हैलो दोस्तों, आज जो अपनी सच्ची कहानी मैं आप सबको सुनाने वाला हूँ उसके लिए मैं अपना नाम बदलकर शुभम रख रहा हूँ. कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना परिचय दे दूँ. मैं नोएडा से हूँ और एक कंपनी में मार्केटिंग का काम करता हूँ. मेरी उम्र 25 है. हाइट 5 फुट 6 इंच है. मैं देखने में भी सही हूँ. मैं और लोगों की तरह झूठ नहीं बोलूंगा कि मेरा लंड 8 इंच का है या चार इंच मोटा है. मेरा लंड आम भारतीय जवान मर्द के जैसे ही है. ये मैं जानता हूँ कि मेरा लंड किसी भी महिला को संतुष्ट कर सकता है.
मुझे लड़कियों भाभियों आदि की चुत चाटना बहुत पसंद है और चुत का पानी मुझे पीना बहुत ही ज्यादा पसंद है.
बहुत समय से मैं अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ता रहा हूँ … तो सोचा कि आज मैं आप सभी को अपनी एक मस्त और रसीली घटना आप लोगों के साथ शेयर करूं. ये घटना मेरी और मेरी पहली गर्लफ्रेंड के बीच हुई चुदाई की कहानी है.
ये कहानी आज से 3 साल पहले की है
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अंशी (बदल हुआ नाम) है, वो बहुत ही सुंदर माल है. जो भी उसको एक बार देख लेगा, तो उसकी चुदाई किया बिना नहीं मानेगा. और उसके फिगर की क्या बात करूं. उसका 30-28-32 का फिगर बहुत ही मस्त लगता है. अंशी का पहले भी एक बॉयफ्रेंड रह चुका है, ये मुझे पता था. वो उससे भी चुद चुकी थी.
अंशी के घर में उसके मम्मी पापा और एक बहन है, उसकी बहन भी बहुत बड़ी रंडी है. वो भी बहुत लोगों से चुद चुकी है.
उस वक्त उसकी उम्र 20 साल है हम दोनों एक ही कॉलेज में लेकिन अलग अलग क्लास में पढ़ते थे. हम दोनों एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे. हम लोग को जैसे ही मौका मिलता था, किस कर लिया करते थे या फिर मैं कभी कभी उसकी चूचियां दबा दिया करता था. हम दोनों ही सेक्स करना चाहते थे, पर कहीं जगह का जुगाड़ नहीं बन पा रहा था. हम दोनों की समझ में नहीं आ रहा था कि कहां पर अपनी आग बुझ सकेगी.
वो भी मुझसे बहुत बार बोल चुकी थी कि यार अब तो बर्दाश्त नहीं हो रहा है, कहीं कुछ इंतजाम करो.
मैं अपने किसी दोस्त से ये बात नहीं बोल सकता था और आग मुझे भी बहुत परेशान कर रही थी.
किसी ने सही बोला है कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं. यही कुछ मेरे साथ भी हुआ.
मेरे पेपर चालू हो चुके थे, तो मैं घर से कहीं जा भी नहीं सकता था. तभी मेरे घर वालों को भाई के लिए लड़की देखने जाना था, ये बात मुझे एक दिन पहले ही पता लग गई थी. मैंने एग्जाम का बहाना बना कर उनके साथ जाने से मना कर दिया.
घर वालों के दस बजे निकलते ही, मैंने अंशी को फोन करके बोला कि तुम मेरे घर आ जाओ, घर में कोई नहीं है. आज हम दोनों खूब प्यार करेंगे.
वो बोली- ठीक है मैं आती हूँ.
फिर वो मेरे घर 12 बजे बाद आई. मैंने उसे घर के अन्दर खींच लिया और उसके ऊपर टूट पड़ा. उसे खूब तेजी से अपनी बांहों में भरते हुए उसे चूमने लगा.
वो हंस कर बोली- यार आते ही शुरू हो गए … मुझे पानी तो पिला दो.
मैंने भी मजाक में बोल दिया- कौन सा पानी पियोगी?
वो बोली- मतलब?
मैंने कहा- मटके का पानी पीना है या सीधा नल से मुँह लगा पानी पियोगी?
वो समझ गई और हंस दी. मैं भी खूब हंसा. फिर मैं उसके लिए पानी ले कर आया.
फिर हम दोनों एक दूसरे को लिप किस करते रहे. आधा घंटे तक लिप किस ही करते रहे. फिर मैं उसका एक एक कपड़ा करके उतारने लगा. वो भी मेरे कपड़े उतारने लगी.
मेरे सामने वो आज पहली बार ब्रा पैंटी में खड़ी थी. मैंने उसको किस किया और उसकी ब्रा अलग करके उसकी चूची पीने लगा. मुझे उसका निप्पल खींचते हुए पीने में बहुत मजा आ रहा था. उसकी चूची को दबा दबा कर पीने में वो भी मस्त हो गई.
फिर मैंने उसकी पैंटी अलग करके उसको लिटा दिया और उसकी चुत चाटने लगा. उसकी चुत से थोड़ा थोड़ा पानी आने लगा था. अंशी की चुत के पानी का टेस्ट बहुत ही अच्छा था. मैं उसकी चुत की चुदाई अपनी मुँह से करता जा रहा था.
थोड़ी देर में वो अकड़ने लगी और उसने अपना पूरा पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया, जिसको मैं पी गया. उसके बाद मैंने उसकी चुत को चाट कर साफ कर दिया.
वो मस्ती से मेरे लंड की तरफ देखने लगी. मैंने बोला कि मेरा लंड मुँह में ले लो, पर वो लंड नहीं ले रही थी … साली लंड चूसने से मना कर रही थी.
मैंने बोला- कोई बात नहीं … बस तुम लंड को किस कर लो.
तो उसने मेरे टोपे में किस किया.
अब वो बोली- अब और देर नहीं करो … तुम अपना लंड मेरी चुत में पेल दो. मुझे बड़ी आग लगी है.
मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया और उसकी टांगें खोल दीं. फिर अपने खड़े लंड में कंडोम लगा कर उसकी चुत में रखा और एक तेजी से शॉट मार दिया.
अभी मेरा लंड चुत के थोड़ा ही अन्दर गया था कि वो चिल्लाने लगी. अंशी बोली- उई माँ … तेरा लंड बहुत दर्द दे रहा है … मुझे सेक्स वेक्स नहीं करना … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे छोड़ दो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं उसके होंठ चूसने लगा और एक तेजी से शॉट मारा, तो इस बार मेरा लौड़ा पूरा अन्दर चला गया.
वो फिर से बहुत तेज चिल्लाई, पर इस बार मेरे होंठ उसके होंठों से चिपके थे, तो उसकी आवाज मुँह से बाहर ही नहीं आई.
पूरा लौड़ा चुत में पेलने के बाद मैं थोड़ी देर के लिए यूं ही रुक गया और चुत की गर्मी का अहसास करने लगा.
कुछ पल बाद जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने कमर चलाना शुरू कर दिया.
अब तक उसको पूरा आराम मिल गया था. वो नीचे से अपनी गांड उछाल रही थी. मैं तेजी से शॉट मारने लगा.
वो- आह … बस धीरे करो जान … लग रही है … आह फक मी आआह …
मेरी गर्लफ्रेंड चिल्लाती रही और मैंने चुदाई चालू रखी.
थोड़ी देर में उसे बहुत मज़ा आने लगा और अब बोल रही थी- आह … और तेज करो … फाड़ डालो … मेरी चुत बहुत परेशान करती है … और तेज आआआह.
वो मस्ती से चीख रही थी, मैं तेजी से चुदाई क्रिया में लगा हुआ था. फिर थोड़ी देर में वो झड़ गई, मेरा भी निकलने वाला था. मैंने 5-7 शॉट तेज तेज मारे और मैं भी झड़ गया.
कंडोम लगा हुआ था, सो मैं उसी में ही निकल गया था. मैंने उसी से कंडोम निकलवाया और कंडोम में भरा लंड का पानी उसकी चूचियों पर डाल दिया.
मैं उससे बोला कि इससे अपने मम्मों की मसाज करो. उसने लंड के पानी को अपनी चूचियों में रगड़ा. फिर वो मेरे ऊपर लेट गई और किस करने लगी.
अंशी बोली- तुम बहुत बड़ी कमीने हो, पहली ही बार में अपना पानी ऊपर डाल दिया.
मैंने भी मज़ा लेकर बोल दिया- ये तो कहो कि ऊपर ही डाला है, कहीं अन्दर डाल देता … तो तुम 9 माह बाद एक बच्चा निकाल देतीं.
फिर हम दोनों हंसने लगे. हम दोनों ने एक बार और चुदाई की.
मेरा 69 में करने को बहुत दिल करता है, तो मैंने ये उसे बोला.
वो बोली- तुम चुत चाट लेना, पर मैं लंड मुँह में नहीं लूंगी.
मेरी थोड़ी जिद करने पर वो मान गई. हम दोनों 69 की पोजीशन में करने लगे. मुझे उसकी चुत चाटने में बहुत मज़ा मिल रहा था. वो अपनी कमर चलाती जा रही थी और मैं जीभ से उसकी चुत चाट रहा था. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर जब वो उत्तेजित हो गई, तो बोली- अब जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाल दो … नीचे बहुत आग लगी हुई है इसे बुझा दो.
मैंने उसको फिर से चोदना शुरू कर दिया और इस बार बहुत तेजी से चुदाई चलने लगी. उसे भी लंड लेने में मजा आ रहा था और मुझे उसकी चुत चुदाई का मजा आ रहा था.
वो बोले जा रही थी- बस करते रहो … आह … रुकना नहीं.
हम दोनों बहुत मज़े ले लेकर चुदाई कर रहे थे, तभी पता नहीं किया हुआ कि दोनों एक साथ झड़ गए. झड़ने के बाद थोड़ी देर तक हम दोनों ने आराम किया. उसकी चुत में तेज दर्द हो रहा था.
मैंने उसे बगल की दराज से एक पेनकिलर निकाल कर दे दी. हम दोनों नंगे ही लेटे रहे.
वो मेरी टांगों पर अपनी टांगें रख कर मुझसे लिपटी हुई थी. मैं भी उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसे मजा दे रहा था. उसकी चूचियों को सहलाते हुए मैं कभी कभी उसके निप्पल पकड कर मींज देता, तो वो एकदम से सिस्कार देती … और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए कहने लगती- कैसे नोंच रहे हो … लगती है न.
मैं भी हंस कर उसे चूम लेता.
हम दोनों इस समय सिर्फ चुदाई के मजे की बात कर रहे थे. वो मुझसे अपनी चुदाई में हुए दर्द को लेकर बता रही थी कि कई दिनों बाद लंड अन्दर लिया है न … इसलिए दर्द ज्यादा हुआ.
मैंने उससे उसकी पहले हुई चुदाई के लिए कुछ नहीं पूछा. मैं उसको उसके पुराने यार की याद नहीं दिलाना चाहता था.
अब समय भी बहुत होता जा रहा था, तो हम दोनों ने नहाने की सोची. हम दोनों नंगे ही उठे और एक दूसरे से चिपके हुए ही बाथरूम में घुस गए. वहां पर दोनों ने अपने आपको साफ किया.
उसी बीच एक बार फिर से हम दोनों का मन हो गया. मैंने कहा- जान इस बार गांड की तरफ से चोदने का मन है.
वो मेरी तरफ देखते हुए शंका से कहने लगी- पीछे वाले में मत करना.
मैंने कहा- हां डार्लिंग … बस पीछे से तेरी चुत में लंड पेल कर चुदाई करूंगा.
वो राजी हो गई.
इस बार मैंने उसे घोड़ी बना कर उसकी चुत चुदाई की. अब की बार हमारी चुदाई करीब 20 मिनट से भी ज्यादा देर तक चली. इस बार भी मैंने उसकी चुत में ही अपना पानी डाल दिया था. लंड चुत साफ करके हम दोनों ने नहाया और अपने अपने कपड़े पहन लिया.
अंशी बोली- तुमने तो अपना माल मेरे अन्दर ही डाल दिया है, अगर मुझे कुछ हो गया तो?
मैंने उसे रुकने का कहा और बाहर मेडिकल स्टोर से उसको गर्भनिरोधक गोली लाकर दे दी.
उसके बाद वो घर चली गई.
उसके बाद भी हम दोनों मिलते रहे, हम दोनों बस किस कर पाते थे या वो मेरे लंड को मसल देती थी और मैं उसकी चूचियां मींज देता था. बस यही सब चलता रहा.
उसके बाद एक बार मैंने उसको अपने दोस्त के घर में भी चोदा, ये कहानी मैं आपको आगे बताऊंगा.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, ये जरूर बताइएगा. मैं आपके मेल का इंतजार करूंगा.
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धन्यवाद.