बॉयफ्रेंड से चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी दीदी के घर में किरायेदार लडके को अपना बॉयफ्रेंड बना लिया. मुझे पता था कि वो मुझे चोदना चाहता है.
हाई फ्रेंड्स, मैं आपकी नीलम इस बार एक नई कहानी लेकर आयी हूँ.
मेरी दीदी की शादी दूसरे शहर में हुई है जहाँ जाने में तीन से चार घंटे लगते हैं.
दीदी की ससुराल में दो तीन लड़के किराये पर कमरा लेकर रहते थे।
उन्ही में से एक लड़का था रोहित. वह दीदी के यहाँ किराये पर कमरा लेकर रहता था और जॉब करता था.
वह मेरी दीदी को भाभी कहता था. उसकी आदत अच्छी थी इसलिए दीदी उसको ठीक समझती थी।
जब मैं दीदी के यहाँ जाती तो रोहित मुझसे बात करने की कोशिश करता था. मैं उसकी बातों का थोड़ा बहुत जवाब दे देती थी।
इसी तरह से धीरे-धीरे हमारी बातें बढ़ती गयी और हम दोनों खूब बातें करने लगे.
कभी मैं छत पर होती तो वह भी छत पर आ जाता और मुझसे बात करने लगता.
फिर उसने अपना मोबाइल नम्बर भी मुझे दे दिया और हम लोगों की फोन पर भी बातचीत होने लगी. इस तरह हमारी दोस्ती गहरी होती चली गयी।
अगर कभी दीदी को किसी सामान की जरूरत पड़ती या कुछ भी मंगाना होता तो रोहित लाकर दे देता.
रोहित दीदी की बहुत मदद भी करता था. रोहित दीदी के सामने भी मुझसे बात कर लेता था इसलिए हमें दीदी का भी कोई डर नहीं था।
वह दीदी से बहुत घुल मिल गया था इसलिए मेरे बारे में भी वह बात कर लेता था।
एक बार बातों बातों में दीदी ने उससे कह दिया होगा कि नीलम की और तुम्हारी शादी करवा देंगे.
लेकिन कहने से क्या होता है? होता तो वही है जो किस्मत में लिखा होता है।
फिर एक दिन रोहित ने मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया.
पहले तो मैंने मना किया.
लेकिन फिर उसने बोला- अब तो तुम्हारी दीदी ने भी हम दोनों की शादी कराने के लिए कह दिया है।
इसी बात को देखते हुए मैंने भी हाँ कर दी और उसके ‘आई लव यू’ को स्वीकार कर लिया।
मैं अपने घर वापस आ गयी थी.
अब तो हमारी और भी ज्यादा फोन पर बात होने लगी.
वह सेक्सी चुटकुले भी बोल देता, सेक्स की बातें भी करता था।
मैं उससे बात करती हूँ ये बात मम्मी को नहीं पता थी. मैं मोबाइल भी ब्रा में छुपाकर रखती थी.
तब मेरे पास कीपैड वाला मोबाइल था।
उससे मैं प्यार करती थी रोहित मेरा पहला प्यार था, मुझे भी विश्वास हो गया था कि हम दोनों की शादी हो जायेगी क्योंकि दीदी ने कह दिया था।
मैं उसको हर बात बताती थी. वह भी मुझे अपनी सारी बातें बताता था।
अब वह पहले से भी ज्यादा खुल कर बात करने लगा था।
जब मैं दीदी के यहाँ जाती तो वह मुझे किस करता. हम दोनों अधिकतर नीचे वाले कमरे में मिलते.
फिर वह फ्रेंच किस करता पर से ही स्तन दबाता था और ऊपर से ही चूत पर हाथ लगाता!
बहुत बार उसने किस करते समय ब्रा पैंटी में हाथ डालना चाहा लेकिन मैंने मना कर दिया, कहा- जो भी करना है, शादी के बाद ही करेंगे.
वह भी मान जाता था।
वह मुझे पकड़ कर पाँच दस मिनट तक फ्रेन्च किस करता, होंट चूसता, जीभ से जीभ लड़ाता।
दोस्तो, आप ही बताइए कि अगर आप किसी को लगातार पाँच-दस मिनट तक किस करोगे तो क्या होगा?
मैं उससे कहती थी कि मुझे कुछ कुछ हो रहा है और मैं अलग हो जाती. मेरी धड़कन बढ़ जाती और साँस तेज़ी से चलने लगती.
जब मैं बहुत उत्तेजित हो जाती तो अपना हाथ छुड़ाकर ऊपर भाग जाती थी.
लेकिन हम दोनों कभी इससे आगे नहीं बढ़े।
उसका सेक्स करने का भी बहुत मन होता था लेकिन मैं मना कर देती थी कि हम लोग सेक्स शादी के बाद ही करेंगे.
इस पर वह गुस्सा भी करता था लेकिन मैं उसे मना लेती थी क्योंकि मुझे शादी से पहले सेक्स करना ठीक नहीं लगता था.
और डर भी बहुत लगता था कहीं कुछ हो ना जाये या किसी को पता नहीं चल जाये।
दीदी के घर में नीचे वाले एक कमरे में दीदी के देवर भी रहते हैं. वे भी मुझ पर लाइन मारते; मुझसे बात करने की कोशिश करते.
लेकिन वो आवारा टाइप के लड़कों की तरह थे इसलिए वे मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं थे।
वे भी मुझसे सेक्स करना चाहते थे लेकिन मैं उनसे बात नहीं करती थी.
पता नहीं क्यों … शुरू से ही मेरे पीछे बहुत लड़के पड़े थे लेकिन मैं किसी को भी घास नहीं डालती थी।
जब भी मैं अपनी दीदी की ससुराल में रहने के लिए जाती तो रोहित खूब मिलता बातें करता!
उसने मुझे बहुत सारे गिफ्ट भी दिये.
अगर बहुत दिन हो जाते तो वह मिलने के लिए मेरे शहर भी आ जाता.
वह कहता- नीलम बहुत दिनों से तुमको देखा नहीं है. तुम्हें देखने का मन कर रहा है.
और वह बाइक लेकर मिलने आ जाता.
बहुत बार वह मेरे कॉलेज के बाहर भी आया।
जब भी वह मुझसे मिलने आता, हम दोनों बाज़ार या मॉल में ही मिलते, बातचीत करते थे.
एक बार वह कहने लगा कि ठीक से बातचीत नहीं हो पाती है. हम दोनों होटल में चलें या मेरे दोस्त के कमरे पर!
मतलब वो अकेले में मिलना चाह रहा था.
अगर मैं उससे अकेले में मिलती तो वह मुझे बिना चोदे तो छोड़ता नहीं!
इसलिए मैंने अकेले में मिलने से मना कर दिया।
इस पर वो गुस्सा भी करता कहता- तुम्हें तो मुझ पर विश्वास ही नहीं है.
हम दोनों की लड़ाई नोकझोंक भी हो जाती. तो मैं ही उसको मनाती थी।
दोस्तो, आजकल ज्यादातर लड़कों को बस चूत से मतलब होता है सच्चा प्यार करने वाले लड़के तो बस एक प्रतिशत होंगे.
कुछ लड़के तो ऐसे भी होते हैं कि लड़की पटाई, उसे चोदा और फिर किसी दूसरी की तलाश शुरू।
और फिर लड़कियाँ भी कम नहीं होती हैं. कम उम्र में ही बॉयफ्रेंड बना लेती है और प्यार के चक्कर में पड़कर अपनी सील तुड़वा लेती हैं.
ज्यादातर कुँवारी नवयौवना लड़की ही ऐसे लड़कों का शिकार होती हैं और लड़कों को भी कच्ची कलियाँ बहुत पसंद आती हैं.
खैर मैं तो यही कहूँगी कि गलती तो दोनों की होती है।
इस तरह से प्यार करते करते हमें दो साल हो गए थे. अब तो रोहित चुदाई की बातें खुलकर करने लगा था.
वह यही कहता कि शादी के बाद वहां जायेंगे, ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे.
मुझे भी विश्वास हो गया था कि हमारी शादी हो जायेगी।
एक दिन रोहित ने वह नौकरी छोड़ दी और किसी अच्छी कंपनी में दूसरी नौकरी मिल गयी.
उसके एक मामा की लड़की थी जिसने बी.एड करने के लिए उसी शहर में दाखिला ले लिया था.
चूँकि रोहित तो पहले से ही रह रहा था, अब उसकी ममेरी बहन अकेली अलग रहती तो उसने साथ में रहना ठीक समझा और दोनों साथ में रहने लगे।
रोहित के साथ में एक दोस्त भी रहता था. इस वज़ह से रोहित ने मेरी दीदी के यहाँ से कमरा खाली करके दूसरी जगह किराये पर कमरा ले लिया और दोनों भाई बहन साथ में रहने लगे.
उसके साथ रहने से रोहित को खाना नहीं बनाना पड़ता था और भी बहुत से काम नहीं करने पड़ते थे.
वैसे दोनों के घर वालों को पता था और घर वालों के कहने पर ही दोनों का साथ में रहना तय हुआ था क्योंकि उसके मामा की लड़की गाँव से आकर नये शहर में अकेली कहाँ रहती।
जब मुझे रोहित ने बताया कि उसने मेरी दीदी के यहाँ से कमरा खाली करके दूसरी जगह किराये पर कमरा ले लिया है तो मुझे बहुत बुरा लगा.
लेकिन फोन पर हमारी बात होती रहती थी.
जब मैं दीदी के यहाँ जाती तो वह मुझसे मिलने भी आ जाता था.
वह कहता भी कि तुम मेरे रूम पर मिलने आ जाओ!
लेकिन मैं मना कर देती और फिर दीदी भी भेजने के लिए मना कर देती।
मैं और रोहित फोन पर बात करते थे इसलिए हम दोनों के बारे में उसके मामा की लड़की को भी पता चल गया था.
रोहित ने मेरे बारे में बता दिया था. उसके मामा की लड़की को मेरी दीदी भी जानती थी।
बहुत बार रोहित ने अपनी मामा की लड़की से मेरी बात भी करवायी थी. उसे मालूम था कि मैं और रोहित हम एक दूसरे से प्यार करते हैं.
वह भी मुझे मिलने के लिए बुलाया करती थी लेकिन मैं नहीं जाती थी।
एक बार सर्दियों का मौसम था. मैं दीदी की ससुराल में दीदी के पास रहने आयी थी.
मैं दीदी के यहाँ बहुत दिनों के बाद गयी थी।
मेरी रोहित से फोन पर बात होती रहती थी इसलिए मुझे बताना पड़ा कि मैं दीदी के यहाँ आयी हुई हूँ.
यह सुनकर वह खुश हो गया.
दो दिन बाद रोहित ने कहा- मुझसे मिलने आ जाओ मेरे कमरे पर!
तो मैंने साफ मना कर दिया.
वह ज़िद करने लगा फिर भी मैंने मना कर दिया।
रोहित गुस्सा हो गया वह कहने लगा- मैं तुमसे मिलने इतनी दूर जाता हूँ और तुम यहाँ इतनी पास एक शहर में होते हुए भी मिलने नहीं आ सकती हो? मैंने तुम्हारी हर बात मानी है और तुम मेरी एक बात नहीं मान सकती हो? लगता है कि तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो। मैं तो कितनी बार तुमसे मिलने आया हूँ तो क्या तुम एक बार भी नहीं आ सकती हो?
इस तरह की बातें रोहित करने लगा।
मैंने रोहित से कहा- अच्छा अगर मैं आऊंगी तो तुम कुछ करोगे तो नहीं?
रोहित ने कहा- नहीं, सिर्फ किस करेंगे. वो भी अगर तुम कहोगी तो! अगर मन नहीं करे तो किस भी मत करना, इससे आगे कुछ नहीं करेंगे।
फिर रोहित ने अपनी मामा की लड़की से मेरी बात करवाई जो उसके साथ ही थी.
वह भी कहने लगी- यार आ जाओ ना! मैं भी तुमसे मिल लूंगी।
जब उसने बहुत ज़िद की तो मैंने दीदी से बताया और कहा कि रोहित की मामा की लड़की मिलने के लिए बुला रही है.
तो दीदी ने पहले तो मना कर दिया लेकिन जब मैंने दो-तीन बार कहा तो दीदी ने हाँ कर दिया और कहा- ठीक है, चली जाओ लेकिन जल्दी आ जाना।
अगले दिन मैं जाने के लिए तैयार हो गयी.
लेकिन मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था क्योंकि मैं इस तरह से पहले कभी मिलने उसके कमरे पर नहीं गयी थी.
फिर मैंने सोचा कि रोहित के साथ उसकी मामा की लड़की भी है तो वह क्या कर लेगा।
वहाँ पर मेरे साथ उसके मामा की लड़की भी होगी इसलिए वह कुछ नहीं कर पायेगा.
यही सोच कर मैं और भी मिलने चली गयी।
मैंने अच्छी सी सलवार कमीज़ (कुर्ती) पहनी दुपट्टा डाला और उससे मिलने के लिए चली पड़ी.
जब मैं घर से निकली तो एक बार मेरा दिल कहने लगा कि नहीं मुझे वहाँ नहीं जाना चाहिए.
मैं सोचने लगी कि जाऊँ या नहीं जाऊँ?
लेकिन फिर मैंने सोचा कि कुछ नहीं होगा. वहां पर उसके मामा की लड़की भी तो है।
दीदी के घर से रोहित का कमरा करीब चार पाँच किलोमीटर दूर था. मैं आटो में बैठ कर चली गयी.
वहां पहुंचकर उसके मामा की लड़की को फोन कर दिया क्योंकि मैंने रोहित का कमरा नहीं देखा था. मैं पहली बार जा रही थी.
वह मुझे लेने चौराहे पर आ गयी जहाँ आटो वाले ने मुझे उतारा था।
फिर हम दोनों रोहित के कमरे पर आ गयी.
वहां रोहित का मकान मालिक नहीं रहता था क्योंकि उसका स्थानांतरण हो चुका था.
इसलिए नीचे मकान मालिक के कमरों में ताले पड़े थे. बस ऊपर के दो कमरे किराये पर दे रखे थे जिसमें रोहित और उसकी मामा की लड़की रहती थी।
रोहित तो मुझे देख कर बहुत खुश हो गया.
हम तीनों लोग कमरे में बैठकर बातें करने लगे.
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