नमस्ते, आप सभी को मेरी भानजा मामी सेक्स कहानी मामी भांजे की चुदाई की देसी कहानी पसंद आयी, उसके लिए बहुत धन्यवाद.
मेरी अगली सेक्स कहानी, मेरी प्यारी मामी के साथ की ही है. उन हसीन पलों के बाद मामी और मैं फिर से मिले और जी भर के प्यार किया.
फिर मैं अपने काम के लिए शहर चला आया. उसके एक साल बाद मैंने अपनी फैमिली को भी यहां शिफ्ट कर लिया.
अब मुझे मामी जी से मिले दो साल हो गए हैं. उनके मम्मे और उनकी सुगंध आज भी दिमाग में आ जाती है तो बस मत पूछिये.
मगर अब कुछ कर नहीं सकता था.
दिल में मामी को चोदने की कल्पना करके अपने लंड की मुठ मार लेता था.
फिर एक दिन किस्मत ने मेरी सुन ही ली.
एक दिन मामाजी का फोन आया और उन्होंने बोला कि वो और मामी किसी काम से शहर आ रहे हैं.
मेरी माताजी तो ये खबर सुनकर बहुत खुश हो गईं. आखिर वो भाई बहन जो थे.
पर मैं सिर्फ अपनी मामी के लिए ही खुश था.
मैंने तुरंत मामी को मैसेज किया और उधर से सिर्फ दिल वाला निशान ही आया.
मैं इससे ही खुश हो गया.
फिर वो दिन भी आ गया, जब मामा मामी हमारे घर आए.
मम्मी उन दोनों को देखकर बहुत खुश हुईं और मैं सिर्फ मामी को देखकर खुश था.
वो दोनों थोड़ी देर बैठे ही थे कि माताजी और मामाजी पास में एक मंदिर जाने का मन बनाने लगे.
मामा ने मुझसे साथ चलने को कहा.
मैंने कहा- आप लोग हो आइए मुझे थोड़ा काम है.
मामा बोले- ठीक है, तेरी मामी भी घर पर आराम कर लेगी.
फिर माताजी और मामाजी घर से निकल गए.
उनके जाते ही मामी कहने लगीं- मैं नहा लेती हूँ.
मैंने उनकी तरफ प्यार से देखते हुए कहा- ठीक है, आओ मैं आपको वाशरूम दिखा देता हूँ.
मैं उनका सामान अपने कमरे में रखने चला गया. मामी मेरे पीछे आईं और कहने लगीं- मुझे अपने बैग में से कपड़े निकालने हैं.
मैंने बोला- हां ले लीजिए.
वो जैसे ही बैग के लिए आगे बढ़ीं, मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर चुंबन करने लगा.
मामी आह भरते हुए कहने लगीं- इतनी देर से क्यों तड़पा रहे थे?
मैंने कहा- बस अब नहीं तड़फाऊंगा मेरी जान.
मैंने तुरंत घर का मुख्य दरवाजा बंद किया, फिर अपने रूम का दरवाजा बंद कर लिया. ताकि कोई आ भी जाए तो हम दोनों को संभलने का मौका मिल सके.
मैंने मामी को अपनी बांहों में लेकर चुंबन करना शुरू कर दिया.
उनके बदन को चूमते हुए मैंने उनको बिस्तर पर धक्का दे दिया.
मामी बिस्तर पर गिरीं, तो मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए.
अब वो सिर्फ काले रंग की ब्रा और पैन्टी में मेरे सामने चित पड़ी थीं. मामी का गोरा बदन काले रंग की ब्रा पैंटी में अलग ही चमक रहा था.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन को चाटने लगा. फिर मैंने उनकी ब्रा और पैन्टी भी निकाल दी और खुद नीचे जाकर उनकी चूत चाटने लगा.
मामी की चुत एकदम साफ़ थी, झांटों का नामोनिशान तक नहीं था.
मैंने मामी की ओर देखा, तो उन्होंने कहा- तुमसे मिलने की आस में सब कुछ रेडी करके आई हूँ.
मैं उनकी चुत को फिर से चाटने लगा और अपने हाथों से उनके मम्मे दबाने लगा.
आज दो साल बाद भी मामी का बदन इतना खूबसूरत था कि जन्नत की हूर भी उनकी खूबसूरत जवानी देख कर शर्मा जाए.
मैंने मामी को पीछे पलट दिया और उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए ऊपर आता चला गया.
उनके बदन को अच्छे से अपने नीचे करके पीछे से उनकी चूत में मैंने अपना लंड डाल दिया.
मामी के मुँह से कामुक आवाजें आने लगीं.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही उनको चोदता रहा, फिर मैंने उनको आगे पलटा दिया और उनके मम्मे पीते हुए उनको चोदने लगा.
कोई 20 मिनट तक हम ऐसे ही भानजा मामी सेक्स में लगे रहे, फिर मैंने अपना काम रस उनकी चूत के बाहर ही छोड़ दिया.
आप लोग तो जानते ही हैं कि मामी को ऐसे ही रस लेना पसंद है.
फिर हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए नहाने चले गए.
जब तक माताजी और मामाजी नहीं आए, हम दोनों ऐसे ही प्यार से एक दूसरे के साथ बैठे रहे और चुंबन करते रहे.
कुछ समय में मामाजी और माताजी भी आ गए.
फिर पूरी फैमिली ने मिलकर खाना खाया और बहुत सारी बातें होती रहीं.
तभी मामाजी मुझसे बोले- मुझे अपने एक मित्र के साथ बिजनेस के सिलसिले में मिलने जाना है. तुम अपनी मामी जी को शहर घुमा दो.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने माताजी को पूछा तो उन्होंने बोला- शाम को मंदिर में सोसायटी का प्रोग्राम है … मैं वहां जाऊंगी. तुम ही अपनी मामी को घुमा लाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
शाम को मैं और मामी जी तैयार होकर बाहर जाने लगे.
जब मामी जी तैयार होकर आईं, तो मैं उन्हें देखता ही रह गया.
मामी ने ब्लू जींस और पिंक टॉप पहना था. पहली बार आज मैंने मामी को जींस और टॉप में देखा था.
ऊपर से उनका गोरा बदन मानो बिजली गिरा रहा था.
हम दोनों जैसे ही लिफ्ट से नीचे जाने लगे, तो मैंने उनके दूध दबा दिए और होंठ पर एक चुंबन कर दिया.
वो इठला कर बोलीं- ये क्या था?
मैंने कहा- बस आप पर प्यार आ रहा था.
वो हंसने लगीं और उन्होंने भी मुझे चूम लिया.
मामी बोलीं- कमल, मुझे तुमसे कुछ चाहिए है.
मैंने कहा- बिंदास मांग लो, आपके लिए तो मेरी जान भी हाजिर है.
मामी ने झट से मेरे होंठों पर अपनी हथेली रख दी और बोलीं- शुभ शुभ बोला करो.
मैंने उनकी हाथ अपने हाथों में लिए और उनकी आंखों में प्यार से देख कर पूछा- बोलो मेरी जान … मैं क्या दे सकता हूँ?
मामी ने आंख दबाते हुए कहा- दो बूंद जिन्दगी की.
मैं समझ गया लेकिन मैंने उनसे कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था कि लिफ्ट रुक गई.
मैं मामी का हाथ पकड़ कर बाहर आ गया.
इसके बाद हम दोनों में इधर उधर की और प्यार मुहब्बत की बातें होती रहीं. मैंने उन्हें शहर में थोड़ा इधर-उधर घुमाया.
फिर मामी का मूवी देखने का मन हुआ, तो हम दोनों मूवी देखने चले गए.
मूवी काफी रोमांटिक थी, तो हम दोनों का ही मूड बन रहा था, पर वहां कुछ हो नहीं सकता था.
फिर हम दोनों मॉल में आ गए और हमने शॉपिंग की. मैंने मामी जी के लिए तीन ड्रेस पसंद किए, उन्होंने भी मुझे कपड़े दिलाए.
कुछ देर बाद मैंने मामी से कहा- आप इधर ही रुको, मैं टॉयलेट होकर आता हूँ.
मैं टॉयलेट जाने के बहाने से अलग हुआ और उस मॉल के वेडिंग स्पेशल सेल में चला गया.
वहां एक खूबसूरत सा लहंगा चुनरी टंगा हुआ था.
मैंने उसे खरीद लिया और पैक करवा कर ले आया.
जब मैं आया, तो मामी ने मेरे हाथ में बैग देखा. वो पूछने लगीं कि ये क्या ले लिया है?
मैंने कहा- कुछ स्पेशल लिया है. पर अभी नहीं, कमरे में चल कर बताऊंगा.
मामी मेरी तरफ जरा कौतूहल भाव से देखने लगीं, तो मैंने उन्हें आंखों से ही आश्वस्त किया और उन्हें चुप करा दिया.
फिर हम दोनों हाथ पकड़े एक दूसरे के साथ घूमने लगे; रेस्तरां में खाना खाने गए.
तभी बरसात होने लगी और घूमते हुए रात भी होने लगी थी.
हम दोनों भीग भी गए थे.
हम दोनों घर से दूर थे, मैंने सोचा बरसात में घर पहुंचना मुश्किल रहेगा और रात भी हो गई है.
मैंने मामी जी को समझाते हुए कहा- हम पास में कोई होटल में रुक जाते हैं.
वो मेरा मतलब तो समझ गई थीं, पर झिझक रही थीं.
मैंने कहा- मैं घर पर बता देता हूँ.
उन्होंने कहा- ठीक है.
फिर मैंने घर पर कॉल करके बता दिया कि हम दोनों सुबह आएंगे, बारिश होने से आने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है.
मेरी माता जी ने भी हां कह दी और हम एक होटल में रूम लेकर रुक गए.
हम होटल के रूम में जैसे ही अन्दर गए, तो मैंने अपने गीले हो चुके कपड़े निकाल दिए और मामी जी ने अपने कपड़े निकाल दिए.
हम दोनों साथ में ही नहा लिये. अब मैंने कमरे की रोशनी को हल्की कर दिया.
मैंने मामी को गोद में लेकर बेड पर लेटा दिया. उनके बालों को खोल दिया.
उनके हाथों में चूड़ियां खनक रही थीं. मैंने उनको भी निकाल दिया, उनके बदन को हर जगह चूमने लगा.
मैंने चूमते हुए मैंने उन्हें ‘आई लव यू ..’ बोला, उन्होंने भी मुझे ‘लव यू टू ..’ बोला.
सच बताऊं तो मुझे मामी को चूमना और चाटना बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने उन्हें हर जगह चूमा और उनके मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
फिर उनके पैरों के बीच में जगह बनाकर मैं अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा और उनके नर्म नर्म होंठ चूमता रहा.
मैंने बहुत आराम से उनको चोदना चालू किया और काफी देर तक उनको चोदता रहा.
बारिश में भीगने के कारण हम दोनों जितने ठंडे हुए थे, इतना सेक्स करने के बाद हम उससे भी ज्यादा गर्म हो गए थे.
फिर हम दोनों साथ में झड़ गए और साथ में लेट गए. मैंने अपना रस उनके पेट पर ही निकाल दिया था.
मामी बोलीं- मैंने तुमसे कुछ मांगा था, याद है न!
मैंने बोला- हां मैंने भी कहा था कि आपके लिए मेरी जान भी हाजिर है.
वो बोलीं- तुमसे मुझे एक बच्चा चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है. मगर मेरी एक इच्छा है.
मामी ने पूछा- क्या इच्छा है?
मैंने कहा- मैं आपको दुल्हन के रूप में भोगना चाहता हूँ और पूरे मन से आपको दो बूंद जिन्दगी की देना चाहता हूँ.
मामी हंस दीं और बोलीं- अच्छा तो तुम मेरी मनोकामना उसी समय समझ गए थे!
मैंने कहा- हां जी … और उसी के बाद मैंने आपके लिए वो गिफ्ट खरीदा था.
उस समय मामी को याद आया कि मैंने बैग में कुछ लिया था.
वो जल्दी से बैग की तरफ देखने लगीं और बोलीं- क्या है इसमें?
मैंने कहा- बैग खोल कर देख लो.
मामी ने बैग खोला तो उसमें दुल्हन के लिबास के लिए लाल रंग का लहंगा चुनरी और उसके साथ कुछ मेकअप का सामान था.
मामी ये सब देख कर खुश हो गईं. फिर मेरी बांहों में खुद को समर्पित करते हुए बोलीं- आई लव यू कमल.
मैंने भी मामी को चूमा और कहा- लव यू टू जान.
अब मैंने मामी से कहा- अब आप बाथरूम में जाकर जल्दी से मेरी दुल्हन बन कर आ जाओ. फिर मैं तुम्हें दो बूंद जिन्दगी की दे देता हूँ.
मामी किलकारी भरती हुई लहंगा चुनरी और बाकी का सामान लेकर बाथरूम में चली गईं.
बीस मिनट बाद मामी बाथरूम से एक नई नवेली दुल्हन के लिबास में घूंघट निकाले हुए मेरे सामने आईं.
मैं उन्हें देख कर खुश हो गया.
मामी बेड पर दुल्हन की तरह घुटने ऊपर करके बैठ गईं. मैं उनके करीब गया और और उनका घूघंट उठाने लगा.
तो मामी बोलीं- मेरी मुँह दिखाई तो दो!
अब मैं अचकचा गया.
फिर मैंने अपने गले की जंजीर उतारी और मामी को पहनाने लगा.
मामी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया.
मैंने उनकी तरफ देखा तो मामी ने कहा- ये नहीं … अपना स्पेशल इंजेक्शन लगा दो.
तो मैंने कहा- दो बूंद जिन्दगी वाला!
मामी हंस पड़ी.
मेरी मामी मुँह दिखाई में लंड देखना चाह रही थीं.
मैंने उनका घूंघट उठाया और उनके होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया. हम दोनों प्रेम के सागर में डूबते चले गए.
कुछ पल बाद उन्होंने बताया- तुम्हारे मामाजी बिजनेस के लिए विदेश जाकर रहने का बोल रहे हैं. तब ये बच्चा मेरे लिए तुम्हारी याद बन जाएगा.
मामी के विदेश जाने की बात सुनकर मुझे थोड़ा बुरा लगा, परंतु मैंने मामी जी की बात मान ली.
उस रात चार बार भानजा मामी सेक्स हुआ. और हर बार मैंने अपना लंड चुत में खाली किया और मामी की चुत को दो बूंद की जगह चार चम्मच वीर्य पिला दिया.
सुबह हम दोनों घर आ गए.
वहां मामाजी ने भी वही विदेश जाने की बात बताई.
कुछ दिनों बाद मुझे मामी का मैसेज आया, इसमें उन्होंने मां बनने का संदेश लिखा था.
मैं उनके लिए बहुत खुश था.
अब मामाजी और मामी जी विदेश में रहते हैं और मेरी भी शादी हो गई है. पर मुझे मामी जी की याद हमेशा आती है…