दोस्तो, मैं मादरचोद विक्की हूँ. मेरी उम्र अभी 23 साल है. मेरी पढ़ाई अभी अभी ही खत्म हुई है. मैं पहले हॉस्टल में पढ़ा करता था.
अब जब मेरी पढ़ाई खत्म हुई, तो मैं अपने घर वापस आ गया.
मेरे घर में मेरे विधवा मम्मी और मेरी चाची और चाचा रहते हैं.
मेरे पिता की मौत 10 साल पहले हो गयी थी. मेरी पढ़ाई का खर्च मेरे चाचा उठाते हैं.
मेरे चाचा के कोई बच्चा नहीं है इसलिए वो मुझे अपने बच्चे की तरह देखते हैं.
मेरी मम्मी का नाम स्वाति है, चाची का नाम ज्योति है और चाचा का नाम आकाश है.
ये मादरचोद कहानी अभी 2 महीने पहले की है. जब मैं घर वापस आया, तब मेरी मम्मी, चाची और चाचा बहुत खुश हुए. मैं भी बहुत खुश था.
मुझे मेरी मम्मी और चाची बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थीं.
मैं जब सबसे गले मिल रहा था, तब मेरी मम्मी और चाची के बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने में टच हो रहे थे.
मैंने महसूस किया कि चाची ने मुझे कुछ ज्यादा ही जोर से अपने सीने में जकड़ लिया था.
मुझे कुछ अजीब सा तो लगा पर न जाने क्यों मजा भी बहुत आया. उस समय मुझे अपने लंड में कुछ तनाव भी महसूस हुआ.
वैसे मैं बता दूं कि मेरे लंड का साइज बड़ा है … और बड़ा लंड किसी भी औरत गर्म कर देती है. मेरे लंड से कोई भी औरत मुझसे चुदने के लिए राजी हो सकती है.
जब उन दोनों की चूचियां मेरी छाती में टच हो रही थीं, तब मेरा लंबा लंड खड़ा होने लगा था.
चाची के बाद जब मैं मम्मी से गले लग कर मिला तो मेरा लंड मेरी मम्मी की चूत के पास ही लग रहा था.
मेरी मम्मी की चूचियां बहुत बड़ी हैं जबकि चाची की चूचियां थोड़ी छोटी हैं, पर उनकी गांड बड़ी है.
शायद चाचा, चाची की गांड बहुत ज्यादा चोदते होंगे.
मैं खाना खाकर शाम को पांच बजे आराम करने के लिए चला गया.
थकान थी तो मैं कुछ देर के लिए सो गया था.
लगभग नौ बजे मेरी नींद खुली तो मुझे प्यास लगी तो मैं उठ कर पानी पीने आ गया.
जब मैं पानी पीकर आ रहा था कि मुझे मम्मी के कमरे से हल्की हल्की हल्की आवाज़ सुनाई दी.
मैंने सोचा कि ये क्या हो रहा है.
जब मैंने की-होल में से झांकने की कोशिश की तो मेरी पैर के नीचे से जमीन खिसक गई.
मैंने देखा कि मेरे चाचा चाची और मम्मी तीनों नंगे थे.
चाचा मम्मी की चूत को चोद रहे थे, चाची अपनी चूत को मम्मी के मुँह के ऊपर रखकर रगड़ रही थीं और सिसकारियां ले रही थीं.
तभी मम्मी ने कहा- आकाश बहुत दिन से तुमने मेरी गांड नहीं चोदी है आज मेरी गांड में खुजली हो रही है. क्या तुम मेरी गांड को अभी चोदोगे?
चाचा ने कहा- हां बिल्कुल स्वाति रंडी, सच है मैंने बहुत दिनों से तुम्हारी गांड नहीं मारी है. सिर्फ ज्योति की गांड मार रहा हूँ. आज तुम्हारी बारी है.
जब ये सब मैंने सुना, तब समझ आया कि इसीलिए चाची की गांड इतनी बड़ी है.
अब चाचा ने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाला.
मैंने देखा कि उनका लंड काफी बड़ा था और मोटा भी!
मेरी मम्मी ने कुतिया की तरह अपनी गांड चाचा के आगे हिलाई, तो चाची ने मम्मी के गांड में थोड़ा थूक लगा दिया और उसी के बाद चाचा ने अपना लंड मम्मी की गांड में पेल दिया.
एक ही धक्के में उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में समा गया.
मम्मी की तेज आह निकली और चाचा ने मम्मी के मम्मे पकड़ कर जोर जोर से उनकी गांड मारनी शुरू कर दी.
चाचा पूरी ताकत से धक्के मार रहे थे.
मम्मी ‘आह आह ऊह ऊह हाय मर गयी हाय …’ कहती हुई मजा ले रही थीं.
दूसरी तरफ ज्योति चाची अपनी चूत को मम्मी के मुँह के सामने रखी और बोलीं- स्वाति दीदी, चाटो न इसे … आंह चाटो.
मम्मी चाची की चूत चाटने लगीं और चाची के कंठ से सेक्सी सिसकारियां ‘आह आह ऊह ऊह हाय आ मजा आ गया आह …’ निकलने लगीं.
अब चाचा ने मम्मी की गांड छोड़ दिया और चाची की गांड की तरफ आ गए.
चाची ने चाचा को देखा तो वो तुरन्त डॉगी पोज में आ गईं.
चाचा ने भी चाची की गांड में पूरा लंड पेला और चोदना चालू कर दिया.
करीब बीस मिनट बाद चाचा झड़ गए.
कुछ देर बाद चाचा के मोबाइल पर एक फोन आया.
फोन पर बात करने के बाद चाचा ने मेरी मम्मी स्वाति और ज्योति चाची से कहा- मुझे एक आवश्यक काम आ गया है. मैं एक हफ्ते के लिए काम से शहर से बाहर जा रहा हूँ.
यह सुनकर मम्मी स्वाति ने कहा- अगर तुम चले जाओगे तो हमारा क्या होगा? मैं तो एक दिन भी बिना चुदे रह नहीं सकती.
ज्योति- हां दीदी, मैं भी एक दिन बिना लंड के नहीं रह सकती और आकाश बोल रहे हैं कि एक हफ्ता के लिए बाहर जा रहे हैं.
ज्योति- सात दिन तक मैं अपनी चूत को कैसे शांत कर पाऊंगी और गांड को भी बिना लंड लिए चैन नहीं मिलेगा. मैं क्या करूंगी?
आकाश ने मेरी मम्मी को चूमते हुए कहा- तो फिर तुम दोनों विक्की से चुदवा लेना, आखिर उसे भी तो चूत गांड का स्वाद दिलाना है.
ये सुन कर मम्मी ने कहा- अरे यार आकाश … विक्की मेरा बेटा है, मैं उससे कैसे चुद सकती हूँ?
चाची ने भी कहा- हां यार, वो अभी 23 साल का ही तो हुआ है. वो अकेला हम दोनों को कैसे शांत करेगा.
चाचा ने कहा- अरे वो जवान लौंडा है, जैसे मैं तुम दोनों को शांत करता हूँ, वो भी तुम दोनों को ठंडा कर देगा. मैंने देखा है कि उसका लंड भी बड़ा है. जब वो तुम दोनों को गले लगा रहा था, तब उसका लंड तन गया था और मैंने उसके खड़े होते लंड को देख लिया था.
मम्मी ने कहा- हां उसका लंड मुझे भी बड़ा लग तो रहा था.
चाचा- हां भाभी, उसका लंड खड़ा होने लगा था. इसका मतलब ये हुआ कि वो भी तुम दोनों रंडियों को चोदना चाहता है.
ये सब बातें मैं सुनकर मन ही मन खुश हो गया और सोचा कि अभी जाकर स्वाती और ज्योति रंडी को चोद लूं!
पर मैंने अपने आप पर काबू रखा और उनकी बातें सुनता रहा.
चाची फिर से बोलीं- मेरे पास एक योजना है. हम दोनों उसको खेल के बहाने अपने पास बुलाएंगी और उसके सामने अपनी ब्लाउज, पैंटी और ब्रा को खोल देंगे. जब वो गर्म हो जाएगा तो हम दोनों को चोद देगा.
यह सुनकर मम्मी और चाचा राज़ी हो गए.
अब काफी रात हो गयी थी.
उसी रात में चाचा की ट्रेन थी. उन्होंने अपने कपड़े और सामान पैक कर लिए और वो अपने काम से बाहर निकलने लगे.
सब लोग कमरे से बाहर आ गए.
चाची ने मुझे आवाज दी और बताया कि चाचा बाहर जा रहे हैं.
चाचा जाने लगे थे तो मेरी मम्मी और चाची, चाचा के गले लग गईं और उनके लंड को दोनों ने दबा कर सहला दिया.
ये सब मैंने देख लिया पर मैं चुप बैठा रहा.
चाचा के जाते ही मेरे घर की दोनों रंडियां मेरे करीब आईं और मेरे सामने बैठ गईं.
चाची मुझसे बोलीं- विक्की, खाने के बाद क्या तुम हमारे साथ एक खेल खेलोगे.
मैंने अनजान बन कर हां में सिर हिला दिया.
चाची मुझे अपनी चूचियां दिखाती हुई बोलीं- थोड़ा बोल्ड गेम है … मगर बड़ा मजा आता है.
मैंने भी उनके मम्मे देख कर कहा- हां चाची, मुझे भी इसी तरह के खेल खेलना पसंद हैं. आप दोनों शायद ये खेल चाचा जी के साथ भी खेलती हैं.
चाची ने चूचियां हिलाईं और बोलीं- सही पकड़े हो … हम दोनों तुम्हारे चाचा के साथ खूब मस्ती करती हैं.
मैंने भी उनकी चूचियों को देख कर कहा- हां मैं अभी कुछ देर पहले देखा था.
चाची ने आंख दबा दी और बोलीं- मतलब लौंडा जवान हो गया.
मैंने भी कह दिया- ऐसी जवानी किस काम कि जो किसी को खुश ही न कर सके.
चाची मेरे सीने पर हाथ फेरती हुई बोलीं- चिंता न करो विक्की, आज तुम भी खुश हो जाओगे और हम दोनों भी तुमसे खुश हो जाएंगी.
मैंने हंस कर उनका हाथ दबा दिया.
चाची ने कहा- चलो अब तुम खाना खाकर कमरे में आ जाना. हम दोनों रूम में तुम्हारा इंतज़ार करेंगी.
ये कह कर वो दोनों कमरे में चली गईं.
मैंने फटाफट खाना खत्म किया और उनके पास कमरे में चला गया.
कमरे में चाची ने मुझे देख कर कहा- क्या तुम्हें ताश खेलना आता है?
मैंने कहा- हां चाची.
मैं उनके पास जाकर बैठ गया.
चाची और मम्मी ने कहा- यहां पर एक रूल है कि तुम जितनी बार हारोगे, हम दोनों तुमसे उतनी ही चीजें मांगेंगे, क्या तुम राज़ी हो?
मैंने कहा- हां.
अब हमारा खेल चालू हो गया.
मैं पहला राउंड हार गया.
चाची और मम्मी ने मेरी शर्ट मांगी.
मैंने अपनी शर्ट उतार कर उनकी तरफ फैंक दी.
चाची मेरे चौड़े सीने को देख कर मुस्कुरा दीं और बोलीं- विक्की बड़ा मस्त सीना बना लिया है.
मैंने हंस कर कहा- हां चाची, कसरत करने से बन गया है.
चाची- लड़कियां तो मरती होंगी तुम पर?
मैंने कहा- लड़कियों की बात तो छोड़ो चाची, आपकी उम्र की भाभियां और आंटियां भी आहें भरती हैं.
मेरी इस तरह कि बिंदास बातों से कमरे में सेक्स का माहौल बनने लगा था.
अब फिर से खेल शुरू हुआ तो इस बार के राउंड में मैं जीत गया और चाची और मम्मी की तरफ देखने लगा.
चाची ने इठला कर पूछा- बोलो क्या चाहिए?
मैंने उन दोनों की चूत की तरफ देख कर आंख दबा दी.
चाची समझ गईं, उन्होंने अपनी सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया और टांगों से निकालते हुए मेरी मम्मी से कहा- दीदी आप भी अपनी सलवार उतारो न … अपना विक्की शर्मा रहा है.
उन दोनों ने मुझे अपनी अपनी सलवार दे दी.
मैंने देखा कि मम्मी और चाची ने छोटी छोटी सी पैंटी पहनी हुई थीं.
उन दोनों की जांघें बड़ी ही मस्त दिख रही थीं.
मैं चाची की जांघों को देखने लगा तो चाची ने बड़ी अदा से अपनी जांघ खुजला कर मुझे गर्म करना शुरू कर दिया.
मैंने अपनी नजरें अपनी मम्मी की जांघों की तरफ की तो उन्होंने अपनी कुर्ती से अपनी जांघें ढांक लीं.
अब फिर से खेल शुरू हो गया.
मैं फिर से जीत गया और इस बार मैंने उन दोनों से उनकी पैंटी मांगी.
उन दोनों ने अपनी अपनी पैंटी मुझे दे दी.
अब वो दोनों नीचे से नंगी हो गई थीं.
फिर से एक और राउंड हुआ और इस बार मैं हार गया.
चाची ने मेरी पैंट मांगी, तो मैंने उनको दे दी.
अगली बार मैं जीत गया और मैंने दोनों की कुर्तियां माँग लीं.
अब वो दोनों पूरी नंगी हो गई थीं और मुझे उनकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी.
फिर मैं अगले राउंड में हार गया और दोनों ने मेरी चड्डी मांग ली.
मैं उतारने वाला ही था कि चाची मेरे पास आ गईं और खुद उतारने लगीं.
उन्होंने मेरी चड्डी निकाल दी और दोनों रंडियां मेरे खड़े लंड को देख कर हैरान हो गईं.
मेरा लंड फूल कर अपनी औकात में आ गया था ये काफी लंबा और मोटा हो गया था.
चाची ने लंड देखते हुए कहा- बड़ा मस्त है.
मैं हंस दिया.
चाची अपनी चूचियां हिलाती हुई बोलीं- देखो अब अंतिम राउंड है.
मैंने कहा- काहे का अंतिम राउंड चाची … अब मुझसे और नहीं रुकना हो पाएगा.
मैं लंड हिलाते हुए उठा और चाची के मुँह में अपना लंड दे दिया.
चाची ने लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मम्मी मुझे लंड चुसवाते देख कर अपनी चूत को मसलने लगीं और चाची की चूत को चाटने लगीं.
दस मिनट बाद में चाची के मुँह में झड़ गया.
इसी बीच चाची और मम्मी भी अपनी चूत से पानी छोड़ चुकी थीं.
मैंने अपना लंड चाची के मुँह से बाहर निकाला और मम्मी के मुँह में दे दिया.
मैं अपनी मम्मी के मुँह को चोदने लगा.
जल्द ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने मम्मी को उल्टा लिटाया और उनकी गांड में एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड़ दिया.
चूंकि मम्मी की गांड पहले से खुली हुई थी, इसीलिए मैं जोर जोर से धक्के देने लगा था.
कुछ देर बाद मैंने मम्मी की गांड से लंड निकाल कर उनकी चूत में पेल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
मम्मी जल्द ही थक गईं और नीचे लेट गईं.
मैं अभी पूरे जोश में था. मैंने चाची को इशारा किया और खुद ही बेड के ऊपर लेट गया.
चाची मेरे ऊपर आ गईं और अपनी गांड को लंड में सैट करके ऊपर नीचे होने लगीं.
कुछ ही देर में चाची जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगीं.
मैंने कहा- चाची, गांड में बहुत हो गया, अभी मुझे आपकी चूत चाहिए.
चाची लौड़े से उठीं और अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर लगा कर ऊपर नीचे होने लगीं.
फिर हम दोनों ने आसन बदल लिया.
अब चाची को घोड़ी बना कर उनकी चूत में लंड ठोकने लगा.
उनके मम्मों को मैं जोर जोर से भींच रहा था और चुदाई का मजा ले रहा था.
करीब 15 मिनट के बाद मैं चाची की चूत में झड़ गया और नीचे लेट गया.
इस चुदाई में चाची अब तक तीन बार झड़ गयी थीं.
अब हम तीनों थक कर सो गए.
ऐसे ही हमारा ये खेल एक हफ्ते तक चला.
घर में हम सब नंगे ही घूमते थे.
मैं जिसकी चाहे उसकी चूत में लंड पेल कर उसे चोद देता था.
फिर चाचा घर आ गए और हम चारों मजा लेने लगे.
अब हम दोनों चाचा भतीजे मिलकर हर रोज़ ज्योति और स्वाति रंडी की चूत का भोसड़ा बनाते हैं.