नमस्कार दोस्तो, माफ करना इस बार बहुत समय बाद सेक्स कहानी लिख पा रहा हूँ.
आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद कि आपको मेरी सेक्स कहानी सीलपैक चूत की चुदाई उसकी सहेली के सामने पसंद आई और मुझे काफी संख्या में आप सभी के मेल मिले.
अब तक आपने पढ़ा था कि जरीना और आसिफा के साथ ग्रुप सेक्स अक्सर होने लगा था.
इधर उस किट की बदौलत आसिफा की अम्मी की भी अच्छी चल रही थी.
जिन्होंने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी, वो जरूर पढ़ें और बताए कि सेक्स कहानी कैसी लगी.
अब आगे आंटी फक़ स्टोरी:
फिर एक दिन आसिफा की अम्मी ने आसिफा के फोन पर मेरे संदेश पढ़ लिए और वो भड़क उठीं.
अब उनका पारा सातवें आसमान पर था; उन्होंने मुझे फोन करके तुरंत आने का कहा.
मैंने उनसे पूछा भी कि अम्मी क्या बात हुई है … कुछ बताएं तो?
मगर उन्होंने कुछ नहीं कहा और जल्द से जल्द आने का कहा.
इस बार मेरे अन्दर डर बिल्कुल नहीं था क्योंकि आसिफा का साथ मेरे साथ था.
आसिफा को मैंने अम्मी के बारे में सब बता दिया था.
उस वक्त आसिफा ने कुछ नहीं कहा था, बस उसके होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान तैर गई थी.
मैंने उससे कुछ पूछना चाहा तो वो मुझे नजरअंदाज करके अपने फोन से किसी से बात करने लगी.
मैं समझ गया कि बंदी अपनी अम्मी को लेकर कुछ बात करना नहीं चाहती है.
हालांकि मेरे लिए इतना काफी था कि मैंने उससे उसकी अम्मी के साथ अपने रिश्तों को लेकर सब बता दिया था.
जब मैं आसिफा की अम्मी से मिलने गया, तो वो एक गाउन में ही थीं.
मुझे उनसे हुई पिछली मुलाकात याद आ गयी और मेरा लंड तन गया.
उनके चेहरे पर गुस्सा था लेकिन जैसे ही अन्दर गया उनके आंसू आने को थे.
हम दोनों बात करने लगे.
वो मुझसे पूछने लगीं- क्या लोगे … ठंडा या गर्म!
मैंने उन्हें कुछ भी लाने ले लिए मना कर दिया.
मेरी नजर उनके गाउन में तने उनके मम्मों पर टिक गई थी और मेरे सर पर सेक्स चढ़ने लगा था.
मैंने उनसे बातचीत करना शुरू की.
तो उन्होंने बताया कि अब उनके शौहर घर कम ही आते हैं और आसिफा पर भी बुरी नजर रखते हैं.
यह सुनकर पहले तो मुझे शर्म आयी कि कैसा बाप है.
लेकिन आसिफा चूंकि उनकी औलाद नहीं थी, वो आसिफा के पहले शौहर की औलाद थी, इसलिए ये सब शायद इतना बड़ा गुनाह नहीं था.
आसिफा एक जवान लौंडिया थी और उसकी जवानी पर किसी का भी दिल आ सकता था.
फिर मैंने आसिफा की अम्मी की हिम्मत बंधाई कि आप परेशान न हों, सब ठीक हो जाएगा.
मैंने उनके कंधे पर हाथ कर उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो इसी बीच वो रोते हुए मेरे कंधे से सिर लगा कर बैठ गईं.
उनके चूचे मेरे बाजू से लगे हुए थे.
मैंने देर ना करते हुए उनके मुँह को ऊपर किया और होंठों पर चुम्बन कर दिया.
मेरे चुम्बन के बाद उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया लेकिन मैं किस करते करते गाउन के ऊपर से ही अम्मी के निप्पलों को बारी बारी से चूसने लगा.
तभी मेरी नजर अन्दर आसिफा के कमरे के गेट पर चली गई थी.
मुझे पता चल गया था कि आसिफा हम दोनों को ये सब करते हुए देख रही है.
मेरी और आसिफा की नजरें मिलीं.
उससे नजरें मिलते ही मेरे लंड का तनाव खत्म ही गया और लौड़ा एकदम से बैठ गया.
मैं फिलहाल कुछ भी करने की स्थिति में नहीं था.
मैंने आसिफा की अम्मी के मम्मों से अपना मुँह हटा लिया और सामान्य होने की कोशिश करने लगा.
उसी समय मेरी नजरें फिर से आसिफा से मिलीं तो आसिफा ने सिर हिलाते हुए इशारा किया कि मैं जो कर रहा हूँ, करता रहूँ.
इससे मेरी हिम्मत लौट आई और मैंने उसकी अम्मी के चूचे चूसना चालू कर दिया.
कुछ ही समय में लंड फिर से कड़क होने लगा और अब मैंने देर न करते हुए अम्मी का गाउन निकाल दिया.
अम्मी ने गाउन के अन्दर कुछ नहीं पहना था.
वो पूरी नंगी थीं.
तभी आसिफा की अम्मी मुझसे कमरे में चलने को कहने लगीं लेकिन मैंने मना कर दिया; उनको वहीं पर चोदने का मन बना लिया.
मैंने अपना लोअर नीचे किया और आसिफा की अम्मी को टेबल पर लिटाकर चुदाई की पोजीशन में कर लिया.
आंटी फक़ के लिए एकदम तैयार थी, मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी ने अपनी चूत खोल दी थी.
मैंने लंड हाथ से पकड़ कर हिलाया और सीधे उनकी गीली पड़ी चूत पर रख कर अन्दर पेल दिया.
जैसे ही मैंने चूत के अन्दर लंड पेला, उनकी घुटी हुई चीख निकल गई ‘आंह मर गई … ज़रा धीरे पेलो.’
मुझे उनकी इस आह से एकदम से जोश आ गया और मैं तेज गति से उनको चोदने लगा.
आसिफा की अम्मी भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
मैंने उनके ऊपर चढ़ गया और मस्ती से चूचियां चूसते हुए उनकी हचक कर चूत चुदाई करने लगा.
आसिफा की अम्मी की दोनों टांगें हवा में हो गई थीं और उनकी अपनी चूत की रगड़ाई में मजा आने लगा था.
थोड़ी देर में मेरा काम तमाम होने वाला था तो मैंने लंड रस उनके अन्दर ही डाल दिया और झड़ गया.
आसिफा की अम्मी भी मस्त हो गई थीं और उनका हाथ मेरे लंड पर जाने लगा था.
मैं समझ गया और लंड चूत से खींच कर एकदम से उठा और ऊपर आकर उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया.
मैं लंड मुँह में पेलकर अन्दर बाहर करने लगा.
आसिफा की अम्मी को मन माफिक चीज मिल गई थी और वो मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी थीं.
इससे मेरे झड़े हुए लंड में जान आने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा लंड वापस तनाव में आ गया.
तभी बाहर गेट पर घंटी बजी तो समझ आया कि कोई आ गया है.
हम दोनों अलग हो गए.
मैं अपने कपड़े लेकर जल्दी जल्दी में उठा और आसिफा के कमरे में भाग गया.
जबकि उसकी अम्मी ने जल्दी से गाउन पहन लिया और वो गेट की तरफ चली गईं.
बाहर के सोफे पर और टेबल पर झड़ा हुआ माल गिरा पड़ा था.
अन्दर आसिफा के कमरे में मेरा लंड खड़ा था और आसिफा वहां अपनी चूत सहला रही थी.
उसने बाहर झांक कर देखा तो अम्मी की कोई सहेली आयी हुई थी.
हम दोनों ने गेट पर नजर रखते हुए सेक्स करने का मन बना लिया.
आसिफा मेरी चुदाई देख कर गर्म हुई पड़ी थी और मैं आसिफा की अम्मी से लंड चुसवा कर चूत के लिए मरा जा रहा था.
मैंने आसिफा को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया.
आसिफा चूत चुदवाती हुई बाहर देख रही थी.
तभी उसने देखा कि अम्मी की सहेली ने वो झड़ा हुआ माल देखा और कुछ सोचने लगी.
आसिफा की अम्मी उसे बातों में उलझाने की कोशिश कर रही थीं लेकिन वो अपनी नजरों से मेरे लंड का वीर्य हटने ही नहीं दे रही थी.
इधर कमरे में हम दोनों अपना लगभग 20 मिनट तक बिना रुके चुदाई करते रहे.
अब एक ही पोजीशन में चुदाई करते रहने से मेरे और आसिफा दोनों के पैरों में दर्द होना शुरू हो गया था.
वो मुझसे पोज बदलने की कह रही थी.
उधर मैं ये सोच कर डर रहा था कि अगर आसिफा की अम्मी को हम दोनों की चुदाई के बारे में पता चल गया, तो क्या होगा.
तभी आसिफा ने कहा- अम्मी की सहेली एक घंटा से पहले नहीं जाएगी, चलो हम दोनों बेड पर ही चलते हैं.
मैंने आसिफा की बात मान ली और अब हम दोनों बेड पर आ गए और चुदाई करने लगे.
मैं इस बार उसके ऊपर चढ़कर उसे चोद रहा था.
मस्त चुदाई चल रही थी.
मैं एक बार झड़ चुका था तो जल्दी झड़ने वाला नहीं था.
हम दोनों को चुदाई करते हुए टाइम का पता ही नहीं चला, मस्ती से लगे थे.
इस दौरान मस्ती बढ़ गई और आसिफा गांड उठा उठा कर लंड लेने लगी.
हम दोनों को ध्यान ही रहा कि कब अम्मी की सहेली चली गयी और अम्मी गेट पर खड़ी होकर हम दोनों को चुदाई करते हुए देख रही थीं.
मेरी नजर आसिफा की अम्मी पर पड़ी, पहले तो मेरी गांड फट गई … लेकिन मैं इस बार उनको नजर अंदाज करके और तेजी से आसिफा को चोदने लगा.
मैं अब जानबूझ कर तेज और गहरे झटके लगाने लगा था जिससे आसिफा की तेज आवाज निकले.
तभी आसिफा का काम हो चुका था और वो बुरी तरह थक गई थी.
अब मेरी मजबूरी थी तो मैं उठा और दरवाजे की तरफ देखा.
उधर उसकी अम्मी नहीं थीं.
मैं बाहर को गया तो देखा कि आसिफा की अम्मी उसी गाउन में ऐसे ही बैठी टीवी देख रही थीं.
मैं नंगा ही बाहर आ गया और उनके पीछे जाकर उनकी गर्दन पर हाथ रख कर सहलाने लगा.
उन्होंने कुछ नहीं कहा.
मैंने हाथ से उनको खड़े होने का इशारा किया, वो खड़ी हो गईं.
मैंने देर ना करते हुए उनको झुकाया और गाउन उठा कर चूत में लंड डाल दिया.
शायद वो भी अपनी बेटी की चुदाई देख कर बहुत ही ज़्यादा गर्म हो चुकी थीं इसलिए उनकी गीली चूत में सट से लंड घुस गया.
मैंने पीछे से लौड़ा डालकर आसिफा की अम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस बार ना मैं … और ना उसकी अम्मी का जल्दी काम होने का था.
कुछ देर बाद मैं सोफे पर बैठ गया और आसिफा की अम्मी मेरे लंड के ऊपर बैठ कर चूत चुदवाने लगीं.
तभी मुझे समझ आया कि शायद आसिफा ने अम्मी को हमारे बारे में सब बताया हुआ है, तभी वो इस समय आसिफा से डरे बिना अपनी चूत का काम मेरे लंड से करवा रही हैं.
उस टाइम मेरे सर पर सेक्स सवार था तो मैंने ज्यादा कुछ नहीं सोचा और बस उनको चोदने लगा.
फिर मेरे दिमाग में मस्ती चढ़ी तो मैंने एकदम से चूत से लंड निकाल कर एक बार में उनकी गांड में डाल दिया.
ये सब एकदम से हुआ था तो उनकी खुल कर चीख निकली.
गेट पर खड़ी आसिफा सब देख रही थी और मुस्कुरा रही थी.
थोड़ी देर बाद आसिफा की अम्मी ने अपनी गांड में मेरा लंड झेल लिया और मस्ती से गांड मराने लगीं.
कुछ देर बाद मैं झड़ने को हुआ और मैंने अपने लंड का सारा रस अम्मी की गांड के अन्दर ही डाल दिया.
उस रात आसिफा ने बताया कि उसकी अम्मी को हमारे सेक्स के बारे में सब पता है. फिर उसे, उसकी अम्मी ने भी बताया था कि मैंने उसकी अम्मी के साथ सेक्स किया है और उसकी अम्मी संतुष्ट हैं.
आसिफा को इस बात से कोई दिक्कत नहीं थी. वो बस अपनी चूत के लिए मेरे लंड से महरूम नहीं होना चाहती थी.
जब आसिफा से ये सब बात हुई तो मैंने उससे ग्रुप सेक्स में अम्मी को शामिल करने को कहा.
इस पर आसिफा ने मना कर दिया.
आपको यह गर्लफ्रेंड और आंटी फक़ स्टोरी कैसी लगी?