हेलो दोस्तों, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. प्यार से लोग मुझे राज कहते हैं. जब ये घटना हुई थी तब में उन्नीस साल का था. मेरे पिताजी एक बिजनेसमैन हैं. ये ममेरी बहन की चुदाई कहानी पूरी तरह से काल्पनिक सोच पर आधारित है.
मैं गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए कुछ दिन अपने मामा के घर जाने वाला था. मेरे मामा मुंबई में रहते हैं. मैंने अपने मामा के घर मुंबई जाने के लिए दिल्ली से फ्लाईट ली थी. मेरे मामा के घर में सिर्फ तीन लोग ही रहते थे. मेरे मामा, मामी और उनकी बेटी आलिया.
आलिया की उम्र 24 साल थी, यानि वो मुझसे पांच साल बड़ी थी. आलिया दिखने में बहुत सुंदर, हॉट और मॉडर्न ख्यालात वाली लड़की थी.
मैं और आलिया बहुत अच्छे दोस्त थे. मुझे आलिया बहुत ज्यादा पसंद थी. जब भी मुझे छुट्टियों में फ्री रहना का मौका मिलता, तब या तो मैं वहां चला जाता या आलिया दिल्ली आ जाती थी.
उस दिन तकरीबन शाम के सात बजे मैं मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंच गया था. जहां आलिया मेरा इन्तजार कर रही थी.
जैसे ही मेरी नजर आलिया पर पड़ी, मेरे पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई. सच में आलिया इस समय इतनी हॉट लग रही थी, मानो अभी मैं उसको प्रपोज कर डालूं. लेकिन वो मुझे एक अच्छा दोस्त समझती थी, इसीलिए मैंने कभी प्रयास नहीं किया. आज उसको इस तरह से देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था. इस बार मैंने ठान ली थी कि आलिया को अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रहूँगा. मेरी नजर उसके हॉट फिगर और तने हुए मम्मों पर ही टिकी थी.
हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे और मैं अपने बैग के साथ उसके पास चला गया. वो मेरी तरफ बढ़ी, तो मैंने अपनी बाँहें फैला दीं. हम दोनों गले मिलते हुए एक दूसरे से लिपट गए.
आलिया- कैसे हो मेरे राजा!
मैं- एकदम बढ़िया … आप कैसी हो?
आलिया- फर्स्टक्लास.
आलिया मुझे प्यार से राजा कहकर बुलाती थी और मुझसे आलिया बड़ी होने पर भी मैं उनको प्यार से आलिया कहकर बुलाता था. चूंकि आलिया मेरी बैस्टफ्रेंड भी थी.
फिर मैं कार के डिक्की में बैग रखकर आगे सीट पर बैठ गया. उसने कार को गति दे दी और हम दोनों वहां से निकल गए.
आलिया बड़ी मस्त कार चला रही थी. आलिया के पास ऑडी कार थी. मेरे मामा जी भी काफी बड़ा बिजनेस कर रहे थे.
आलिया- कैसा गया एक्जाम?
मैं- हमेशा की तरह बेहतर … वैसे आज आप बहुत सुंदर लग रही हैं.
आलिया- थैंक्स!
मैं- इन छुट्टियों में क्या प्लान है?
आलिया- मॉम-डेड एक हफ्ते के लिए दुबई जा रहे हैं. वे उधर अपने दोस्त के बेटे की शादी में जा रहे हैं … और कुछ बिजनेस की मीटिंग भी हैं … इसलिए हम मुंबई ही रहेंगे … मॉम-डेड के आने के बाद देखते हैं.
घर में अकेले रहने की बात सुनकर मैं अन्दर से बहुत खुश था, क्योंकि पहली बार मुझे बेहतरीन मौका मिलने वाला था.
फिर हम एक-दूसरे से इधर-उधर की बातें करने लगे. हम दोनों करीबन आधे घंटे बाद घर पहुंच गए थे.
आलिया ने हॉर्न दिया, तो वाचमेन ने गेट खोल दिया और कार फिसलती हुई अन्दर चली गई. वहां एक ऑडी और एक मर्सिडीज पहले से ही खड़ी थीं.
हम दोनों कार से उतर आए, मैंने अपना बैग निकाला और हम दोनों साथ में घर में अन्दर आ गए.
मैं आपको बता दूं कि आलिया का घर कोई साधारण घर नहीं था. मुंबई जैसी जगह में उसकी दो मंजिला कोठी थी. वहां मामा हॉल में सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहे थे और मामी किचन में खाना आदि का देख रही थीं. वैसे तो यहां काम करने के लिए एक मेड आती थी, लेकिन वो एक महीने की दो हफ्ते की छुट्टी लेकर अपने गांव गयी थी.
मैंने मामा से नमस्ते की, तभी मामी भी हॉल में आ गईं. मैंने मामी जी को भी नमस्ते बोली और मैं वहीं आलिया के साथ सोफे पर बैठ गया.
मामी- कैसा है?
मामी की बोली में मुम्बई की भाषा का पुट था.
मैं- ठीक हूँ.
मामी- जा तू फ्रेश हो जा … तब तक खाना भी तैयार हो जाएगा.
मैं- ओके..
फिर मैं दूसरी मंजिल पर बने गेस्टरूम में अपना बैग लेकर आ गया. ये कमरा आलिया के रूम से लगा हुआ था. मैं अपने कपड़े लेकर नहाने के लिए बाथरूम चला गया.
बाथरूम के फुहारे के नीचे पानी की ठंडी बूंदों में मैं नंगा खड़ा था. इस वक्त आलिया की चूचियां मेरी आँखों में नाच रही थीं. मैं लंड हिलाता हुआ आलिया को चोदने के सपने देखने लगा.
तभी आलिया की आवाज आई- राजा खाना लग गया है … जल्दी से आ जा.
मेरी तंद्र भंग हो गई और मैं अपने लंड की मुठ मारने से वंचित रह गया.
फिर कुछ मिनट बाद में नहाकर बाहर आ गया. मैं तैयार होकर रूम से बाहर निकल कर आलिया के पास जाकर बैठ गया.
मामा- कैसे गए एक्जाम?
मैं- एकदम मस्त.
मामा- गुड!
तभी मामी की आवाज सुनाई दी- आलिया इधर आना!
“जी … आई मॉम!”
आलिया मॉम के पास चली गई और खाने को लाकर डाइनिंग टेबल पर रखने लगी. हम चारों एक साथ बैठकर खाना खाने लगे. मैं आलिया के पास बैठा था.
हम खाना खाते हुए बात कर रहे थे.
खाना खत्म करके हम सभी सोफे पर बैठ गए. मामी मामा कुछ देर बाद अपने कमरे में चले गए. मामा-मामी को सुबह जल्दी फ्लाईट से जाना था, इसीलिए वो दोनों सो गए.
करीबन दस बजे तक हम दोनों टीवी देखते रहे. फिर आलिया उठी और नहाने चली गई, उसको रात में नहा कर सोने की आदत थी.
मैं टीवी पर मूवी देखते हुए सोच रहा था कि कल से मैं और आलिया अकेले होंगे, क्योंकि कल से घर पर कोई नहीं होगा. ड्राईवर भी छुट्टी पर जा रहा था. चूंकि मामा-मामी दुबई जा रहे थे, इसलिए उसने पहले ही छुट्टी ले ली थी.
घर के बाहर सिर्फ वाचमैन ही रहेगा, जिसकी कोई चिंता नहीं थी. यानि मेरे लिए एक गोल्डन अवसर था. आलिया का कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं था और मेरा एक साल पहले अपनी गर्लफ्रेंड के ब्रेकअप हो गया था. वैसे मेरी गर्लफ्रेंड बहुत सुंदर थी, लेकिन उसके पिता को पता चलने पर उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड का कॉलेज ही चेंज करवा दिया था और साथ में मुझसे मिलने के लिए मना कर दिया.
अब आलिया को कैसे पटाऊं, मैं उसके बारे में ही सोच रहा था.
तभी आलिया शॉर्ट्स पहनकर मेरे पास आ गई. आलिया को शॉर्ट्स में देखकर मेरा लंड हल्का सा गुर्राने लगा और खड़ा होने लगा था. आलिया की इस हॉट फिगर को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि अभी उसके मम्मों को दबा डालूं और उसको अभी चोद डालूं.
आलिया को ऐसे देखकर मेरी नियत बिगड़ रही थी. फिर भी मैं अपने आपको कन्ट्रोल कर रहा था.
करीब बारह बजे तक हम दोनों मूवी देखते हुए बातें करते रहे. फिर हम दोनों सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए.
मैं कमरे में आकर सीधा बाथरूम में चला गया और आलिया के हॉट फिगर के बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.
दस मिनट बाद मैं शांत होकर बिस्तर पर आ गया और सो गया.
सुबह के आठ बजे जब मैं सो रहा था, तब आलिया मुझे उठाने के लिए आई.
आलिया मुझे उठाने के लिए आवाज लगाई- ओ मेरे प्यारे राजा … अब उठ जा … सुबह के आठ बज गए हैं, हमें शॉपिंग करने जाना है.
मैं नींद में था … मुझे होश ही नहीं था. मैंने आंख मलते हुए कहा- हां मेरी प्यारी रानी … अभी उठता हूँ.
मेरी इस बात पर आलिया हंसकर चली गई.
आलिया- चल उठ जा … मैं नाश्ता बनाती हूँ.
मैं उठकर फ्रेश होने के लिए चला गया. करीबन आधे घंटे बाद मैं तैयार होकर बाहर आ गया. मैं डाइनिंग टेबल पर बैठकर इंस्टाग्राम यूज कर रहा था. तभी आलिया नाश्ता लेकर आई.
मैं- गुड मॉर्निंग..
आलिया- गुड मॉर्निंग..
फिर हम दोनों एकसाथ नाश्ता करने लगे. मेरी नजर उसके कातिलाना मम्मों पर ही टिकी थी.
मैं- आज का क्या प्लान है.
आलिया- पहले शॉपिंग करेंगे, फिर घूमेंगे.
कुछ देर बाद आलिया अपना नाश्ता खत्म करके नहाने चली गई और मैं नाश्ता करते हुए इंस्टाग्राम यूज करता रहा. इस समय मैं सोच रहा था कि अभी आलिया के रूम में जाकर उसके बाथरूम में घुस जाऊं और आलिया को चोद डालूं.
सच में आलिया इतनी हॉट थी, जो भी उसको एक बार देख लेगा, वो जरूर सोचेगा कि काश ये लौंडिया मेरी गलफ्रेंड होती.
अब तक मैंने भी नाश्ता खत्म कर लिया था. मैं सोफे पर बैठ कर फोन यूज कर रहा था … तभी आलिया तैयार होकर आ गई, मैं आलिया को देखता ही रह गया.
आलिया- क्या देख रहे हो?
मैंने मुस्कराते हुए कहा- काश आप मेरी गलफ्रेंड होतीं.
आलिया ने मजाक करते हुए कहा- क्या मैं तुमको इतनी पसंद हूँ.
मैं- अपनी जान से भी ज्यादा!
आलिया- हा हा … अब चलें?
मैं सोफे से खड़ा हो गया. फिर हम दोनों साथ में चल दिए. हम दोनों कार में बैठकर बाहर निकल आए, वाचमैन ने गेट खोल दिया. आलिया ड्राइव कर रही थी. मुझे अभी आलिया को किस करने का मन हो रहा था.
फिर हम दोनों एक मॉल की पाकिॅग में आ गए. उसने कार पार्क कर दी और शॉपिंग के लिए मॉल में घुस गए. हम दोनों की हाइट भी बिल्कुल सेम थी और मैं जिम भी करता था. हम दोनों को एक साथ देखकर कोई भी यही सोचेगा कि ये दोनों ब्वॉयफ्रेंड-गलफ्रेंड हैं, लेकिन फिलहाल तो हम एक अच्छे दोस्त भर थे.
कुछ देर हम दोनों शॉपिंग करते कॉफ़ी शॉप पर रुक गए, वहां कॉफ़ी पीने लगे. शॉपिंग होने के बाद हम कार लेकर वहां से निकल गए. वहां से निकल कर हम मुंबई घूमते रहे और फोन में फोटो लेते रहे.
जब मैं अपने फोन से सेल्फी लेता था, उस दौरान आलिया मेरे बहुत नजदीक आ जाती थी. एक बार वो मेरे इतने करीब आ गई थी कि उसके चूचे मुझे छूने लगे थे. उस वक्त मुझे एक अलग ही फीलिंग होने लगी थी. कुछ ही देर में ऐसा कई बार हो चुका था. आज से पहले में ऐसा कभी नहीं सोचता था. मैंने ठान लिया था कि आज तो मैं आलिया को प्रपोज करके ही रहूँगा.
जब एक जगह हम दोनों साथ साथ हाथों में हाथ डाले घूम रहे थे, तब एक जगह पर फूल वाले की दुकान थी.
मैंने आलिया को पता चले बिना ही, एक गुलाब खरीद लिया और कार में छुपा दिया.
इस मौसम में मुंबई में गर्मी भी बहुत थी.
हम पूरे दिन घूमते रहे, शाम को हमने एक अच्छे से होटल में डिनर किया और घर आने के लिए निकल आए.
आलिया कार चला रही थी, म्यूजिक बज रहा था. मैं मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए मुंबई का नजारा देख रहा था. करीबन एक घंटे बाद हम दोनों घर पहुँच गए थे. अभी वहां दूसरा वाचमैन खड़ा था क्योंकि पहले वाले की ड्यूटी खत्म हो गई थी.
हम दोनों कार से उतरे और बैग लेकर अन्दर आ गए.
मैं- आलिया आपके लिऐ एक खास सरप्राइज है, जिसके लिए आपको अपनी आंखें बंद करनी पड़ेंगी.
आलिया- क्या है?
मैं- आप आंखें बंद करें … मैं अभी आया.
आलिया ने अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैं कार के पास जाकर उसमें छुपाया गुलाब बाहर निकाल लाया और पीछे करते हुए अन्दर आ गया.
मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था, क्योंकि मैं बहुत बड़ा कदम उठाने जा रहा था. आलिया को अपनी गलफ्रेंड बनाना मुश्किल था. मुझे पता था कि वो मना कर देगी, लेकिन इस बात का विश्वास था कि वो अपने पेरेन्टस को नहीं बताएगी. हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और यही सोच कर मैंने पूरा प्लान बना लिया था.
जब मैं अन्दर आया, तब आलिया आंख बंद करके खड़ी थी. मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया.
मैं- अब तुम अपनी आंखें खोल सकती हो.
आलिया ने अपनी आंखें खोल दीं और मैंने उसी समय गुलाब आगे करके प्रपोज कर दिया.
मैं- आई लव यू.
आलिया ने चौंकते हुए कहा- ये क्या मजाक कर रहे हो?
मैं- आई एम सीरियस.
आलिया- तुम पागल हो गए हो क्या!
मैं- नहीं, मुझे तुम बहुत पसंद हो, मैं तुम्हें अपनी गलफ्रेंड बनाना चाहता हूँ.
आलिया- ये तुम क्या बोल रहे हो, मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा है.
मैं- क्यों … मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ?
आलिया- राज ऐसी बात नहीं है … मुझे तुम पसंद हो, तुम हैंडसम हो, लेकिन में तुम्हारी गलफ्रेंड नहीं बन सकती.
मैं- क्यों?
आलिया- समझो यार … अगर हमारे पेरेन्टस को पता चल गया, तो ठीक नहीं होगा … फिर मैं तुमसे पांच साल बड़ी भी हूँ.
मैं- जब पता चलेगा, तब देखा जाएगा. वैसे भी प्यार उम्र देखकर थोड़ा होता है.
आलिया- तुम कुछ भी कह लो, लेकिन ये सम्भव नहीं है … सॉरी राज मैं तुम्हारी गलफ्रेंड नहीं बन सकती.
आलिया की बात सुनकर मैं थोड़ा मायूस हो गया और गुस्से में गुलाब फेंककर अपने कमरे में चला गया और मैंने अन्दर से कमरे को बंद कर लिया.
तभी आलिया मेरे दरवाजे पर दस्तक देने लगी- राज … दरवाजा खोल.
मैंने गुस्से में कहा- मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है.
आलिया फिर से दरवाजे पर दस्तक देने लगी- राज दरवाजा खोल, वरना मैं तुम्हारे पापा को कॉल करती हूँ.
मैंने दरवाजा नहीं खोला.
आलिया चली गई, मुझे यकीन था कि वो कॉल नहीं करेगी. मुझे ये भी पता था कि वो मेरे प्रपोजल को नहीं स्वीकारेगी. इसलिए मैंने उससे रूठने का नाटक किया था. कल जब मैं उससे बात नहीं करूंगा, तब आलिया मुझे मनाने की कोशिश करेगी और आखिरकार मेरी नाराजगी देखकर वो जरूर हां कह देगी.
अब वो दिन दूर नहीं था, जब आलिया को मैं अपनी बांहों में लेकर उसके होंठों पर किस करूंगा.
मैं कुछ देर सोचता हुआ आराम से सो गया और सुबह का इन्तजार करने लगा.
अगले भाग आप पढ़ेंगे कि कैसे आलिया मेरे प्रपोजल को स्वीकार कर लेती है और फिर हम दोनों के बीच रोमांस शुरू होता है. इस मदमस्त रंगीन कहानी में सेक्स का इतना धीमा मजा है कि लंड और चुत पल पल गीले होते रहेंगे.
मेरी इस बहन की चुदाई कहानी पर आपके मेल का मुझे इन्तजार रहेगा.
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कहानी जारी है.