मेरी पहली कहानी मेरी बीवी मुझसे नहीं चुदती को अन्तर्वासना के सभी पाठकों ने बहुत पसंद किया… बहुत लोगों के ई-मेल मुझे प्राप्त हुए. और अधिकांश ने मेरी भाभी की चुदाई की आगे की कहानी को जानना चाहा. बहुत लोगों ने ये भी पूछा कि मेरी बीवी की चुदाई मैंने कैसे की. कुछ लड़कियों ने तो मेरा व्हाट्सअप नंबर भी माँगा है. जिन पर मुझे विश्वास हुआ, उनको मैंने नंबर भी दे दिया. समय मिलते ही मैं उनके साथ चैट भी करता हूँ.
मुझे इसी सब से प्रेरणा मिली और अपनी ये अगली चुदाई की कहानी लिख पाया हूँ. वैसे मैं बहुत व्यस्त रहता हूँ, मुझे सिर्फ अपने सेक्स के अनुभव शेयर करना पसंद हैं, इसलिए कहानी लिखता हूँ. मेरे लिए हर किसी के साथ सेक्स कर पाना या सेक्स चैट कर पाना संभव भी नहीं है.
ये कहानी एकदम सच्ची है. बस मैंने पात्रों के नाम बदल कर और थोड़ा रोमांटिक बना कर आप सभी चुदक्कड़ भाभियों, आंटियों और लड़कियों और तगड़े लंड वाले मर्दों की खिदमत में ये मेरी दूसरी कहानी पेश है.
जैसा कि आप लोगों को बता चुका हूँ कि मेरी बीवी और मैं अपने दांपत्य जीवन में सेक्स के अलावा बाकी सारे सुख भोग रहे हैं. मेरी बीवी को सेक्स बिल्कुल पसंद नहीं है. मेरी बीवी का नाम सोना है, जो कि पिछली कहानी में बता चुका हूँ. मेरी मुँह बोली साली सोनम, जो कि मेरी बीवी की कुछ ही समय पहले बनी सहेली है. सोनम मेरी बीवी से पांच साल छोटी यानि बाइस साल की बहुत ही खूबसूरत बहुत ही सेक्स से भरी मलिका है. वो एकदम गोरी-चिट्टी है. उसके नैन नक्श ऐसे हैं कि कोई भी उसे देख कर उसका दीवाना हो जाए. वो कभी किसी से चुदी नहीं थी.
मेरी बीवी भी सत्ताईस साल की ही है. भरपूर जवान है … लेकिन उसे चुदने में कोई रूचि नहीं है. इसलिए वो हमेशा ही मुझे कहती है कि आप अपनी वासना की भूख मिटाने के लिए किसी लड़की को खोज लो, मैं इसमें कोई आपत्ति नहीं करूँगी, बल्कि आपका सहयोग ही करूँगी.
वो अपने इस वादे पर कायम भी है. बस मेरी बीवी की इस छूट का भरपूर लाभ लेने के लिए ही मैंने सोनम और सोना की दोस्ती करवाई. ये भी बड़ी रोचक कहानी है, जिसे मैं सारांश में बता रहा हूँ.
एक बार हम दोनों एक रिज़ॉर्ट में रुके थे. बाजू वाले कमरे में एक बहुत सुंदर लड़की (सोनम) ठहरी थी. मैंने उसे देखते ही उसको पटाने और चोदने का मूड बना लिया था. हम दोनों उस रिज़ॉर्ट में करीब पांच दिन रहे. इस दौरान मेरे और मेरी बीवी के बीच बस एक ही दिन चुदाई हो सकी थी. कारण वही जो ऊपर लिखा है कि सोना को सेक्स में रूचि कम थी.
इन पांच दिनों में मैंने सोनम से सोना की दोस्ती करवा दी थी. जिस दिन मैं सोना की चुदाई कर रहा था. उस दिन चुदाई के दौरान मैंने सोना से कहा कि मुझे सोनम को चोदना है, तो वो बोली कि सोनम इसके लिए कभी हाँ नहीं बोलेगी.
मैंने सोना से पूछा- तुमको कोई ऐतराज ना हो, तो मैं उसे पटा लूँगा.
उसने कहा- ठीक है, वैसे भी आप अपनी भाभी को चोदते रहते हो, तो क्या मैंने कभी कोई आपत्ति जताई है!
मेरी भाभी को मैं चोदता हूँ, ये जानकारी मेरे पुराने मित्र जानते हैं.
मैंने कहा- नहीं मेरी जान, तुम तो दुनिया कि सबसे अलग बीवी हो.
बीवी की सहमति मिलते ही मैं खुशी में नाचने लगा. अब हम मियां बीवी और सोनम अपने-अपने घर लौट आए थे.
मेरे पास सोनम का मोबाइल नंबर था. उससे चैटिंग चालू हो गई. सोना के मोबाइल से मैं सोनम के साथ चैटिंग करने लगा. सोनम के साथ हुई हर बात को मैं सोना को बता देता और भाभी को भी, क्योंकि भाभी को मेरी सेक्स लाइफ का सब कुछ पता होता था. मैंने सोनम के साथ क्या क्या चैटिंग में लिखा है, कभी कभी सोना खुद भी चैटिंग पढ़ लेती थी. ये कभी भाभी भी पढ़ कर मजा ले लेती थीं.
मेरी सोनम से सोना बन कर सेक्स की बातें होने लगी थीं. मैं सोना बनकर उसे अपने जाल में फँसाने लगा था.
चूंकि सोनम को सेक्स का कोई प्रेक्टिकल ज्ञान नहीं था, तो मैंने सोना बनकर उसे एक दिन बोला- सोनम, मेरे पति बहुत ही दमदार सेक्स करते हैं, पर मैं उनको संतुष्ट नहीं कर पाती हूँ. वो किसी से भी सेक्स कर लें, मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
यह बात जानकार सोनम के मुँह में भी पानी आ गया कि बिना मेहनत किए और बिना बदनाम हुए चुदने को लंड मिल जाएगा. यह बात जान लेने के बाद वो सोना से मिलने के लिए बेताब हो गई. उसने योजना बनाई कि वो हमारे घर प्रयागराज आने वाली है … चूंकि प्रयागराज में उसका कोई परिचित नहीं है.
ये सारी बातों को मैंने ही चैटिंग में ही सैट किया था. मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे.
सोनम का फ़ोन आया, तो मैंने सोना से उसकी बात करवा दी. टाइम पर उसे लेने के लिए हम दोनों मियां बीवी एयरपोर्ट पहुंच गए. उसने आते ही सोना को किस किया और मुझे हग किया. उसके कड़क मम्मों के अहसास से मैं तो उसका दीवाना हो गया. वो भी शायद मुझसे लिपट कर खुलना चाह रही थी. मैंने महसूस किया कि जब वो मुझसे गले लग कर मिली तो उसने मुझे कुछ जोर से ही पकड़ लिया था.
खैर … हम दोनों उसे लेकर अपने घर आ गए. उसने अपने ज़रूरी कामों को निपटाने के लिए ओला बुक करवा ली.
मैंने उसे प्यार से झिड़की देते हुए उसकी ओला की बुकिंग रद्द करवा दी. मैंने कहा कि हमारे पास दो कारें हैं, ड्राइवर भी है. आप उसे ले जाना.
वो मान गई. उसने उस दिन कार से जाकर अपने काम निपटा लिए. फिर रात को हमारे साथ डिनर किया.
उसके बाद हम चारों लोग (मैं, भाभी, सोनम और सोना) टीवी देखने लगे. अभी सिर्फ़ साढ़े आठ ही बजे थे. इन दिनों ठंड बहुत तेज थी.
मैं, भाभी और सोना उसको फुसलाने लगे, मैंने पूछा- सोनम जी, क्या आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
उसने कहा- नहीं … अभी तो नहीं है, एक था, पर वो बहुत ही बेवकूफ़ था, इसलिए मैंने उससे ब्रेकअप कर लिया.
चुदाई का माहौल बनते देख कर भाभी किसी जरूरी काम से बाहर चली गईं.
मैं- तो आप इतनी हसीन और जवान हैं. … आप पर तो कई लड़के मरते होंगे.
सोनम ने हंस कर कहा- बेशक!
हमारी बात को बीच में ही काटते हुए सोना बोली- सीधी सीधे मुद्दे की बात करो ना यार अंशु.
मैं भोला बनने का नाटक करते हुए बोला- कौन से मुद्दे की बात मेरी जान?
अब सोना भी चुप हो गई.
सोनम- कौन सी मुद्दे की बात है? दीदी बोलो ना … आप मुझसे क्या छिपा रही हैं?
मैंने सीधे बोला- हम तुमको कुछ सिखाना चाहते हैं.
सोनम- क्या जीजू, आप लोग मुझे क्या सिखाना चाहते हैं?
मैं- सेक्स का प्रेक्टिकल ज्ञान.
मेरे ऐसे बोलने पर वो एकदम हक्की बक्की रह गई. फिर मैंने उसे सारा सच बता दिया. उसने अपना सर पकड़ लिया.
दो पल रुकने के बाद सोनम खुलते हुए बोली- जीजू, आप भी ना!
मैं- अब बोलो, क्या तुम कुछ सीखना चाहती हो?
वो नजरों में वासना भरते हुए बोली- जी हाँ … पर मैं किसी तरह की बदनामी नहीं चाहती हूँ, कोई प्राब्लम नहीं चाहती, बस इसी कारण मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया है.
मैं- कोई प्राब्लम नहीं आएगी, तुम चिंता मत करो.
सोनम- फिर ठीक है.
मैंने उसे गर्म करने के लिए सामने की दीवार पर एलईडी पर ब्लू फिल्म चला दी. मैंने उसके सामने ही सोना को नंगा कर लिया और सोना के अधरों पर अपने अधर रख कर किस, स्मूच करने लगा. मैंने सोना के पूरे बदन को शहद लगा कर चाट डाला. जब मैं उसकी चूत चाट रहा था, तब सोनम का भी मन मचलने लगा.
मैंने उसे इशारा किया- मेरे पास आ जाओ.
वो तो जैसे इन्तजार ही कर रही थी. झट से मेरे पास आ गई. मैंने उसे इशारा किया कि सोना के चूचे चूसो. वो मेरी बीवी के चूचे चूसने लगी.
अब मैंने सोना को छोड़कर सोनम को पकड़ लिया और धीरे धीरे उसे चूमते हुए उसे पूरी नंगी कर दिया. उसका गोरा बदन देख कर मैं दंग रह गया. मैं सोच रहा था कि अब तक इसको किसी ने चोद कैसे नहीं पाया?
कुछ ही देर में सोना और मैं, दोनों ही मिल कर सोनम को चाटने लगे. सोना को भी लड़की से साथ सेक्स करने में मज़ा आता है … ये देख कर मैं भी दंग रह गया.
मैं बोला- साली हरामजादी, मेरे से चुदने में तुझे रोना आता है और अब तू बड़ी चुदक्कड़ बन रही है.
सोना ने मुझे आंख मार के अपनी चाहत से रूबरू करा दिया.
सोना चाहती थी कि वो सोनम की गोरी गोरी और चिकनी-चिकनी चूत को चाटे.
मैंने उसे चूत चाटने दिया.
जब सोनम पूरी गर्म हो गई और ‘उम्म्म आना … आआआह..’ की आवाजें करने लगी, तो मैंने देरी नहीं करते हुए उसकी चूत पर अपना लंड सैट कर दिया. सोना ने लंड फिट करने मेरी मदद की. लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही सोनम तड़पने लगी … तो सोना उसका सिर सहलाने लगी.
मैं भी थोड़ा रुक गया, उसके रसीले मम्मों का मज़ा लेने लगा. उसको किस करने लगा, उसके जीभ को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा.
अब सोनम भी मदहोश होने लगी थी और अपनी कमर उचकाने लगी थी. वो लंड को चूत में लेने के लिए बेताब होने लगी, तो मैंने सोना को इशारा किया कि मैं अब फायर करने वाला हूँ बाकी तुम संभाल लेना.
मैंने एक जोरदार शॉट मारा और पूरा लंड उसकी अनचुदी चूत में भीतर तक समा गया था. मुझे उम्मीद थी कि लौंडिया जोर से चिल्लाएगी. पर उसे कम ही दर्द हुआ, वो ज़्यादा नहीं चिल्लाई. शायद हम दोनों ने मिल कर उसको इतना गर्म कर दिया था कि वो रस से भरी हुई थी.
तभी सोना अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी, तो सोनम भी कुतिया की तरह सोना की चूत चाटने लगी. इधर मैं शॉट पे शॉट मारे जा रहा था. सोनम की चूत में मेरा लंड फंसा हुआ था.
वो जोर ज़ोर से बोले जा रही थी- आह जीजू मजा आ रहा है … उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज़ जीजू और ज़ोर से चोदो … और ज़ोर से चोदो, बस ऐसे ही चोदते रहो … मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा है, मैं आपकी दासी बन कर आपसे हमेशा चुदवाती रहूंगी … आह आह आह उम्म्म्मा अहहह जीजू और ज़ोर से और ज़ोर से!
कुछ ही पलों में सोना तो स्खलित हो गई थी, इसलिए वो हम दोनों को अकेला छोड़ कर रूम से बाहर चली गई थी.
मैं करीब बीस मिनट तक सोनम की चूत में लंड डाल कर उसको चोदता रहा. इतने समय में सोनम दो बार झड़ चुकी थी. मेरा भी काम होने वाला था, तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया. वो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी. मैं उसके मुँह में ही झड़ गया, उसने सारा माल पी लिया. सोनम मेरे लंड से चुद कर बहुत खुश थी.
फिर क्या था, ये खेल तब तक चलता रहा, जब तक वो हमारे घर रही.
दूसरे दिन चुदाई के बीच में ही भाभी भी कॉफी लेकर आ गई थीं और उसको बताने लगी थीं कि मैंने ही तुम्हारे इस जीजू को सब सिखाया है. सोना और अंशु को मिलाने में मेरी अहम् भूमिका रही है.
सोनम और भी ज्यादा जानने की बात कहने लगी, तब भाभी ने उसे पिछली कहानी (मेरी बीवी मुझसे नहीं चुदती) में हुईं सारी घटनाएं बताईं और ये भी बताया कि कैसे मेरी और सोना की लाइफ सुखद बन पाई.
मेरा वैवाहिक जीवन कैसे सुखी बना, ये फिर कभी बताऊंगा … पर ये बताना जरूरी है कि इसमें भाभी की भूमिका अहम थी.
अगली चुदाई कहानी तक के लिए नमस्कार, प्लीज़ कमेंट करके मेरा उत्साहवर्धन ज़रूर करना. चुदक्कड़ हसीनाओं से विशेष निवेदन है कि बिना दोस्ती किये ही मुझे मेल करके चुदाई के लिए ऑफर मत करना, सिर्फ उत्साहवर्धन करने के लिए मेल करना.