नमस्कार दोस्तों, मैं जयपुर से राकेश शर्मा हूँ. मेरी उम्र अभी २४ साल है और मेरा कद काठी ठीक ठाक है. शक्ल से में अपनी क्या तारीफ़ करूँ. मैं एक अच्छे परिवार से हूँ।
आप सभी के लौड़ों और भाभी, आंटी और लड़कियों की चूतों को उत्तेजित करने के लिए मैं आपकी सेवा में हाजिर हूँ।
मेरे घर के सामने एक परिवार रहता है जिसमें 4 बहनें और एक भाई है. उनके माता-पिता मजदूरी करते हैं और घर शाम को आते हैं. यह कहानी उनकी दूसरे नंबर वाली लड़की की है जिसका नाम सुमन है. सुमन अभी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है और उसकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. अब घर में सुमन के अलावा उसका छोटा भाई और दो छोटी बहनें रहती हैं. सुमन बहुत ही खुले विचारों वाली लड़की है और बिंदास रहती है.
मैं रोजाना रात को बाहर घूमता और सुमन भी अपनी बहनों के साथ घर के बाहर बैठ जाती थी. तब मैं उससे रोजाना हंसी मजाक की बातें करने लगा और तब वो मुझे देखती और मुस्कुरा देती थी.
एक दिन की बात है, उसकी तबियत ठीक नहीं थी, उस दिन वो बाहर अकेली बैठी थी. तो मैंने पूछा- आज नीरू और कोमल कहाँ गये?
नीरू और कोमल सुमन की छोटी बहनों के नाम हैं.
तो सुमन ने बताया आज वो मम्मी पापा के साठ शादी में गयी हैं.
मैंने कहा- तो तुम शादी में क्यों नहीं गयी?
सुमन बोली- मेरी तबियत ठीक नहीं है आज!
मैंने कहा- सुमन क्या हो गया तुम्हारी तबियत को आज?
सुमन बोली- बुखार हो रहा है.
तो मैंने मजाक-मजाक में बोल दिया- चलो दवाई दिलवा लाता हूँ.
सुमन बोली- नहीं, मैंने टेबलेट ले ली है और अभी घर पर कोई नहीं है मम्मी पापा भी आने वाले हैं.
मैं सुमन को बहुत पसंद करता था तो मैंने सोचा मौका अच्छा है, राकेश मार दे चौका!
और मैं सुमन से मीठी-मीठी बातें करने लगा और फिर बोल दिया- सुमन मैं तुमको बहुत पसंद करता हूँ, तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ.
लेकिन सुमन ने मना कर दिया और मैं उदास हो गया और घर आ गया.
फिर 2-3 दिन मैंने सुमन से बात ही नहीं की.
एक दिन सुमन कॉलेज से आ रही थी और मैं पैदल-पैदल जा रहा था तो सुमन मेरे से बोली- राकेश कहाँ जा रहा है?
मैंने उससे नजर नहीं मिलाई और उस दिन के लिए माफ़ी मांगी.
तो उसने कहा- माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए … आप तो मेरे पास उम्मीद लेकर आये थे और मैंने आपकी उम्मीदों को तोड़ दिया.
फिर सुमन ने कहा- मुझे दोस्त की तलाश है और आप मुझे अपनी दोस्त बनाना चाहते हैं तो मैं इसके लिए राजी हूँ.
और कहा- आज रात में घर के बाहर अकेले में बात करेंगे.
मैं वहाँ से निकल गया और रात होने का इंतजार करने लगा. रात को 8 बजे से ही सुमन के बाहर आने का इंतजार करने लगा.
सुमन 8 बजकर 35 मिनट पर आयी और मैं भी चला गया. उसने मुझे एक कागज दिया और कहा- आज के लिए बस इतना ही समय काफी है, मेरा कल टेस्ट है, मुझे तैयारी करनी है टेस्ट की … सॉरी!
मैंने कहा- कोई बात नहीं, कल मिल लेंगे.
सुमन बोली- कल मिलने का टाइम इस कागज में लिखा हुआ है. मैं इंतजार करूँगी. ओके बाई!
मैं घर आया और रूम में बैठ कर वो कागज पढ़ने लगा. उसमें लिखा था- मेरे प्यारे राकेश, आई लव यू! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. कल में कॉलेज से 11 बजे निकल जाऊंगी और कॉलेज के पीछे वाले पार्क में तुम्हारा इंतजार करुँगी.
मैं इसके बाद सो गया.
सुबह उठ कर नहाया और 10:45 बजे निकल गया पार्क के लिए. 11:05 बजे सुमन आयी और हमने 20 मिनट बातें की. फिर मैंने सुमन को मूवी के लिए बोला तो सुमन ने भी हाँ बोल दिया.
मैं और सुमन बाइक से वैभव सिनेमा हॉल पहुंचे, मूवी के टिकट ख़रीदे.
हम थिएटर में पहुंचे और मूवी शुरू हो गयी लेकिन में मूवी देखने थोड़े ही गया था. मैं तो सुमन के साठ मजे करने गया था. इसी बीच मैंने सुमन के हाथ को पकड़ लिया और धीरे-धीरे छेड़ने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उसके गालों पर चुम्बन किया और अपने होंठ उसके होठों पर जमा दिये.
वो भी मेरा साथ देने लगी.
ऐसा करते करते मैंने उसके दोनों दूधों को पकड़ लिया और उनसे खेलने लगा. थोड़ी देर खेलने के बाद मैंने अपनी जीन्स की चैन खोली और उसे मेरा लंड पकड़ा दिया और कान में धीरे से बोला चूसने के लिए … लेकिन उसने मना कर दिया चूसने के लिए!
फिर मैंने भी ज़िद नहीं की और वो मेरे लंड से खेलने लगी. मैं भी उसके दूधों को सहला रहा था. यह घटनाक्रम पूरी मूवी के दौरान चलता रहा.
जब मूवी ख़त्म हुयी तो हम बाहर आये और हम दोनों ने छोले भटूरे खाये. फिर घर के लिए निकल गए.
रास्ते में सुमन ने बताया- आज रात को 11 बजे तक घर में सभी सो जायेंगे तब मैं आपको पापा के फ़ोन से कॉल करुँगी, आप आ जाना. बाकी का काम रात में करेंगे.
उसने मेरा नंबर ले लिया.
अब मैं रात को उसके फ़ोन का इंतजार करने लगा. उसका फ़ोन 11:35 बजे आया और बोली- मैं धीरे से दरवाजा खोलती हूँ, आप धीरे-धीरे सीढ़ियों से ऊपर चले जाओ.
मैं गया तो वो दरवाजा खोल के खड़ी थी, मैं सीधा ऊपर गया और वो भी दरवाजा बंद करके ऊपर आ गयी.
उस समय सुमन नीला टॉप और जीन्स पहन रखी थी, वो एकदम मस्त माल लग रही थी. उसे देख कर मेरे मन में विचार आया कि आज से सुमन को अपने वश में रखूँगा.
सुमन ने कहा- क्या करोगे आज?
मैंने कहा- जो आपको पसंद हो.
फिर मैंने एक सेक्सी वीडियो चला कर अपना मोबाइल उसे दे दिया.
वो हसने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
लेकिन वो हंसे जा रही थी.
फिर मैंने पूछा- वीडियो देखने में मजा आ रहा है क्या?
उसने हाँ कहा.
मैंने पूछा- और देखनी है?
सुमन बोली- हाँ!
फिर मैंने उसे चुदाई वाले वीडियो चला कर फोन दे दिया और उसको धीरे-धीरे छूने लगा.
सुमन मेरी तरफ देख के बोली- तुम्हें नंगी लड़कियाँ पसंद हैं क्या?
मैंने भी बोल दिया- मुझे सिर्फ तुम को नंगी देखना है.
फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघों पर रख दिया. उसकी धड़कन तेज हो रही थी और सांसें मेरे पास से गुजर रही थी. वो मदहोश होती जा रही थी.
मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे उसकी जांघों पर फेरना शुरु कर दिया और वो मोबाइल बंद करके मेरे तने हुए लंड को देखने लगी. मैंने भी उसका हाथ अपने लंड पर रखा और एक हाथ से उसके बूब दबाने लगा और एक हाथ उसकी बुर पर जीन्स के ऊपर से रगड़ कर उसे उत्तेजित करने लगा.
थोड़ी देर बाद सुमन ने मुझे गले लगाया और मेरे शरीर से ऐसे लिपट गयी जैसे मेरे ही शरीर का अंग हो. मैं उसके होंठों तो चूमने लगा और उसके होंठों को थोड़ा सा काट भी लिया फिर मैंने सुमन का टॉप उतरा और उसके बूब्स को ब्रा से भी आजाद कर दिया और मुँह में लेकर चूसने लगा वो मदहोश होये जा रही थी थोड़ी देर बाद मैंने उसके जीन्स भी उतार दी और उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए.
अब वो सिर्फ पैंटी में थी और मैं चड्डी में!
इसके बाद मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसने मेरी चड्डी. फिर मैंने सुमन से अपने लंड पर चुम्मी करने को कहा और मैं उसके पूरे बदन को चूमने चाटने लगा.
वो पूरी गर्म हो गयी थी और मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ के खेल रही थी. और मैं उसकी काले बालों से ढकी बुर को देख कर पागल हो रहा था. तभी उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं भी उसकी मोटी फूली हुई बुर में उंगली कर रहा था.
इसके बाद मैंने भी उसकी गुलाबी चुत को चूसना शुरु कर दिया और थोड़ी देर बाद उसे जोर से सुसु आने लगी तो मैंने कहा- मेरे मुँह में ही कर दे!
तो उसने मेरे मुँह में ही सुसु कर दिया और मैंने उसका सुसु पी लिया.
इसके बाद मैंने बिना समय गवाते लंड उसकी बुर पर रखा और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. लेकिन उसकी बुर से खून निकलने लगा और वो रोने लगी तो मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया. सुमन की बुर बहुत टाइट थी यानि कि वो एकदम सील पैक माल थी.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पूरा का पूरा लंड सुमन की बुर में डाल दिया तो वो जोर से चीखी उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो मैंने उसके होठों पर होठ रख दिया और लिपलॉक कर दिया
सुमन की आँखों से आंसू बह रहे थे और वो मुझसे छुड़ाने की भरपूर कोशिश कर रही थी.
मैं उसके बूब्स सहला रहा था और लंड को अंदर बाहर कर रहा था.
थोड़ी देर बाद सुमन को भी मजा आने लगा. मैं उसको दनादन चोदने लगा और उसके मुँह से ‘आह … अहा … आ …’ की सी आवाजें आ रही थी.
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में मैं छूटने वाला था और वो भी झड़ने वाली थी.
हम दोनों को ज़न्नत में होने का सा आभास हुआ. हम दोनों जैसे बादलों को बिछौना बना कर उड़ रहे थे.
कुछ देर के बाद जन्नत का यह अहसास धीरे-धीरे कम होता गया और मैं और सुमन निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
थोड़ी देर बाद मैं उठा … सुमन की बुर से निकला खून मेरे लंड पर लगा हुआ था. फिर हमने कपड़े पहने और दूसरे दिन मिलने का कहकर एक लम्बा चुम्बन किया और में घर आ गया.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता है सुमन मुझे बुला लेती है और जब उसकी चुदने की इच्छा होती है तो कंप्यूटर पर टाइपिंग सिखने के बहाने मेरे घर आ जाती है और हम चुदाई करते हैं.
दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की स्टोरी!
इसके बाद मैंने सुमन की छोटी बहन को भी चोदा. ये मैं अगली कहानी में बताऊंगा.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी … मुझे जरूर बतायें.
आपके मेल के इंतजार में
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