हाय मैं राहुल हूँ. मैं अपनी इस सेक्सी मौसी की चुदाई हिंदी कहानी आपको अपनी सगी मौसी के साथ हुई घटनाओं के बारे में बताऊंगा.
मैं आपको उनके लुक के बारे में बता दूँ, मेरी मौसी का रंग एकदम गोरा था, उनका कद औसत से जरा कम था.
मौसी का 36-30-38 का फिगर भी मस्त था. उनकी गांड का हिस्सा बहुत चौड़ा है.
वो दिन में एक सामान्य सलवार सूट और रात में नाइटी पहनती थीं.
मौसी की उम्र 38 साल की थी और मेरी उम्र 22 साल थी.
जब मैं उनके घर गया तो मेरा उनके लिए किसी तरह का कोई बुरा इरादा नहीं था.
दरअसल हुआ ये कि मेरे कॉलेज के अंतिम वर्ष के दौरान मेरे लिए रोजाना कॉलेज जाना बहुत दिक्कत वाला हो गया था.
मेरा कॉलेज मेरे घर से बहुत दूर था इसलिए मैं एक छात्रावास के कमरे के लिए लगा हुआ था.
कॉलेज के छात्रावास के वार्डन ने मुझे एक महीने तक इंतजार करने के लिए कहा.
इसलिए मेरे माता-पिता ने मुझे एक महीने के लिए मौसी के घर भेज दिया क्योंकि उनका घर मेरे कॉलेज के पास था.
मैं एक महीने के लिए मौसी के घर आ गया था.
उनका घर एक वन रूम सैट वाला ही था.
रात को मैं उनके कमरे में ही सोता था और मेरी मौसी और उनके पति सोफा कम बेड में सोते थे.
यह दो दिन सामान्य रहा.
एक रात मैं बिस्तर में सो रहा था, आधी रात को अचानक मुझे कुछ शोर सुनाई दिया.
मेरी नींद टूट गई.
मैंने मुड़कर सोफा वाले बिस्तर को देखा, जो मेरे बिस्तर के बगल में था.
वहां मैंने मौसी को लगभग नग्न देखा. उनकी नाइटी स्तनों तक उठी थी और मौसा जी मौसी के दोनों पैर अपने कंधे पर रख कर उन्हें चोद रहे थे.
मौसी कराह रही थीं.
यह मेरे लिए एक अद्भुत दृश्य था.
मैं उन्हें चुदाई में तल्लीन देख रहा था और साथ ही अधखुली आंखों से ऐसा दिखा रहा था कि मैं सो रहा हूं.
उनकी मजेदार चुदाई देख कर मेरी भावनाओं में बदलाव आ गया.
मैं उनकी चुदाई को तब तक देखता रहा जब तक वो दोनों थक कर अलग नहीं हो गए और सो नहीं गए.
मौसी की नंगी जांघें और गांड कि कम्पन और उनके स्तनों की थिरकन मेरे मन में दौड़ रहे थे.
मैं सो नहीं पा रहा था.
सुबह मैं बाथरूम में गया और अपने लिंग को झटका देकर मौसी की रात जवानी को याद करके हस्तमैथुन करने लगा.
झड़ने के बाद मैं राहत महसूस कर रहा था.
अगली रात मैं 11 बजे बिस्तर पर गया और सोने का अभिनय करने लगा.
मैं फिर से उन दोनों की चुदाई का सीन देखना चाहता था.
जैसा कि अपेक्षित था मौसा मौसी ने अपना खेल लगभग एक बजे शुरू किया.
उन्होंने फिर से मस्त चुदाई की, मुझे मौसी का नंगा बदन देखने में मजा आ रहा था.
इस तरह, यह लगभग एक सप्ताह तक जारी रहा.
एक रात मैं उन्हें चुदाई करते देख रहा था कि अचानक से मौसी ने मुझे देखा, मेरी आंखें और उनकी आंखों का संपर्क मेल खा गया.
तो मैंने झट से अपनी आंखें बंद कर लीं और कटवट लेकर सो गया.
मुझे डर था कि कहीं मौसी मेरे माता-पिता से न कह दें कि मैं उन्हें चुदाई करते हुए देख रहा था.
अगली सुबह मैं उसका सामना करने में असमर्थ था.
हम सभी ने अपना नाश्ता किया.
फिर मौसा जी ऑफिस के लिए निकलने लगे.
उनके जाने के बाद मौसी ने मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया.
उस समय घर पर मैं और मौसी ही थे.
तब भी मैं अनमने भाव से टीवी देख रहा था.
अचानक उन्होंने टीवी को बंद कर दिया और मेरे पास आकर बैठ गईं.
उन्होंने पूछा- रात को तुम जाग रहे थे क्या?
मैंने कहा- नहीं.
उन्होंने कहा- मेरे साथ झूठ नहीं बोलना.
मैंने कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा- मैं जानना चाहती हूँ, बस तू मुझे जवाब दो. मैं तुम्हारी मां को कुछ नहीं बताऊंगी, मेरे साथ फ्रैंक रहो.
मैंने कहा- हां मैं जाग रहा था.
उन्होंने कहा- तुमने क्या देखा?
मैंने कहा- सब कुछ.
उन्होंने कहा- क्या सब कुछ, फ्रैंक होकर बोलो.
मैंने कहा- आप दोनों नग्न थे और सोफे में …
उसने कहा- हम्म … क्या तुम हमें रोजाना देखते हो?
मैंने कहा- नहीं … वो एक दिन संयोग से मैंने देखा था. आपकी जोर जोर से आवाज आ रही थी, उसके कारण मेरी नींद खुल गई थी.
उन्होंने कहा- तो कितने दिनों से तुम मुझे सेक्स करते हुए देख रहे थे?
मैंने कहा- लगभग एक सप्ताह.
उन्होंने कहा- ठीक है.
मैंने कहा- मुझे माफ कर दो मौसी.
उन्होंने कहा- मैं समझ सकती हूं, ये उम्र का दौर ही ऐसा होता है. मगर तुमको जल्दी शादी कर लेनी चाहिए.
मैंने कहा- मैं अभी शादी नहीं करना चाहता.
उन्होंने कहा- क्यों?
मैंने कहा- मैं इतनी जल्दी शादी नहीं करना चाहता, सिर्फ सेक्स के लिए मैं कुछ करना चाहता हूँ.
मौसी- क्या करना चाहते हो … क्या कोई गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करोगे … या कुछ और?
मैंने कहा- गर्लफ्रेंड नहीं है … कुछ और से आपका क्या मतलब है?
उन्होंने बात घुमाते हुए कहां- तुम मुझे क्यों देखते हो?
मैंने कहा- आपके पास इतना अद्भुत शरीर है, मुझे बस आपको सेक्स करते देखना पसंद है.
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- तुमको मेरे बारे में सोचकर झटके लग रहे होंगे.
मैंने कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा- उत्तर दो न … और इस बार साफ़ कहना.
मैंने साफ़ कहा- हां, आपको नंगा देखने के बाद और आपकी चुदाई हो रही है, ये सब देखने के बाद मैं अपने हाथ से ही अपना काम चला लेता हूँ.
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- क्या रोज़ ही हाथ से हिला लेते हो?
मैंने कहा- हां.
उन्होंने कहा- चलो ठीक है मगर ये बात किसी को कभी मत कहना कि तुमने मुझे सेक्स करते देखा है.
मैंने कहा- मैं कभी नहीं कहूँगा.
फिर मौसी नहाने के लिए बाथरूम गईं.
आमतौर पर उस समय मैं नहाने जाता था क्योंकि मुझे कॉलेज जाना होता था.
मैं अगले 30 मिनट तक टीवी देखता रहा था हालांकि मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही थी.
मगर मौसी बाथरूम में थीं तो मैं क्या कर सकता था.
जब देर होती दिखी तो मैं बाथरूम के दरवाजे पर गया और मैंने दरवाजा खटखटाया.
उन्होंने थोड़ा सा दरवाजा खोला. वह ब्रा और पैंटी में प्लास्टिक के स्टूल पर बैठी थीं.
मौसी बेडशीट और कंबल धो रही थीं. मौसी ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है.
उन्होंने कहा- ओह मैं भूल गई. एक मिनट रुको.
मौसी स्टूल से उठीं और एक तौलिया को अपने मम्मों के ऊपर लपेट कर एक ओर होने लगीं.
उन्होंने बाथरूम का दरवाजा पूरा खोल दिया.
मौसी बाथरूम में एक तरफ होकर बोलीं- आ जाओ … तुम पहले जल्दी से नहा लो, फिर मैं बाद में कपड़े धो लूंगी.
मैं अन्दर आ गया और वह प्लास्टिक स्टूल लेकर कोने के बाथरूम में बैठ गईं.
मैंने दरवाजा बंद करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा- अब दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो. मैं तो अन्दर ही हूँ … कौन देखेगा. तुम जल्दी से नहा लो और बाहर जाओ.
मैंने अपनी टी-शर्ट और पैंट खोल दी, केवल अंडरवियर पहन कर नहाने लगा.
जैसा कि वह ब्रा के साथ तौलिया में बैठी थीं और बैठते समय उनकी थोड़ी सी पैंटी मुझे दिखाई दे रही थी जो मुझे एक उत्तेजना दे रही थी.
वो मुझे देख रही थीं और कपड़े धो रही थीं.
मैं बैठी हुई मौसी के चिकने पैर और जांघों के दृश्य को देख रहा था.
मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
मैंने अपना हाथ अपने जांघों के अन्दर डाला और अपने कंधे और पैरों को देखते हुए अपने लंड को छूने लगा.
अचानक उन्होंने मेरी तरफ देखा देखा कि मैं शॉवर के नीचे खड़े होकर उन्हें ही देख रहा हूं और अपनी चड्डी के अन्दर लंड को सहला रहा हूं.
उन्होंने कहा- तुमको नहाने में कितना समय ज्यादा लगता है.
मैंने अपने लंड को छोड़ दिया और कहा- बस अभी निकलता हूँ.
उसने कहा- अभी निकलता हूँ या निकालता हूँ.
मैंने कहा- क्या मतलब?
मौसी- अभी तुम अपने उसमें झटके मार रहे हो … और मुझे देख रहे हो. तो इसका मतलब तुम्हारा रस निकलने वाला है.
मैंने कहा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.
उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- मुझे तो ऐसा ही लगता है.
मैंने कहा- नहीं मौसी, मैं सच कह रहा हूँ.
उन्होंने कहा- तुम्हारा अंडरवियर इस बात की गवाही दे रहा है कि अंडरवियर में खलबली मची हुई है और वो खलबली मुझे बाहर से ही बड़ी आसानी से दिखाई दे रही है.
मैंने कहा- नहीं, यह मेरे इसकी सामान्य अवस्था है.
उन्होंने कहा- क्या बात कर रहे हो … जरा अपना अंडरवियर तो खोलो, मुझे इसकी सामान्य अवस्था को देखने दो.
मैंने कहा- मुझे शर्म आ रही है.
उन्होंने कहा- तुमको उस वक्त शर्म नहीं आती है जब रात को मुझे नंगी देख कर सेक्स करते हुए देखते हो. चलो अपनी चड्डी उतारो, मुझे भी तुम्हें नंगा देखना है.
अब मरता क्या न करता … मैंने अपना अंडरवियर हटा दिया.
उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरे लंड को देखा और कहा- अब बताओ कि अब क्या सामान्य है और क्या असमान्य है. मुझे सब मालूम है … मैं अनुभवी हूँ.
मैं कुछ न कह सका.
मेरा लंड एकदम कड़क था और सामने बैठी मौसी की तरफ देख कर हिनहिना रहा था.
उन्होंने कहा- ये झटके ले रहा है … सामान्य अवस्था में ये झटके नहीं लेता है. तुम एक बार यहां आओ और मेरे पास फर्श पर बैठो.
मैं कहा- मुझे देर हो रही है.
वो बोलीं- जब चड्डी में हाथ डाल कर इसे खड़ा कर रहे थे, तब देर नहीं हो रही थी.
मैंने कुछ नहीं कहा और नीचे बैठ गया.
मौसी ने चादर और कम्बल को धोने में मदद करने को कहा.
मैंने उनके साथ मदद करना शुरू कर दिया, इससे उनकी तौलिया हट गई और उन्होंने खड़ी होकर उसे खूँटी पर टांग दिया.
अब मेरे सामने मेरी मौसी ब्रा पैंटी में थीं.
वो चादर को धोते समय उसे अपने हाथों से फुलक रही थीं इससे उनकी चूचियां मस्त हिल रही थीं.
मैं उनकी चूचियों को थिरकते हुए देखने लगा.
दो मिनट के बाद मैंने जानबूझ कर उन पर पानी की बाल्टी फेंक दी.
उसने कहा- अरे ये तुमने क्या किया?
मैंने कहा- ओह सॉरी मौसी, यह गलती से हो गया.
फिर उन्होंने हंस कर मेरी तरफ देखा और उठ कर शॉवर खोल कर नहाने लगीं.
मेरी सगी मौसी ब्रा और पैंटी में नहाती हुई बड़ी मस्त लग रही थीं.
उन्होंने मेरी तरफ पानी फैंकते हुए कहा- आ जाओ … तुम्हें नहीं नहाना है … ऐसे क्या देख रहे हो.
मैं उन्हें देखता हुआ अपना लंड सहलाने लगा.
वो बोलीं- अरे तुम अपने लंड को क्यों छू रहे हो?
इस बार मौसी ने साफ़ शब्दों में लंड कहा तो मैं उनकी तरफ देखने लगा और कुछ जोर से लंड हिलाने लगा.
मौसी ने कहा- ओके तुमको नहाना नहीं है तो तुम बाहर जाओ.
मगर मैं अपने लंड पकड़े हुए मौसी के सामने खड़ा रहा.
उन्होंने कहा- क्या तुम लंड को झटके देना चाहते हो?
मैंने कहा- हां.
वो बोली- ओके लगा लो.
वो नहाने लगीं और मैंने अपने खड़े लंड को झटके देना शुरू कर दिया.
वह शॉवर बंद करके मेरी ओर आ गईं और मेरा लंड पकड़ कर बोलीं- चलो, मैं तुम्हारी मदद कर देती हूँ.
अब मौसी मेरे लंड को मरोड़ रही थीं और मैं उनकी गीली ब्रा और पैंटी को देख रहा था.
वो मेरे इतनी पास खड़ी थीं कि मेरा लंड उनके पेट को छू रहा था.
कुछ देर बाद मैंने मौसी के पेट पर वीर्य की धार मार दी.
उन्होंने अपना हाथ और पेट धोया और मुझे तौलिया देकर कहा- अब बाहर जाओ, मुझे कपड़े धोने हैं.
मैंने तौलिया लपेटा और बाथरूम से बाहर चला गया.
उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और कहा- आज कॉलेज मत जाओ, तुम पहले से लेट हो गए हो.
तो मैंने भी सोचा कि एक दिन कॉलेज में अनुपस्थित रहने से बाधा नहीं आएगी.
मैंने अपनी शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी और टीवी देखने लगा.
15 मिनट के बाद मौसी तौलिया पहने हुई बाहर आईं और बोलीं- तुमने अपने कॉलेज की ड्रेस नहीं पहनी है, मतलब अब कॉलेज नहीं जा रहे हो.
मैंने कहा- हां … आज आराम करना चाहता हूँ.
मौसी मुस्कुराने लगीं और अगले ही पल अपनी ब्रा और पैंटी निकाल कर फिर से तौलिया लपेट ली.
फिर उन्होंने मेरे सामने ही तौलिया के नीचे हाथ डालकर अपनी पैंटी पहनी. फिर उसने अपना तौलिया हटा दिया और ब्रा पहनने लगीं.
मैं सब नजारा देख रहा था, मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा था.
मौसी ने कहा- क्या तुम मेरी ब्रा का हुक बंद कर सकते हो?
मैंने ब्रा का हुक लगाया तो उसमें ब्रा को टाईट बांधने के लिए तीन विकल्प थे. मैंने सबसे पहले में हुक लगाया और ब्रा को ढीला छोड़ दिया.
उन्होंने कहा- यह बहुत ढीला है. इसे सही से लगाओ.
मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोला और फिर से कस कर दबा कर हुक बंद कर दिया.
मौसी ने कहा- हां अब यह एकदम सही है.
मैंने मौसी से कहा- आप इस ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही हो, लेकिन यह पैंटी इस ब्रा के साथ सैट नहीं हो रही है.
वो अंगड़ाई लेकर बोलीं- तो पैंटी उतार दो, मेरे राजा.
मैं उनकी अदा को समझ गया और मौसी की पैंटी खोल कर उनकी चुत को चूमना शुरू कर दिया.
मौसी एक मिनट से भी कम समय में गर्मा गईं और मुझे बिस्तर पर ले गईं.
बिस्तर पर मौसी ने अपने पैर फैला दिए और मैं उनकी चूत को चूसने लगा.
दो तीन मिनट बाद ही उन्होंने मेरा सर अपनी चूत में दबा लिया और झड़ गईं.
मैं अब भी मौसी की चुत का रस चूस रहा था.
उन्होंने संतुष्ट होने तक मुझसे चुत चुसवाई, फिर वो अलग हो गईं.
मैंने अपने कपड़े खोले और उनके बाजू में लेट गया.
वो मेरे बग़ल में नंगी पड़ी थीं, मैं मौसी के ऊपर आ गया और अपना लंड उनकी चूत में रगड़ने लगा.
उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को चुत में सैट किया और मुझे इशारा कर दिया.
मैंने लंड चुत में पेल दिया तो मौसी की आंह निकल गई और हमारी चुदाई शुरू हो गई.
मैं अपनी मौसी की धुआंधार चुदाई कर रहा था, उनके मम्मों को हाथ से पकड़ कर एक को चूस रहा था और दूसरे को हाथ से दबा रहा था.
कुछ देर तक उन्हें चोदने के बाद उन्होंने कहा- अब डॉगी स्टाइल में चोदो.
मैंने लंड निकाल लिया तो मौसी ने अपनी स्थिति बदल ली.
अब मैं उन्हें पीछे से चोद रहा था.
वो अब रक झड़ चुकी थीं लेकिन मैं उन्हें तब तक पेलता रहा जब तक कि मैं उनकी चूत में स्खलित नहीं हो गया.
चुदाई के बाद मौसी ने अपने कपड़े पहनना शुरू किए और कहा- अब तुम कुछ देर आराम करो. खाने में देर हो रही है, मुझे खाना बनाना है. दूसरी बार लंच के बाद करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उठ कर सोफे पर लेट गया और टीवी देखने लगा.
उस दोपहर को मैंने मौसी को फिर से चोदा.
अब जब भी हम दोनों फ्री होते हैं, तो मैं मौसी को चोद लेता हूँ. मैंने हॉस्टल जाने तक मौसी को लगभग रोज चोदा.
अब महीने में एक दो बार मैं अपना कॉलेज बंक करता हूँ और उनके घर जाकर उनकी चुदाई कर लेता हूँ.