नमस्कार साथियों, आज की यह कहानी पांच साल पुराणी सच्ची कहानी है. जब मेरा पहला सेक्स चाची के साथ हुआ था. इस घटना में मैं आपके साथ अपना वो अनुभव साझा करना चाहता हूँ कि कैसे मेरी चाची ने मुझे चुदाई करना सिखाया और मेरी चढ़ती जवानी को निखार दिया.
मैं अंतर्वासना की क़हानियों को पिछले सात सालों से पढ़ रहा हूँ. लेकिन ये मेरी पहली कहानी है. इसलिए कोई ग़लती हो जाए, तो मैं पहले ही आपसे माफी माँगता हूँ.
सभी आंटियों, भाभियों और लड़कियों को मेरे खड़े लंड की ओर से तुनकी मारके नमस्ते.
मैं झारखंड के बोकारो का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल है. हाइट 5 फीट 6 इंच है. लंड की साइज़ 6 इंच है. मैं इंजीनियरिंग करने के बाद बोकारो में ही काम करने लगा हूँ. यहां मैं, मेरी चाची और उनका बेटा, जो अब 8 साल का है, वो रहते हैं. मेरे चाचा पैसे कमाने के लिए सऊदी अरब में रहते हैं और साल में एक या दो महीने के लिए ही इंडिया आते हैं. मेरे मम्मी पापा दादा, दादी भाई बहन गाँव में रहते हैं.
मेरे चाचा की शादी 2008 में हुई थी, तब मैं स्कूल में पढ़ता था. जब हम लोग चाची को देखने गए थे, तभी मुझे चाची में एक हसीन माल दिखा था, लेकिन मैं इतनी जल्दी उनके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचना चाहता था.
इधर मैं आपको अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ. उनका नाम संगीता है. शादी के वक्त चाची की उम्र 24 साल थी. वो दिखने में पूरी परी हैं, दूध की तरह सफ़ेद हैं. जब उनकी शादी हुई थी, तब उनका 34-30-32 का बड़ा ही कामुक फिगर था. अब 38-34-38 का हो गया है, जिससे अब तो वो और भी कड़क माल लगती हैं.
मैंने कई बार देखा है कि उन्हें जो भी पहली बार देखता है, वो अपना लंड सहलाने लगता है. एक तो चाची की जवानी मस्त और ऊपर से वे बड़े ही चुस्त कपड़े पहन कर अपने जिस्म की नुमाइश कुछ इस तरह से करती थीं कि उनको देखने वाला आदमी अपने लंड को हिलाए बिना रह ही नहीं पाता था.
जब चाचा की शादी के बाद चाची घर आईं, उस वक्त घर में 3 लोग ही थे. मैं और चाचा चाची. जब चाचा घर में नहीं रहते थे, तो मैं चाची से बातें किया करता था. हम दोनों काफी घुल मिल गए थे. मैं उनके साथ थोड़ा मज़ाक भी कर लिया करता था.
दो साल बाद जब उनका बेटा हुआ. तब तक चाची की देह और भी ज्यादा निखर चुकी थी और मुझ में काफी बदलाव आ गया था. मैं भी अपनी उम्र से कुछ ज्यादा ही बड़ा और गठीला सजीला मर्द लगने लगा था.
जब भी चाची अपने बेटे को दूध पिलाती थीं, तो मैं उनकी चुचियों को छिप कर देखा करता था. जब भी वे उसे नहलाने जातीं, तो उनके कपड़े भीग जाते और उनका ब्लाउज भीग कर उनकी चुचियों से चिपक जाता, तो वो सीन देख कर मेरा लंड हिलोरें मारने लगता था. उस वक्त मैं उनकी भीगे ब्लाउज से चिपकी हुई मस्त चुचियों को देखता रहता था. शायद ये बात चाची को मालूम थी.
दो साल बाद चाचा को विदेश जाने का मौका मिला, तो धन कमाने के लिए चाचा विदेश चले गए. चाचा ने दादा दादी को गाँव से यहां बुला लिया. चाचा को गए हुए 7-8 महीने हो गए थे. अब चाची थोड़ा मायूस रहती थीं. मैं उनसे हमेशा लगा रहता, बातें किया करता.
उन्हीं दिनों गाँव में एक शादी थी, तो दादा दादी को 10-12 दिनों के लिए गाँव जाना था. पता नहीं इस बात को सुन कर चाची बहुत खुश थीं. दादा दादी के जाने के बाद वो जब भी मुझसे बात करतीं, तो मुझसे डबल मीनिंग बात किया करती थीं. उनकी बातों से मुझे बड़ी उत्तेजना होती थी.
तीसरे दिन चाची ने मुझसे पूछा- तेरी कोई गर्लफ़्रेंड है?
मैंने मना कर दिया. मैं बोला- मेरी कोई जुगाड़ नहीं है.
जुगाड़ शब्द सुनकर चाची ने मेरी पीठ पर धौल जमाई और बोलीं- अच्छा बच्चू, गर्लफ्रेंड को जुगाड़ कहता है … किस चीज की जुगाड़ होती है वो?
मैं बस शरमा कर रह गया.
इसके बाद सारे दिन चाची ने मुझे छेड़ा. उन्होंने मुझे शाम को कहा- राहुल चल मार्केट चलते हैं, मुझे कुछ सामान लेना है.
हम दोनों बाज़ार चल दिए. उन्होंने कुछ सामान खरीदा और अंत में एक लेडीज कॉर्नर पे ले के गयी.
चाची ने दुकानदार से 36 बी साइज़ की ब्रा माँगी. उसने ब्रा दिखानी शुरू कीं तो चाची ब्रा उलटते पलते हुए मुझसे पूछने लगीं- बता न कौन से रंग की लूँ?
मुझे ब्रा को लेकर कुछ समझ नहीं आया कि मैं क्या बोलूँ. लेकिन आखिर में मैंने भी बोल दिया कि लाल रंग की ले लो.
दुकान से बाहर निकल कर मैंने चाची से पूछा- आपने मुझसे क्यों पूछा?
उन्होंने बोला- घर चल … सब बताती हूँ.
हम लोग घर पहुंचे. तो मैंने फिर से पूछा.
चाची ने बोला- इसलिए पूछा कि आज तुझे पूरा जवान बनाना है.
मुझे उनकी ये बात सुनकर समझ में आ गया कि आज चाची मुझसे चुदना चाहती हैं.
मैंने देखा कि चाची ये कहते हुए मेरे एकदम करीब आ गई थीं. उन्होंने मुझसे लगभग चिपकते हुए कहा- मुझे अपनी जुगाड़ बनाएगा?
मैंने तुरन्त चाची को गले से लगा लिया और किस करने लगा.
तब उन्होंने मुझे एक धक्का दिया और साइड करके बोला- अभी नहीं … रात में.
मैं रात के इंतज़ार में दो बार मुठ मार चुका था. मैं कुत्ते की तरह चाची के आगे पीछे घूमने लगा.
खाना खाने के बाद चाची बोलीं- तू गेस्ट रूम में चल, मैं बाबू को सुला कर आती हूँ.
मैं गेस्टरूम में चला गया और चाची की याद में अपने लंड को सहलाने लगा. तभी चाची काले रंग की नाइटी पहन कर आईं. उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और ऐसे किस करने लगीं, जैसे भूखी शेरनी को बहुत दिनों बाद खाना मिला हो.
उन्होंने इतनी जल्दी मेरे सारे कपड़े उतार दिए कि मुझे कुछ पता ही ना चला. चाची झुक कर मेरे लंड को चूसने लगीं. मेरा लंड पूरा लोहे जैसा कड़क हो गया था. चूंकि ये सब मेरा पहली बार था. मैं बस ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके चाची के दूध दबाए जा रहा था. मुझे लंड चुसवाना बहुत अच्छा लग रहा था. मेरे मुँह से निकल रहा था- आह चाची और करो … पूरा मुँह में ले लो.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी भी पल फट जाएगा.
चाची बोलीं- मुझे तू सेक्स करते समय चाची नहीं … संगीता बोलेगा.
मैं बोला- ठीक है संगीता.
दस मिनट की लंड चुसाई के बाद मैं एकदम से कड़क हो गया और मैंने उनके मुँह में ही अपने लंड का सारा माल निकाल दिया. मेरी चाची ने सारा माल पी लिया. लंड का सारा माल निचोड़कर पीने के बाद भी चाची ने मेरा लंड चूसना नहीं छोड़ा, इसका नतीजा ये हुआ कि मेरा जवान लंड फिर से उनके मुँह की गर्मी पाकर खड़ा हो गया.
अब चाची ने अपनी नाइटी निकाल दी. मैंने देखा चाची उसी लाल रंग की ब्रा और पेंटी में मेरे सामने थीं. ऐसा लग रहा था, जैसे समय रुक सा गया है. मैं एकटक चाची को देखे जा रहा था.
चाची अपनी ब्रा के ऊपर से अपने दूध सहलाते हुए बोलीं- क्या देख रहा है?
मैं बोला- संगीता रानी … मैंने आज तक तुम्हारे जैसी सुंदर औरत नहीं देखी है … आइ लव यू चाची…
वो भी वासना से भर कर बोलीं- आई लव यू मेरी जान.
हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना चालू किया और मैं चाची की चुचियों को मसलने लगा. मैंने धीरे धीरे उनकी ब्रा और पैंटी दोनों खोल दीं. अब हम दोनों पूरे नंगे थे. उन्होंने अपनी बुर के बाल साफ़ नहीं किए थे.
चाची बोलीं- मैंने तेरा लंड चूसा है, अब तू मेरी बुर को चाट.
मैंने मना कर दिया. मैं बोला- मुझे झांटों वाली बुर नहीं चाटना.
उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने मना कर दिया.
चाची बोलीं- आज ना सही … कल तो तुझे मेरी बुर को चाटना ही पड़ेगा … मैं तुझे बुर चाटना सिखा दूँगी.
चाची और मैं पूरे गरम थे. मैं उन्हें किस करता रहा और उनकी बुर को अपनी उंगलियों से सहलाता रहा. मैं धीरे धीरे करके अपनी तीन उंगलियों से चाची की चूत को चोदने लगा. चाची गर्मागर्म सिसकारियां भरने लगीं ‘उहह आहह इसस्स्सस्स …’
पूरा कमरा उनकी मादक आवाजों से भर गया था. चाची मेरे लंड को सहलाती रहीं और मैं उंगलियों से उनको चोदता रहा. अचानक चाची ज़ोर से मेरे लंड को दबाती हुई बोलीं- राहुल और तेज़ कर …
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
वो ‘अहह अहह..’ करते हुए मेरी उंगलियों में ही झड़ गईं.
संगीता चाची बोलीं- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा … रहा ही नहीं जा रहा मुझसे … तू जल्दी से चोद दे मुझे.
मैं लंड सहलाते हुए उनको चोदने के लिए राजी हो गया.
तभी चाची फिर बोलीं- पहले मेरी बुर को चाट ले.
मैंने फिर से मना कर दिया. मैंने बात बदलते हुए पूछा- संगीता, तुम अपनी बुर के बाल को साफ़ क्यों नहीं करती हो.
चाची बोलीं- मुझसे गलती हो गई आज मुझे अपनी बुर के बाल साफ़ करके ही आना था. अब मैं चाहती हूँ कि आज ये काम तू कर दे.
मैंने कहा- हां वो भी कर दूंगा. पहले चुदाई का मजा ले लूँ.
मैंने चाची को अपनी गोद में उठा कर बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें किस करने लगा. चाची मेरी पीठ को सहलाने लगीं. मैं एक हाथ से उनकी चुचियों को मसलने लगा.
चाची अपनी चूत खोलते हुए बोलीं- अब चोद दे मुझे … मैं बहुत महीनों से प्यासी हूँ … मेरी बुर ने बहुत महीनों से लंड का स्वाद नहीं चखा है.
कई महीनों से नहीं चुदने के कारण उनकी बुर बहुत टाइट हो गयी थी. जैसे ही मैंने बुर पर लंड सैट करके धक्का लगाया. मेरा लंड स्लिप करता हुआ चाची की गांड तक जा पहुंचा.
चाची ने हंसते हुए कहा- तूने सच में आज तक किसी को नहीं चोदा है?
मैंने कहा- आज लंड की ओपनिंग सेरेमनी है संगीता रानी.
चाची कामुक स्वर में बोलीं- चल ठीक है … आज तेरी चुदाई की गुरु बन जाती हूँ. जा उधर से तेल ले आ.
मैं तेल की बोतल लेके आया. उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड पर अपने कोमल हाथों से तेल मल दिया. फिर चाची अपनी दोनों टांगों को फाड़ कर मेरे लंड पर बैठने लगीं. उन्होंने अपनी बुर पर लंड को पर सैट किया और धीरे धीरे अपनी बुर में लंड खाने लगीं.
चूंकि चाची की चूत काफी दिनों से न चुदने के कारण कस गई थी, इसलिए उनके मुँह से ‘आह… उहह … उहह..’ की सिसकारियां निकलने लगीं.
लंड लेते हुए चाची की जवानी बहकने लगी और उनके कंठ से आवाजें निकलने लगीं- अहह. … राहुल … आजा अन्दर … आज तुझे लौंडे से मर्द बना देती हूँ. तेरा लंड बाद मस्त है … बहुत दिन बाद इस बुर में किसी का लंड गया है.
मैं भी चूतड़ उठाते हुए लंड पेलने की कोशिश करता हुआ बोल रहा था- आह मेरी संगीता डार्लिंग … मेरा ये लंड भी पहली बार किसी की बुर में गया है.
कुछ देर की मशक्कत के बाद लंड ने चूत की गहराइयों को नाप लिया था. मुझे लंड का टांका टूटने से हल्का सा दर्द हो रहा था. लेकिन चाची की मदमस्त चूचियों को चूसने और दबाने से मेरा वो दर्द एक मतवाली लज्जत में बदल गया था.
संगीता चाची ने मेरे पूरे लंड को अपनी चूत में जज्ब करके चूत को चुदने के लिए राजी कर लिया था. अब वो धीरे धीरे मेरे लंड पर कूद रही थीं- आह … राहुल … इसस्स्स … यस … उहह … मजा आ गया … तेरा लंड बड़ा कड़क और मोटा है … मेरी चूत की खुजली मिटा दे मेरी जान.
चाची ने आंखें बंद करके अपनी स्पीड बढ़ा दी. कुछ ही मिनट की चुदाई में चाची अपने चरम पर आ गई थीं. उन्होंने मेरी छाती में अपने नाख़ून गड़ा कर पूरे लंड को अपनी बुर के रस से भिगो दिया था. वे एक बार झड़ चुकी थीं. इसलिए चाची थक कर मेरे ऊपर लेट गईं.
मैंने उन्हें जल्दी से पलट कर उन्हें बेड पर लेटा दिया और फिर से लंड को उनकी चूत पर सैट करके ज़ोर का धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड एक बार में ही अन्दर चला गया.
अब चाची को मैं ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. चाची फिर से गरम हो गई थीं, वे बस कामुक सिसकारियां निकाल रही थीं- अह्ह्ह्ह्ह् … इसस्स … इश्स … चोद दे मुझे राहुल बेटा … और ज़ोर से चोद.
पूरा कमरा चुदाई की फ़च फ़च की आवाजों से गूँज रहा था. इतने में चाची ने मेरे हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया और ज़ोर से राहुल चिल्लाते हुए नाखूनों को मेरे हाथ में गड़ाते हुए फिर से झड़ गईं.
अब मेरे भी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. मैंने अपनी स्पीड को बढ़ाते हुए उनकी चूत में लम्बे लम्बे शॉट देना शुरू किया. मेरे मुँह से निकल रहा था- आह संगीता मेरी जान … मैं भी आ रहा हूँ.
मैं चाची की बुर में छूट गया और चाची के बुर को मेरे लंड रस ने लबालब भर दिया.
चाची दो पल बाद मुझे सहलाते हुए बोलीं- तेरा माल बहुत ज्यादा निकलता है. आज तू पूरा मर्द बन गया है.
उस रात मैंने चाची को 3 बार चोदा और कई बार उनकी बुर से पानी निकला. हम दोनों वैसे ही बिना कपड़ों के साथ में सो गए.
दो घंटे बाद चाची उठ कर बोलीं- आज से मैं तेरी हो गई हूँ, जब भी तेरा चोदने का मन हो, मुझे चोद लेना. आज तू पूरा जवान मर्द बन गया है.
मैंने भी उनको चूमा लिया.
चाची ने आगे कहा- लेकिन एक बात ध्यान से सुन ले. जब तक तू मेरी बुर को नहीं चाटेगा, मैं तुझे चोदने नहीं दूँगी.
मैं हंसने लगा.
अगली कहानी में बताऊँगा कैसे चाची ने अपनी बुर चटवाई.
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