहा था. वैसे तुम्हें मेरी बीवी के साथ सेक्स करने में मजा तो आया न.
आकाश- बहुत ज्यादा … यार पहली बार किसी औरत की गांड मारने का मौका मिला.
अविनाश- अच्छा दोनों गांड मार रहे थे. … इसलिए नताशा इतने जोरों से चिल्ला रही थी.
मैं- हां कल रात मैंने एक कुंवारी गांड मारी थी.
तभी वो तीनों नाश्ता बनाकर ले आईं और हम सभी ने साथ मिलकर नाश्ता करना शुरू कर दिया. नाश्ता करते हुए हम सभी एक दूसरे तरफ देखकर मुस्करा रहे थे.
नाश्ता खत्म करने के बाद हम तीनों मर्द सिर्फ शॉर्ट में समुद्र किनारे आ गए थे. मैं शांत समुद्र में तैर रहा था और वो दोनों शांति से बाहर बैठे थे. कुछ देर बाद वो तीनों आ गईं. उन्हें देखकर मेरी तो आंखें फटी की फटी रह गईं.
वो तीनों सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनकर आ रही थीं. हम तीनों मर्द उन तीनों को देख रहे थे. वो तीनों इस समय हिरोइन जैसी लग रही थीं. मेरा लंड शांत समुद्र में उठने लगा था. तभी वो तीनों भी पानी में घुस कर नहाने लगीं. उन तीनों को देखकर वो दोनों मर्द भी मेरे पास आ गए.
मैं- तुम तीनों बहुत खूबसूरत लग रही हो.
दीदी- तारीफ के लिए धन्यवाद.
आलिया- देखो … वो दोनों भी आ गए.
फिर हम सभी साथ में मजाक करते हुए समुद्र में मजा करने लगे. मैं आलिया के साथ मजाक कर रहा था, तो वो दोनों अपनी बीवियों के साथ.
कुछ देर बाद हम सब थककर बाहर आ गए और जीजा जी हम सभी के लिए ठंडी बियर ले आए. हम साथ में बैठकर ठंडी बियर का आनन्द लेने लगे.
मैं- जीजा जी, आपने लोकेशन जोरदार चुनी है.
जीजा जी- थैंक्स.
अविनाश- चित्रा … मेरे साथ रूम में चलोगी?
चित्रा- शटअप.
मैं- जीजा जी बहुत मन कर रहा है … तो आप अपनी बहन को ले जा सकते हैं.
आलिया चिढ़ कर कहने लगी- तुम ही चले जाओ. गांड मारने का खेल खेल लो!
मैं हंसने लगा.
आकाश- मन तो मेरा भी कर रहा है नताशा.
नताशा- चित्रा … चलो हमें यहां से चला जाना चाहिए.
चित्रा- हां तुम ठीक कह रही हो.
फिर वो तीनों खड़ी होकर अन्दर चली गईं और हम तीनों बियर पीने में मस्त हो गए.
दोस्तो, चुदाई का मजा अभी और भी आना बाकी है. इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में आगे पूरे विस्तार से लिख कर आपके आइटम गरम करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.