मेरी हवस ने मुझे कॉल गर्ल बनाया-2

हाई फ्रेंड्स! मेरी कहानी के पहले भाग मेरी हवस ने मुझे कॉल गर्ल बनाया-1

को आपने पसंद किया इसके लिए शुक्रिया! आगे की कहानी …

होटेल बहुत बड़ा था, मैं रिसेप्शन पर गई, रूम नंबर 418 बताया, रिसेप्शन की लड़की ने मुस्कुराते हुए मुझे रूम तक जाने का रास्ता बताया.
मैं रूम के सामने पहुंची, डोर बेल बजाई.
अंदर से आवाज़ आई- वेट फॉर अ मिनट!

उसने दरवाजा खोला और मेरे हाथ पाँव ढीले पड़ गये उसको देख कर… वो आदमी नहीं एक हैवान था. वेस्ट इंडीज के लोगों जैसा बहुत लंबा काला सा, सर के ऊपर घुंगराले बाल जो मुश्किल से नज़र आते हैं.

उसने मेरी तरफ सर से लेकर पाँव तक गौर से देखा और मुस्करा कर पूछा- आर यू रीतिका?
मैंने कहा- येस!

उसने हाथ मिला कर मुझसे ‘हाय’ कहा, उसका नाम बताया एंड्री… मुझे अंदर आने को कहा और दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने कमरे के तरफ देखा बहुत ही खूबसूरत रूम था. उसके बाद उसको देखा वो काला सा सफेद तौलिये में खड़ा था, मुझे घूर रहा था.

एंड्री- रीतिका, नाइस तो मीट यू… आई लाइक यू वोर इंडियन ट्रडीशनल साड़ी.. आई लाइक ईट स्पेशियली इंडियन विमन.

मैं बेड पे बैठ गई, बहुत मुलायम गद्दा था.
एंड्री- सो यू वॉट ड्रिंक्स?
मैं- नो!
एंड्री- ओके.. एज यू विश
और उसने ड्रिंक अपने लिए बनाई और 3-4 पेग लगाए.

एंड्री- यू लुक वेरी बूटीफुल रीतिका आई लाइक इट!
मैं- थैंक्स!
एंड्री- वॉट हॅपन? फीलिंग अनकम्फर्टेबल?
मैं- नो नो…

वो मेरे नज़दीक आया और मेरे सामने खड़ा होकर मेरे कंधों पर हाथ रखा. उसका एक हाथ मेरे दो हाथ के बराबर था. उसने मुझे उठाया और अपनी बांहों में ले लिया, एकदम कस के पकड़ लिया, मेरी पीठ पर हाथ घुमाने लगा.
उसके सामने मैं एकडम बच्ची लग रही थी, जैसे वो बड़ा आदमी और मैं छोटी बच्ची!

उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया था, उसका बदन मुझ से टच हो रहा था, वो सिर्फ़ टावल में था, उसका लंड मुझे अपनी जांघों पर महसूस हो रहा था, उसके टच से पता लग रहा था कि वो बहुत बड़ा होगा.
उसने मुझे आसानी से उठाया और उसका मुँह मेरे फेस के सामने लाया और गालों पर और नेक पर किस करने लगा. उसके बाद उसने मेरे होंठों पर उसके मोटे होंठ रखे, वो मेरे होंठों को चूसने लगा था.
बहुत दिन हो गये थे मुझे भी सेक्स किए हुए तो मुझे भी अच्छा लगने लगा था, मैं भी उसकी जीभ को अपनी जीभ से छूने लगी, दोनों एक दूसरे के मुँह को चूसने लगे.

फिर उसने मुझे नीचे उतारा और अपना टावल निकाल दिया.

उफ़… मैं यह देख कर चौंक गई कि उसका लंड जैसे किसी आदमी का नहीं किसी घोड़े का लंड था, इतना बड़ा और मोटा… मेरे एक हाथ के कलाई के जितना मोटा और 10 से 12 इंच तक लंबा होगा. मैंने कभी सपने भी नहीं सोचा था कि आदमी का इतना भी बड़ा हो सकता है. यह आदमी नहीं हैवान लग रहा था.

उन दिनों मैंने कभी सेक्स फिल्म नहीं देखी थी इसलिए मुझे नहीं पता था कि नीग्रो लोगों का इतना लंबा होता है. उसका काला मोटा लंड मेरे सामने लटक रहा था और मैं देख रही थी. मैं काफ़ी डर गई थी कि इतना बड़ा अंदर जाएगा तो क्या मैं जिंदा बचूंगी.

एंड्री- वॉट हॅपन रीतिका, ऐनी प्रॉब्लम्स? इस इट स्माल?
मैं- नो नथिंग… इट्स वेरी ह्यूज वन.
एंड्री- सो वॉंट टू टेस्ट इट? टेक इट इन युअर स्वीट माउथ… यू वुड लाइक इट!

और उसने मेरे मुँह के सामने अपने हाथ से पकड़ के अपना लंड कर दिया, मैंने पहले उस पर किस किया फिर अपना मुँह खोला तो उसने तुरंत अंदर ही डाल दिया. उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुँह मैं एकदम फिट हो गया और अंदर जाने के लिए कुछ बाकी ही नहीं था.
वो उसे अंदर बाहर करने लगा, मेरे सिर को पकड़ कर आगे पीछे कर रहा था. फिर उसने मुझे खड़ा कर दिया और मेरे साड़ी का पल्लू खींच कर साड़ी निकाल दी. उसके बाद मेरे पेट पे हाथ रख कर उसे घुमा रहा था और मेरा हाथ पकड़ के उसके लंड पे रख दिया. इतना बड़ा था लेकिन अभी तक लकड़ी के जैसा कड़क नहीं हुआ था.

मैं हाथ से मसाज करने लगी… उसका हाथ मेरे पीछे से मेरे चूतड़ पे गया और उसने एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और कहा- नाइस एस बेबी… आई लाइक इट!
फिर उसने मेरा ब्लाउज खोला और ब्रा भी निकाल दी. मेरी चुची उसके सामने खुली थी, वो काफ़ी देर उनको देखता रहा और कहने लगा- यू डिड्न’ट डू बूब्स जॉब आई थिंक… देट’स वाइ इट्स स्माल… नाऊ यू कम तो राईट मैन… आई विल इनक्रीज देम…
और जोरों से उनको मसलने लगा, निप्पल को अपने उंगलियों से खींचने लगा और चुची दबाने लगा.

फिर उसने मुझे बेड पे लिटाया और मेरे ऊपर आ गया, मेरी चुची दबाते दबाते वो चूसने भी लगा. बहुत ज़ोर से चूस रहा था, उसका मुँह इतना बड़ा था कि उसमें मेरी पूरी की पूरी चुची चली गई.
मैंने खुद से अपना पेटीकोट निकाल दिया और पेंटी बाकी थी जो उसने खुद से निकाल दी.

अब वो एक हाथ से चुची दबा रहा था, एक हाथ नीचे मेरी चुत पर रख कर उसको मसल रहा था और एक चुची मुँह से चूस रहा था. मैं उसके नीचे पड़ी थी, उसकी इन सभी हरकतों से मेरा सेक्स जाग गया था, मैं एकदम मस्त हो गई थी और आवाज़ निकल रही थी उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मेरी चूत भी गीली होने लगी थी.

फिर उसने एक उंगली मेरे चूत में डाली, उंगली नहीं जैसे कोई छोटा लंड हो… उफ्फ… अंदर तक डाल कर घुमा रहा था.

अब वो नीचे आ गया और मेरे पैरों के बीच अपना मुँह रखा और मेरी चूत पर अपनी जुबान रख कर मेरी चूत पर फिराने लगा. यह होते ही मैं पागल सी हो गई और मेरा पानी निकल गया.
यह पहली बार था कि मैं चुदाई से पहले ही पानी छोड़ चुकी थी.

वो मुझे देखकर मुस्कुराया और कहने लगा- सो यू लाइक इट… वॉंट इट मोर?
मैंने हाँ में अपनी गर्दन हिलाई और वो मेरी चूत को चाटने लगा. एकदम अंदर तक उसकी जीभ जा रही थी.

कुछ देर बाद मैंने फिर से पानी छोड़ दिया, मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैंने दूसरी बार ऑर्गैस्म का एक्सपीरियेन्स किया इतने छोटे टाइम में!
यह मेरे साथ कभी कभार ही होता था और वो भी सेक्स के बाद जब लड़का मेरे साथ और कुछ करता… तब! लेकिन इसने तो करने से पहले ही मुझे पूरा गीला कर दिया.

वो उठ गया, मैं बेड पे लेटी हुई थी. उसका लंड अब पूरा टाइट था, उसने कॉंडम लिया और अपने लंड पे लगा दिया. वो कॉंडम भी पूरा उसके लंड पर नहीं लग रहा था, आधा ही बैठ रहा था.
‘नाउ बेबी… थिस हॉर्स विल राइड ओन यू… आर यू रेडी नाऊ?’

और वो मेरे करीब आया, मेरे दोनों पैरों को उसने उठाया और दोनों को एक दूसरे से दूर कर दिया, इसकी वजह से मेरी चूत काफ़ी खुल गई थी.

उसने अपना लंड मेरे चूत पे रखा और एकदम अंदर ही डाल दिया आधा एक ही झटके में अंदर… उफ्फ… एकदम से मुझे शॉक लगा और मैं कसमसा गई. मैं अंगड़ाई लेने लगी दर्द के कारण लेकिन उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी.
अब उसने मेरे दोनों पैर उसके कंधे पर रख दिए और हाथ मेरे हाथों पर… उसका फेस मेरे फेस के सामने था, उसने मेरे लिप्स पर लिप्स रखे और फ्रेंच किस करने लगा, मैं भी उसका साथ देने लगी.

उधर वो धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा था, मुझे दर्द हो रहा था लेकिन हल्का ही… इतना चुदने के कारण मेरी चूत काफ़ी हद तक उसके लंड को संभाल रही थी पर वो अभी तक आधा ही अंदर गया था, फिर भी मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था, वो चूत मैं एकदम कसा गया था.
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मेरे दोनों पैर हवा में, हाथ उसके हाथों में और उसका पूरा वजन मेरे ऊपर… मैं ज़रा भी हिल नहीं पा रही थी. उसने एक हाथ से मेरे दोनों हाथ ऊपर कर दिए, बेड के सहारे पकड़ कर दबा दिए, पैर नीचे कर दिए फैला के… एक हाथ से मेरी चुची को दबा रहा था, कभी कभी नाभि को सहला रहा था, बीच बीच मैं मेरी आर्म पिट को चूम रहा था.

धीरे धीरे उसका लंड काफ़ी अंदर तक जा चुका था, मुझे उसका टच अंदर तक फील हो रहा था, उसके लंड की हर एक चोट मुझे अंदर से लग रही थी, मेरे पेट तक उसका अहसास हो रहा था. वो मेरी बच्चेदानी तक पहुंच गया था. मैंने नीचे देखा तो उसका सिर्फ़ 2 इंच लंड बाकी था, बाकी पूरा अंदर गया था.

धीरे धीरे करते उसने मेरी पूरी चूत भर दी थी, मैं गीली थी इसलिए ज़्यादा तकलीफ़ नहीं दे रही थी.
अब उसने धीरे धीरे उसका स्पीड बढ़ाना शुरू किया, जैसे जैसे उसने स्पीड बढ़ाई, वैसे वैसे मेरा दर्द बढ़ता गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो बहुत तेज़ी से बाहर जाता और एकदम बुलेट की तरह अंदर तक आता. जब वो अंदर आता था, मैं पूरी हिल जाती थी, मेरा पूरा शरीर हिलता था, बेड भी आवाज़ करता था.

कमरे मैं बेड की और मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थी. उसके स्पीड बढ़ने से मेरी आवाज़ भी बढ़ गई थी, मैं जोरों से दर्द से चिल्ला रही थी और वो और ज़ोर से कर रहा था.

फिर उसने मुझे उल्टा लेटने को कहा, अब मेरी चूची बेड की तरफ और मेरी गांड उसकी तरफ थी. उसने मेरे पैर फैला दिए और मेरे ऊपर लेट गया, मेरे हाथों को कस के पकड़ा और उसका लंड सीधा अंदर चूत के… ऐसा पोज़ मैंने कभी नहीं किया था.
वो अंदर बाहर कर रहा था… काफ़ी तेज उसकी हरकत थी. वो जब भी मेरी गांड पे टकराता, ठप ठप की आवाज़ आती थी, इतनी जोर से आवाज़ आ रही थी कि सारा कमरा उसकी आवाज़ से गूंजने लगा.

मैंने फिर एक बार पानी छोड़ दिया.

उसने मेरी कमर को पकड़ा और बहुत तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मेरी चूत बहुत गीली हो गई थी, ल्यूब्रिकेशन बहुत था तो वो आसानी से अंदर बाहर कर रहा था.

उसने मुझे कमर से उठाया और मेरे पेट के नीचे तकिया रख दिया और चोदने लगा, मैं यहाँ उफ्फ हम्फ अफ कर रही थी.

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उसने मुझे दोनों हाथों पर और घुटने के बल खड़े होने को कहा और मेरी कमर को पकड़ कर अंदर बाहर अंदर बाहर करे जा रहा था नॉनस्टॉप…
मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई आदमी भी इतनी स्पीड से कर सकता है, कुत्ते को देखा था लेकिन आदमी की इतनी स्पीड मैं पहली बार देख भी रही थी और एक्सपीरियेन्स भी कर रही थी.

फिर वो बिस्तर पर लेट गया और मुझे अपने लंड के ऊपर बिठा लिया. लंड मेरी चूत को खोलता हुआ अंदर तक घुस गया. मैं उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. वो मेरी चुची को दबा रहा था उसका काला हाथ मेरे गोरे बदन पे जैसे दूध में मक्खी हो, ऐसा लग रहा था.

मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी, बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे कर रही थी. इतने मेरा पानी निकल गया लेकिन वो अभी तक पूरा टाइट था. वो वैसे ही मुझे पकड़ कर उठ गया और मुझे हवा में उठा लिया दोनों हाथों से… मेरे पैर उसकी कमर पर लिपटे हुए थे और हाथ गर्दन पे लिपटे थे.
उसने उसी पोज़ में अंदर डाला और हवा में ही चोदने लगा. मेरी चूत का पानी उसके लंड से नीचे उसकी जांघों तक बह रहा था. चूत तो काफ़ी गीली थी वो सटासट अंदर डाले जा रहा था.

उसके बाद उसने मुझे नीचे उतारा और दीवार के सामने खड़ा करके मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया और पीछे से मेरे चूत के अंदर अपना पहाड़ सा लंड डाल दिया और मेरी चुची पे हाथ रख कर उसको सहलाने लगा.
इतने में मैंने फिर से पानी छोड़ दिया.

25 से 30 मिनट से वो मुझे अलग अलग पोज में चोद रहा था. ऐसे में उसने मुझे एकदम कस के पकड़ा और बोला- रीतिका आई एम कमिंग!

और मुझे एकदम कस के पकड़ के उसका पानी छोड़ दिया.

थोड़ी देर बाद वो अलग हो गया. मैं भी बाथरूम जाकर अपनी बॉडी साफ करके आई और टावल से अपनी बॉडी पौंछते हुए बाहर आई.

मेरी पूरी बॉडी लाल हो गई थी.

मैंने अपने कपड़े उठाए क्योंकि मुझे लगा कि एक राउंड से उसका पेट भर गया अब और नहीं माँगेगा… लेकिन उसने मुझे रोका, इतनी देर में वो फिर से टाइट हो चुका था.

उसने मुझे फिर बिस्तर पे लेकर दो बार और चोद दिया.

और हम दोनों वहीं बिस्तर पर एक दूसरे की बाहों में सो गए.

सुबह के 8 बजे मेरा फोन बजने लगा, मेरी नींद खुली, मेरी रूम मेट का फोन था, बोली- कहाँ पर हो? सुबह हो गई होस्टल आना नहीं क्या?
मैं- हाँ… मैं बस अभी निकलूंगी… रात भर सोई नहीं थी तो ज़रा नींद लग गई थी.

इतने में वो भी उठ गया. हम दोनों न्यूड ही थे, उसको देखकर मेरा भी मन फिसल गया और वो भी मुझे बांहों में लेकर किस करने लगा.

मैंने अपनी रूम मेट को फोन पर कहा- सुरभि, शायद आज मैं होस्टल नहीं आ पाऊँगी.
और मैंने फोन कट कर दिया और एंड्री की बाहों में लिपट गई.

उस दिन मैं होटल में रही, हम दोनों ने 3 बार सेक्स किया और अगली रात भी उसने मुझे सोने नहीं दिया. मैंने अपनी लाइफ में पहली बार नॉनस्टॉप ऐसा सेक्स किया था.
मैं बहुत तक चुकी थी.

दूसरे दिन एंड्री ने मुझे दो दिन के पैसे दे दिए और मैं होस्टल चली आई.

उस दिन शाम को फिर से मनजीत का फोन आया.
मैं- हेलो?
मनजीत- हेलो रूचि जी, कैसी हैं?
मैं- ठीक हूँ!
मनजीत- तो कैसी रही रात?
मैं- पेन फुल!
मनजीत- क्यों मजा नहीं आया क्या?
मैं- हाँ आया!

मनजीत- लेकिन आपने तो कमाल कर दिया!
मैं- क्या हुआ?
मनजीत- एंड्री ने जब से आपके साथ किया है, वो आप का दीवाना हो गया है और अगले 2 महीने के लिए आपको बुक करने को बोल रहा है, वो 2 महीने के लिए इंडिया में है, तब तक वो आप को अपने साथ अपने होटल में रखना चाहता है, आपका क्या विचार है?
मैं- सोचूंगी लेकिन मैं 2 महीने तक लगातार उसके साथ नहीं रहूँगी.
मनजीत- ओके… नो प्राब्लम, मैं आपको फोर्स नहीं करूँगा लेकिन अपनी मर्ज़ी से कब जा सकती हो, बता देना!

मैं- हर रोज 2 घंटे के लिए जा सकती हूँ!
मनजीत- देट’स गुड मैडम!
मैं- थॅंक्स!

मनजीत- ओके मेम, आपने पहले दिन ही बेस्ट परफोर्मेंस दिया, बहुत आगे जाओगी, अब आपको फोटो शूट करवा लेनी चाहिए.
मैं- ज़रूरी है क्या?
मनजीत- ज़रूरी तो नहीं है लेकिन अगर करवा लेती तो अच्छा रहेगा!
मैं- लेकिन उसमें सेफ्टी नहीं होगी ना!
मनजीत- मैडम हम किसी भी फोटो में फेस नहीं दिखाते हैं, सिर्फ़ बॉडी दिखाते हैं और बॉडी देख कर ही कस्टमर पसंद करते हैं.

मैं- कनफर्म कि मेरा फेस कहीं भी नहीं होगा?
मनजीत- हाँ… बिल्कुल कन्फर्म.. सिर्फ आपकी बॉडी!
मैं- ठीक है, मैं रेडी हूँ फोटो शूट के लिए!

मनजीत- तो कल दिन में ठीक 11 बजे आ जाइएगा.
और उसने एक अड्रेस दिया!
मैं- ठीक है, मैं आ जाऊँगी.

उसके बाद क्या हुआ, मैं कैसे एक पर्फेक्ट कॉल गर्ल बनी, उस फोटोशूट में क्या हुआ, जानने के लिए मेरी अगली कहानी का इंतज़ार करें.
यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा.

आपकी अपनी बड़ी चुची वाली रूचि रानी
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