नमस्कार दोस्तो, मैं हूँ अमित दिल्ली का रहने वाला हूँ. अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियों का मैं कई बर्षों से फैन हूँ. आज मैं आपको अपने घर की एक आपबीती सुनाने जा रहा हूँ.
यह कहानी तब की है जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। यह सेक्सी कहानी मेरी मम्मी की है.
मेरी मम्मी का नाम गीता है। उनकी उम्र 37 साल है पर इस उम्र में भी अच्छी-अच्छी लड़कियों को फेल कर देती हैं. मोटी मोटी चूची खरबूजे की तरह और बाहर को निकली हुई मोटी गांड। कोई भी एक बार देख ले तो मेरी मम्मी का दीवाना हो जाए!
मेरे पापा की मौत एक साल पहले बीमार होने के कारण हो गई थी।
हमारा एक पड़ोसी है विक्की जिसकी उम्र 30 साल है। चौड़ी छाती, लंबा कद सांवला रंग का है उसका! बांका जवान है. मैं उसे विक्की भैया बोलता हूं।
विक्की ने हमारे पड़ोस की कई औरतों को चोदा है। उसने मेरे एक दोस्त की मम्मी को भी चोदा है। यह बात मुझे दोस्त ने ही बताई थी, उसने खुद ही अपनी मम्मी की चुदाई देखी थी.
पर मैं फिर भी विक्की भैया के साथ रहता हूँ क्योंकि विक्की भैया मेरा काफी ध्यान भी रखते हैं। कभी मुझे चॉकलेट, कभी आइसक्रीम खिलाते हैं।
मुझे खिलाने पिलाने के बाद वो मेरी मम्मी के बारे में पूछता रहता है- अमित, तुम्हारी मम्मी क्या कर रही है? आज क्या पहन रखा है?
और मैं उसे सब बता देता था।
विक्की भैया किसी ना किसी बहाने हमारे घर आते रहते हैं.
मुझे पता था कि मेरी मम्मी भी चुदाई के लिए तड़प रही थी क्योंकि पापा के बिना उनकी चूत प्यासी रहती थी.
एक दिन जब मैं स्कूल से आ रहा था तो अचानक मुझे रास्ते में विक्की भैया मिल गये. वे बोले- अमित, चल मैं तुझे घर पर छोड़ देता हूं।
रास्ते में एक दुकान पर से मुझे चॉकलेट दिलाई.
जब हम घर पे आये तो मैं घर में घुसा, मैंने देखा कि मम्मी कमरे में कपड़े बदल रही थी. मम्मी ब्रा और पेटीकोट में थी, ब्लाउज पहन रही थी.
तभी विक्की भैया भी घर के अंदर आ गये.
उन्हें देखकर मम्मी ने जल्दी से साड़ी पहनी और हमारे पास आ गई। मम्मी ने मेरे हाथ में चोकलेट देखी तो विक्की से बोली- विक्की, तुम मेरे बच्चे का कितने अच्छे से ध्यान रखते हो।
विक्की बोले- अरे यह सब तो मैं आपके लिए ही करता हूं. गीता तुम आज ज्यादा ही खूबसूरत लग रही हो!
मम्मी मुस्कुरा गई और चूत को हल्के हाथ से खुजली करने लगी।
विक्की- गीता, आपको इस खुजली का कुछ इंतजाम करना होगा।
मम्मी- विक्की, तुम जानते हो कि अगर औरत का पति ना हो तो औरत को कितनी खुजली होती है और कितनी प्यासी होती है। और मैं तो एक विधवा हूं।
विक्की अपना लंड को मसलते हुए बोला- गीता, कभी जरूरत हो तो मुझे याद करके देखो।
मम्मी ने हां में सिर हिलाया एक मुस्कान के साथ।
और फिर विक्की भैया अपने घर चले गये।
जब दिसंबर की कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, एक दिन रात के 11 बजे अचानक मम्मी की तबीयत खराब हो गई.
मम्मी ने आवाज देकर मुझे बुलाया.
जब मैं मम्मी के कमरे में गया तो मम्मी रजाई में लेटी थी। उस वक्त मम्मी ने पेटीकोट और छोटी सी समीज पहन रखी थी जिसमें मम्मी की चूची गोल और मोटी लग रही थी।
मम्मी- अमित मुझे बहुत ठंड लग रही है और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है।
मैं बोला- ठीक है मम्मी, मैं किसी डॉक्टर को बुलाकर लाता हूं।
मम्मी- नहीं अमित, इतनी रात में तुम्हें कोई डॉक्टर नहीं मिलेगा। तुम एक काम करो, विक्की को बुला कर लाओ.
“ठीक है मम्मी!” कहकर फिर मैं विक्की भैया को घर से बुलाकर लाया।
जब मैं मम्मी के कमरे में आया तो मम्मी का पेटीकोट एक कोने में पड़ा था, मम्मी ने शायद उतार दिया था. अब मम्मी नीचे से पूरी नंगी रजाई में लेटी थी।
विक्की भैया मम्मी के पास गये, उन्होंने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ कर चेकअप किया.
वो बोले- गीता, तुम तो बुखार है!
मम्मी- पर विक्की … मुझे तो ठंड लग रही है, कुछ करो विक्की!
मम्मी ने विक्की भैया का एक हाथ पकड़ा और रजाई के अंदर डाल लिया और चुत के पास ले गई. विक्की भैया ने शायद एक उंगली मेरी मम्मी की चुत में डाल दी थी। मम्मी के मुंह से आआ आआह की आवाज आई।
मेरी मम्मी ने फिर विक्की की तरफ़ वासना भरी निगाहों से देखा और बोली- विक्की कुछ करो … नहीं तो मैं आज मर जाऊँगी।
विक्की भैया ने पजामा और टीशर्ट पहन रखा था.
फिर मम्मी मुझे बोली- बेटा अमित, तुम अपने कमरे में जाकर सो जाओ. अब विक्की मेरा ख्याल रखने के लिए है रात में! तुम सो जाओ।
मैं काफी कुछ समझ चुका था तो मैं बोला- ठीक है मम्मी।
मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया. काफी देर मैं लेटा रहा पर मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर 15 मिनट के बाद मैंने सोचा कि देख कर आता हूं कि विक्की भैया मम्मी के साथ क्या करते हैं।
जब मैं मम्मी के कमरे के पास गया तो कुछ जोर जोर से सांसें चलने की आवाज़ आ रही थी और मम्मी के कमरे का दरबाजा बन्द था.
फिर मैं खिड़की के पास गया जिससे अंदर का साफ साफ दिखाई रहा था.
मैंने अंदर देखा तो विक्की भैया नंगे खड़े थे और मम्मी घुटनों के बल बैठकर विक्की भैया का लंड चूस रही थी. भैया का लंड 8 इंच का तो होगा ही … और 3 इंच मोटा।
मम्मी ने भैया का लंड अपने हाथों में ले लिया और उसने बिना देर किये सीधा अपने मुंह में ठूंस लिया. विक्की भैया ने अपनी आँखें बंद करके अपना लंड मम्मी के मुंह में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
और विक्की बीच बीच में मम्मी के बालों को पकड़कर उसके मुंह को अपनी तरफ दबा देता जिससे लंड मम्मी के गले तक उतर जाता मम्मी की आँखों से आँसू निकालने लगे तो लंड मुंह से बाहर निकाल दिया।
अब मेरी मम्मी बोली- विक्की, तुम्हारा लंड चूस कर मुझे आज मजा आ गया.
विक्की बोले- आ आ मेरी रानी और चूस … गीता यार तुम कितना अच्छा लंड चूसती हो।
मेरी मम्मी ने भैया का लंड फिर अपने मुंह में ठूंस लिया. मम्मी एक हाथ से अपनी चूत को भी मसल रही थी.
करीब 10 मिनट तक मम्मी ऐसे ही लंड चूसती रही।
फिर भैया ने कहा- गीता अब मुझे तेरी चुत की चुदाई करनी है।
मम्मी एकदम से बोली- यार … तो किस बात की देर है? मेरी चुत गर्म है, अपना लंड डाल दो।
फिर मम्मी पलंग पर लेट गई और उन्होंने अपनी टांगों को चौड़ी करके फैला दी। विक्की भैया मम्मी के ऊपर आ गये और अपने लंड को मम्मी की चुत पे सेट किया।
तभी मम्मी बोली- जल्दी करो विक्की ! फाड़ दो इसे उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत सालों से प्यासी है मेरी ये चुत।
विक्की ने एक जोर का झटका मारा और उनका लम्बा लंड मेरी मम्मी की गीली चुत फाड़ता हुआ पूरा अंदर चला गया।
मम्मी जोर से चिल्ला उठी और कहने लगी- उफ़ विक्की निकाल ले इसे … नहीं तो मैं मर जाऊँगी। मेरी चूत फाड़ दी इसने!
विक्की- शांत हो जा गीता … थोड़ी देर बाद तेरा दर्द अपने आप कम हो जयेगा।
मम्मी ने रोते हुए कहा- बहुत दर्द हो रहा है विक्की! मेरी फट गयी है.
मेरी मम्मी की आँखों से आँसू गिर रहे थे।
अब विक्की फिर से मम्मी के गालों और होठों को चूमने लगे एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगे।
फिर थोड़ी देर बाद मेरी मम्मी की चूत का दर्द कम हुआ तो मम्मी वासना से अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी। फिर विक्की भी धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करके मेरी माँ की चुदाई करने लगा।
अब मम्मी आहें भरने लगी- उहहह … ओह हहह … अऊऊऊ विक्की आराम से … हहह विक्की … अंदर तक डालो … अहह … ऊऊऊऊ … ईईईई! विक्की तेजी से … मजा आ रहा है!
विक्की- अहहह … क्या मुलायम चुत है गीता तेरी … ले अंदर तक ले … तेजी से ले ले।
फिर अचानक विक्की ने धक्कों की गति तेज कर दी। कमरे में मेरी मम्मी की सिसकारियाँ गूँज रही थी- ऊह … आह हह हहह … और तेज … फाड़ दे इसे … ईस्स … बहुत मजा आ रहा है … ईहह … आहहह हहहह … आज तो मैं मर ही जाऊँगी … उहह … अअ मेरा आने वाला है … और तेज … उउउहह … तेज विक्की … निकल गया … मजा आ गया।
फिर एक मिनट बाद मम्मी बोली- अब बस भी करो विक्की!
विक्की भैया बोले- हुउउन … तुमने तो अपना पानी निकाल लिया लेकिन मुझे भी अभी बहुत टाइम है।
मम्मी ने कहा- थोड़ी देर रुक जाओ जान … तुम्हारा लंड बहुत सख्त है. इतनी आसानी से नहीं थकता।
अब विक्की भैया ने मम्मी को खड़ा किया और एक पैर पलंग पर तो दूसरा पैर जमीन पर रख दिया। विक्की भैया ने अपना लंड मम्मी की चुत पर रख और जोर जोर से लंड को अंदर बाहर करने लगे।
मम्मी विक्की की बांहों में समा गई. फिर से कमरे में मम्मी की सिसकारियाँ गूँज उठी- उहह हहह हहह अहह मर गई रे … रे जोर से!
विक्की- क्या चुत है तुम्हारी … चुत के अंदर तक … आहह अहह क्या मजा आ रहा है .. मेरा पानी आने वाला है … कहाँ निकालूँ जल्दी बोलो?
मम्मी- मुझे तुम्हारा वीर्य पीना है। मेरे मुंह में निकाल दो।
फिर मम्मी घुटनों के बल बैठ गई और विक्की भैया के लंड को हाथों से सहलाने लगी।
कुछ ही सेकेंड में विक्की भैया ने अपनी वीर्य की धार मम्मी के मुंह में निकाल दी जिसे मम्मी पूरा पी गई.
मम्मी बोली- विक्की मुझे आज तुम्हारे साथ चुदाई करके मजा आ गया. इतना मजा तो मुझे अपने पति के साथ भी नहीं आया था।
फिर विक्की भैया की बांहों में समा कर मेरी ताजी ताजी चुदी मम्मी अपने यार के होठों को चूमने लगी.
मम्मी बोली- मेरे विक्की, और चोद मुझे!
फिर मम्मी और विक्की भैया की चुदाई पूरी रात चलती रही।
पर मुझे तो नींद आने लगी थी तो मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
उसके बाद तो विक्की भैया अक्सर रात को मेरी मां चोदने आने लगे थे.
दोस्तो, मेरी माँ की प्यासी चूत की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी? मुझे जरूर बताना।
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