अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैं महाराष्ट्र से रॉकी अभी 24 साल का हूँ.
मुझे सेक्स कहानियां पढ़ने का बड़ा चस्का है. और इसको पूरा करने के लिए अन्तर्वासना से बढ़िया कोई जगह ही नहीं है. मेरी ये कहानी दो साल पुरानी है. मतलब जब मैं बाइस साल का था. मई महीने की बात है. इन दिनों पढ़ाई से फुर्सत रहती थी, तो मैं अक्सर अपनी छोटी मौसी के घर आ जाया करता था.
मैं आपको अपने बारे में बता दूँ कि मेरी सात सगी मौसियां हैं. सबसे बड़ी मौसी की लड़की की शादी छः साल पहले हो चुकी है. मेरी सात में से चार मौसी एक ही गांव में रहती हैं. मेरा और मेरी मौसेरी बहन का बहुत ही नज़दीकी रिश्ता है. हम आपस में सारी बातें शेयर करते हैं, चाहे वो घर की हो या सेक्स की … हम एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाते.
एक बार मैं गर्मियों के दिनों में छोटी मौसी के यहां दस दिनों के लिए गया था और मेरी बहन भी उन दिनों वहीं पर थी. जब उसे पता चला कि मैं छोटी मौसी के यहां रहने वाला हूँ, तो वो भी मेरे साथ रहने वहीं आ गई. मैं जिस दिन अपनी मौसी के घर आया, उसी दिन शाम को मेरी बहन भी वहां आ गई. हम सबने मिल कर खूब बातें की, फिर सभी ने खाना आदि खाया और सोने की तैयारी होने लगी. मेरी मौसी और मौसा जी अपने कमरे में सोने चले गए.
मेरी इन मौसी को कोई बच्चे नहीं हैं. इस वजह से हम दोनों दूसरे कमरे में जाकर सो गए.
मैं और मेरी बहन ने रात भर बातें की कुछ अपनी, अपने घर की और कुछ सेक्स संबंधी. हम दोनों ने रात में अन्तर्वासना की कुछ कहानियां भी पढ़ीं और बातें करते करते सो गए.
सुबह जब हम उठे तो देखा कि मौसी और मौसाजी दोनों तनाव में थे और फोन पर बातें कर रहे थे.
हम दोनों ने उठकर मौसी से पूछा, तो हमें पता चला कि हमारी नानी को दिल का दौरा आया है और उन्हें तुरंत पास के एक हॉस्पिटल में दाखिल करना पड़ा है. इसी वजह से मौसी और मौसा जी का तुरंत ही वहां जाना ज़रूरी था.
मौसी ने मुझे और मेरी बहन से कहा- तुम दोनों यहीं पर रहो, हम जाकर आते हैं.
हमने भी हां कर दी और मौसी और मौसाजी दोनों रवाना हो गए.
हम दोनों दिन भर का काम समेट कर टी.वी. देखने लगे.
तभी मैंने दीदी से कहा- चलो पॉर्न वीडियो देखते हैं.
दीदी बोली- ओके.
मैंने बताया कि मेरे लैपटॉप में बहुत सारे पॉर्न वीडियो हैं. आप टीवी बंद कर दो.
दीदी ने हां कहकर टी.वी. बंद कर दिया. हम वीडियो देखने अपने रूम में चले गए.
तभी मेरा फोन बजा … मैंने मोबाइल उठा कर देखा कि मौसी का फोन था.
मैंने झट से फोन उठा कर बात की, तो मौसी बोलीं- नानी की तबीयत बहुत खराब है … तो मैं और तुम्हारे मौसाजी परसों सुबह तक घर आ पाएंगे.
मेरी बात पूरी होने पर मैंने दीदी को बोला, तो दीदी ने सर हिलाकर इशारा किया.
हम दोनों पॉर्न देखने बैठ गए. पॉर्न देखते देखते मेरे लंड ने खड़े होकर मेरी पैंट को तंबू बना दिया था. जब मेरी दीदी का ध्यान उस पर गया, तो वो हंसने लगी.
दीदी मुझसे बड़े ही प्यार से बोली- जा तू जाकर मुठ मारकर आ!
इतना कह कर वो दुबारा हंसने लगी. मैं उठकर मुठ मारने बाथरूम में गया और हाथ धोकर रूम में आने ही वाला था. तब मैंने देखा कि दीदी अपनी चूत को ऊपर से हाथों से सहला रही थी. ये नजारा मैं भी कमरे की दहलीज से देख रहा था. दीदी काफ़ी गर्म हो चुकी थी.
जैसे ही मैं कमरे में गया तो दीदी ने झट से हाथ हटा दिया और वीडियो देखने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने दीदी के कंधे पर हाथ रख दिया, तो दीदी कुछ नहीं बोली. वो तो पॉर्न देखने में व्यस्त थी.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके दीदी के कंधे पर से दूसरी तरफ के स्तन को स्पर्श किया.
अब दीदी ने कहा- ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी बहन हूँ और बहन के साथ ऐसा कोई करता है क्या?
मैं घबरा गया और झट से हाथ हटा दिया. मेरे हाव-भाव देख दीदी ज़ोर से हंस पड़ी और उसने खुद से मेरा हाथ अपने कंधे से लेकर अपने स्तन पर रख दिया.
फिर दीदी ने नशीली आवाज में कहा- चलो धीरे धीरे से सहलाओ.
मैं जैसे जैसे दीदी के स्तन को सहलाए जा रहा था, वैसे वैसे दीदी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थीं. दीदी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हय..’ कर रही थीं.
मैंने लैपटॉप को एक टेबल पर रख दिया और दीदी को चूमना शुरू कर दिया. पहले तो उसने इंकार कर दिया, पर मेरा थोड़ा ज़ोर देने पर वो मान गई. हम दोनों एक दूसरे को पांच मिनट तक चूमते रहे. वो भी मेरा उतना ही साथ दे रही थी. मैं दीदी को चूमने के साथ उसके स्तन को मसल भी रहा था. स्तन मसलना और उनके होंठों को चूमना एक साथ हो रहा था. जिसमें दीदी मुझे पूरा सहयोग दे रही थी.
फिर मैंने दीदी को बेड पर लेटा दिया और उसकी कुर्ती को उतार कर फेंक दिया. मेरी दीदी वैसे तो गोरी है और उसकी उम्र लगभग अट्ठाईस साल की है. उनका फिगर 36-38-40 का है, वो दिखने में भी सुंदर है. दीदी की हाइट पांच फुट एक इंच की रही होगी.
जैसे ही मैंने दीदी की कुर्ती उतारी, मेरी आंखों के सामने मानो एक बिजली सी चमक उठी. मुझे लगा जैसे एक अप्सरा का बदन सामने दिखने लगा था. एकदम दूध सा गोरा बदन और उसके बड़े बड़े स्तन क्या मस्त दिख रहे थे. अपनी दूधिया चूचियों पर दीदी ने नीले रंग की ब्रा पहन रखी थी, जिससे उसके दूधिया स्तन और भी उठ कर दिख रहे थे.
हम थोड़ी देर और चुंबन और मसाज़ का खेल खेलते रहे. फिर मैं दीदी के पज़ामे के नाड़े को खोल ही रहा था कि दीदी ने मना कर दिया.
मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और बस एक बार आपको को चोदना चाहता हूँ, प्लीज़ मेरी ये एक तमन्ना पूरी कर दो प्लीज़.
दीदी ने ना कहकर टाल दिया लेकिन मैं मानने वालों में से नहीं था. मैंने ज़बरदस्ती दीदी के पज़ामे का नाड़ा खोल दिया और अन्दर हाथ डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा.
दीदी के काफ़ी प्रयासों के बाद भी वो मुझे रोक नहीं पाईं और थोड़ी देर में उनको भी मज़ा आने लगा. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भर रही थीं. मैंने देखते देखते दीदी का पज़ामा भी उतार दिया. अब दीदी मेरे सामने बस नीले रंग के ब्रा और पैंटी में थीं. कसम से दोस्तों उस दिन मेरी बहन क्या और लाजवाब मस्त दिख रही थी.
मैं अपने पास अक्सर एक कंडोम का पैकेट रखता ही हूँ, क्या पता कब कौन की चूत चोदने को कहां पर मिल जाए.
मैं दीदी को थोड़ी देर और चूमता रहा. मैं एक हाथ से उसके स्तन को मसल रहा था और एक हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था.
कुछ देर में दीदी की पैंटी गीली हो गई थी. शायद दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया था.
दीदी अब काफ़ी गर्म हो गई थी, मैंने आराम से दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी चड्डी भी उतार दी. अब दीदी मेरे सामने नग्न अवस्था में थी. वो भी खुद को रोक नहीं पा रही थी. उसने झट से मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे शॉर्ट्स को भी उतारने के लिए उसे नीचे की तरफ खींच रही थी. मैंने उसकी मदद की और अपने आपको उसके सामने नंगा कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के कामुक बदन पर टूट पड़े.
दीदी मेरे लंड को सहलाने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली फेरना शुरू कर दी. मैंने उसकी तरफ देख कर ओरल करने का इशारा करते हुए उसकी चूत के रस से भीगी उंगली को निकाल कर अपने मुँह में ले कर चूस ली.
दीदी ने भी सहमति देते हुए खुद को चित लिटा दिया अपनी टांगें फैला कर चूत खोल दी. मैं 69 की पोज़िशन में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी.
हम एक दूसरे को लगभग दस मिनट तक चूसते रहे. दीदी ने इस चुसाई से एक बार पानी छोड़ दिया. ओरल सेक्स में मैंने भी अपना पानी उसके मुँह में छोड़ दिया. दीदी ने झट से पूरा पानी अपने मुँह के बाहर थूक दिया, लेकिन मैंने दीदी का पूरा पानी पी लिया.
क्या मस्त महक आ रही थी और उसका पानी बड़ा ही स्वादिष्ट मलाई जैसा था. मुझे मज़ा आ गया.
अब दीदी मुझे बोलने लगी- रॉकी प्लीज़ अब सहा नहीं जा रहा है … जल्दी से अपनी दीदी की चूत को अपने लंड से भर दो और अपनी दीदी की चूत को चोद दो.
मैंने जल्दी से कंडोम पहना और दीदी की चूत पर रगड़ने लगा. मैंने एक ही झटके में अपने लंड ज़ोर से अन्दर की ओर धकेल दिया.
दीदी बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी और बोलने लगी- हरामखोर जल्दी बाहर निकाल. … बहुत दर्द कर रहा है … इतना मोटा लंड मेरे पति का भी नहीं है, जल्दी हट.
मैंने दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जो मेरा लंड आधा ही अन्दर गया था, उसको एक और ज़ोर के झटके के साथ पूरा का पूरा अन्दर डाल दिया.
पूरा लंड अन्दर घुस जाने से दीदी की आंखों से पानी आने लगा था. मेरे होंठ दीदी के होंठों पर रहने के कारण वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. थोड़ी देर मैंने बिना कुछ करे दीदी पर लेटा रहा और फिर धीरे धीरे अपने झटके शुरू किए.
एक मिनट बाद दीदी को भी मज़ा आने लगा. उसका भी दर्द कम हो रहा था. अब वो भी झटके ज़ोर से मारने को कह रही थी.
फिर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और दीदी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. दीदी भी टांगें उठा कर पूरी मस्ती से चुदवा रही थी. मैंने उसके ऊपर झुकते हुए उसके एक दूध के निप्पल को अपने होंठों के बीच दबाया और पूरे लंड से दीदी की चुदाई चालू कर दी.
दस बारह मिनट की चुदाई में दीदी दो बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी झड़ने वाला ही था. इसीलिए मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए. अगले दो मिनट में मैं भी झड़ गया और निढाल होकर दीदी पर ही सो गया.
शाम को लगभग आठ बजे तक हम एक दूसरे से चिपके हुए सो रहे थे. फिर मेरा मोबाइल बजा, इससे दीदी की नींद खुल गई. दीदी ने टेबल से मोबाइल लिया और देखा, तो मौसी का फोन था.
उसने फोन उठाया और मौसी से बात करके फोन रख दिया. थोड़ी देर वैसे ही सोने के बाद दीदी ने मुझे उठाया और हम दोनों बाथरूम में नहाने चले गए. हम दोनों ने साथ में शावर लिया और मैंने दीदी से कहा- हम कल तक हम घर में नग्न अवस्था में ही रहेंगे.
दीदी हां कह कर शावर से बाहर आ गई.
उस रात का खाना उसने नग्न अवस्था में ही बनाया.
दोबारा हमने किचन में और सोते वक़्त और दूसरे दिन नहाते वक़्त भी सेक्स किया. दीदी को मेरे लंड से चुदवाना पसंद आ गया था. वो खुद ही मेरे लंड को बार बार अपने मुँह में लेकर चूस लेती थी. उसको जीजा के लंड से कहीं अधिक मजा मेरे लंड से चुदने में आया था.
दीदी ने मुझसे खाना खाते हुए कहा कि तेरे जैसा लंड मैंने आज तक नहीं लिया.
उसकी इस बात से मैंने उससे पूछा कि क्या आपने जीजा जी के अलावा और भी लंड लिए हैं.
इस पर दीदी ने हंस दिया. वो बोली- चल पहले खाना खा ले, फिर बिस्तर में सब बताऊंगी.
ये सब रस भरी बातचीत आपको बड़ी ही मजेदार लगेगी. अगर आप आगे की कहानी जानना चाहते हैं, तो प्लीज़ मुझे लिख कर ज़रूर बताएं.
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कहानी का अगला भाग: मौसेरी बहिन ने सेक्स का पाठ पढ़ाया-2