गे बनने की यह मेरी पहली कहानी है. मैं शहर में रहकर पढ़ाई कर रहा था. मैं बोर होने लगा. मैंने अपनी बोरियत दूर करने के लिए अपनी गांड ही मरवा ली. कैसे?
नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम सनी है। जैसा मेरा नाम है वैसे ही मेरे काम भी है। मेरी उम्र 22 साल है। मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ।
यह बात साल भर पहले की है।
मैं कालेज की छुट्टी खत्म करके वापस शहर गया था.
कई दिन घर पर गुजारने के बाद मुझे वहां पर उदासीनता और बोरियत होने लगी.
इसलिए मैंने मन बहलाने के लिए एक गे ऐप फोन में डाउनलोड कर ली.
ऑनलाइन गे चैटिंग करते हुए एक लड़का मुझे मिला. उसके साथ बातचीत शुरू हो गयी.
मुझे उससे बात करना बहुत अच्छा लग रहा था।
फिर हमारी बातें सेक्स तक पहुंच गई। मैं उस पर भरोसा करने लगा.
उसके कहने पर मैंने उसे अपनी गांड की फोटो भी दे दी और उसने मुझे अपने लंड की।
उसके बाद वो मुझे मिलने के लिए बोलने लगा।
मुझे थोड़ा डर लग रहा था इसलिए मैंने एकदम से मिलने के लिए मना कर दिया.
फिर वो बार बार बोलता रहा. अब मैं उसको मना नहीं कर पाया और हम दोनों ने मिलने का तय कर लिया.
मैं उससे पहली मुलाकात करने पहुंच गया.
जब मैं उसकी बताई जगह पर पहुंचा तो वह पहले से ही मेरा इंतजार कर रहा था।
मैं थोड़ा घबरा रहा था.
शायद वह भी इस बात को समझ गया था इसलिए मुझे अच्छा महसूस करवाने के लिए वो नॉर्मल बातें करता रहा.
मगर फिर भी मैं ज्यादा बात नहीं कर पा रहा था. कुछ देर वहां रुकने के बाद हम लोग उसके कमरे पर चले गये.
कमरे पर जाकर उसने मुझे चाय पानी के लिए पूछा तो मैंने औपचारिकता के लिए मना कर दिया.
फिर उसने सिगरेट निकाल ली. वो मुझे सिगरेट देने लगा.
मैं भी पीता था लेकिन उसके सामने पीना मुझे ठीक नहीं लग रहा था इसलिए मैंने मना कर दिया.
उसके बाद उसने अलमारी से मेरे लिए आरामदायक कपड़े निकाले और मेरी तरफ बढ़ा दिये.
मैंने सोचा कि कुछ देर बाद वैसे भी सारे कपड़े ही उतर जाने हैं इसलिए शर्माने से कोई फायदा नहीं है.
मैंने कपड़े ले लिये और वो बोला कि दुकान तक जा रहा हूं. तुम तब तक आराम करो. मैं अभी आता हूं थोड़ी देर में.
मुझे कपड़े देकर वो खुद बाहर चला गया.
मैं अब अकेला था तो मैंने थोड़ा सहज महसूस किया.
उसके बाद मैंने अपने कपड़े बदले और फिर एक सिगरेट जला ली ताकि मैं सहज महसूस कर सकूं.
सिगरेट पीने के बाद मैंने अपना फोन उठा लिया और फोन चलाने लगा.
दोस्तो, मैं आपको उसका नाम बताना तो भूल ही गया.
उसका नाम रोहित था.
कुछ देर के बाद रोहित आ गया. उसके आने के बाद हमने थोड़ी बात की.
फिर उसने पूछ लिया- अभी करना है या पहले खाना खा लें?
मैं एकदम से चुप हो गया और फिर सोचने लगा कि जब गांड चुदाई करवानी ही है तो पहले ही चुदवा लो, खाने के बाद क्या होगा.
मैं बोला- पहले कर ही लेते हैं. खाना बाद में खा लेंगे.
उसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा.
मैंने चड्डी को छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतार दिये.
वो मेरे पास आ गया और हम दोनों ने एक दूसरे को बांहों में भर लिया और बेड पर लेटते चले गये.
वो मुझे किस करने की कोशिश करने लगा तो मैंने उसको होंठों पर किस करने से मना कर दिया. उसे थोड़ा दुख हुआ लेकिन फिर उसने जोर जबरदस्ती नहीं की.
फिर वो मेरी बाकी बॉडी पर किस करने लगा. मुझे भी अच्छा लग रहा था.
मेरी छोटी छोटी चूचियों के निप्पल कड़क से होने लगे थे. वो नुकीले हो गये थे.
रोहित ने मेरे निप्पल पर अपने होंठ रख दिये और फिर जीभ से उनको सहलाने लगा.
मैं तो मस्त हो गया. बहुत अच्छा लग रहा था. साथ ही गुदगुदी सी भी हो रही थी.
वो पूरे होंठ कसकर मेरे निप्पलों को पीने लगा. कभी एक निप्पल को चूसता तो कभी दूसरी को पीता. फिर पहली को उंगली और अंगूठे के बीच में मसलने लगता.
मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. वो भी अंडरवियर में था और उसका लंड भी मुझे खड़ा हुआ साफ पता चल रहा था.
फिर उसने मेरी चड्डी को भी खींच दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया.
वो दोबारा से मेरे बदन को चूमने लगा. पहले मेरी छाती और पेट और जांघों को चूमा. मेरे टट्टों के नीचे हाथ ले जाकर मेरी गांड की दरार में सहलाया.
अब मुझे दूसरी तरफ पलट दिया और मेरी गर्दन और पीठ को चूमता हुआ मेरे चूतड़ों को चूमने लगा. मेरी गांड के छेद पर उंगली फिराने लगा.
उसकी गर्म उंगली मेरी गर्म गांड पर पूरा मजा दे रही थी.
अब वो मेरे ऊपर लेट गया और कच्छे में उसका लंड मेरी गांड पर आ सटा.
वो मेरी गर्दन पर चूमने लगा और फिर मेरी साइड में जा लेटा.
उसने अपना कच्छा उतार दिया और उसका लंड एकदम से उछल कर बाहर आ गया.
उसने लंड को हाथ में लेकर हिलाया और बोला- चूस ले यार जल्दी इसे … मुंह में ले जा.
उसका लंड काफी बड़ा था. 7 इंच के करीब का सांवला सा लंड था.
मैं उसकी जांघों के बीच में आ गया और अपनी गांड कुतिया की तरह पीछे करके उसके लंड पर मुंह झुका कर चूसने लगा.
उसके मुंह से आह्ह … आह्ह … करके सिसकारी निकलने लगी.
फिर उसके हाथ मेरे सिर पर आ गये और वो लंड को पूरा मेरे गले तक फंसाने लगा.
मुझे उल्टी होने लगी तो मैंने लंड बाहर निकाल दिया और मेरी सांस फूलने लगी.
एक बार फिर उसने मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड पर झुकाया और उसका लंड मेरे मुंह में चला गया.
पांच मिनट तक वो चुसवाता रहा और फिर अचानक से उसकी आह्ह … निकली और उसने मेरे सिर को पूरा जोर लगाकर लंड पर दबा दिया.
मुझे अपने मुंह में अजीब सा स्वाद महसूस हुआ. शायद उसका वीर्य निकल गया था. वो मेरे सिर को लंड पर दबाये रहा और फिर धीरे धीरे उसकी पकड़ ढीली हो गयी.
मेरे मुंह में उसका वीर्य भर गया था. मुझे वीर्य निकलने से उत्तेजना तो हो रही थी लेकिन वीर्य को मैं अंदर नहीं पी सका.
मैंने उसको उठकर वॉशरूम में थूक दिया.
अब तक उसने अपना अंडरवियर ऊपर कर लिया था.
हम दोनों लेटे रहे और फिर हमने खाना खाने का सोचा.
दोनों ने साथ में खाया और फिर अब चुदाई की बारी थी.
हम दोनों फिर से लिपट गये और एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे.
वो मेरी गांड पर हाथ से सहलाने लगा. मेरे चूतड़ों को दबाने लगा.
मैं उसके लंड को पकड़ कर रगड़ने लगा. उसके लंड के टोपे को मैं बार बार खोल बंद कर रहा था.
मेरी हर हरकत के साथ उसके लंड में कड़ापन बढ़ जाता था. उसके मुंह से हल्की सिसकारियां निकल रही थीं.
इधर उसकी उंगली मेरी गांड को सहलाने लगी. फिर उसने अपने हाथ में थोड़ा सा थूक लिया और मेरी गांड पर लगा कर मसल दिया.
फिर उसने एक उंगली मेरी गांड में सरका दी तो मुझे हल्का दर्द हुआ.
वो मेरी गांड में उंगली करने लगा और फिर मुझे भी अच्छा लगने लगा.
अब मैं उसके लंड की तेजी से मुठ मार रहा था और वो मेरी गांड में उंगली से चोद रहा था.
दोनों को ही बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने मुझे पेट के बल बेड पर पटक लिया और मेरे ऊपर आ गया.
हम दोनों ही पूरे के पूरे नंगे थे.
वो मेरे ऊपर लेट गया और फिर अपना लंड मेरी गांड की दरार में फंसा दिया.
उसका लंड मेरी गांड में काफी गर्मी दे रहा था. उसका सुपारा मेरी गांड के छेद को भेदने की कोशिश कर रहा था मगर मेरे चूतड़ों की घाटी में उसका लंड गुदा द्वार पर जाकर फंस जाता था.
उसने अपने दोनों हाथों से मेरी टांगों को और चोड़ी खोल दिया. अब फिर से उसने दोनों हाथ मेरे दोनों चूतड़ों पर लगाकर उनको अलग अलग दिशा में खींचा और मेरी गांड के छेद को सही से देखते हुए अपने लंड का टोपा उस पर लगाकर मेरे ऊपर लेटता चला गया.
अब उसका लंड ठीक मेरी गांड के छेद पर टिक गया था.
मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी क्योंकि अब किसी भी पल वो धक्का लगा सकता था.
जैसा मैंने सोचा था वैसे ही हुआ. उसने एक धक्का मारा और उसका सुपारा मेरे छेद में हल्का सा घुस गया.
मुझे बहुत तेज का दर्द हुआ जैसे किसी ने गांड में चाकू घुसा दिया हो.
मैं एकदम से छटपटाया और उसकी पकड़ से छूटकर आगे भाग गया.
मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था और मैं कराहने लगा. मैं बोला- नहीं यार … मुझे नहीं मरवानी गांड … सॉरी।
उसने कुछ सोचा और बोला- चल ठीक है, अगर ज्यादा दर्द हो रहा है तो रहने दे. फिर मेरा लंड एक बार और चूस दे.
उसके कहने पर मैंने एक बार फिर से उसका लंड मुंह में ले लिया.
वो अपने घुटनों पर था और मैं नीचे झुका हुआ उसके लंड को मुंह में लकर तेज तेज चूसने लगा.
काफी देर तक उसने लंड चुसवाने का मजा लिया और मैंने भी लंड चूसने का मजा लिया.
फिर उसने मेरे मुंह में ही माल निकाल दिया. मैंने फिर उसको थूक दिया.
दो बार होने के बाद अब उसने कपड़े पहन लिये और फिर मैंने भी पहन लिये. हम दोनों सोने लगे. कमरे की लाइट बंद थी.
वो बोला- यार, एक बार फिर से कोशिश करके देख लेते हम … शायद अंदर चला जाये?
मैं बोला- नहीं रोहित, सॉरी यार, मेरी हिम्मत नहीं है. बहुत ज्यादा दर्द होता है.
वो बोला- ठीक है. कोई बात नहीं. आराम से लेट जा.
वो मेरी पीठ से चिपक गया और मेरी चूचियों पर हाथ रखकर सोने लगा.
मुझे भी अच्छा लग रहा था.
फिर उसने मेरे निप्पलों को छेड़ना शुरू कर दिया.
मुझे मजा आने लगा.
धीरे धीरे करके उसने एक बार फिर से मेरी शर्ट उतरवा दी. फिर खुद की भी उतार दी. एक बार फिर हम दोनों के बदन ऊपर से नंगे हो गये. फिर ऐसे ही चूमते हुए हम नीचे से भी नंगे हो गये.
वो बोला- सनी यार, एक बार और ट्राई कर ले प्लीज!
मैं भी अब मान गया क्योंकि मेरा भी मूड बन गया था.
मैंने फिर से उसके लंड को मुंह में ले लिया. दो मिनट तक चूसने के बाद उसने फिर लंड निकाल लिया.
उसने अपने लंड पर तेल लगाया. फिर मेरी गांड के छेद पर भी तेल लगाया. फिर लंड और गांड के चिकने होने के बाद उसने एक धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में जा घुसा.
मेरी एकदम से चीख निकल गयी. मुझे बहुत ज्याद दर्द हुआ लेकिन उसने मुझे जोर से पकड़ लिया.
वो मुझसे चिपका रहा और मेरे बदन को सहलाता रहा ताकि दर्द कम हो जाये.
अब लंड का प्रवेश मेरी गांड में हो चुका था. अब तो गांड चुदाई होनी ही थी. उसे कोई टाल नहीं सकता था. फिर उसने लंड को मेरी गांड में चलाना शुरु कर दिया.
धीरे धीरे चुदते हुए मुझे भी अच्छा लगने लगा. अब मेरा मन खुद ही लंड लेने के लिए कर रहा था. वो भी अब आराम से चोद रहा था.
अब हम दोनों के मुंह से हल्की सिसकारियां निकल रही थीं. दोनों ही चुदाई का मजा ले रहे थे.
अब मैं खुद ही उसके लंड की ओर गांड के धक्के देने लगा. वो भी जोर लगाकर चोदने लगा.
बहुत अच्छा लग रहा था. ऐसा मन करने लगा कि ऐसे ही चोदता रहे वो मुझे.
उसके बदन में पसीना आ गया था. उसकी वजह से मेरे बदन में भी गर्मी बढ़ गयी थी और मुझे भी हल्का पसीना आ रहा था.
दो बार उसका वीर्य निकल चुका था. उस दिन मैंने पहली बार वीर्य का स्वाद चखा था.
अब मेरी गांड की बारी थी कि वो वीर्य का स्वाद चखे.
15 मिनट तक उसने ताबड़तोड़ मेरी गांड चुदाई की. मेरी गांड का छेद खुलकर पूरा चौड़ा हो गया. अब लंड आराम से गांड में अंदर बाहर हो रहा था.
फिर आखिरी पड़ाव पर आकर उसने मुझे कुतिया की पोजीशन में कर लिया और मेरी कमर पकड़ कर तेजी से चोदने लगा.
कुछ धक्कों के बाद ही एकदम से वो मेरे ऊपर आकर चिपक गया.
उसके धक्के अभी भी मेरी गांड में लग रहे थे.
फिर धीरे धीरे उसकी गति कम होने लग गयी. शायद उसका वीर्य मेरी गांड में छूट रहा था.
पर मुझे वीर्य निकलने का अहसास गांड में नहीं हुआ.
रोहित अब बिल्कुल रुक गया और मेरे ऊपर ही लेटा रहा.
जब उसका लंड खुद सिकुड़ कर बाहर आ गया तो वो मेरे ऊपर से हटा.
उसके बाद मैं भी एक तरफ लेट गया.
काफी देर तक हम दोनों बातें करते रहे. फिर एक बार और उसने मेरी गांड मारी.
अगले दिन जब मैं उठा तो मेरी गांड में काफी दर्द हो रहा था. मगर फिर धीरे धीरे वो दर्द भी गायब हो गया.
तो दोस्तो, ये थी मेरी गांड चुदाई की गे सेक्स स्टोरी. आपको मेरी गांड मारी कहानी पढ़ने में मजा आया होगा. अपनी राय मुझ तक जरूर पहुंचाएं. आप लोगों की प्रतिक्रयाओं का मुझे इंतजार रहेगा.
आप भी मुझे बतायें कि सही ढंग से गांड चुदाई का मजा लेने के लिए गांड कैसे मरवानी चाहिए.
मेरी गांड मारी कहानी पर मुझे आपके सुझावों और जवाबों का इंतजार है.
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