लोकडाउन में माल लड़की चोदने की हिंदी स्टोरी

दोस्तो, मैं बाबा अपनी चुदाई की कहानी के साथ हाजिर हूँ. ये एक ऐसी दमदार सेक्स कहानी है, जिसे पढ़ कर लड़की की चुत टपकने लगेगी और लड़के का लंड खड़ा होकर फटने को हो जाएगा.

यह देसी लड़की Xxx कहानी थोड़ी ज्यादा हवस से भरी हुई है और संतुष्टि देने वाली कहानी है.

मैं 6 फुट 2 इंच फीट का हूँ, वजन 110 किलो है. मैं बहुत बड़ा ठरकी और BDSM पसंद करता हूँ.
मुझे सेक्स करते टाइम चमाट मारना, गाली देना, नौंचना बहुत अच्छा लगता है.

लड़कियों को जानकारी देने के लिए मैं अपने लंड की बात करूं तो ये नपातुला 6 इंच का है और मोटाई भी चुत को ढीला करने के लिए काफी है.

मैं दिल्ली में था, तभी कुछ कुछ खबरें आईं कि लॉकडाउन होने वाला है.
ये सुनते ही मैं और मेरे दोस्त शाम को बस पकड़ कर गांव आ गए.

अगले दिन 22 मार्च से जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन शुरू हो गया, ये सभी को याद होगा.

घर आने के बाद 3 महीने तक कुछ नहीं हुआ, तो बेचैनी बढ़ गई.
इतनी ज्यादा वासना बढ़ गई थी कि मुठ मारते मारते हाथ में दर्द शुरू हो गया था.

पर ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं.

कुछ दिन बाद मैं गांव में घूम रहा था, तो एक लड़की दिखी, उसे देखते ही मैं सोच में पड़ गया ये माल कौन है, साली अब तक दिखी क्यों नहीं … कहां छिपी थी.

फिर ध्यान से देखने पर याद आया कि ये तो मेरे पड़ोसी की बेटी है. उसे देखे काफी अरसा हो गया था.
तब में और अब में उसमें जमीन आसमान का अंतर आ गया था.

उसकी 34 की चूचियां ऐसी उठी हुई थीं कि जो भी देखे, मुँह से लार टपक जाए.
उसकी 36 इंच की तोप सी उठी हुई गांड की बात करूं तो क्या बताऊं भाई … एकदम हाहाकारी गांड थी. साली ऐसी थिरकती थी कि देखते ही वहीं तेजी से भींच दूँ.

पता नहीं उसकी बनावट कैसे इतनी मादक थी कि भले ही किसी का मूड न हो, पर उसको देखने के बाद लंडबाबू एकदम से सलामी देने लगता था.

अब मैं उसकी फिराक में कुछ दिन ऐसे ही घूमता रहा, वो कभी अकेली नहीं मिली. हर समय उसके साथ कोई न कोई रहता था.

दिन बीतते गए, बस देख देख कर ही संतोष करता रहा. मुठ मारने के लिए उसका सेक्सी फिगर काम आने लगा.

फिर नवंबर में एक शादी में उससे कुछ बात हुई, पर ज्यादा नहीं.
वो पैसे से गरीब थी, पर मेरे हाथ में नहीं आ रही थी.

उसको देख देख बेचैनी बढ़ती जा रही थी, पर मेरी पुकार सुन ली गई, ज्यादा दिन इन्तजार नहीं करना पड़ा.

दिसंबर शुरू हो गया था.
एक दिन शाम को चौराहे से वापस आते टाइम देखा कि वो रोते हुए घर जा रही थी.

मैंने उसे देखा तो बाइक रोक कर पूछा कि क्या हुआ क्यों रो रही हो?
वो कुछ बोली- नहीं कुछ नहीं.

ये बोल कर वो आगे बढ़ गई.
मैंने फिर से पूछा- बोलो तो क्या हुआ?

वो बोली कि कुछ काम के लिए पैसे रखे थे, यहां आते टाइम कहीं गिर गए.
मैंने पूछा- अरे बस इतनी सी बात पर रो रही हो … मैं दे देता हूँ … कितने चाहिए?

उसने बोला- नहीं, आप रहने दो.
मैंने जोर लगाया, तो उसने बताया.

मैंने कुछ रुपए उसे देते हुए कहा- अभी मेरे पास इतने ही हैं. तुम मेरा नम्बर ले लो, कॉल कर लेना, मैं रात तक और भी दे दूंगा.
उसने झट से मेरा नम्बर ले लिया.

मेरा मन भी अब खुश हो गया. घर जाते ही उसने कॉल किया.
मैंने 7 बजे का टाइम दिया. उसको रास्ते में बुला कर पैसे दे दिए और अपने घर आ गया.

रात को करीब 10 बजे उसका कॉल आया थैंक्स बोलने के लिए.

फिर बात बात में मैंने उससे एक घंटे तक इधर उधर की बात की.
मैंने उसकी बातों से अंदाजा लगाया कि लौंडिया सैट होने को राजी दिख रही है तो मैंने उससे सीधे बोल दिया कि जब से तुम्हें देखा है, मुझे रहा नहीं जाता.

मेरी बात सुनकर वो हंसने लगी.
मैंने पूछा- क्यों हंस रही हो?

वो बोली कि ऐसे ही.
मैंने कई बार पूछा, तो बोली- मैं आपसे डरती थी कि आप किसी से बोलते नहीं हैं. अगर मैं बोली, तो आप गुस्सा हो जाएंगे.

मैंने बोला- नहीं ऐसा नहीं है यार, मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.
इस पर उसने भी बोला कि हां मैं भी आपको पसंद करती हूँ.

उसका ये कहना मेरे लिए सोने पर सुहागा हो गया था.

फिर मैंने उससे रोज बात करना चालू कर दी.
वो भी मेरे फोन के आने का इन्तजार करने लगी थी.
हमारे बीच बात इतनी आगे बढ़ गई कि फोन सेक्स तक होने लगा था.

मैंने उससे मिलने की बात की तो उसने मना कर दिया कि कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाएगी.
उसको मैंने बहुत मनाया और उसको मना कर अपने घर रात को बुलाने का प्लान बना लिया.

उस दिन टाइमिंग इतनी सही थी कि कोहरा शाम 6 बजे से ही शुरू हो गया था और 10 बजे जब उसको आना था, तब तक पूरा गांव सो गया था.

मेरा घर बड़ा है. इसमें दो पोर्शन हैं.
अन्दर वाले एक हिस्से में सारे लोग रहते हैं, बाहर वाले में मैं अकेला रहता हूँ.
इस बाहर वाले हिस्से के सामने से पतली गली है. मैंने उसको उसी रास्ते बुलाया था.

उसके आने के समय मैंने सारी लाइट्स बंद कर दी थीं और उसके आते ही मैं उसे ऊपर के रूम में ले आया था.

उसको ठंडी लग रही थी, वो सिहर रही थी. या शायद हम दोनों ही डरे थे तो और ज्यादा सिहरन लग रही थी.

मैंने पूछा- ज्यादा ठंडी लग रही है क्या?
वो बोली- हां.

मैंने पूछा- भगा दूँ?
वो मुस्कुरा कर बोली- हां.

बस मैंने बिना सोचे उसको अपनी तरफ खींच लिया. अपने एक हाथ से कमर, एक हाथ से पिछवाड़ा दबाया और होंठ से होंठ सटा दिए. जितना दम था, लगा दिया.

ये सब इतनी जल्दी हुआ था कि वो एकदम से चौंक गई.
मैंने आधा मिनट तक किस किया और इसके बाद मैंने उसको गोद में उठा लिया.

उसके गले से किस करते हुए ऊपर से ही उसके मम्मों को काटने लगा.

वो बोलने लगी- आह धीरे धीरे … आह दर्द होता है.
मैंने उससे कहा- रुको मेरी जान … अभी इसी दर्द में मजा आएगा.

मैं उसको दबा कर किस कर रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसको नीचे दरी पर खड़ा किया और उसकी जैकेट को निकाल दिया.
फिर उसको बेड पर धक्का दे दिया, वो बेड पर फ्लैट हो गई.

जैसे ही वो बिस्तर पर लेटी, मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल टी-शर्ट को एक झटके में उतार कर अलग फैंक दी.

जैसे ही उसकी टी-शर्ट को उतारा, उसकी ब्रा में दबी चूचियां एकदम कसी हुई ऐसे दिखीं, जैसे फटने को हों. बहुत टाइट चूचियां थीं.

उसके मम्मे देखते हुए मैंने कहा- बहुत तड़पाया है साली तूने … आज जाकर मिली है.
वो हंस दी.

मैं उसकी चूचियों पर टूट पड़ा और ब्रा के ऊपर से ही तेज तेज दबाने लगा.

वो बोली- धीरे करो … आह दर्द होता है.
मैंने बोला- दर्द बर्दाश्त करो जान!

कुछ पल बाद मैंने उसकी ब्रा उतार दी और बूब्स चूसने लगा.
उसके बूब्स चूसते टाइम मैं एक दूध चूस रहा था और दूसरा धीरे धीरे दबा रहा था.

चूसते समय उसका आधा दूध मेरे मुँह में था, वो अपने पैर रगड़ रही थी, बाल नौंच रही थी और तेज आवाज कर रही थी ‘आंह धीरे करो न …’
मैंने बोला- बर्दाश्त कर ले साली … वरना और तेज करूंगा.

मैं चूचे चूसे जा रहा था.
वो सीत्काने लगी और आवाज तेज आने लगी … तो मैं स्लो हो गया और बस उसके काले अंगूर कैसे निप्पल को मुँह में लेकर चुसकने लगा.
दूसरे दूध के निप्पल को अपनी दो उंगलियों से मींजते हुए सहलाने लगा.

करीब दो मिनट तक दूध मर्दन करने के बाद वो मस्त हो गई और मेरे बाल सहलाने लगी.
उसकी सांसें भारी होने लगीं. मैंने कुछ गति बढ़ाना शुरू किया, तो वो भी साथ देने लगी.

मैंने उसके मम्मों को तेजी से चूसना शुरू कर दिया और दूसरी उंगली को उसकी चूत पर रख दिया.
चुत पर उंगली रखते ही वो अपनी दूसरी चूची दबाने लगी और मुझसे उसको चूसने को बोलने लगी.

मैं पहली को ही चूसे जा रहा था. फिर मैंने उसकी तड़फ को समझा और दूसरे दूध को चूसना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद वो बोलने लगी- आह तेज तेज चूसो … मजा आ रहा है.

मैंने स्पीड बढ़ा दी, मुझे आनन्द आने लगा था. अपनी उंगली से नीचे उसकी चूत रगड़ना भी तेज कर दिया.

वो ‘आह आह उन्ह और तेज तेज करो …’ बोलने लगी.

मैंने जब देखा कि चुत की आग तेज हो गई तो मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर दबाया और पूरा बूब मुँह में भर लिया और अपनी उंगलियां उसकी चूत में अन्दर डाल दीं.

मेरी पकड़ मजबूत थी, वो हिल भी नहीं पाई. मैं तेज तेज उंगली करने लगा और दूध चूसने लगा.

मैंने अपने हाथ से उसका मुँह दबाया था तो वो छटपटाने लगी.
से ही कुछ देर किया तो वो भी साथ देने लगी.

मैंने उसका मुँह छोड़ दिया, वो मुझे पीठ पर नौंचने लगी.

मैं लगातार किए जा रहा था. उसकी मादक आवाजें मुझे और मस्त कर रही थीं.

अब मैं उसके ऊपर से उठ कर बैठ गया और मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया. तब तक उसने उठ कर मेरा लोअर नीचे कर दिया.

मैंने बेड से उतर कर लोअर निकाला. फिर मैंने उसको बेड पर खड़ा करके उसका लोअर और पैंटी को एक साथ निकाल दिया.

उसको नीचे बैठा कर मैं बेड पर बैठ गया और लंड चूसने को बोला.
उसने भी बिना कुछ विरोध किए हाथ में लंड लिया और बस टोपे पर जीभ को गोल गोल घुमाने लगी.

उसकी लंड चूसने की अदा से मैं समझ गया कि लौंडिया खेली खाई लग रही है.

मैं लेट गया और उसकी जीभ कर मजा लेने लगा.
जीभ घुमाते हुए ही उसने एक बार में पूरा लंड मुँह के अन्दर ले लिया और रुक रुक कर मुँह हिलाने लगी, फिर निकाल कर सुपारे पर जीभ घुमाने लगी.

मैं उठ कर बैठ गया.

उसने कुछ पल ऐसा किया, फिर रुक कर मुझे देखने लगी.
मैंने उसके बाल पकड़ कर अपनी गोद में झुकाया और उसकी पीठ से लेकर गांड तक मसलने लगा.

वो छटपटाने लगी, तो मैंने छोड़ दिया और उसको खड़ा करके हाथ से गाल पकड़ कर कहा- मुँह खोल कुतिया.

जैसे ही उसने मुँह खोला, मैंने उसमें थूक दिया और मुँह से मुँह लगा कर चूसने लगा.

वो मस्त हो गई और मुझे बार बार ऐसे करने को कहने लगी.

मैंने उसे उठा कर बेड पर पटक दिया और बोला- अब चुदेगी भी?
वो बोली- आई तो उसी के लिए हूँ लेकिन तुमको इस सबसे फुर्सत मिले तब न!

मैंने बोला- साली बहुत दिन से ढूंढ रहा था तुझे.
वो बोली- तुमसे ज्यादा मैं तड़फ रही थी मिलने को. इस लॉकडाउन ने मुझे बड़ा परेशान कर दिया.

मैं समझ गया कि इसे काफी दिनों से कोई लंड नहीं मिला है.
मैंने बोला- तो चल देर न कर … जल्दी से घोड़ी बन जा.

वो बोली- नहीं, तुम नीचे लेटो … मैं ऊपर से सवारी करूंगी. इस मोटे लंड से अपनी प्यास बुझाऊंगी.
मैंने बोला- चल आ जा.

मैं तुरंत लेट गया.
वो मेरे घुटने के ऊपर चूमते हुए आई और जांघ पर किस करने लगी.

मेरा लंड तना जा रहा था.
उसने एक बार फिर से लंड मुँह में ले लिया और लंड को चिकना करके ऊपर चढ़ गई.

अपने हाथ से चुत में लंड सैट करके लंड पर बैठ गई.
उसने इतना तेज झटका मारा कि मैं शॉक्ड हो गया.

जब तक मैं कुछ और सोच पाता कि उसने तीन चार झटके मार दिए.
वो इतनी तेजी से मस्ती कर रही थी कि जैसे कोई मशीन हो.

उसका हाथ मेरे सीने पर था, उससे वो मेरे निप्पल सहला रही थी और ऊपर नीचे हो रही थी.
साथ में ‘आह उह आह उह …’ चल रहा था, पूरा रूम गूंज रहा था.

मैं उसकी मोटी गांड सहला रहा था … उसकी पीठ नौंच रहा था. बीच बीच में उसकी गांड पर चांटा भी मार रहा था.

क्या गजब कमर हिला रही थी वो … मैं भी नीचे से लंड उठा कर चुत चोदे जा रहा था.

वो अपने पूरे उफान पर थी ‘आह उह आह और तेज और तेज …’

मैं भी उसकी गांड एक हाथ से और दूसरे से तेज तेज चूचियां दबा रहा था. उसकी पीठ तेज से रगड़ रहा था.
वो बीच बीच में कमर घुमाने लगती थी और ऊपर नीचे हो रही थी.

सच में बड़ा मजा आ रहा था.
करीब पांच मिनट के बाद वो और तेज करने लगी और एकदम से मेरे ऊपर निढाल हो गई.
वो झड़ गई थी.

मैंने तुरंत उसे पलटा और अपने नीचे करके उसके पैर कंधे पर रखकर चोदने लगा.

वो चिल्लाने लगी- आंह धीरे कर … मर गई मम्मी रे.

मेरा 110 किलो का वजन था और उसका 50 किलो का रहा होगा. मैं 6 फुट 2 इंच का मजबूत मर्द हूँ और वो केवल 5 फिर की ही रही होगी. उसकी चटनी सी बंट रही थी.

मैंने अपना पूरा जोर लगा दिया.
दो मिनट बाद वो फिर से मूड में आ गई और साथ देने लगी.

मैंने उसको उठाया और अपनी गोद में लेकर बैठ गया.
वो फुल स्पीड में अपनी चुत मेरे लंड पर मारने लगी.

मैं एक हाथ से गांड, एक हाथ से बूब्स दबाने लगा.
उसके बाल पकड़ कर पीछे खींच कर चूचियां चूसने लगा, तेज तेज मम्मे काटने लगा.
वो मस्त हो गई थी.

मैंने उसको फिर से बेड पर पटका और चढ़ गया.
मुझमें जितना दम था, उतनी ताकत से तेजी से उसकी चुदाई करने लगा.

वो अपनी चूचियां दबाने लगी और ‘आह उह आह आह …’ की आवाज करने लगी.

मैं जोर जोर से उसको चोदे जा रहा था.

अब मेरा होने वाला था. मैंने उससे बोला- मेरा होने वाला है, कहां निकालूं?
वो नीचे से और तेज स्पीड बढ़ाते हुए बोली- अन्दर ही आ जा.

मैंने स्पीड बढ़ा दी और लगभग दोनों का साथ में स्खलन हो गया.

मैंने उसको किस किया और कसके पकड़ लिया.
वो भी चुद कर खुश थी और मैं भी.
उसमें गजब की गर्मी थी.

हम दोनों बेहद थक गए थे तो कुछ देर यूं ही लेटे रहे.

फिर मैंने उठ कर पानी पिया और सोने आ गया.
उसका एक बूब एकदम लाल हो गया था.

वो बोली- देखो कैसे लाल कर दिया. एकदम नौंच डाला.
मैं उसे प्यार से देखने लगा.

उसने मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए कहा- जैसी बॉडी है, वैसा ही दम है.
मैंने पूछा- पहले वाले की इतनी मजबूत नहीं थी क्या?

वो समझ गई और बोली- अब और किसी के पास नहीं जाऊंगी, इतना मजा और दर्द पहले नहीं हुआ था.
मैंने कहा- चल फिर से मजा लेते हैं.

तो उसने बोला- हां मगर अब धीरे धीरे करना.
मैंने कहा- धीरे धीरे में मजा नहीं आता है मेरी जान.

वो हंस दी और मेरे लंड को सहलाने लगी.