हेल्लो दोस्तों, कैसे हैं आप लोग ? आशा करता हूँ की आप लोग मस्त होंगे और चुदाई का मजा ले रहे होंगे. दोस्तों मेरा नाम आकाश है और मैं महाराष्ट्र का राहणे वाला हु. आज पहली बार अपनी सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ. आशा है की आप लोगों को ये कहानी पसंद आएगी. चलिए अब ज्यादा टाइम न खराब करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ.
ये घटना पिछले साल की है जब मैं अपने चचेरे मामा यानि की मेरी चाची के भाई के घर उन्नाव के पास एक गाँव गया हुआ था. मेरे चचेरे मामा की बीवी यानि की मेरी मामी का नाम निशा है और उनकी उम्र लगभग 30 साल है. दिखने में वो मस्त लगती हैं क्यूंकि गाँव में रहने के बावजूद उन्होंने खुद को फिट रखा हुआ है.
उनका फिगर भी मस्त है और बूब्स मध्यम साइज़ के और गांड थोड़ी उठी हुई है. दोस्तों जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तभी से मेरा मन उनको चोदने को करने लगा था लेकिन कभी सोच भी नही सकता था की ये बात एक दिन सच हो जाएगी. खैर, एक दिन की बात है जब मैं थोड़ी देर से उठा.
मामी अकली दिखी तो मैंने उनसे पूछा की मामा कहाँ हैं ?
उन्होंने बताया की वो खेती के काम से बाहर गये हैं और शाम तक ही लौटेंगे. मैंने बोला मामी, फिर तो मैं आज ढंग का बोर होऊंगा. वो बोलीं की टीवी तक लो. मुझे टीवी देखने का शौक नही है लेकिन मज़बूरी जो न कराए. मैंने टीवी देखने लग गया.
थोड़ी देर बाद मामी ने बोला की मैं नहाने जा रही हूँ इसीलिए आँगन में मत आना. दोस्तों वहां ढंग का बाथरूम नही था और आँगन में ही एक नल था. तो मामी ने मेन दरवाजा अन्दर से बंद किया और जिस कमरे में मैं था उसका दरवाजा बस उढ़का दिया लेकिन कुण्डी नही लगाई. मैंने बोला ठीक है मामी और मैं टीवी देखने लगा.
मैं टीवी देख ही रहा था की अचानक से मामी की आवाज़ आई आकाश, मेरी आँख में साबुन चला गया और मुझे बहुत दर्द हो रहा है, जल्दी से इधर आओ. मैंने मन ही मन सोचा की पता नही मामी किन कपड़ों में हों. मैंने बोला मामी नल चला लो. वो बोलीं मुझे नल भी दिखाई नही दे रहा तभी तो बोल रही हूँ. मैंने बोला ठीक है, मैं आ रहा हूँ.
मैं आँगन में आया तो देखा मामी नल के पास पेटीकोट को अबे बूब्स तब बांधे हुए बैठी हैं और उनकी आँखों में साबुन गया हुआ है और चेहरे पर भी साबुन लगा हुआ है. मैंने नल चलाया और उनकी आँखों से साबुन साफ़ किया. उनकी आँखों में अभी भी दर्द हो रहा था. मैंने और पानी डाला और बोला की मामी, अभी आप थोडा आराम कर लो. वो बोलीं एक काम कर, जल्दी से मेरे शरीर पर पानी डाल दे ताकि साबुन निकल जाये. मैंने बोला ठीक है. फिर मैंने बाल्टी भरी और उनके शरीर पर डालने लगा. वो अभी भी आँखें मल रही थीं इसीलिए साबुन जहाँ सिर्फ पानी से नही छुट रहा था वहां मुझे हाथ भी लगाना पड़ रहा था.
साबुन छुड़ाने के लिए ऐसे ही एक बार मैंने उनकी गर्दन के थोडा नीच हाथ लगाया की उनके पेटीकोट की डोरी खुल गयी और उनका पेटीकोट खुल गया और पूरा निचे सरक गया. मामी ने पैंटी भी नही पहन रखी थी इसीलिए मुझे उनका पूरा बदन नंगा दिख गया. मामी के बूब्स बड़े थे और निप्पल भूरे रंग के थे. मामी की चूत बहुत ढीली नही थी और झांटों भरी थी. मामी शरमा गयीं. अब उन्होंने एक हाथ से पेटीकोट संभाला और एक हाथ से अपनी आँखें साफ़ करने लगीं.
मैंने मन ही मन बोला की मामी आपकी झांटे काफी बड़ी हैं लेकिन मुझे खुद पता नही चला की कब मेरे मुंह से सच में आवाज़ निकल गयी और मामी ने सुन भी लिया. मामी बोलीं मेरे पास ट्रिमर थोड़ी है तेरी तरह की हमेशा साफ़ रखूं. मैंने बोला की आप मेरा ट्रिमर यूज़ कर लो. वो बोलीं तू खुद ही कर दे. मैं मान गया. मैं कमरे में गया और अपना ट्रिमर लेकर आया. मैंने मामी ने बोला की आप अपने पैर फैलाओ. उन्होंने एक टांग दीवार के सहारे रखकर पैर फैला दिए.
अब मैंने उनकी झांटे साफ़ करनी शुर कर दी. दोस्तों जब उनकी झांटे साफ़ हो गयी तो उनकी चूत से एक बहुत अच्छी सी खुशबू सी आने लगी और उनकी चूत बहुत ही प्यारी लगने लगी. चूत के दोनों साइड तितली के पंखों की तरह वो आकृतियाँ मुझे आज भी याद हैं.
ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा होना सीधी सी बात है. मैं कुछ बोलता इससे पहले मामी खुद ही बोल पड़ीं की तू भी तो दिखा दे अपना बिना झांटों वाला लंड. मैंने बिना शर्माए अपनी पैंट निकाल दी और अपना लौड़ा उनको दिखाने लगा. वो मेरे गोरे और बड़े लंड को देखकर खुश हो गयीं. उनसे रहा नही गया और उन्होंने उसे हाथ में ले लिया. मैंने बोला मामी, अब कमरे में चलें या सारा काम यहीं करना है ? वो शरमा गयीं और हंस दी.
फिर हम दोनों कमरे में आ गये. कमरे में पहुँचते ही मैंने उनको बेड पर धकेला और उनके ऊपर आ गया. मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और पैंट और अंडरवियर भी उतार दी. मामी के कपडे पहले ही उतर चुके थे. मैंने सीधा किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगीं.
मैं उनके होठों को अपने होठों से चूम रहा था और अपना हाथ उनके शरीर पर इधर से उधर घुमा रहा था. मामी पुरे जोश में मेरा साथ देती हुई अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थीं. अब मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. वो मस्ती में आह्ह्ह हह ह हह हह हहू ऊऊ ऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊ की सिसकियाँ लेने लगीं.
मैंने अब एक हाथ से उनले बूब्स दबाने शुरू कर दिए. मामी मस्ती में आह्ह्ह ह ह हह ह्ह्ह्ह ह ह ह्ह्ह ह ह ह करने लगीं. मैंने ज्यादा टाइम न लगाते हुए उनके हॉट बूब्स को चुसना सही समझा और थोडा निचे आ गया. मैं मामी के बूब्स को चूसने लगा. क्या मस्त थे उनके बूब्स. मुझे बहुत मजा आ रहा था. दोस्तों, उनके निप्पलों में जो स्वाद था वो सच में लाजवाब था.
मैं लगातार चुसे ही जा रहा था की अचानक गलती से मैंने उनके एक निप्पल को काट लिया. मामी चीख पड़ी औंर जोर से ऊउईइ ईई ईईइ इ ई ईई ई ई ईई ईई ईई इ ईई ईईइ ईई ई ईई इ इ ई इ इ इ इ ईई ई ई ईई इ ईई इ ई इ ईई इ ई इ इ इ इ ईई इ इ ई इ इ ई इ इ ई इ इ इ ई ईई इ इ ईई ईई ई ईई इ इ ईई इ करने लगीं. मैंने सॉरी बोला तो वो बोलीं कोई बात नही लेकिन आराम से चुसो. मैंने बोला ओके और मैंने फिर चुसना शुरू कर दिया.
अब मैंने उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा. वो मस्ती में आआअह्ह हह हह ह ह हह ह्ह्ह ह हह ह ह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह्ह ह ह उम् मम म्मम्म मम म्मम्म मम मम्म मम्म मम्म म्मम्म म मम्म मम म मम्म म मुम्म उम्म्ह्ह ह ह हह ह हह ह हह ह हह हह ह ह हह ह ह हह ह उ उ ऊ इ ईई ई ई ईई इ इ ईई ई ईई ई ईई ईईइ ईईइ ईईइ इ ईई करने लगीं. मेरा लंड अब पूरा खड़ा था. मुझसे रहा नही जा रहा था और शायद मामी से भी.
मैंने अब सीधा मामी की टांगें फैलाई और एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड दिया. मामी की हालत खराब ही गयी. वो रो पड़ीं. मैं थोड़ी देर रुका और फिर मैंने चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद वो भी मजे लेने लगी और मस्ती से आःह्ह हह ह ह ह्ह्ह हह ह ह्ह्ह्ह हू ऊ ऊ उ ऊऊ उ ऊऊ ऊ ऊऊ ई ई ई इ ई इ इ ई इ इ ई ईई इ इ ई इ इ ई करने लगीं.
लगभग आधे घंटे की जोरदार चुदाई के बाद मैं झडने वाला हुआ तो मैं लंड निकाल कर उनके पेट पर सारा माल निकाल दिया. दोस्तों, ये थी मेरी कहानी.
जो भी गर्ल्स, भाभी, हाउसवाइफ, , आंटी, विधवा, तलाक शुदा लेडिस, जो सेक्स के लिए प्यासी हो प्यार के लिए तड़पती हो प्यार करना चाहती हो.