नमस्कार दोस्तों, मेरी इस कहानी के पिछले भाग
नये ऑफिस में की नयी चुदाई की मस्ती-1
को आपने पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि मैंने नयी जॉब ली और वहां मेरी सीनियर से मेरे लेस्बियन रिलेशन हो गए. उसने मुझे बॉस से भी चुदवाने को कहा. मुझे क्या दिक्कत थी. लेकिन जब मैं बॉस के साथ रोमांटिक हुई तो उन्होंने सब कुछ किया पर मेरी चूत में लंड नहीं डाला.
मैंने मन में सोचा कि चलो अबकी बार इसकी सारी मर्दानगी निकालती हूँ.
अब आगे की कहानी:
दोस्तो, मैंने आपको आपको राजीव के बारे में तो बताया ही नहीं है, राजीव एक 35 साल का गबरू जवान मर्द है, शादीशुदा है मगर बाकी सारे मर्दो की तरह बाहर मुँह मारने की आदत से मजबूर है, चलिए अब कहानी पर आते हैं।
फिर मैं सारा दिन सारी रात सोचती रही कि किस तरह राजीव को तड़पाया जाए. यही सोचते सोचते सारी रात निकल गयी।
अगले दिन मैं बहुत सज संवर कर आफिस गयी तो जो भी लड़का मुझे देख रहा था उसकी आह जरूर निकल रही थी. वो सब लड़के मुझे अपने बिस्तर पर पटक पटक कर चोदना चाहते थे मगर सब बेचारे मन मारकर ही रह गए और पैंट के ऊपर अपना लंड सहलाते रह गए।
फिर शालिनी मिली तो उसने मौका देखकर मेरे चूतड़ दबा दिए और कान में बोली- जल्दी से स्टोर रूम में मिल मुझे!
उस दिन तनु आयी नहीं थी तो मैंने शालिनी की बात को अनसुना कर दिया और अपने काम में लग गयी.
मैंने देखा कि शालिनी राजीव के केबिन में जा रही है.
थोड़ी देर बाद वो केबिन से बाहर निकली और मेरे पास आकर बोली- राजीव बुला रहा है।
मैं समझ गयी तो मैंने शालिनी को इशारे से जाने से मना किया.
तो वो प्यार से बोली- चली जा यार … तेरी भी आग ठंडी कर देगा वो लोड़ू!
मुझे हंसी आ गयी और मैं उठकर जाने लगी. मैं अंदर पहुँची तो राजीव अपनी सीट पर बैठा हुआ था.
मैं उसके सामने बैठ गयी मगर आज वो उठ कर मेरे पास नहीं आया और न ही मुझसे कुछ इधर उधर की बात की. आज तो वो बस काम की बात कर रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने एक फ़ाइल लेकर मुझे अपने पास बुलाया.
जैसे ही मैं उसकी सीट के पास पहुँची तो मैं वहां का नज़ारा देखकर चौंक गयी. राजीव ने अपना लंड बाहर निकाला हुआ था जो बहुत बड़ा था.
और वो साला अपना लन्ड हिला रहा था.
उसे देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया मगर मैंने अपने ऊपर कंट्रोल रखा, क्योंकि मुझे राजीव की मर्दानगी देखनी थी।
तभी राजीव ने मुझे उसका लंड देखते हुए देखा मगर वो कुछ बोला नहीं. फिर वो फ़ाइल दिखाने को बोला तो मैं जैसे ही उसकी तरफ झुकी, उसने पीछे से मेरी गांड पर हाथ मारा और मेरी गांड दबाने लगा.
फिर उसने मेरी स्कर्ट पीछे से उठा दी और पैंटी के ऊपर से मेरी गांड सहलाने लगा.
मगर उसे देखकर लग ही नहीं रहा था कि इसे हवस चढ़ी हुई है, वो बस अपने काम में लगा हुआ था।
फिर उसने हाथ आगे ले जाकर मेरी चूत सहलानी शुरू कर दी.
अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा था मगर फिर भी मैंने बर्दाश्त किया और अपने काम में लगी रही. फिर राजीव ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लन्ड पर रख दिया.
हाथ में लन्ड आते ही मेरे शरीर में सनसनी दौड़ गयी। अब मैंने उसका लन्ड सहलाना शुरु कर दिया. इधर वो मेरी चूत में जोर जोर से उंगली कर रहा था.
जैसे ही में झड़ने को हुई तो उसने उंगली करने बन्द कर दिया और पैंटी में से हाथ निकाल लिया।
अब मुझे गुस्सा आने लगा तो मैंने उसके लन्ड को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया.
अब तड़पने की बारी राजीव की थी, वो दर्द से बिलबिलाते हुए बोला- साली छोड़ मेरे लन्ड को! तोड़ देगी क्या? बहनचोद रंडी छोड़! आआह हहह बहनचोद छोड़ दे साली!
मगर मैंने उसके लन्ड को नहीं छोड़ा बल्कि उसके टट्टे दूसरे हाथ से पकड़ लिए और जोर से दबा दिए.
तो वो बुरी तरह से बिलबिला उठा और छोड़ने की भीख मांगने लगा. तो मैंने उसे बोला- अगर आज के बाद मेरे साथ ऐसा किया तो तेरे टट्टे निकाल कर कंचे खेलूंगी उनसे! मुझे शालिनी जैसा मत समझना!
ये बोलकर मैंने उसे छोड़ दिया और जाने लगी.
जाते टाइम मैंने मुड़कर उसे आंख मारी और एक अश्लील सी स्माइल देकर वहां से चली गयी।
थोड़ी देर बाद शालिनी मेरे पास आई और बोली- क्या हुआ आज अंदर?
तो मैं हंस दी.
तो वो बोली- बता न साली क्या हुआ?
मैंने उसे कहा- स्टोर में मिल!
ये बोलकर मैं वहां से चली गयी.
10 मिनट बाद जब मैं वहां पहुची तो शालिनी पहले से वहीं थी. मैंने उसे जाते ही किस करना शुरू कर दिया और वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उसकी शर्ट निकाल दी और ब्रा भी उतार दी. अब वो ऊपर से मदारजात नंगी हो गयी।
फिर उसने भी मुझे ऊपर से नंगी कर दिया.
अब वो मेरी जीन्स उतारने लगी और उसने मुझे पैंटी में ला दिया. वो नीचे बैठकर मेरी चूत चाटने लगी. मेरी हवस पहले हो राजीव का लन्ड देखकर उबाल खा रही थी, जिसे शालिनी ने चूत चाटकर और ज्यादा भड़का दिया था।
अब मैं ‘आआह हहआ आहह हह हहह … मेरी जान चाट मेरी चूत को … खा जा साली को … बहुत तड़पती है बहन की लोड़ी … आआआ आहआ आआ शालिनी … मेरी रंडी चूस … आहह हह अहह बहनचोद’ बोल रही थी.
5 मिनट की चूत चुसाई के बाद मैं शालिनी के मुख में झड़ गयी और वो मेरा सारा पानी पी गयी. फिर मैंने भी उसे नंगी करके ऐसे ही झाड़ दिया और फिर हम दोनों वहीं लेटकर सुट्टा मारने लगी.
तो शालिनी ने मुझसे पूछा- राजीव के साथ क्या क्या हुआ?
मैंने उसे पूरी कहानी सुनाई तो उसने कहानी सुनते ही मेरे बूब्स जो कि अभी तक नंगे थे, उन्हें जोर से मरोड़ती हुई बोली- साली तू तो बहुत बड़ी वाली रंडी है.
उसके मुंह से रंडी सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा तो मैंने उसे मुझे रंडी बोलने को मना किया.
उसने सॉरी बोलकर कहा- अब से मैं तुझे रंडी नहीं बोलूंगी।
फिर हम दोनों कपड़े पहनकर बाहर आ गयी और अपना काम करने लगी.
कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. अब राजीव मुझे अकेले में नहीं बुलाता था बल्कि अब वो मुझे जानबूझकर सबके सामने डांट देता था. कुछ दिन तो मैंने बर्दाश्त किया मगर एक दिन तो उसने हद कर दी, उसने मुझे सबके सामने बहुत ज्यादा डांटा और नौकरी से निकालने की धमकी तक दे दी.
अब मेरी गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया, मैंने निर्णय ले लिया कि अब मुझे इसे सबक सिखाना पड़ेगा.
थोड़ी देर बाद जब राजीव अकेला था तो मैं उसके केबिन में गयी और बिना उससे परमिशन लिए अंदर घुस गयी. वहां वो अकेला दूसरी तरफ मुंह करके किसी से बात कर रहा था.
मगर मैंने कोई ध्यान नहीं दिया और जाते ही पैंट के ऊपर से उसका लन्ड पकड़ लिया और जोर से दबा दिया.
अचानक हुए इससे हमले से वो चौंक गया और दर्द से बिलबिला उठा और फोन रखकर बोला- साली बहन की लोड़ी … चूतिया है क्या बहनचोद?
मैंने अनसुना करके उसका लन्ड पैंट से बाहर निकाल लिया और नीचे बैठकर चूसने लगी.
वो साला हरामी मेरे मुंह से लन्ड बाहर निकालने की कोशिश करने लगा तो मैंने उसके टट्टे पकड़ लिए और जोर से दबा दिए तो वो बेचारा तड़प कर रह गया. थोड़ी देर लंड चूसने से उसका पानी मेरे मुंह में निकल गया. जिसे मैंने पिया नहीं बल्कि उसका लन्ड छोड़कर उसे किस करना शुरू कर दिया और सारा पानी उसने मुँह में डाल दिया और जब तक उसने पानी पी नहीं लिया मैंने उसके होंठ नहीं छोड़े.
फिर उसने मुझे धक्का देकर अपने से दूर किया और भागकर वाशरूम गया वहां कुल्ला करके वापस आकर बोला- साली ये क्या किया तूने?
तो मैंने उसका लन्ड पकड़ते हुए बोला- बहन के लोड़े, अगर आज के बाद मुझे किसी के सामने कुछ भी बोला न तो तेरे ये टट्टे तेरे मुँह से बाहर निकाल दूंगी।
वो उस बात पर हंसते हुए बोला- साली, तुझे चोदने में बहुत मज़ा आएगा. तू बहुत बोल्ड लड़की है, मुझे ऐसी लड़कियां चोदने में बहुत मज़ा आता है।
फिर उसने मुझे एक कार्ड दिया और बोला- इससे होटल में आज रात को आ जाना.
मैंने वो कार्ड देखे बिना देखे ही फेंक दिया और उसको बोली- मैं कोई रंडी नहीं हूँ जो ऐसे किसी होटल में जाकर मज़े करूँ.
फिर मैंने उसे बोला- आज रात मेरे घर आ जाना, वहां मस्ती करेंगे।
वो मेरी चूची मसलकर बोला- ठीक है, रात को मिलते हैं।
मैं वापस आ गयी और घर जाकर ठीक से नहायी, चूत के बाल भी साफ कर लिए. चूत के बाल साफ करते हुए एक बार चूत में उंगली भी कर ली. आज मेरी चूत में ज्यादा ही आग हो रही थी क्योंकि आज बहुत दिनों बाद मुझे इतना बड़ा लन्ड मिल रहा था.
8 बजे तक मैं तैयार हो चुकी थी. मैंने एक नीले रंग का गाउन पहना था और उसके अंदर काले रंग की बिना स्ट्रेप वाली ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. कुल मिलाकर मैं हमेशा की तरह माल लग रही थी जिसे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये मेरी चूत फाड़ने के लिए।
रात को 9 बजे राजीव आया तो मैंने दरवाजा खोला.
मुझे देखते ही वो बोला- वाह मेरी जान, तुम तो कमाल लग रही हो!
मैंने उसे थैंक्स बोला और अंदर आने को कहा.
वो साथ में 1 शेम्पैन की बोत्तल भी लाया था तो हमने साथ में बैठकर दारू पी. वो मेरे बराबर में बैठकर गाउन के ऊपर मेरी जांघें सहला रहा था और बीच बीच में मेरे बूब्स भी दबा रहा था।
दारू खत्म करने के बाद वो मुझे किस करने लगा, मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी और वो मेरे बूब्स जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने भी उसका लंड पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और उसे जोर जोर से दबाने लगी. फिर राजीव ने मुझे अपने दूर करके अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और पूरा नंगा हो गया. उसे देखकर मैंने जैसे ही अपने कपड़े उतारने को उठी उसने मुझे वापस खींच लिया और फिर से किस करने लगा.
फिर उसने मुझे उठाया और बोला- मेरा लन्ड चूस!
मैंने वहीं उसका लन्ड चूसना शुरू कर दिया तो उसने मुझे रोका और बोला- सामने घुटनों के बल बैठकर मेरा लंड चूस!
वैसा ही किया मैंने!
अब वो सोफे पर बैठा हुआ था और मैं ज़मीन पर घुटनों के बल बैठकर उसका लन्ड चूस रही थी. फिर उसने मेरा गाउन पीछे से उठा दिया, अब उसे मेरी काली पैंटी दिख रही थी. वो मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
मैं बस ‘आहह अहहह हहह’ कर रही थी.
फिर उसने मेरे गाउन को फाड़ दिया और मेरा मुँह पकड़कर मुझे जोरदार किस करने लगा.
फिर उसने अपना लंड पकड़ा और मेरा मुँह नीचे लेजाकर अपने टट्टे मेरे मुंह में दे दिए. उस वक़्त मुझे सेक्स की इतनी आग थी कि वो जो भी मेरे साथ करता मैं उसे मना नहीं करती।
मैंने उसके टट्टे चाटने शुरू कर दिए.
वो बस अहह हह कर रहा था.
मैं अभी भी ब्रा पैंटी में थी.
फिर उसने मुझे खड़ा किया और मुझे पकड़कर डाईनिंग टेबल पर ले गया. वहां उसने मुझे उल्टा झुकाया और मेरी पैंटी मेरे शरीर से अलग कर दी और एक जोर का थप्पड़ मेरे चूतड़ों पर दे मारा.
मैं बहुत जोर से आआआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… हहह मर गयी! साले कितना तड़पायेगा? जल्दी से चूत में लन्ड डाल ना!
मगर वो बहुत मंझा हुआ मर्द था, उसे मुझे तड़पने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी ब्रा हुक के पास से पकड़कर खींची और जोर से छोड़ दी. वो मेरे इतनी जोर से लगी कि मेरी आह निकल गयी. फिर मुझे गुस्सा आ गया. मैंने एक झटके में घूम कर उसका सिर पकड़कर नीचे अपनी चूत के पास कर दिया और उससे अपनी चूत चुसवाने लगी.
अब वो दोनों हाथ से मेरे बूब्स दबा रहा था और मेरी चूत भी चाट रहा था. फिर वो अचानक उठा और मुझे गोद में उठा लिया और अन्दर कमरे में ले जाकर मुझे पटक दिया. फिर उसने ब्रा नीचे करके मेरे बूब्स शुरू कर दिये मगर ब्रा उतारी नहीं.
फिर उसने मेरी टांग अपने कंधे पर राखी और एक झटके में लन्ड मेरी चूत में उतार दिया.
मैं चीख उठी- आआ आहह हहआ बहनचोद आराम से कर आआआ माँ मर गयी! कितना ज़ालिम मर्द है बहनचोद।
फिर उसने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा. 5 मिनट बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया और अब मेरी ब्रा को पकड़कर जोर जोर से धक्के देने लगा. अब मुझे मज़ा आना शुरू हो गया फिर उसने ताबड़तोड़ 25 मिनट तक बिना रुके चुदाई की.
इस बीच मैं 2 बार झड़ी.
थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी मेरे बूब्स पर निकाला और थक कर मेरी बगल में लेट गया.
2 मिनट बाद उसने लेटे लेटे मेरी चूत सहलानी शुरू कर दी जिससे मेरी वासना फिर बढ़ गयी. मैंने उसे बोला- करो!
तो वो बोला- मुझमें हिम्मत नहीं है. तुम मेरे लन्ड को चूस कर खड़ा करके ऊपर बैठकर चुद लो.
मैंने 10 मिनट तक उसका लंड चूसा. फिर उसका लन्ड खड़ा हुआ तो मैं गांड का छेद सेट करके उसके लन्ड को गांड में पूरा ले गयी. फिर उसने 30 मिनट तक मेरी चूत और गांड का तबला बजाया.
फिर हम दोनों थक कर सो गए.
सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो वो नंगा सोया हुआ था. 2 मिनट तक मैं उसके लन्ड को घूरती रही फिर उसे मुख में लेकर चूसना शुरू कर दिया. लन्ड मुंह में जाते ही राजीव भी उठ गया और मेरी चूत को अपने मुँह पर रख लिया. अब हम 69 पॉसिशन में आ गये, वो मेरी चूत में थूक थूक कर चाट रहा था.
फिर मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गयी और वहां नहाते हुए उसने मेरी चूत और गांड मारी.
राजीव बोला- यार तू मुझसे शादी कर ले! तेरे जैसी बीवी मिल जाये तो मज़ा आ जायेगा.
मैंने उसको साफ मना कर दिया और बोली- जैसा चल रहा है वैसे ही चलने दो.
तो वो मान गया.
फिर अपना कार्यक्रम खत्म करके हम साथ ही आफिस के लिये निकल गए।
उसके बाद उसने बहुत बार मेरी चूत चुदाई की और मैंने भी अपने जिस्म का फायदा उठाकर नौकरी में तरक्की ले ली।
तो दोस्तो, आप सबको मेरी चुदाई कहानी कैसी लगी?
आप सब मुझे [email protected] पर मेल करके बता सकते हैं। मुझे आप सबकी मेल का इंतज़ार रहेगा।
और जो पाठक मुझ से फेसबुक पर जुड़ना चाहें, वे मुझसे https://www.facebook.com/fehmina.iqbal.143 पर जुड़ें।