मेरा नाम अंशु है मैं रोहतक का रहने वाला हूं. एक बार की बात है जब मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक शर्त लगाई थी. उस समय हमारे ऑफिस में कई लड़कियां काम करती थी लेकिन एक लड़की बहुत एटीट्यूड वाली थी लेकिन सुंदर भी बहुत थी. उसका नाम माधुरी है.
एक बार मेरे दोस्तों ने मुझसे शर्त लगाई कि अगर तुम उस लड़की से उसका नंबर ले लोगे तो हम तुम्हें पार्टी करवाएंगे. मैं भी तैयार हो गया मैंने भी उनकी शर्त मान ली फिर ऑफिस मैं उससे बात करने की कोशिश करता था. लेकिन वह हम में से किसी से भी बात नहीं करती थी. धीरे धीरे मैंने उससे बात करना शुरू किया. मैं बात करने के लिए उसके बगल में बैठ जाता था और उससे ऑफिस के कुछ कामों के बारे में पूछने लगता था.
ऐसे में ही धीरे-धीरे हम दोनों की बात हुई. उसके बाद हम दोनों साथ में घूमने लगे और खूब बातें करने लगे. वह मुझे पसंद करने लगी थी लेकिन शायद मैं भी इसी शर्त के बहाने उसे भी पसंद करने लगा था. फिर हम दोनों ने एक दिन नंबर एक्सचेंज किए इस मुताबिक मैं शर्त जीत गया था. मुझे यह सब कुछ अच्छा नहीं लग रहा था.
मेरे दोस्तों ने मुझसे पूछा कि उन्हें नंबर दिखाएं मैंने उन्हें उसका नंबर नहीं दिखाया. मुझे लेकिन कुछ ही दिनों में उससे प्यार हो गया था. हम फोन पर बातें करते थे और मैंने उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया था.
एक दिन मेरे दोस्त के घर पर पार्टी थी. उसने हम दोनों को भी इनवाइट किया था पार्टी में उन लोगों ने कुछ ज्यादा ही पी रखी थी. वह मुझसे बहस करने लगे वह मुझसे कहने लगी कि तुमने शर्त लगाई और उस शर्त को पूरा नहीं किया.
वह भी सोचनी लगी कि कैसी शर्त फिर मेरे दोस्तों ने उसे बताया की हमने अंशु से शर्त लगाई थी कि वह तुम्हारा नंबर लेकर रहेगा. फिर जो शर्त हारेगा वह शर्त जीतने वाले को पार्टी देगा.
यह सब सुनकर उसे बहुत बुरा लगा उसे अब भी यही लग रहा था कि यह सब मैं अपने दोस्तों से शर्त लगाकर कर रहा हूं. यह सुनकर वह गुस्से मे वहां से चली गई थी लेकिन ऐसा नहीं था.
मैं उसे दिल से प्यार करने लगा था लेकिन मेरे दोस्तों ने उसके सामने कुछ ज्यादा ही बोल दिया था. उनके इस बिहेवियर से मुझे उन पर बहुत गुस्सा आया और मैं भी वहां से चला गया.
दूसरे दिन जब हम सब ऑफिस गए तो मेरे दोस्तों ने तो मुझे सॉरी बोल दिया था और हम लोगों में आपस में सुलह हो गई थी. लेकिन उसका क्या अब हम उस से नजरें कैसे मिला पाते.
मैंने उससे बात की लेकिन उसने हम में से किसी से भी बात नहीं की मैंने उससे बहुत समझाया. लेकिन वह तो मेरी बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं थी. वह अभी भी उस पार्टी की बात को लेकर गुस्सा थी. फिर मैंने उससे कहा कि इस बात को मैं भी मानता हूं कि मैंने अपने दोस्तों के साथ शर्त लगाई. इस शर्त के दौरान मुझे तुमसे सच में प्यार हो गया.
मैं सच में तुमसे प्यार करता हूं फिर भी उसने मेरी बातों का यकीन नहीं किया और अपने काम पर लग गई. अब मुझे इस बात का बहुत बुरा लग रहा था कि जो हुआ बहुत बुरा हुआ लेकिन अब मैं करता भी तो क्या गलती तो मेरी भी थी. अगर मैं उसे पहले ही बता देता तो आज यह बात इतनी आगे नहीं बढ़ती.
मैंने भी उसे इस बारे में कुछ नहीं बताया था तभी वह मुझसे इतना नाराज थी. लेकिन फिर भी मैं उसे मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था.
वह बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं थी. उसने तो बस एक ही रट पकड़ रखी थी कि तुम ने मेरे साथ गलत किया. मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन अब वह बिल्कुल भी समझने को तैयार नहीं थी. मुझे भी कभी-कभी इस बात पर गुस्सा आ जाता कि मैं कैसे समझाऊं कि मैं गलत नहीं था.
उस का बर्थडे आने वाला था तो मैंने सोचा क्यों ना कुछ अच्छा सा गिफ्ट में उसे दे दू तो मैंने फैसला किया कि मैं एक महंगा गिफ्ट इस बार उसे दे ही देता हूं. मैंने एक महंगा सा नेकलेस उसे उसके बर्थडे में देने के लिए खरीदा और उसे अपने पास ही रख लिया. एक हफ्ते बाद उसका बर्थडे था.
जिस दिन माधुरी का बर्थडे था तो उस दिन मैं भी बहुत अच्छे से बन ठन कर गया था और वह भी बड़े ही अच्छे तरीके से ऑफिस आई थी. उस दिन मैंने सोचा कि आज तो शायद यह मुझ पर गुस्सा नहीं करेगी. मैंने मौका देखते हुए माधुरी से बात करे ली और मैने उससे कहा कि मुझे तुमसे अकेले में कुछ बात करनी है.
हमारे ऑफिस के पास में ही हमारे कुछ गेस्ट रूम से बने हुए थे. मैं उसे वहां रूम में लेकर गया वहां पर मैंने उसके लिए केक रखा हुआ था. मैंने पहले तो उसे बर्थडे विश किया माधुरी अब भी मुझसे गुस्सा थी लेकिन फिर भी वह थोड़ा बहुत अंदर से पिघल गई. मैंने उसे कहा कि तुम प्लीज केक काट लो उसने वह काटा और थोड़ा सा मुझे भी खिला दिया. फिर मैंने उसे वह नेकलेस निकाल कर दिया.
उसने जैसे ही वह नेकलेस देखा तो वह बहुत खुश हो गई और कहने लगी तुमने इतना महंगा गिफ्ट मुझे क्यों दिया. मैंने उसे कहा तुम्हारा बर्थडे था तो सोचा कुछ अच्छा ही तुम्हें दूं. वह मेरे गिफ्ट से बहुत खुश हुई और उसने मुझे तुरंत ही अपने गले लगा लिया. जैसे उसने अपने गले लगाया तो मैंने उससे कहा क्या तुमने मुझे माफ कर दिया है उसने कहा ठीक है.
अब मैंने तुम्हें माफ कर दिया है. यह कहते हुए वह कहने लगी, नेकलेस तो मुझे पहना दो मैंने उसे नेकलेस जैसे ही पहनाया.
उसके सूट का बैक का बड़ा सा गला था मैंने अब उसे एक पप्पी दे दे. जैसे ही मैंने ऐसा किया तो वह भी मुझ पर झपट पड़ी उसने मेरे होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसके होठों को अपने मुंह में लेकर बड़े ही प्यार से चूसना शुरू कर दिया. अब हम दोनों एक दूसरे के प्यार में खो चुके थे और मैं उसके होठों को चूसते चूसते उसके स्तनों को भी अपने हाथों से दबाने लगा.
फिर मैंने थोड़ा सा नीचे अपने हाथ को करते हुए उसकी योनि को भी अपने हाथों से दबाने लगा. अब वह पूरे मूड में आ चुकी थी और मैंने उसे किस करते हुए ऐसे ही वही बिस्तर पर लेटा दिया. मैंने बड़ी तेजी से उसके कपड़े को खोल दिया वह मेरे सामने ब्रा में थी तो मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसे नंगा कर दिया.
मुझे उसके स्तन देख कर बहुत ही अच्छा लग रहा था क्योंकि उसके स्तन बहुत बड़े बड़े और गोल गोल थे. उसका शरीफ एकदम गोरा था मैं उसके स्तनों से रसपान करने लगा.
मुझे बहुत अच्छा लगता मैं उसके स्तनों को दबाता और फिर ऐसे ही चूसता कभी मैं अपने मुंह में लेता. मैंने उसके शरीर को पूरा चाटा ऊपर से नीचे तक मैंने उसके शरीर को पूरा अपनी जीभ से चाटा.
मैंने उसकी योनि को भी चाटना शुरू किया मैंने काफी देर तक उसकी योनि को अपनी जीभ से चाटा और कुछ देर मैने अपने लंड को उसके चूचो पर रगडा अब मैंने उसके दोनों स्तनों के बीच में से अपने लंड को डाला और रगड़ने लगा.
उसे बहुत अच्छा लगता जब मैं उसके स्तनों को अपने लंड से रगड़ता. ऐसे ही उसने मेरे लंड को भी अपने मुंह में लेना शुरू कर दिया और उसे अच्छे से सकिंग करने लगी. उसे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी. उसने काफी देर तक मेरे लंड को मुंह में ही लेकर चूसती रही अब मेरा लंड पूरा गीला हो चुका था.
उसकी योनि भी पूरी गिली थी तो मैंने तुरंत ही उसकी योनि में अपना लंड डाल दिया. जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाला तो उसकी चूत बहुत ही टाइट थी.
मेरा लंड बड़ी मुश्किल से योनि में अंदर गया और मुझे ऐसा लगा जैसे मानो मैं किसी कामसीन लड़की को चोद रहा हूं. मै बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा और उसकी दोनों जांघों को कसकर पकड़ लिया.
वह भी बड़ी मादक आवाज निकालती जा रही थी और मेरी उत्तेजना उससे और ज्यादा बढ़ जाती.
ऐसा ही मैं उसे चोद रहा था अब उसका और मेरा एक साथ ही झड़ गया.
मैंने उसकी योनि में ही अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया. जिससे कि उसे बहुत अच्छा लगा और वह मेरे गले लग गई.
हम दोनों ने कपड़े पहने और हम ऑफिस की तरफ निकल पड़े.