मेरी जान शायरा-23

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

 मेरी जान शायरा-22  

इस तरह प्यार करना शायरा के लिए नया था … पर मेरे साथ वो खुलकर प्यार करना चाहती थी. इसलिए मेरे लंड पर बैठकर वो पूरी मस्ती करते हुए लंड पर उछलने लगी.

हैलो फ्रेंड्स, मैं महेश अपनी सेक्स कहानी के अंतिम भाग में आपसे मुखातिब हूँ.

अब तक आपने जाना था कि मैं शायरा की चुत झाड़ दी थी और उसकी चुत का रस पीता चला गया था. शायरा मुझे यूं चुत चाटते देख कर बहुत मस्त हो रही थी.

अब आगे:

शायरा की चुत पर प्यार की एक छोटी सी किस्सी लेकर मैं उसके पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को चूत के मुँह पर सैट कर लिया.

लंड के चूत से टच होते ही शायरा के बदन में एक बिजली सी दौड़ गयी. उसने कुछ कहा तो नहीं, मगर मेरी तरफ टकटकी लगाए बस देखती रही.

वैसे तो एक बार झड़ने के बाद, किसी को भी दोबारा से गर्म होने के लिए कुछ टाईम चाहिए होता है … मगर शायरा तो ना जाने कब से प्यासी थी, इसलिए अब दोबारा से उत्तेजित होने में उसने अब समय नहीं लिया.

मैंने शायरा के पैरों को और खोलकर अपने लंड को पहले तो ठीक तरह से शायरा की चूत पर अड्जस्ट किया.
फिर लंड को चुत के मुँह पर लगाकर मैंने धीरे से पहला झटका मारा.

शायरा की चूत मेरा मोटा लंड एक बार खा चुकी थी … इसलिए लंड का सुपारा उसकी चूत को रगड़ते हुए सीधा अन्दर धंस गया.
उसके चेहरे पर दर्द की हल्की सी लकीर तो आई थी … पर चुत की मांपेशियों ने लंड के हिसाब से अड्जस्ट कर लिया.

मैंने भी लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और फिर से एक जोरदार धक्का मारकर सीधा आधे से ज़्यादा लंड चूत में घुसा दिया.

इस बार चूत को लंड के हिसाब से थोड़ा ज़्यादा अड्जस्ट करना पड़ा, जिससे शायरा को ज्यादा दर्द हुआ.
पर इतना दर्द तो होता ही है.
वैसे भी शायरा की चुत मेरा इतना मोटा लंड खा रही थी, इसलिए इतना दर्द तो होना ही था.

शायरा ने अपने होंठों को दबाकर अपने मुँह को जोरों से भींच लिया था.

मैंने अब तीसरा और आख़िरी झटका मारा और अपने लंड को चुत की गहराई में वहां तक पहुंचा दिया जहां अभी तक शायरा का हज़्बेंड भी नहीं पहुंच सका था.

शायरा की चुत में मैंने अपने प्यार का झंडा गाड़ दिया था और मेरा लंड अब उसकी चूत की गहराई में जाकर वहां से पानी निकालने के लिए तैयार था.

पर मेरे लंड ने शायरा की चूत की नसों को भी फैला दिया, जिससे अब शायरा के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल गयी.

कराहते हुए ‘आआहह म.. मरररर.. गइईई … तुमने तो … आआहह … फाड़ दी.’ उसने इतना ही कहा और अपनी टांगें ऊपर उठा कर मेरी कमर पर ऐसे लपेट लीं, जैसे मुझे अपने लंड को ऐसे ही चूत में हमेशा के लिए रखने के लिए बोल रही हो.

आज तक जितनी चूत मुझे चोदने को मिली थीं, सबको मेरा लंड हमेशा के लिए चाहिये था. शायरा ने भी मुझे अपनी टांगों के बीच कसके पकड़ लिया था.

वो खुद दर्द से छटपटा रही थी, पर मेरे लंड को हिलने नहीं दे रही थी.
इसलिए मैंने भी अब अपने आपको शायरा के ऊपर गिरा दिया और पूरी तरह से शायरा से चिपक गया.

मेरे लंड पर शायरा की चूत अपना दबाव बनाए जा रही थी और मेरा लंड भी नयी नयी चूत में जाकर उछल रहा था. पर उससे पहले मुझे शायरा का दर्द कम करना था.

शायरा का दर्द कम‌ करने के लिए मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वो बस मेरा साथ दे रही थी.

उसको भी अपना पानी जल्दी निकालना था ताकि वो मेरे लंड का मज़ा दर्द से नहीं बल्कि एन्जॉय करते हुए ले सके‌.

शायरा के होंठों को चूसते हुए मैं अब तब तक उससे वैसे ही चिपका रहा, जब तक की शायरा ने खुद ही अपने कूल्हों को हिलाना शुरू नहीं कर दिया.
उसका अपने कूल्हों हिलाना मेरे लिए ये उसका एक इशारा था कि मैं अब उसकी चूत को फाड़ सकता हूँ.
इसलिए शायरा के होंठों को छोड़कर मैंने अपने हाथों के सहारे अपने ऊपर के शरीर को ऊपर उठा लिया.

शायरा ने भी अब अपने पैरों को मेरे कमर से अलग करके मेरे लिए धक्के मारने की जगह बना दी.
पर मुझे शायरा के साथ चुदाई का पूरा मज़ा लेना था, इसलिए मैंने शायरा की चूत में धीरे धीरे धक्के मारना शुरू किए और हर एक धक्के को मारते हुए शायरा के मुँह से निकलने वाली हर एक आह्ह.. को देखने लगा.

मुझे अपने लंड को शायरा की चूत में जाते हुए देखने में मज़ा आ रहा था इसलिए मैंने पहले पहले के कुछ धक्के तो इतने प्यार से और धीरे धीरे मारे कि इतना तो कभी वर्जिन चूत के साथ भी नहीं मारे होंगे.

पर जैसे ही मेरे लंड पर शायरा की चूत की पकड़ कुछ कम हुई, वैसे ही मैं शायरा के ऊपर आ कर धक्के मारने लगा.

शायरा की गीली चूत में मेरा लंड आराम से जा रहा था, इसलिए धक्के मारते हुए मैं शायरा के होंठों को भी चूसने लगा.

मेरा लंड जब चूत की गहराई में जाता, तो शायरा की चूत में कसाव आ जाता और चूत की दीवारें मेरे लंड से रगड़ने लगतीं.
शायरा की गर्म गर्म चूत में लंड डालने में और रगड़ने में मज़ा आ रहा था इसलिए मैं धीरे धीरे धक्के मार रहा था और शायरा सिसकारियां लेते हुए मेरा जोश बढ़ा रही‌ थी.

उसका जोश देखकर मैं भी धीरे धीरे अपने धक्कों की गति को तेज़ करने लगा, जिससे शायरा की गर्म सिसकारियां भी तेज हो गईं.

शायरा को लंड लेने में पूरा मजा आ रहा था … इसलिए उसकी चुत अब अन्दर से और भी पानी उगलने लगी और चुत के पानी से भीगकर मेरा लंड और भी चपलता से उसकी चुदाई करने लगा.

वो इस वक्त पूरे जोश में थी … इसलिए कुछ देर शायरा की ऐसे ही चुदाई करने के बाद मुझे जब लगा कि शायरा अब पूरे जोश में आ गयी है और मैं उसकी कैसे भी चुदाई कर सकता हूँ. तो मैंने अब पोज़िशन चेंज कर ली.

मैंने अपने लंड को शायरा की चुत से बाहर निकाल लिया और उसे अब उल्टा लेटने को कहा.

शायरा भी मेरे कहते ही उल्टा लेट गयी, जिससे मैंने अब पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया.

इस पोज़िशन में शायरा की चूत और भी टाइट हो गयी थी … जिससे अब मुझे तो चूत में मारने में मज़ा आ रहा था.

पर इससे शायरा को परेशानी होने लगी. शायरा की परेशानी को देखकर मैंने उसे एक तरफ होकर लेटने को कहा और मैं खुद उसके पीछे लेट गया.

शायरा के पीछे लेटकर मैंने उसके एक पैर को ऊपर हवा में उठा लिया और पीछे से चूत में लंड डाल दिया.

इस बार मेरे साथ साथ शायरा को भी मज़ा आ‌ रहा था … इसलिए शायरा को मज़ा लेते देख मैंने भी अब शायरा को दनादन पेलना शुरू कर दिया और पीछे से ही शायरा की चूत का बैंड बजाने लगा.

शायरा को मेरे लंड से धक्के खाने में अब इतना मजा आ रहा था कि मादक सिसकारियां लेते हुए मुझे वो अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने को कहने लगी.

मैंने भी शायरा की बात मानते हुए अपनी गति बढ़ा दी और जोरदार तरीके से शायरा की चूत का बाजा बजाने लगा.
शायरा की चुत मेरे लंड के वार को अब ज़्यादा देर तक सहन नहीं कर सकी और कुछ देर बाद ही उसका बदन अकड़ गया.

उसने जोर जोर से किलकारियां सी मारते हुए मुझे कसके पकड़ लिया और अपनी चुत के रस से रह रह कर मेरे लंड को नहलाना शुरू कर दिया.

चुत का पानी निकलने से शायरा तो ठंडी पड़ गयी थी … पर मैं उसी पोज़िशन में शायरा की चूत मारता रहा, जिससे कुछ देर बाद ही शायरा फिर से जोश में आ गयी.

शायरा के फिर से गर्म होते ही मैंने भी फिर से पोज़िशन चेंज कर ली और हम अब पहले वाली ही पोज़िशन में आ गए.

उसको सीधा पीठ के‌ बल‌ लेटाकर मैं उसके ऊपर आकर चुदाई करने लगा, जिससे शायरा अब‌ फिर से मुझे अन्दर महसूस करते हुए मादक सिसकारियां लेने लगी.

शायरा के झड़ जाने से उसकी चुत अब पानी‌ से भरी हुई थी और उसमें मेरा लंड जाने से ‘फच्च.. फच्च..’ की आवाज आ रही थी.‌

उसकी सिसकारियों के साथ उसकी चुत से आने वाली ‘फच्च … फच्च ..’ की आवाज़ तो मेरा चूत मारने का मज़ा और भी बढ़ा रही थी, इसलिए मैं भी और जोरों से शायरा की चुत को बजाने लगा.

मेरे धक्कों की गति बढ़ते ही शायरा ने मुझे कसके पकड़ लिया और अपनी टांगों को मेरे पैरों में फंसा कर उसने भी अपने कूल्हों को उचका उचकाकर मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

शायरा एक बार फिर से अब पूरे जोश में थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी.

मैं ऊपर से उसकी चुत बजा रहा था, तो नीचे से वो भी अपनी चुत को उचका उचकाकर मेरे लंड को अपनी चुत में उतारने की कोशिश कर रही थी.

हम दोनों ने ही अब पूरी जी-जान लगा कर चुदाई करना शुरू कर दी थी, जिससे मेरी और शायरा की सांसें अब फूल गयी थीं.

पर ना शायरा अपना जोश कम कर रही थी … और ना मैं अपनी गति कम कर रहा था.

शायरा तो एक बार झड़ भी गयी थी … मगर मैं अपने आप‌को काफी देर से रोके हुए था … इसलिए मेरा चरम अब नजदीक आ गया था.
मैं खुद के झड़ने से पहले शायरा को अब एक बार फिर से ठंडा करना चाहता था.

इसलिए शायरा को जल्दी से ठंडा करने के लिए मैंने शायरा के ऊपर लेटकर तेजी से धक्के लगाने शुरू कर दिया.

मेरा लंड तो शायरा की चुत की ठुकाई कर ही रहा था … साथ ही मेरे ऐसे लेटकर धक्के मारने से मेरे लंड के ऊपर का भाग भी शायरा की चूत के दाने से रगड़ने लगा था.

अपने दाने पर लौड़े की टक्कर से शायरा का मजा और भी बढ़ गया और उसका जोश तो दुगना हो गया.
उसने जोर जोर से चिल्लाते हुए अब खुद ही अपने कूल्हों को उछाल उछाल कर मेरे लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया.

शायरा का चरम भी अब नजदीक आ गया था.
उसको देखकर लग रहा था कि वो अब चरम के शिखर पर ही थी.

इसलिए मैंने अब लास्ट के कुछ एक धक्के अपनी पूरी तेजी व ताकत से मारे और शायरा को कस कर अपनी बांहों में भींच लिया.

फिर जैसे ही मेरे लंड ने शायरा की चुत में वीर्य उगलना शुरू किया, मेरे लंड से निकलते गर्म गर्म वीर्य को अपनी चुत में फील करके शायरा ने भी मुझे कसके अपनी बांहों में भींच लिया और मेरे लंड को अपनी चुत में जकड़कर उसने भी अपनी चुत का रस मेरे लंड को पिलाना शुरू कर दिया.

हम‌ दोनों का स्खलन एक साथ ही शुरू हुआ था … इसलिए एक दूसरे के अंगों को अपने अपने प्यार का रस पिलाते हुए अब हम‌ काफी देर तक ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में समाये पड़े रहे.

मैंने शायरा की चुत को अपने वीर्य से पूरा भर दिया था और खुद शायरा भी दो बार झड़ चुकी थी. इसलिए उसकी चुत व चुत के आसपास अब पूरा गीला गीला और चिपचिपा हो गया था.

मेरे भी लंड के आसपास और जांघों पर काफी सारा प्रेमरस लगा हुआ था, इसलिए कुछ देर ऐसे ही‌ पड़े रहने‌ के‌ बाद शायरा तो अब उठकर बाहर शायद फ्रेश होने चली गयी … पर मैं वैसे ही पड़ा रहा.

फ्रेश होने के बाद शायरा फिर से मेरे पास आकर लेट गयी और मेरे लंड को देखने लगी. मैं अभी भी वैसे ही पड़ा हुआ था. मेरा लंड भी मुरझाया हुआ था, पर शायरा के ऐसे देखने से उसमें अब फिर से जान आ गयी. जिसे देख शायरा की आंखों में भी अब चमक सी आ गयी.

शायरा ने अभी‌ तक‌ मेरे लंड पर इतना ध्यान नहीं दिया था … पर उसके अब ऐसे देखने से लग रहा था कि उसे मेरा लंड काफी पसन्द आया था.

शायद शायरा को अपबे हज़्बेंड के और मेरे लंड में बहुत फर्क लग रहा था … तभी तो वो मेरे लंड को इतने ध्यान से देख रही थी. वैसे मेरा लंड था भी ऐसा कि एक बार देखने में ही सबको पसंद आ जाए.

मैं- क्या हुआ, क्या देख रही हो?
वो- क्क..क … कुछ नहीं.

शायरा झेंप गयी थी इसलिए उसने हकलाते हुए कहा और दूसरी तरफ देखने लगी.

उसकी इस अदा पर तो मैं घायल ही हो गया था. इसलिए मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच लिया.

मै तो सोच रहा था कि शायरा का दो बार रस निकल गया है और वो इस लम्बी चुदाई से थक भी गयी होगी.‌ इसलिए वो मुझे अब रुकने को‌ कहेगी.

पर शायरा आज रुकने के मूड में नहीं थी. क्योंकि जैसे ही मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. शायरा इस झटके से सीधे अपनी चुत को मेरे लंड पर रखकर बैठ गयी.

शायरा अब भी पूरी नंगी थी. वो बाथरूम से अपनी चुत धुलाई कर आई थी, इसलिए उसकी चुत एकदम‌ ठंडी थी, पर अन्दर से अब भी गर्म लग रही थी. शायरा की चुत की गर्मी को मैं अपने लंड पर महसूस कर रहा था. ऊपर से शायरा का जोश देखने के बाद मैं भी कहां पीछे रहने वाला था.

मैंने भी अब अपने लंड को थोड़ा सा एडजस्ट किया … तो एक ही झटके में शायरा की चुत ने मेरे पूरे लंड ‌को खा लिया. शायरा के मुँह से अब एक मीठी सी ‘आह्ह ..’ तो निकली, पर उसकी चुत की मांसपेशियों ने लंड को एडजस्ट कर लिया.

इस तरह प्यार करना शायरा के लिए नया था … पर मेरे साथ वो खुलकर प्यार करना चाहती थी. इसलिए मेरे लंड पर बैठकर वो पूरी मस्ती करते हुए लंड पर उछलने लगी.

शायरा के साथ साथ मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू‌ कर दिए, जिससे शायरा को और भी मज़ा आने लगा.

चुदाई में मज़ा जितना ज़्यादा आता है, चूत से पानी भी उतना ही ज़्यादा निकलता है. इसलिए इस बार शायरा ज्यादा देर तक ये मजा सहन नहीं कर पाई और मेरे लंड पर उछलते उछलते ही वो एक बार फिर से झड़ गयी.

अब इसी तरह रात भर हमारे प्यार का सिलसिला चलता रहा और सुबह तक हम‌ एक दूसरे से प्यार करते रहे.
सुबह के करीब पांच बजे हम दोनों सोये होंगे. इसलिए अगले दिन हम देर तक सोते रहे.

एक बार प्यार का सिलसिला जो चल जाता है … फिर वो रुकता थोड़े ना है. इसलिए हमारे प्यार का सिलसिला भी चलता गया.

मेरा कमरा बस अब नाम के लिए मेरा कमरा रह गया था, नहीं तो मेरे दिन रात अब शायरा के साथ उसके घर पर ही बीतने लगे थे.

हम दोनों अब पति पत्नी की तरह रहते. मेरे खाने पीने से लेकर रहन-सहन यहां तक की कपड़े-लत्ते‌ तक‌ के सारे ख्याल अब शायरा रखती. मेरा काम‌ बस अब एक ही रह गया था और वो था उसे प्यार करके खुशी देने का.

दोस्तो, ये प्रेम और सेक्स कहानी का यहीं अंत होता है. आगे किसी और बार आपकी सेवा में हाजिर होने का मौका मिलेगा तो जरूर पेश होऊंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
आपका अब तक जो प्यार मुझे मिला है, उसके लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद.
समाप्त
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