हाई फ्रेंड्स! मेरा नाम आशु है.. मैं कानपुर में रहता हूँ। मैं आज आप लोगों को अपनी एक चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ। यकीन मानो कि ये कहानी एकदम सच्ची है। ये मेरी और मेरी कजिन सिस्टर यानि चचेरी बहन की चुदाई की कहानी है।
मैं दस दिनों के लिए अपनी मौसी के घर रहने गया था। जब मैं वहाँ पहुँचा तो सब बहुत खुश हुए। मेरी मौसी तो सबसे ज़्यादा खुश थीं.. क्योंकि वो मुझे सबसे ज़्यादा प्यार करती हैं। मेरी मौसी की बेटी तान्या भी बहुत खुश थी। मेरी मौसी की एक ही लड़की है। मौसा जी आगरा में जॉब करते हैं.. सो वो हफ्ते में एक बार ही घर आ पाते हैं।
दिन भर मैं ऐसे ही बातें करता रहा.. रात को खाना खाने के बाद टीवी देखने लगा।
मौसी बोलीं- तू हमारे साथ ही सो जाना।
मैंने ओके कह दिया।
वो सोने चली गईं। जब मैं टीवी बंद करके सोने गया तो मैंने देखा कि मौसी नीचे सो रही हैं और तान्या बेड पे सो रही है।
मैंने मौसी से पूछा- मैं कहाँ सोऊँ?
तब मौसी बोलीं- तुम बेड पर सो जाओ।
मैं बिस्तर के एक किनारे पर सो गया। अब तक मेरे अन्दर कोई भी ग़लत फीलिंग्स नहीं थी।
मुझे आधी रात को फील हुआ कि जैसे मेरे लंड को कोई सहला रहा है.. मेरी नींद खुल गई और मुझे पता चला कि वो हाथ तान्या के हैं।
मैंने उसके हाथ हटा दिए।
लेकिन वो दुबारा मेरा हाथ पकड़ कर सहलाने लगी।
अब मेरे अन्दर भी ग़लत फीलिंग्स आने लगीं, मैंने भी उसके हाथ को सहलाया।
थोड़ी देर बाद वो मेरे हाथ को किस करने लगी और मेरे सीने से चिपक कर सो गई।
मैंने भी उसको अपनी बांहों में भर के उसके गालों पे किस किया, फिर उसने भी मुझे बांहों में भर लिया और मुझे किस करने लगी। मैंने उसके होंठों को भी किस करना शुरू कर दिया और एक हाथ उसकी छाती पर ले जाकर उसके मम्मों को सहलाने लगा।
अब वो भी पूरा मस्त होकर मेरे होंठों को चूस रही थी।
फिर मैंने एक हाथ उसके शर्ट के अन्दर डाल कर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया, इससे उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
फिर मैंने उसके सूट को ऊपर उठा कर उसकी ब्रा खोल दिया और बारी-बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसने लगा।
अंधेरे में कुछ भी नहीं दिख रहा था लेकिन बहुत मजा आ रहा था।
15-20 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही करते रहे।
उसके बाद मैंने अपने एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चुत को सलवार के ऊपर से दबाया। बहुत मजा आ रहा था, उस टाइम हम दोनों कोई बात नहीं कर रहे थे, बस मजा ले रहे थे।
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर पेंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चुत को सहलाने लगा। उसकी चुत में छोटी और रेशमी झांटें थीं। मेरी बहन की चूत पूरी गीली हो गई थी। ये मेरा पहला एक्सपीरियेन्स था जब मैं किसी के साथ रियल सेक्स करने का मजा ले रहा था। इससे पहले मैं सिर्फ़ पॉर्न मूवी देख कर लंड को हाथ से झाड़ लिया करता था।
जब मैं उसकी चुत को सहलाने लगा तो वो अपने आपको रोक नहीं पाई और मेरे कान में बोली- ऐसे ही करो.. बहुत मजा आ रहा है.. बस जोर से रगड़ो!
मैंने भी उसकी क्लिट को जोर से रगड़ना शुरू कर दिया और उसकी सलवार को घुटने तक सरका कर उसकी चुत में उंगली डाल दी।
वो बोली- प्लीज़ धीरे-धीरे करो.. दर्द हो रहा है।
उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया था।
मैंने उसकी चुत को दो उंगली से चोदना स्टार्ट किया। तान्या अपने एक हाथ को मेरे शॉर्ट्स में डाल कर मेरे लंड को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी। इस तरह फिंगरिंग करवाते हुए वो झड़ गई।
फिर वो मुझे नीचे करके मेरे ऊपर चढ़ गई.. मेरी बनियान को उतार दिया और अपने मम्मों को मेरी छाती से रगड़ने लगी.. किस करने लगी।
तभी मैंने अपने शॉर्ट्स को नीचे किया और अपने लंड को उसकी दोनों जाँघों के बीच में घुसा दिया। तान्या ने अपनी दोनों जाँघों से मेरे लंड को दबा लिया।
कुछ देर बाद मैंने उसके कान में बोला- लंड लोगी अन्दर?
वो मना कर रही थी- नहीं, कभी नहीं लिया है।
मैं समझ गया कि इसका मन है।
मैंने उसको अपनी नीचे लेटाया और उसके पैरों के बीच बैठ गया। तान्या की चुत को मैंने अपने हाथों से फैला कर चाटना चालू कर दिया, वो भी तड़प उठी, वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चुत में खींचने लगी।
मैंने उसकी चुत में अपनी जीभ डाल कर खूब चाटा.. बहुत मजा आ रहा था।
फिर मैंने तान्या के पैरों को फैला कर लंड को उसकी चुत की फांक में रख कर थोड़ा सा प्रेस किया.. तो सिर्फ़ लंड का टोपा अन्दर गया। अब मैं तान्या के ऊपर लेट गया और उसके मम्मों को मसलने लगा, चूसने लगा।
वो बोली- अब पेल दो अन्दर।
फिर मैंने एक जोर का झटका मारा, पूरा 6” का लंड अन्दर डाल दिया। इसी के साथ मैंने उसके होंठों को अपने मुँह में ले लिया ताकि कहीं आवाज़ बाहर ना आ जाए।
उसको काफ़ी दर्द होने लगा, मैं उसी तरह उसके लिप्स को चूसता रहा और मम्मों के निप्पलों को सहलाता रहा।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड को हिलाना शुरू कर दिया।
फिर वो भी नीचे से अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी।
मैंने तान्या से पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोली- कुछ मत पूछो.. बस जोर-जोर से करते रहो।
दस मिनट में वो झड़ गई और मुझे जोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया।
लेकिन मेरा अभी तक नहीं निकला था। मैं उसको जोर-जोर से चोदता रहा और तान्या दुबारा गर्म हो गई और गांड उठा कर चुदवाने लगी।
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फिर मैंने उसको अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा। वो राज़ी हो गई और लंड के ऊपर बैठ गई, अब वो उछल-उछल कर चुदवाने लगी।
मैंने उसके सूट को ऊपर करके दोनों मम्मों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर खूब दबाया और फिर वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेट गई।
अब मेरा भी निकलने वाला था, मैंने उसको नीचे करके उसके पैरों को फैला कर लंड चुत में डाल कर उसको चोदने लगा।
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो बोली- अन्दर ही डाल दो।
लेकिन कोई प्राब्लम ना हो इसलिए, मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और सब माल उसके पेट के ऊपर गिरा दिया।
अब मैं उसके बगल में लेट गया और रात भर उसकी चुची चूसता रहा।
सुबह उसने अपनी पेंटी मुझे दिखाई, तो उसमें ब्लड लगा हुआ था।
वो पूछने लगी- कोई प्राब्लम तो नहीं होगी?
मैं बोला- पहली बार ऐसा होता है।
अगले दिन सुबह मेरे और तान्या के बीच में सब नॉर्मल बातें हो रही थीं लेकिन वो मेरे साथ ज्यादा हंस कर बात कर रही थी। इस दौरान मैं जब भी उससे अकेले मिलता तो चुपके से चींटी काट लेती थी। इस पर मैं बस हंस देता था, क्योंकि मैं सबके सामने उसे पढ़ाई के लिए बहुत डांटता था।
मौसी की हमेशा शिकायत रहती थी कि वो पढ़ती नहीं है.. दिन भर टीवी देखती रहती है। इस बात मैं उसे उसी वक्त डांट भी दिया करता था।
उसके एग्जाम भी नज़दीक थे, इसलिए मौसी बोलीं- तुम ज़रा उसकी हेल्प करो और ज़बरदस्ती बैठा कर पढ़ाओ।
मैंने भी हाँ कर दिया। दस बजे मौसी को एक सत्संग में जाना था (नाम नहीं बताऊँगा) और मौसी उनकी सास को लेकर चली गईं। अब घर में सिर्फ़ मैं और तान्या रह गए थे।
मैंने तान्या को कहा- चल पढ़ाई स्टार्ट करते हैं।
वो बोली- नहीं टीवी देखेंगे।
लेकिन मेरे कहने से वो मान गई।
हम दोनों कमरे में आ गए और वो किताब खोल के बैठ गई। उस वक्त मेरे मन में कोई भी ग़लत थिंकिंग नहीं थी.. क्योंकि मैं डरता था कि दिन का टाइम है.. कोई भी आ सकता है।
लेकिन तान्या कुछ देर बाद बोली- कल आपने क्या किया मेरे साथ?
मेरा मुँह लाल हो गया और मैंने सॉरी बोलते हुए कहा- ग़लती हो गई, पर स्टार्ट तो तुमने की थी।
उसने बोला- अच्छा मैं तो सो रही थी, आप ही मेरे हाथों को सहला के किस करना शुरू किए थे।
तब मैं बोला- छोड़ो जो हुआ उसे भूल जाओ।
तो वो बोली- नहीं.. मैं नहीं भूलूंगी।
मैं बोला- क्यूँ?
तो वो बोली- मुझे अच्छा लगा था।
अब उसकी बातें सुन कर मैं भी थोड़ा हॉट हो गया।
मैंने उससे पूछा- सबसे अच्छा क्या लगा?
वो बोली- सब कुछ, पहले तो बहुत दर्द हुआ, पर उसके बाद बहुत मजा आया। आप सच में बहुत प्यार करते हो।
मैं बोला- क्या आज भी करेंगे?
वो बोली- आज क्यों.. अभी ही करते हैं।
मैं बोला- कोई आएगा तो नहीं?
वो बोली- अभी कोई नहीं आएगा।
मैंने अपनी बांहें फैला दीं और वो किताब साइड करके मेरी बांहों में आ गई और मैंने उसे बांहों में भर लिया। उसने भी मेरी छाती में अपना सर रख कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया।
साथियो.. कहानी जारी है। चूत में लंड घुसा कर मौसेरी बहन की चुदाई की कहानी पर आप अपने विचार जरूर लिखिएगा।
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