खण्डहर  में देसी लड़की का सिल तोडा

दोस्तो, मेरा नाम मयूर है. मैं 20 साल का जवान लड़का हूँ. मैं महाराष्ट्र के एक शहर का रहने वाला हूँ. मेरा कद करीब पांच फीट आठ इंच है, रंग सामान्य है ना ज्यादा गोरा और ना ज्यादा काला!
मेरे लंड की लंबाई करीब 6 इंच है और मैं मेरी कॉलोनी में बहुत फेमस हूँ, मैं सब से हंस बोल कर चलता हूँ, बड़ों को राम राम, नमस्ते, हमउम्र लोगों को हाय हेलो बोलता हूँ तो सब मुझे पसंद करते हैं.

यह तब की बात है, जब मैं पढ़ता था. मेरी दीवाली की छुटियाँ हो गई थीं. इसलिए मैं अपने पुश्तैनी गांव गया था. हमारे घर के साथ वाला घर भी हमारे कुनबे में से ही था. उन्हें हम ताई ताऊ बोलते थे. उस घर में ताई की रिश्तेदारी में से मेरी हमउम्र एक लड़की आई हुई थी. उस लड़की का नाम कंचन था. उन दिनों उसकी भी छुट्टियां चल रही थीं. वहां उसकी उम्र का मैं ही था, बाकी सब बड़े या छोटे थे. इसलिए ताई जी ने उसकी मुलाक़ात मेरे साथ करवा दी थी, वो सारा दिन मेरे साथ ही बिताती थी. मेरी उम्र का भी वहां औऱ कोई लड़का नहीं था, तो मेरा भी सारा टाइम कंचन के साथ ही बीत जाता था.

एक दिन घर के सब लोग अपने काम से खेत चले गए. वे सब अब देर से ही वापस आने वाले थे, तो मेरे घर वालों ने मुझे उसके घर भेज दिया और घर की चाभी ताई जी के पास रख दी. लेकिन कुछ देर बाद मैंने घर जाने की जिद की और ताई जी से घर की चबी मांगी, तो ताई मुझे चाबी देने के लिए मान गई पर शरारत न करने की सलाह देकर चाभी दे दी.
उन्होंने कंचन को भी मेरे साथ भेज दिया.

हमने कुछ देर झूले पर झूल कर समय बिताया, फिर हमने टीवी चला लिया और साथ बैठ कर टीवी देखने लगे. कुछ देर बाद उसे नींद आने लगी तो वो लेट गई. मैं भी उसके पास ही लेट गया. यूं ही थोड़ी देर साथ लेटे रहने से गलती से मेरा हाथ उसके एक स्तन को लग गया.
उसने आँख खोल कर तुरंत कहा- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- गलती से लग गया.
इस पर वो फिर से आँखें बंद करके लेट गई.

फिर मैंने सोचा ये तो गहरी नींद में सो रही थी, मेरा जरा सा हाथ क्या लगा इसने तो तुरंत ही आँखें खोल दीं, चक्कर क्या है, क्या इसके मन में कुछ चल रहा है. ये सब सोच कर मैंने सोचा कि चलो इसके साथ कोई शरारत करते हैं.

अब मैंने दरवाजा बंद किया और उसके पास आ कर उससे कहा- तुम एक जादू देखना चाहती हो?
उसने ‘हां’ कहा.
तो मैंने अपनी पैंट उतार दी और अपने लंड को बाहर निकाल कर उससे कहा- तुम इसे हिलाओ.
वो मेरा लंड देख कर शर्मा गई और मना करने लगी.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा. तुम करो तो!

उसने मेरा लंड पकड़ कर हिलाया, लेकिन वो मुठ मारने की तरह से नहीं हिला रही थी तो मैंने उसे मुठ मारने का तरीका कर के दिखाया और इस तरह से हिलाने को कहा. उसने ऐसा ही किया तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मुझे वो भी कुछ चुदासी सी समझ में आने लगी. इसके बाद मैंने उसे मोबाइल में एक सेक्स वीडियो दिखाया, जो मेरे दोस्त ने मुझे पहली बार दिखाया था और उसी वक्त मैंने इस वीडियो को अपने मोबाइल में ले लिया था.

उसने पहली बार कोई पोर्न देखा था, उसे ये सेक्स वीडियो देख कर पहले तो अजीब सा लगा, लेकिन बाद में वो भी उत्सुकता से देखने लगी. थोड़ी देर बाद वीडियो खत्म हुआ तो मैंने उससे कहा कि हम भी ये खेल खेल सकते हैं.

उसने पहले तो ना कहा, फिर मेरे मनाने के बाद मान लिया. मैंने उसके होंठों पर किस किया, फिर गले पर किया. वो गर्म होने लगी तो मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसके उभरते हुए मम्मे चूसे. फिर वो और गरम हो गई और मुझको अपने साथ चिपकाने लगी तो मैंने उसकी पेंटी उतारी, उसकी चुत पर अभी रोयें से ही आये थे और चूत के होंठ आपस में चिपके पड़े थे. मैंने उसकी चूत की दरार में ऊपर ऊपर ही अपनी उंगली फिराई, फिर मैं उसकी चुत चाटने लगा. वो मादकता से कामुकता भरी सिसकारियां भरने लगी. उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी.

अब मेरा लंड मुझे परेशान कर रहा था तो मैंने अपना लंड उससे मुँह में लेने को कहा. तो वो ना बोलने लगी.
मैंने कहा- इस वीडियो में भी यही दिखाया गया था… तुम मेरा लंड चूसो, तुमको भी मजा आएगा.. और फिर मैंने भी तो तुम्हारी चुत चाटी तो तुम्हें क़्या प्रॉब्लम हुई है? तुमको मजा आया ना? वो बोली- हाँ… मजा तो आया.
मैं बोला- तो अब तुम मुझे मजा दो!

शायद उसका मन तो था लेकिन थोड़ी झिझक थी, मेरे समझाने से उसने मेरी बात मान ली और झट से मेरा लंड अपने मुँह लेकर चूसने लगी. उसे चूसना नहीं आ रहा था लेकिन जैसे कैसे उसने चूसा और थोड़ी देर के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया तो उसने उल्टी कर दी.
वो कुछ नाराज सी हो गयी मुझसे और अपने घर जाने लगी.
मैंने उससे कहा- कंचन, हमने अभी अभी जो कुछ भी किया, ये बात किसी को भी मत बताना.
उसने हां कहा और वो घर चली गई.

उस क्रिया के बाद वो दिन भर मुझसे नहीं मिली.. तो दूसरे दिन मैं उसके घर चला गया.
जब मैं उससे मिला, तो उसने मुझसे कुछ बात नहीं की.. तो मैं वहीं बैठ गया.

थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा- चलो, तुम्हारे घर चलते हैं.
मैं उसे अपने घर ले गया, रास्ते में वो कहने लगी कि कल मुझे अजीब सा लग रहा था.. लेकिन चलो आज फिर वैसा ही करते हैं.

मैं उसकी चाहत सुन कर मन ही मन में बहुत खुश हो गया. लेकिन आज मेरी छोटी चाची घर में थीं तो मैं खेलने के बहाने से उससे ऊपर वाले कमरे में ले गया, जहां हम सभी लोग सोते थे.
मैंने चाची से कहा- चाची, हमें परेशान नहीं करना, हम दोनों ऊपर कमरे में खेलने जा रहे हैं.

कमरे में आते ही मैंने दरवाजे की कुंडी लगा दी और उस देसी लड़की कंचन के सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए और वो पूरी नंगी हो गई. उसका नंगा बदन देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा, मैंने उसे मेरे कपड़े उतारें को कहा तो उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए.

मैंने उसके होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरा एक हाथ उसकी गर्दन पर था और दूसरा हाथ उसके एक नंगे चूतड़ पर!
थोड़ी देर में सांस ना आने के कारण वो बेचैन हो गई और उसने अपने होंठ मुझसे छुड़वा लिये.
अब मैं उसके गोर गोरे गालों को चूमने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूतड़ मसलने लगा.

मेरी इस हरकत से भी वो विचलित होने लगी, मुझे हटाने लगी तो मैंने उससे कहा- चल आज कुछ और ट्राय करते हैं.
कंचन ने हामी भर दी.

मैंने उससे कहा- आज हम एक साथ एक दूसरे को चूसेंगे. तुम मेरा लंड चूसो, मैं तुम्हारी चूत चाटता हूँ.
मैंने उसको नीचे लिटाया और खुद विपरीत दिशा में उसके मुंह में लंड देकर उसके नंगे बदन पर लेट गया. इस तरह से हम दोनों 69 अवस्था में लेट गए.
वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत से खेलने लगा.

पहले मैंने उसकी चूत को सूंघा तो उसमें से साबुन की खुश्बू आ रही थी. इसका मतलब वो पहले से ही अपनी चूत चटवाने की तैयारी करके आई थी. मैंने अपनी उंगली से उसकी चूत की दरार को कुरेदा और फिर चूत के दाने को जीभ से चाटने लगा. उसे मजा आ रहा था, वो अपने चूतड़ उछाल उछल कर चूत चुसाई का मजा ले रही थी.

मैं भी अपने चूतड़ों को हल्के हल्के ऊपर नीचे करके उस गाँव की लड़की का मुख चोदन कर रहा था.

कुछ देर ओरल सेक्स करने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. इस बार उसने मेरा सारा माल गटक लिया और कहा कि इसका स्वाद अलग है, लेकिन अच्छा है. मैंने भी उसकी चूत को खूब चाटा, हम दोनों को खूब मजा आया.

काफी देर हो चुकी थी, चाची भी आ सकती थी तो फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और एक दूसरे को किस किया.
मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें शाम को मिलूंगा.

फिर वो घर चली गई… मैं ऐसे ही नीचे आ गया.

लेकिन मेरे मुँह पर आसपास उसकी चूत का रस लगा था, वो छोटी चाची ने देख लिया.
चाची ने एकदम से पूछ लिया- ये तेरे मुंह पर क्या लगा है?
मैं थोड़ा घबरा गया फिर मैंने कहा कि पानी है.

तो चाची ने मुझे छोड़ दिया लेकिन उन्हें हम पर शक हो रहा था.

शाम को मैं कंचन से मिला और मैंने उसे ये सब बताया. अब चाची की मौजूदगी में हम घर में कुछ नहीं कर सकते थे. तो मैंने हमारे गांव के पास वाले किले को चुना, वहां शाम को कोई नहीं जाता था. घर से घूमने का बहाना करके मैं उसे वहीं ले गया. हम किले के आखिरी छोर पर गए, जहां कोई नहीं आता. वहां काफी हरी घास थी, वहीं मैंने उसे नंगी कर दिया.

पहले उस नंगी देसी लड़की ने मेरा लंड चूसा बाद में मैंने उसकी चूत चाटी. आज मैं उसकी चुदाई करने की सोच कर आया था.. इसलिए मैंने साथ में तेल का पाउच लाया था ताकि उसे चोदने में कोई परेशानी न हो.

फिर मैंने उसे कुतिया की तरह खड़ा दिया और अपने लंड पर तेल लगाकर उस लड़की की देसी चूत में लंड पेल दिया. उसे शुरू में थोड़ा दर्द हो रहा था क्योंकि उसकी पहली चुदाई हो रही थी. उसकी चीखें सारे किले में सुनाई दे रही थीं. पर मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि किले पर हमारे अलावा और कोई नहीं था.

मैं निडर होकर उसकी चुदाई करने लगा. कुछ ही देर में वो सभी दर्द भूल गई थी क्योंकि मैं उसे लंड का प्यारा मज़ा जो दे रहा था. फिर मैं घास में लेट गया और उसे अपने ऊपर ले लिया. हमारी चुदाई फिर शुरू हो गई. इस तरह से वो जल्दी झड़ गई.. पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था. उसकी चूत में लिसलिसा पानी हो जाने से मेरा लंड अब उसके चूत में आसानी से जा रहा था और उसकी कामुक सिसकारियां सुनकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर चढ़ गया और कभी उसको किस करते हुए, उसकी चुचियां चूसते हुए उसको चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद मैं झड़ने को हो गया था. मैंने झट से अपना लंड बाहर निकाल दिया और उसके शरीर पर मेरा माल छोड़ दिया. कुछ माल उसने चाट भी लिया औऱ बचा हुआ अपनी पैंटी से पोंछ लिया.
अब हमने जल्दी से कपड़े पहन लिए.. क्योंकि शाम होने को थी और हमें घर पहुँचना था. हम उस किले से जल्दी निकल आए.

रास्ते में कंचन बोली कि वो ये चुदाई हमेशा याद रखेगी.
हम अपने अपने घर पर चले गए.