सभी सेक्स प्रेमियों को मेरा नमस्कार, मेरा नाम राज शर्मा है। मैं हिन्दी सैक्स कहानी का नियमित पाठक हूं। कोरोना के बंद में मैंने बहुत सी कहानियां पढ़ी और मेरे दिमाग में चुदाई का भूत सवार रहने लगा।
गुड़गांव में कोरोना का बंद चल रहा था। ऐसे में लोगों को खाने तक के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
एक दिन मैं बाज़ार गया वहां खाने पीने का सामान खरीद रहा था।
तभी एक महिला आई उसने चेहरे पर नकाब पहन रखा था और गाउन जैसा कुछ!
उसकी भरी भरी चूचियां और बाहर निकली गांड देखकर ऐसा लगा कि यहीं पटक कर चोद दूं।
मैं उसकी चूचियों को दबाने के लिए तरस रहा था। मैं उसे आंखों से चोदने लगा।
उसने मुझे देख लिया वो सामान लेकर पीछे चली गई।
अब मेरे लंड में हलचल मच गई. मैं सोचने लगा इससे बात कैसे शुरू की जाए।
उसने सामान खरीद लिया और बिल चुकाने के बाद जाने लगी.
मैंने भी जल्दी से बिल चुकाया और पीछे आ गया।
थोड़ी ही चले थे कि पुलिस की गाड़ी आ गई.
हम दोनों साथ चल रहे थे।
पुलिस ने रोका, बोले- टाइम हो गया. तुम कहां घूम रहे हो?
मैंने जल्दी से कहा- हमारा रूम पास में ही है।
एक पुलिस वाला बोला- तुम दोनों साथ में ही हो?
मैंने झट से कहा- हां!
वो कुछ बोलती, इसके पहले पुलिस वाला बोला- दोनों गाड़ी में बैठो।
पुलिस ने दोनों के नाम लिखे उसने अपना नाम काजल बताया मैंने राज शर्मा।
फिर पुलिस ने मेरा पता पूछा और मेरे रूम के सामने गाड़ी रोक दी।
हम दोनों उतर गये.
पुलिस वाला बोला- अंदर जाओ।
वो खड़ी थी.
तभी महिला पुलिस बोली- तुझे मैं भेजूं क्या अंदर?
और मारने की धमकी देने लगी.
अब वो चुपचाप रूम के अंदर आ गई.
मैंने दरवाजा बंद कर दिया और पुलिस चली गई।
मैंने उससे बोला- पानी पी लो!
उसने जैसे ही मुंह से कपड़ा हटाया मेरी आंखें बड़ी हो गई।
उसकी आंखें होंठ चेहरे पर मुस्कान देखकर मैं पागल हो गया।
वो बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- कुछ नहीं … आप बहुत खूबसूरत हो!
वो बोली- शुक्रिया।
मैंने पूछा- कहां रहती हो?
उसने बताया- पोस्ट ऑफिस के पास।
मैंने कहा- वो तो दूर है. और अब शाम को ही लॉकडाउन खुलेगा।
फिर मैंने कहा- आप बैठो. मैं कुछ खाने को बनाता हूं.
वो बोली- परेशान मत होइए आप!
मैंने कहा- कैसी परेशानी?
मैं खाना बनाने लगा.
वो कहने लगी- मेरी तबियत ठीक नहीं है, मेरा जिस्म दुःख रहा है.
और वो इतना कह कर बेड पर लेट गई।
मेरे पास दर्द की गोली थी तो मैंने उसे वो गोली खिला दी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे उठाया और खाना परोस दिया.
मैंने पूछा कि अब बदन दर्द कैसा है?
उसने कहा कि अब ठीक है.
खाना खाने के बाद मुझे लेटना था तो उसने कहा- यहीं बेड पर आ जाइये.
मैं उत्तेजित हो गया उसकी बात सुन कर!
थोड़ी देर बाद उसे नींद आने लगी। असल में दर्द की गोली में नींद की दवाई भी थी.
मैं उसकी बगल में लेट गया.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और ऊपर से सहलाने लगा।
उसने कुछ नहीं बोला और आंख बंद करके लेटी रही.
मैंने धीरे धीरे उसका गाउन जांघों पर कर दिया और हाथ घुमाने लगा।
धीरे धीरे वो भी गर्म होने लगी. उसका हाथ मेरे लंड को ढूंढने लगा. मैंने उसका हाथ पकड़कर लंड पर रख दिया।
अब मेरा हाथ उसकी पैंटी के ऊपर आ गया।
उसकी सिसकारियां निकलने लगी.
मैंने धीरे से पैंटी निकाल दी अब उसकी चिकनी गुलाबी होंठ वाली चूत मेरे सामने थी।
उसने अपना हाथ मेरे लोवर के अंदर डाल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे आगे पीछे करने लगी।
मैंने उसका गाउन ब्रा उतार कर उसे नंगी कर दिया।
उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
अब मैं लंड से उसके मुंह को चोदने लगा। उसकी चूचियों के रस को निचोड़ने लगा वो गपागप गपागप लंड को चूस रही थी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चिकनी गुलाबी चूत को चाटने लगा, जीभ चूत के अंदर घुसेड़ दी।
वो ‘आह ऊईई ईई सीईई याह आआहह हल्ला याल्ला’ चिल्लाने लगी।
मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा।
वह ‘ऊईई ऊई याल्ल्ला मर गई … आह ओहह …’ करके छटपटा रही थी.
उसकी चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया, मैं जीभ से चाट गया।
तब मैंने उसकी गान्ड के नीचे तकिया लगाया और उसके ऊपर आ गया.
मैंने उसे कंडोम दिया और लंड में दाने वाला कंडोम उसने अपने हाथ से पहनाया।
फिर मैंने लंड को चूत में सेट करके जोर का धक्का लगाया. मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया।
वो ‘अआह हाय … ऊई ईल्ल्ला ल्ल्ला अम्मी … मर गई’ चिल्लाने लगी और पैर पटकने लगी.
मैंने लंड को रोक दिया और उसके होठों को चूसने लगा।
अब उसका दर्द कम हुआ वो कमर को हिलाने लगी मैंने धीरे धीरे झटकों की रफ्तार बढ़ा दी।
मैं जोर जोर से उसे चोदने लगा.
वो सिसकारियां भर रही थी- आहह ओह हहाँह हआह आ अम्मी अम्मी!
अब उसे भी मज़ा आने लगा. अब लंड की थप थप थप थप की आवाज से दोनों चुदाई का मज़ा ले रहे थे।
उससे मैंने पूछा- क्या करती हो? घर में कौन है?
उसने बताया- वो लखनऊ से है. यहां साकेत में कोचिंग करती है. अभी रूम में अकेली है. उसकी सहेली मेरठ की थी तो घर चली गई।
अब मैं जोर जोर से झटके मार रहा था.
वो बोल रही थी- और तेज़ … और तेज़!
मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया और लंड घुसा दिया.
वो बोली- राज, तुम मस्त चुदाई करते हो!
मैंने अब और तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए.
वो भी अपनी गांड को रिदम में चला रही थी।
मैंने उससे पूछा- तुम पहले भी लंड ले चुकी हो?
वो बोली- हां … मेरे मामू और मेरे स्कूल के सर मुझे चोद चुके हैं। मुझे सेक्स में बहुत मजा आता है. इसीलिए मैंने तुम्हारे कमरे में आ गयी थी.
अब दोनों ही बराबर से झटके मारने लगे।
उसकी गान्ड को पकड़कर में लन्ड को तेज़ तेज़ अंदर तक पेलने लगा।
मैंने इससे पहले बहुत चुदाई की थी लेकिन इतनी खूबसूरत लड़की को पहली बार चोद रहा था।
उसकी रफ़्तार कम हो गई लेकिन मेरा लौड़ा अब भी गपागप गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
उसने ‘आह हहह हहहा अम्मीई ईईईई’ की आवाज के साथ ही पानी छोड़ दिया।
अब फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च करके लंड चोदने लगा.
वो अब शांत हो गई।
मैंने लंड निकाल लिया और उसे बिस्तर से नीचे बैठाकर उसके मुंह में लंड डाल दिया.
वो लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी।
उसने मुझे बताया कि उसके मामू ने उसे उसकी मामी के साथ ही चोदा था जब वो स्कूल की छुट्टी में उनके घर गयी थी।
मैं बेड पर लेट गया और उसे लंड पर बैठने का इशारा किया।
वो लंड पर थूक लगा कर जैसे ही बैठी फक्क से लंड अंदर चला गया।
अब वो मेरे लंड पर उछल उछल कर अपनी चूत के कसाव पकड़ बनाने लगी।
वो अपनी चूत से लंड को चोदने लगी। वो बोल रही थी- आह उम्माह हह माह क्या मस्त लौड़ा मिला है। आज तो मैं इसे छोडूंगी नहीं।
अब मैंने भी झटके मारने शुरू कर दिए. वो भी लंड को अंदर तक ले रही थी।
हम दोनों चुदाई करते करते जन्नत का मज़ा लेने लगे।
मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा. मस्त चूचियां थी उसकी … रस से भरी हुई।
वो लंड में बैठकर ऐसे उछल रही थी जैसे घोड़े पर सवार हो।
अब मैंने फिर से उसे नीचे किया और ऊपर आ के चोदने लगा। गपागप गपागप लंड को अंदर-बाहर करने लगा.
वो मेरे होंठों को चूसने लगी; मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.
मैं जोश में आकर और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
मेरा लंड उसकी बच्चादानी में टकराने लगा तो वो चीखने लगी- आहहह आहहह अम्मी बचाओ … मेरी जान निकल गई! राज राज … मैं मर जाऊँगी।
मैंने उसकी एक ना सुनी और लन्ड को बार बार अंदर तक पेलने लगा।
उसकी दर्द भरी चीखें मुझे और मज़ा दे रही थी. मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि आज मेरे लंड ने एक मजेदार चूत फ़ाड़ दी।
मैंने उसकी एक टांग अपने कंधे पर रख ली; लंड को चूत में घुसा दिया और झटके पे झटके मरने लगा.
अब वो बोल रही थी- फ़ाड़ दे मेरी चूत … और तेज़ तेज़ … आज मुझे जी भर के चोद दे!
मैं बोला- आज भी और कल भी।
वो बोली- हां, अब तो मेरी चूत में तेरा नाम लिखा है. तू जब चाहे चोद सकता है।
अब मैं और मस्ती से चोद रहा था.
वो बोली- राज, तुम कितनी को चोद चुके हो?
मैंने कहा- लंबी लिस्ट है.
उसने अपने पैरों को मेरी कमर में लपेट लिया और झटके मारने लगी।
वो बोली- बताओ किस किस को?
मैंने कहा- अपनी चाची, बुआ को, दोस्त की बहन को, पड़ोसन आंटी और बुआ, मकान मालकिन की बेटी को और तीन चार अजनबी औरतों को।
वो बोली- तभी दुकान से मेरे पीछे पड़ा हुआ था।
अब हम दोनों के झटके तेज होने लगे और आह हहह उम्मह की आवाज गूंज रही थी।
उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया और लंड फंसने लगा.
हम दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गई और झटके के साथ दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया।
मैं उसके ऊपर वैसे ही लेट गया।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये थे; दोनों के शरीर से आग निकल रही थी।
थोड़ी देर बाद दोनों उठे मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया.
उसने दोनों को साफ किया और हम बिस्तर पर लेट गए।
20-25 मिनट बाद उसने अपना हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया और उसके साथ खेलने लगी.
मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया. उसकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे मुंह में नहीं आ रही थी।
हम 69 अवस्था में आ गए. मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर चूसने लगा.
वो लंड को अपने मुख के अंदर तक ले रही थी.
मैं चूत में जैसे ही जीभ घुसाता, वो लंड को दांतों से दबा देती।
लंड अब चुदाई के लिए तैयार हो गया.
मैंने उसको गोद में उठाया और लंड पर रख कर खड़ा हो गया.
उसने मेरी कमर को कस लिया।
मैंने नीचे से लंड का धक्का मारा.
वो ‘ऊईईई अम्मी … मर गई!’ चिल्ला उठी।
मैं उसे थप थप थपपपपप करके चोदने लगा.
अब वो भी चूत से दबाव बनाने लगी।
मेरे लंड का धक्का तेज़ होने लगा. उसकी चूचियां मेरे मुंह में आ गई. मैं चूसने लगा.
वो भी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी। वो बोली- राज, मेरी शुरू से इच्छा थी हवा में लन्ड लेने की आज पूरी हो गई।
मैंने कहा- मैं चुदाई की तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी करूंगा।
उसे मैंने बिस्तर पर पटक दिया; उसकी दोनों टांगों को चौड़ा करके लंड घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके अंदर तक मारने लगा.
‘आहह आह ओह … चोदो मुझे और चोदो … आह आहह!’
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैंने चुदाई नहीं रोकी और फच्च फच्च फच्च करता लंड अंदर बाहर हो रहा था।
मैंने उसे घोड़ी बनाया और लंड घुसा दिया और तेज़ रफ़्तार से चोदने लगा।
अब मेरा लंड चौथे गियर में था। उसकी चूत फूल गई थी अब और मजा आने लगा था।
मैं उसके बालों को पकड़ कर गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
उसकी गान्ड लाल हो गई।
अब हम दोनों ऐसे हिल रहे थे जैसे घोड़े की सवारी कर रहे हों।
मेरा लौड़ा अकड़ने लगा तो उसकी तेज गांड की रफ्तार में लन्ड अब रूकने लगा.
और तेज़ सिसकारी के साथ मैंने पानी छोड़ दिया।
कंडोम निकाल कर मैंने लंड को काजल के मुंह में डाल दिया.
उसने चूस के साफ कर दिया.
हम ऐसे ही सो गए।
जब नींद खुली तो 8 बज चुके थे।
फिर काजल ने खाना तैयार किया.
हमने साथ में खाया और रात में तीन बार चुदाई की।
फिर अगले दिन हम काजल के रूम गए.
मैं दो दिन वहीं रूका और दिन रात चुदाई की.
आखिरी रात को उसकी दो बार गांड भी मारी।
अब वो लखनऊ में है और मुझे और कोरोना सेक्स को याद करती है।
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