नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम उदित है. मैं इस साइट का काफी बड़ा प्रशंसक हूँ. लगभग सभी कहानियाँ मैंने पढ़ी है. सब की सब एक से बढ़ कर एक. कुछ सत्य तो कुछ काल्पनिक. पर सभी का अपना एक अलग मज़ा है. खेर अब मैं अपनी खुद की कहानी पर आता हूँ.
जैसा कि मैंने बताया मेरा नाम उदित है और मेरी उम्र 33 वर्ष है. मैं नोएडा से हूँ.
इस 33 वर्ष के जीवन काल में मैंने काफी अनुभव किये हैं. कुछ अनुभव मेरे से अधिक आयु की थी और कुछ मेरे से काफी कम आयु की तो कुछ मेरी जितनी आयु की. आज जो अनुभव मैं आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूं वो मुझसे लगभग 10 वर्ष बड़ी थी.
बात लगभग तब की है जब मेरी पहली नौकरी लगी थी एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में! पहली नौकरी नया जोश … उस वक़्त मेरी उम्र 24 वर्ष थी. तो हर किसी से बात करना, घूमना फिरना, मज़ा करना, बस यही सब चलता रहता था. मेरी दोस्ती सिर्फ अपनी टीम में ही नहीं बल्कि कई और टीम में भी हो गयी थी.
ऐसे ही एक टीम में वो काम करती थी नाम था रश्मि.
अपने नाम जैसी थी वो सुन्दर, बनावट लगभग 34-31-34 की थी उसकी. थोड़ी सांवली थी वो! ज़्यादा किसी से बात नहीं करती थी.
मेरी उसकी टीम में काफी लोगों से पहचान थी तो मैं वहाँ जाता आता रहता था. तो धीरे धीरे हमारी भी बाते होने लगी.
एक बार आफिस में एक फंक्शन था जिसके लिए हम सबको मिलकर तैयारी करनी थी. कभी कभी तैयारियों मैं लेट हो जाता था तो मैंने कई बार उसे लिफ्ट आफर की थी.
पहले तो वो मना कर देती थी फिर एक दिन हाँ बोल दी तो मैंने उससे उसके घर ड्राप कर दिया.
उसके बाद हमारी मैसेज से भी बात शुरू हो गयी. फिर हम लंच टाइम में भी एक साथ बैठ कर खाना खाने लगे. अब हमारे बीच काफी बातें होने लगी.
बातों बातों में उसने बताया कि कैसे उसकी शादी हुई. उसके पति का अपना बिज़नेस था. शादी के वक़्त बिज़नेस काफी अच्छा था पर बाद में उसमें थोड़ा घाटा होने लगा तो पति को हर वक़्त बिज़नेस का ख्याल रहने लगा जिसकी वजह से उन दोनों के बीच थोड़ी दूरियां हो गयी.
उनका एक 2 साल का बच्चा भी है. साथ तो रहते थे लेकिन उनमे ज़्यादा बात नहीं होती थी.
मैं भी उसका मन हल्का करने के लिए उससे बोल देता था कि तुम इतनी हॉट हो, किसका मन करेगा तुमसे सिर्फ बात करने का.
तो वो मुझे बड़े प्यार ‘ओय नॉटी’ बोलती थी.
एक दिन लंच टाइम में लंच करते वक़्त मैंने उसके लाये खाने की तारीफ़ की तो उसने एकदम से बोला- इस शनिवार तुम मेरे घर आ रहे हो लंच करने.
मैंने कहा- ठीक है … पर तुम्हारा पति मेरी पिटाई तो नहीं करेगा?
तो वो बोली- ऐसा कुछ नहीं है पगले.
फिर शनिवार को मैं उसके दिए टाइम पर उसके घर पहुँच गया. मैंने एक चॉकलेट भी ले ली उसके बेबी के लिए.
घर पहुँच कर थोड़ी देर उसके बेबी के साथ खेला. फिर उसने बेबी को सुला दिया. उसके बाद हमने साथ बैठ कर खाना खाया. मैंने जब उसके पति के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उनको बिज़नेस के किसी काम से अभी थोड़ी देर पहले जाना पड़ा.
खाना खाकर हम टीवी देखने लगे. तो वो थोड़ी देर बाद कॉफ़ी बना कर ले आयी.
कॉफ़ी पी ही रहे थे कि पावर कट हो गया और उसके घर का इन्वर्टर भी ख़राब हो गया था एक हफ्ते पहले तो तो रिपेयर के लिए गया हुआ था.
उसने उस वक़्त घर की थोड़ी ढीली सी टीशर्ट और शार्ट पहना हुआ था.
पावर कट की वजह से काफी गर्मी हो गयी थी. तो मैंने ऐसे ही मज़ाक में उसकी गर्दन पर हल्की सी फूंक मार दी तो उसने एक अजीब सी नज़र से मुझे देखा.
मैंने एक बार और वैसा ही लिया तो उसकी साँस तेज़ हो गयी.
मैंने माहौल को हल्का करने के लिए उसके हाथ में अपना हाथ दे दिया और बोला- कितनी गर्मी हो गयी है.
उसने बहुत हल्की सी आवाज़ में कहा- हाँ काफी गर्मी है.
मैंने उसके कंधे पर अपना सर रख दिया तो वो बोली- उदित, आग को हवा मत दो.
मैं समझ नहीं पाया उसकी बात उस वक्त … जो मुझे बाद में समझ आयी.
मैं अपना चेहरा उसके चेहरे के एकदम पास ले गया- मैंने तो तुम्हें हवा दी है, तुम क्या आग हो?
रश्मि- हाँ शायद हूँ. तुम दूर रहो, वरना तुम जल जाओगे.
मैं- जला कर दिखाओ, मैं भी देखूँ तुम्हारी आग.
मेरी बात सुनकर वो किचन में चली गयी.
मैं उसे पीछे किचन में गया और उसको हग कर लिया. उसके मुँह से उफ़ निकल गया और उसकी साँसें काफी तेज़ हो गयी.
मैंने उसकी गर्दन पर किस कर किया तो वो बोली- प्लीज उदित, ये सब नहीं … ये सब सही नहीं है.
मैंने उसकी किसी बात पर ध्यान नहीं दिया और उससे कभी गर्दन पर, कभी गालों पर, कभी होंठों पर किस करने लगा.
उसके मुँह से ‘नहीं प्लीज … नहीं!’ निकलता रहा.
पर उसका विरोध ना के बराबर था. उसकी कामुकता सुलगाने लगी थी.
फिर हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ गए, हम एक दूसरे को स्मूच करने लगे.
करीब 10 मिनट तक हमारी स्मूच चलती रही. हम दोनों की जीभ एक दूसरे के साथ खेलने लगी.
उसकी टीशर्ट मैंने उसके कंधे से नीच खिसका दी और उसके कंधे को चूमने लगा. अब उसके मुँह से सिसकारियां और ‘उफ़ उफ्फ आह्ह्ह जैसी आवाजें निकलने लगी.
मैंने उससे कहा- बैडरूम में चलते हैं.
तो वो बोली- नहीं, सोफे पर चलो.
उसने मुझे सोफे पर धक्का दे कर गिरा दिया और गर्दन की साइड से पकड़ कर मेरी टीशर्ट फाड़ दी और मेरे सीने को चूमने लगी, मेरे निप्पल्स को जोर जोर से चूसने लगी और काटने लगी.
अब मेरी कामुकता वश सिसकारियां निकलने लगी ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’
और कुछ ही देर में उसने अपना हाथ मेरी जींस के अंदर ले जाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगी. मुझे उसके इस वाइल्ड रूप को देख कर काफी हैरानी हुई.
वो बोली- मुझे ऐसा ही वाइल्ड सेक्स पसंद है. और अब कई साल बाद आज मैं अपनी इच्छा वाला सेक्स करना चाहती हूँ. इसीलिए मैंने तुमसे कहा था कि आग को हवा मत दो.
फिर वो सोफे पर लेट गयी और मुझसे बोली- मेरे कपड़े उतारो … मुझे नंगी करो.
मैंने उसके शॉर्ट्स उतार दिए और जैसे उसने मेरी टीशर्ट फाड़ी थी वैसे ही मैंने भी उसकी टीशर्ट फाड़ कर उतार दी.
उसने काले रंग की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.
वो मुझसे कामुकता भारी आवाज में बोली- मेरी चुत को खा जाओ और चोदो मुझे.
उसने ये सब इंग्लिश में कहा.
मैं सोफे के नीचे बैठ गया और अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया और उसकी चुत चाटने लगा. उसके चुत के दाने को भी मुँह में भर भर के खींच खींच कर काटा और चूसा.
दस मिनट के बाद उसने मुझे चुत से हटा दिया और मुझे अपनी गोद में ऐसे लिटा लिया जैसे छोटे बच्चों को लिटाते हैं.
और फिर अपनी ब्रा में से निकाल कर मेरे मुँह में अपना चूचा दे दिया और बोली- चूसो इसे … काटो इसे!
मैंने बारी बारी से उसके दोनों चूचुकों को मुँह में भर भर के पिया, खूब काटा और चूसा.
उसके दोनों चूचे लाल हो गए थे.
फिर उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और तबियत से चूसा. यह मेरा पहली बार था जब किसी लड़की ने इतने मस्त तरीके से चूसा मेरा.
मैं 10 मिनट से ज़्यादा टिक नहीं पाया और उससे बता दिया- मेरा निकलने वाला है.
तो उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल लिया और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मेरा सारा माल अपने चूचों पर गिरा लिया.
फिर वो सोफे पर बैठ गयी और हम फिर से किस करने लगे.
फिर वो बोली- चलो नहाते हैं.
और मुझे पकड़ कर अपने साथ बाथरूम में ले गयी और शावर चला दिया.
ठन्डे पानी के नीचे नहाते नहाते हम दोनों में फिर से गर्मी भर गयी और वो नीचे बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी और चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया. मैंने भी उसकी चुत चाट चाट कर उसे गर्म कर दिया.
फिर हम बाथरूम के फर्श पर ही लेट गए और वो मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर बैठ गयी और मेरा लण्ड अपनी चुत में सेट कर लिया और जोर जोर से मेरे ऊपर कूदने लगी.
उसके हिलते उछलते हुए चूचों को देख कर मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने उसका एक चूचा मुँह में भर लिया. वो मेरे ऊपर कूद कूद कर मुझे चोद रही थी और मैं बारी बारी से उसके चूचे चूस रहा था.
फिर वो बोली- यार, मुझे 69 करने का मन हो रहा है.
तो हम उस पोजीशन में आ गए.
काफी देर 69 अवस्था में ओरल सेक्स करने के बाद वो बोली- अब तुम मुझे अपने नीचे लेकर जोर जोर से चोदो.
तो मैंने उसे अपने नीचे ले लिया और उसकी चूत में लंड डाल कर ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा.
ऊपर से हमारे ऊपर ठंडा ठंडा पानी गिर रहा था और नीचे हमारी गर्म चुदाई चल रही थी.
अगले 10-12 मिनट की ज़ोरदार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए, तब हमारी कामुकता शांत हुई.
वो बोली- मुझे काफी मज़ा आया. और सुनो, ये हमारा सम्बन्ध सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहना चाहिए. किसी को इस बारे में कुछ पता नहीं चलना चाहिए.
मैं बोला- अरे यार … ये भी कोई कहने की बात हुई? तुम निश्चिन्त रहो, यह बात सिर्फ हमारे बीच रहेगी, किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी.
उसके बाद हमने चुदाई के मजेदार खेल का समापन किया, मैंने उसे काफी देर तक प्रगाढ़ चुम्बन करके अपना प्रेम प्रदर्शित किया.
फिर मैं अपने घर आ गया.
आफिस मैं उसे देख कर कोई नहीं कह सकता कि वो सेक्स मैं इतनी वाइल्ड हो सकती है. वो एक अच्छी पत्नी थी पर उसकी अपनी भी कई इच्छाएं थी जो उसने अपने पति से शेयर की थी पर उसका पति अपने बिज़नेस अपने काम की वजह से उससे वक़्त नहीं दे पाया.
जिसका परिणाम हमारे बीच यह सेक्स सम्बन्ध बना.
दुनिया की नज़रों में यह सम्बन्ध अनैतिक या अवैध हो सकता है. लेकिन मैं सोचता हूँ कि प्यासे को पानी पिलाना और प्यासी लड़की को चोद कर उसे संतुष्ट करना दोनों ही पुण्य के काम हैं.
मैं जब तक उस कम्पनी में रहा, हमारा साथ बना रहा.
लेकिन यह बात मैं आज तक मानता हूँ कि जितना सेक्स उसमें था, उतना सेक्स मैंने कभी किसी और लड़की आंटी भाभी में नहीं देखा.
अब उम्र से साथ साथ उसके अंदर की इच्छाएं भी थोड़ी शांत हुई हैं और वो अपने परिवार में खुश है.
और हमारा वो सेक्स सम्बन्ध लगभग 5 साल रहा और काफी अच्छा और काफी वाइल्ड रहा.