नमस्ते दोस्तों. अन्तर्वासना पर मेरी भाभी सेक्स स्टोरीज का पिछला भाग: माँ चुदवाने की बेटी की फैंटसी-2
मैंने भाभी को अपनी बांहों में उठा लिया. ड्रेसिंग टेबल की तरफ भाभी की पीठ थी.
भाभी मेरे ऊपर लटकी थी. उन्होंने पीछे मुड़कर देखा और पूछा- क्या मैं आपको सच में पसंद हूँ?
मैंने भाभी को नीचे उतारा और उनके गाउन को ऊपर उठा कर भाभी की बाजुओं से निकाल दिया.
भाभी मेरे सामने बिल्कुल मदरजात नंगी खड़ी थी.
भाभी की चूचियों को मैंने ज़ोर से पकड़ लिया और पीने लगा. भाभी सिसकारियां भरने लगी. भाभी की चूचियाँ सख्त और इतनी बड़ी थी कि लगता था सारी मस्ती इकठ्ठी होकर उनमें भरी थी.
अपना हाथ नीचे करके मैंने भाभी की चूत पर फिराया तो भाभी बोली- राज, ऐसा लग रहा है जैसे मज़े में जान ही निकल जायेगी, तुम्हारे हाथों में तो जादू है.
मैंने नीचे बैठकर भाभी की चूत पर एक जोर का किस कर लिया.
भाभी आ..आ… करने लगी.
वे बोली- राज, अपना तो दिखाओ. बस में तो मूसल सा अड़ा रखा था.
अंडरवियर छोड़ कर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए. लण्ड ने अंडरवियर को जबरदस्त तरीके से उठा रखा था.
मैंने भाभी से कहा- इसे आप बाहर निकालो.
भाभी ने अपनी नाजुक उंगलियों से मेरे अंडरवियर को जैसे ही नीचे किया, मेरा 8इंची लम्बा मोटा लौड़ा झटके से बाहर निकल कर मेरे पेट पर लगा.
लण्ड को देखते ही भाभी की चीख सी निकल गई और वे बोली- हाय राम, इत्ता बड़ा और मोटा? ऐसा भी होता है क्या? ऐसा तो एक बार एक ब्लू फिल्म में देखा था.
भाभी ने लण्ड को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी. भाभी बोली- देवर जी, ये तो बहुत बड़ा है, मेरी तो फाड़ ही देगा.
लेकिन भाभी को पता नहीं था कि इस लौड़े को उनकी लाड़ली बेटी 50 बार से ज्यादा ले चुकी है.
मैंने खड़े खड़े भाभी की टांगें चौड़ी की और अपने लण्ड का मोटा सुपारा भाभी की चिकनी चूत में अड़ा दिया.
भाभी ने अपनी आँखें बंद की और मेरे हिप्स को पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी.
मैंने भाभी से पूछा- आपके हस्बैंड का इतना बड़ा नहीं है क्या?
भाभी- अरे उनका तो इसके आधे से भी छोटा और पतला है. इसके सामने तो बिल्कुल बच्चों का लगता है.
मैंने भाभी को कहा- अपनी चीज तो दिखाओ?
भाभी मुझे छोड़ कर बेड पर लेट गई और बोली- जैसे मर्जी देखो, जो मर्जी करो.
बेड पर लेटी हुई भाभी अजंता एलोरा की नंगी मूर्ति लग रही थी.
मैंने भाभी की गोरी टांगों को चौड़ा करके खोला तो पूरा चूत का नज़ारा साफ दिखाई दिया. एकदम क्लीन शेव गोरी पाव रोटी सी फूली हुई चूत ऐसी लग रही थी जैसे कभी चुदी ही न हो.
बाहर की दोनों मोटी सतह साफ, अन्दर चूत के छेद के बाहर दो छोटी गुलाब की कोंपलें सी और पिंक कलर का अन्दर का टाइट छेद. छेद और चूत चुदास भरने से मदन रस से चिकने हुए हुए.
मैंने भाभी की चूत की तारीफ की और चूत पर सीधा अपनी जीभ रख कर उसे चाट लिया.
भाभी ने सी..सी… की आवाज निकालते हुए अपनी आंखें बंद कर ली.
मैंने भाभी की चूत के दाने को अपने होठों से चूस लिया तो भाभी का सारा शरीर इकठ्ठा हो गया.
भाभी बोली- राज, एक बार अन्दर डाल दो. ये सब बाद में करना.
और भाभी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
मैंने भी भाभी की टांगों को उनके घुटनों से मोड़ा और सुन्दर चूत पर पोजीशन लेकर लौड़ा चूत के छेद पर रखा.
लौड़ा और चूत अपने अपने प्रिकम से चिकने हो चुके थे.
मैंने जैसे ही चूत के छेद पर लण्ड का दबाव दिया, लण्ड चूत को चीरता हुआ अंदर घुसने लगा.
भाभी- राज, थोड़ा धीरे से करना.
मैंने भाभी की इच्छा रखते हुए धीरे धीरे लण्ड अंदर किया.
जब लगभग 6 इंच लण्ड घुस गया तो ऐसा लगा जैसे अन्दर और जगह नहीं है और कोई रुकावट आ गई और इससे आगे छेद तंग हो गया है.
मैंने जोर लगाया तो भाभी भी बोली- राज, बस इतना ही जायेगा, लगता है बच्चेदानी का मुंह आ गया है, तुम्हारा तो हथियार ही इतना बड़ा है.
तो मैंने कहा- कोई बात नहीं. बच्चेदानी के छेद में जाने दो.
यह कह कर मैंने एक जोर का झटका दिया तो भाभी की चीख निकल गई. भाभी मजे से आई … आह … आई… करने लगी.
मैंने पूछा- भाभी क्या बात है दर्द हो रहा है क्या?
भाभी- नहीं, इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था, आज तो कमाल ही हो गया.
दरअसल लेडी की चूत में मज़े के कई पॉइंट होते हैं. एक पॉइंट बच्चेदानी का मुंह भी होता है जो लेडी की क्लिटोरियस से भी अधिक सेंसिटिव होता है. परंतु वह मज़ा किसी किसी लेडी की किस्मत में होता है क्योंकि उस पॉइंट तक पहुंचाने के लिए लम्बा लण्ड चाहिए जो किसी किसी मर्द का होता है.
जो लेडी हमेशा अपने पति के छोटे लण्ड से ही चुदती रहती हैं उन्हें इस मज़े का पता ही नहीं चलता.
मृणाल भाभी ने भी यह चरमआनंद पहली बार महसूस किया.
भाभी की गोरी और सुडौल जांघों और पटों को मैंने थोड़ा अपने हाथों में उठाया और लण्ड को उनकी गोरी, चिकनी चूत में पेलने लगा. भाभी ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और चुदते हुए मज़े से सिर इधर उधर मारने लगी.
तब भाभी बोली- राज, बहुत मजा आ रहा है थोड़ा जोर जोर से चुदाई करो.
मैंने भाभी को पूरी ताकत से चोदना शुरू किया तो बेड जोर जोर से हिलने और चरमराने लगा. भाभी के बड़े बड़े मम्मे हर धक्के पर इधर उधर उछल रहे थे. मेरा मोटा लण्ड भाभी की चूत के अंदर तूफान मचाये हुए था. उनकी चूत से फिच … फिच … और चपड़ … चपड़ … की आवाजें आ रही थीं.
भाभी ने जोर-जोर से सिस्कारियां भरनी शुरू कर दी- आह … आह … आह … हाय … मार दिया … हाय मार दिया. मेरी जान … हाय राजा … आज तो जिंदगी का मजा दे दिया तुमने. चोदो राजा चोदो…. और जोर से चोदो. हाय … हाय राजा. फाड़ दो मेरी चूत को. हाय मेरी चूत को फाड़ दो… कहां रह गए थे … पहले क्यों नहीं मिले? सारी जिंदगी छोटे से लंड से चुदती रही. आह … आह!
जैसे जैसे भाभी बोलती जा रही थी, मेरा जोश बढ़ता जा रहा था. मैंने भाभी की चूत में लंड जोर-जोर से पेलना शुरू किया.
कुछ ही देर में भाभी जोर से चिल्लाई और बोली- राजा, मेरा हो गया.
और यह कहकर भाभी ने अपनी टांगें सीधी कर दी.
मैं भी भाभी के ऊपर से उतर कर उनके साथ लेट गया. मैंने भाभी के होठों को चूसा और उनकी चूचियां और पेट के ऊपर हाथ फिराने लगा.
मैंने भाभी से पूछा- भाभी कैसा लगा?
भाभी ने एकदम करवट ली और मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया. भाभी कहने लगी- राज, जीवन का आनंद मिल गया है, मुझे नहीं पता था कि इस काम में इतना भी मजा लिया जा सकता है.
मैंने धीरे धीरे भाभी की जाँघों को सहलाना शुरु किया. उसके बाद मैं भाभी की छाती के ऊपर बैठ गया और उनकी दोनों चूचियों को इकट्ठा करके उनके अंदर अपना लंड पेलने लगा.
मेरे लंड का टोपा भाभी के होठों को छूने लगा. मैंने धीरे से भाभी के मुंह में अपना लंड डाल दिया, भाभी लंड को चूसने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को कहा- भाभी एक बार घोड़ी बन जाओ, आपकी गांड बहुत सुंदर है.
भाभी कहने लगी- राज मैंने कभी गांड में नहीं करवाया है, मुझे बहुत डर लगता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. अगर आपको दर्द होगा लंड को चूत में डाल दूंगा.
भाभी बेड के ऊपर घोड़ी बन गई.
मैंने देखा बहुत ही सुंदर और गोरे चिकने चूतड़ों के बीच में चूत और गांड के दोनों छेद मेरे सामने थे. मैंने भाभी की गांड में लंड लगाया और दबाव दिया.
भाभी एकदम चिल्लाने लगी- निकालो निकालो. यह तो फट जाएगी.
मैंने लंड को वापस खींच लिया और एक ही झटके में पूरा लंड भाभी की चूत में दे मारा.
भाभी इस झटके के लिए तैयार नहीं थी, एकदम से चिहुँक गई.
मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया और भाभी की चुदाई करने लगा. चुदाई करते करते मैंने अपने दोनों हाथों से भाभी की दोनों चूचियों को पकड़ लिया और लंड से चूत की ठुकाई करता रहा.
भाभी इधर-उधर अपना सिर मारती रही.
कमरा खचा खच की आवाजों से भर गया. आखिरकार 15-20 धक्के लगाकर मैंने भाभी की चूत को वीर्य के रस से भर दिया.
भाभी सीधी बेड के ऊपर पसर गई और मैं उनके ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद भाभी उठी. मेरा वीर्य भाभी की चूत में से निकल कर बेड की चादर पर गिर गया था. भाभी वहां से उठी और बाथरूम जाने लगी.
जैसे ही भाभी नीचे उतरी, वीर्य चूत में से निकल कर नीचे जमीन पर टपक रहा था.
भाभी अपनी दोनों टांगों को चौड़ा करते हुए बाथरूम चली गई कुछ देर बाद चूत धोकर भाभी बाहर आई.
मैं भाभी को लेकर ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा हो गया. भाभी ड्रेसिंग टेबल के स्टूल पर बैठ गई और लण्ड को सहलाने लगी.
एक सेकंड में लण्ड झटका देकर खड़ा हो गया.
भाभी बोली- इतना जल्दी फिर तैयार हो गया?
मैंने भाभी से कहा- मर्द का लौड़ा है, जब मर्जी चुद लो.
भाभी अपनी नाजुक उंगलियों से लौड़े को आगे पीछे करने लगी.
तभी मैंने भाभी के होठों के बीच में लौड़ा टिका दिया.
भाभी ने फटाक से अपना पूरा मुंह खोला और लौड़े को अंदर लेकर चूसने लगी और चूसते चूसते अपने आप को ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखती रही.
मैंने एक जोर की अन्दर ठोक लगाई तो लौड़ा भाभी के गले में फंस गया.
भाभी ने अपना सिर हिलाया और लण्ड को बाहर निकाल दिया. भाभी बोली- मेरी तो जान ही निकल गई थी.
मैंने भाभी को खड़ा किया और उनसे अपना एक पाँव स्टूल पर रखने को कहा.
भाभी ने एक पाँव स्टूल पर रखा तो उनकी गोरी चूत सामने शीशे में खुलकर दिखने लगी.
मैंने खड़े खड़े ही लण्ड को भाभी की चूत पर लगाया और भाभी को उनके चूतड़ों से पकड़ कर लण्ड अंदर डाल कर चोदना शुरू किया.
भाभी मजे से जोर जोर से चिल्लाने लगी. भाभी इतनी उत्तेजित हो गई थी कि स्टूल के ऊपर अपनी टांग बदल बदल कर चुदवाने लगी.
चुदवाते चुदवाते भाभी का सारा शरीर पसीने से भर गया. अंत में भाभी ने मुझे कस कर पकड़ा और आ आ करके खलास हो गई.
मैंने भी अपना पूरा जोर लगा कर एक बार फिर भाभी की चूत को अपने वीर्य से भर दिया.
कुछ देर बाद जब मैंने भाभी को छोड़ा तो भाभी से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था. उन्होंने मेरा सहारा लिया और अपने टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गई. वीर्य ने उनकी दोनों टांगों को घुटनों तक लबेड़ दिया और फर्श पर टप टप गिरने लगा.
नीचे झुक कर भाभी ने देखा और बोली- राज, आपका तो बहुत सारा छूटता है. आज तो मजा आ गया, तुम तो असली मर्द हो.
भाभी ऐसे ही बेड पर लेट गई.
मैंने कहा- भाभी, बाथरूम में जा कर साफ कर आओ.
भाभी बोली- मेरी अब हिम्मत नहीं है, ऐसे ही सो जाऊँगी.
मैंने पूछा- भाभी तसल्ली हो गई या और करना है?
भाभी बोली- अब तुम जाओ. मैंने तो एक हफ्ते तक नहीं करना है.
अगले रोज सोनू मेरे कमरे में आई.
सोनू ने बताया कि रात को जब मैं और भाभी चुदाई में मस्त थे तो वह अपनी मम्मी की सारी चुदाई दरवाजे के पीछे खड़ी हो कर देख रही थी.
वो बड़ी खुश थी, कहने लगी- राज मेरी मम्मी आज बहुत खुश लग रही थी.
मैंने सोनू से कहा- चलो तुम्हारी फंतासी पूरी हुई. अब तुम निश्चिंत रहो यदि तुम्हारी मम्मी को हमारे बारे में पता लग भी गया तो मैं बात को संभाल लूंगा.
इस प्रकार उस लोकेलिटी में चौथी लेडी की मैंने चुदाई की.
और मैं सुंदर लेडीज के अन्दर चहेता बन गया.
कैसी लगी आपको मेरी भाभी सेक्स स्टोरीज?
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