हाई दोस्तों मेरा नाम कबीर सिंह हैं और मैं अभी 22 साल का हूँ और वारणसी में रहता हूँ काफी सालों से. मेरे परिवार में मैं और मेरी माँ दोनों ही हैं. मेरी माँ एक प्राइमरी स्कुल में काम करती हैं. पापा एक एक्सीडेंट में कुछ साल पहले चल बसे और बस उन दिनों से ही माँ अकेली हो गई हैं.
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप को मेरी माँ के बारे में बताता हूँ. मेरी माँ देखने में एकदम सेक्सी हैं और रंग भी एकदम गोरा हैं उसका. माँ की गांड एकदम फूली हुई हैं जिसे देख के कोई भी अपनी आँखे वहां पर डालने के लिए मजबूर हो जाता हैं. मैं कहूँ तो मैं भी काफी बार माँ की गांड को देख के खुश होता था.
आज से करीब ३ महीने पहले की ये बात हैं. मेरी माँ वैसे तो एकदम टाइम पर स्कुल जाती और वापस भी आ जाती. लेकिन मैंने देखा की काफी समय से माँ को घर आने में देर होने लगी थी. और एक बात भी थी की माँ अब पहले से काफी खुश भी लग रही थी.
और एक बार तो माँ रात को 10 बजे के बाद घर के आई.
मैंने पूछा: क्या बात हैं आप आज बहुत देर से आई?
माँ: हाँ बेटा स्कुल में कुछ काम था इसलिए वहीँ पर थी.
मैंने देखा की वो बोलते हुए कुछ असहज सी हो गई थी और नजरें भी छिपा रही थी. मेरा शक और भी बढ़ गया. और उस दिन से मैंने अपनी माँ के ऊपर चुपके से नजर रखना चालु कर दिया.
मैं एक दिन बाइक ले के माँ की एक्टिवा के पीछे गया और उसकी जासूसी करने लगा. मैंने देखा की माँ की स्कुल से कुछ फासले पर एक गाडी आ के रुकी हुई थी. और माँ ने एक्टिवा उस गाडी के पास पार्क की और फिर इधर उधर देख के वो गाडी में बैठ गई. मैं पेड़ के पीछे छिप गया था इसलिए उसने मुझे नहीं देखा.
कार निकली तो मैंने भी थोड़ा फ़ासला रख के बाइक चालु की. मैंने देखा की कार एक बिल्डिंग के पास रुके. माँ जब उतरी तो उसने मुहं पर दुपट्टा बाँध रखा था. वो लोग निचे उतरे और एक फ्लेट की तरफ बढे. मैं उनके करीब था इसलिए उनकी बातें सुन सकता था.
आदमी: यार कसम से उस रात को तो आप ने बहुत मजे करवा दिये. मैं अब भी वो चुदाई याद कर के मुठ मारता हूँ.
माँ:हाँ लेकिन अब आप के लंड में वो बात नहीं रही हैं. मेरे लिए एक और लंड का जुगाड़ करो.
आदमी: मेरा एक दोस्त हैं, विधुर हैं आप कहों तो उसको भी ले आउँ साथ में,
माँ फुदक उठी ये सुनके और बोली: हां ले आओ, कल मेरा बेटा घर पर नहीं होगा, उसके टेस्ट हैं. तो एक काम करो अपने दोस्त के साथ आ जाओ. मजे करेंगे फुल टाइम.
और ये सब बातें कर के माँ के बूब्स को उस आदमी ने हाथ में पकड के दबाये. वो साडी के ऊपर से ही माँ के चुचों को प्रेस कर रहा था.
लेकिन माँ ने उसे ज्यादा दबाने नहीं दिया और हाथ हटा दिया.
आदमी: अरे थोड़े दबाने तो दो मेरे को.
और ये कह के माँ के चुचों को फिर से दबाने लगा वो. और उसने माँ को दिवार पकड़ा के खड़ा कर दिया और माँ को होंठो के ऊपर किस करने लगा. माँ का मन तो नहीं लग रहा था लेकिन फिर वो उसका साथ दे रही थी.
माँ ने अब इस आदमी को धक्का दे के कहा: चलो जल्दी हटो, मेरी क्लास का टाइम हो जाएगा. कल जल्दी से आ जाना अपने दोस्त को ले के.
मैं साइड में छिप गया और वो दोनों वहां से निकल गए. मुझे अपने कान पर यकीन नहीं हो रहा था की मेरी माँ इतनी सेक्सी हैं की उसे दो दो लंड से चुदवाना हैं.
मैंने उसी पल पक्का मन बना लिया की कल टेस्ट नहीं जाऊँगा और माँ का चुदाई का मेच देखूंगा दो आदमी के साथ में.
सुबह हुई तो मैंने माँ को बोला की मैं कोलेज जाता हूँ. मैं बगल की दूकान पर गया और चाय पी के सुट्टा मारने लगा. मन में माँ के चुदाई वाले सिन आ रहे थे. एकाद घंटा इधर उधर घूमघाम के मैं वापस घर की तरफ बढ़ गया.
वो गाडी वही पर पड़ी थी घर के बहार तो मैं समझ गया की माँ के लिए दोनों लंड आ गए हैं. मैं घर की पीछे की साइड से गया जहाँ पर एक खिड़की हैं जो मैंने सुबह में ही खोल दी थी अंदर से. चुपके से बिल्ली बन के मैं अन्दर चला गया. मेरे को तब कोई भी आवाज नहीं आई.
तभी मेरी माँ के मुहं से निकला: अरे अब्दुल तुम इधर आओ ना.
मैंने देखा खिड़की से तो मेरी आँखे एक पल के ली चिपक सी गई. माँ एकदम बला की आइटम बनी थी. भड़कीले कपडे और हल्का मेकअप.
वो बोला: अरे आ गया मेरी जान, भानु भी आता ही होगा.
मैं समझ गया की ये कल वाला अब्दुल हैं और बही उसका दोस्त नहीं आया था.
माँ अब्दुल का हाथ पकड के बहार के हॉल में आई. वहां सोफे के ऊपर अब्दुल को बिठा के माँ उसकी गोदी में बैठ गई. माँ के बूब्स को अब्दुल ने हाथ में ले के मसले और माँ भी उसकी बाहों में बाहें डाल के होंठो को चूसने लगी.
अब्दुल चूची दबाते हुए बोला: आज तो पीछे भी डालना हैं मेरे को लंड.
माँ हंस के बोली: अच्छा!
अब्दुल: हां, तेरी गांड में बड़ा नशा हैं मेरी जान.
माँ: लेकिन मैंने अपनी लाइफ में पहले कभी नहीं लिया हैं पीछे.
अब्दुल: तो आज देख लेना की कितने मजे हैं उसमे.
ये बोल के वो वापस से चूची को दबाने लगा.
माँ ने कहा, अरे रुको कुछ देर, अपने दोस्त को तो आ जाने दो.
अब्दुल: भानु कहाँ मर गया यार!
माँ के बालों में हाथ डाल के अब्दुल उसे किस करने लगा. माँ भी पूरा सपोर्ट कर रही थी अब्दुल को.
और तभी किसी ने दरवाजे के ऊपर हलके से नोक किया. भानु ही होगा. लेकिन साले ने डोरबेल नहीं बजाई और सिर्फ हलके से नोक किया. माँ ही दरवाजा खोलने के लिए गई और उसने डोर खोल के भानु को अपनी जवानी दिखाई शायद.
भानु भी अंदर होल में आ बैठा सोफे पर. माँ उसके लिए पानी लेने चली गई.
माँ अंदर गई तो अब्दुल ने भानु को कहा, देखा मेरी आइटम!
भानु: क्या गांड हैं यार!
अब्दुल: हाँ, अभी मैंने बोला की मैं तेरी गांड मारूंगा तेरी.
ये सुन के भानु हंस दिया और उसने और अब्दुल ने जोर से ताली दी.
माँ ट्रे ले के आई, पानी और कुछ हार्ड ड्रिंक थी.
माँ ने जानबूझ के पल्लू गिरा दिया ट्रे मेज पर रखते हुए. भानु ने माँ की क्लीवेज को देखा और उसके मुहं में पानी आ गया. वो होंठो पर जबान फेर के पानी का ग्लास लेने लगा. माँ का हाथ दबा दिया उसने पानी लेते हुए.
पानी पी के सीधे ही भानु और अब्दुल खड़े हुए और माँ की साडी उतारने लगे. मम्मी भी कोई पोर्नस्टार हो वैसे मस्तिया रही थी. भानु ने माँ के चुचे मसले और अब्दुल गांड पर हाथ देर के दबाने लगा
माँ की साडी निकाल फेंकी और दोनों ने ब्लाउज भी उतार डाला. माँ अब काली ब्रा और पेटीकोट में दोनों के सामने थी. अब अब्दुल ने खड़े हो के अपनी पतलून निकाली और माँ ने उसकी चड्डी निकाल के लंड को पकड़ लिया. अब्दुल का लंड छोटा था लेकिन मोटाई ज्यादा थी.
भानु ने भी नंगे हो के लंड माँ को पकड़ा दिया. उसका लंड अब्दुल से डेढ़ गुना लम्बा और लगभग उतना ही मोटा था. माँ ने अब्दुल के लंड को सक किया और साथ में वो भानु के लौड़े को मसलने लगी.
कुछ देर लंड चुसवा के अब अब्दुल ने माँ को उठा के वही डाइनिंग टेबल लेटा के फैला दिया. माँ की बुर एकदम साफ़ थी, उसके ऊपर होंठो को चिपका के अब्दुल चाटने लगा. भानु ने अपना लंड तभी माँ के मुहं में ठूंस दिया चूसने के लिए. माँ तड़प रही थी अपनी चूत चटवा के. माँ के मुहं से जोर जोर से मोअनिंग निकलने लगी. और वो भानु के पुरे लंड को मुहं में ले के चाटने लगी.
माँ की सेक्सी मोअनिंग ने मेरे लौड़े में भी जान डाल दी थी.
अब्दुल ने पूरी जबान डाली चूत में और चाटी.
अब भानु ने माँ और अब्दुल दोनों को हटाया. माँ को कमर से पकड़ के उसने उसे वही घोड़ी बना के पीछे से अपना लम्बा लंड चूत में दिया. माँ के चूतडों के ऊपर अब्दुल तब हाथ फेर रहा था और अब्दुल के लंड को हाथ में पकड़ के माँ मुठ मारने लगी.
अब्दुल ने अब माँ की ब्रा निकाल दी. माँ एकदम नंगी थी और उसकी चूत से चुदाई का रस टपकने लगा था.
अब भानु ने माँ को गांड पकड के अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी. उसका लंड पूरा माँ की बुर में घुस के पूरा बहार आ रहा था. अब्दुल एक बार फिर से माँ की गांड के पास आ गया. माँ भानु के लंड से चुद रही थी तब उसने अपनी जबान से ना जाने कितनी मसक्कत से गांड को चाटा. माँ को भी अब्दुल की इन हरकतों से मजा आने लगा था शायद.
भानु बोला: वाह क्या मजे हैं तेरी बुर में मेरी रंडी, ये ले असली मर्दाना लंड और चुदवा मेरी रंडी बन के.
माँ: और जोर से डालों मेरे राजा, फाड़ दो मेरी मस्तियाई हुई चूत को मेरे हीरो!
अब्दुल खड़ा हुआ और हंसने लगा माँ की चुदास देख के.
अब अब्दुल ने कुछ इशारा किया अपने दोस्त भानु को.
भानु ने लंड निकाला माँ की चूत से. लंड एकदम चिकना बना हुआ था चुदाई के ज्यूस से.
भानु अब निचे लेट गया और उसने माँ का हाथ पकड के अपने लंड पर बिठा दिया. चूत एकदम चिकनी थी इसलिए फटाक से वापस घुस गया अन्दर.
अब्दुल के लिए गांड मारने की जगह बनाने का इशारा था वो!
अब्दुल अब वापस गांड चाटने के लिए आ गया. उसने गांड पर चाटने के बहाने इतना थूंक लगाया की मुझे दूर से भी दिख रहा था. उसने कुछ थूंक अपने सुपाडे पर भी घिसा.
माँ के पीछे ही खड़े हो के उसने भानु को कुछ इशारा किया. भानु ने माँ को निचे झुका के होंठो पर किस दे दी.
माँ की गांड के होल पर लंड रख के अब्दुल ने पेल दिया आधा लंड अंदर.
माँ की आँख भर आई और चीख पड़ी. लेकिन भानु ने होंठो से होंठो को जुदा नहीं होने दिया. अब्दुल माँ के बूब्स को जोर से मसलने लगा और फिर एक मिनिट के अंतराल के बाद लंड का एक और धक्का दे के पूरा अन्दर कर दिया.
मम्मी को भी अब डबल पेनेट्रेशन की मस्ती चढ़ने लगी थी. गांड हिलने लगी थी उसकी. जोर जोर से हिला हिला के चुदवाई उसने गांड और चूत के होल को.
क्या मजेदार चुदाई थी यार! उछल उछल के गांड भी दे रही थी और चूत भी दे रही थी भानु और अब्दुल को.
सालों ने पुरे 20 मिनिट तक माँ की दोनों होल्स को पेल दिया. मेरे लौड़े में भी आग लगा दी थी माँ की इस सेक्सी चुदाई ने.
जब माँ की छुट गई तो उसने अब्दुल को गांड से लंड निकालने को बोला. भानु का भी हो चूका था और वो चूत में ही माल छोड़ के कब से बैठा पडा था.
अब्दुल ने लंड गांड से निकाल के हिलाना चालू कर दिया. और माँ की गांड पर ही फव्वारा मार दिया.
मैं जान गया था की अब्दुल ने माँ को अब ऐसी रंडी बना दिया हैं जो अलग अलग लंड लेगी.