दोस्तो, कैसे हो आप सभी लोग? मैं आशा करता हूँ कि आप सभी लोग ठीक ही होंगे.
मैं आज जो सेक्स कहानी आपके सामने पेश करने जा रहा हूँ, उसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने एक रंडी को अपनी दुल्हन बनाया था.
प्रोस्टीटयूट सेक्स कहानी को शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में बताना चाहता हूँ.
मेरा नाम मनीष है. मैं राजस्थान उदयपुर से हूँ.
मेरी उम्र 28 साल है और मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है.
मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है और ये मोटा 3 इंच है.
मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था.
एक दिन किसी काम से मैंने अपने ऑफिस के ड्राइवर के साथ कंपनी के काम से बाहर गया था.
ये ड्राइवर मुझसे काफी खुला हुआ था.
उसने मौज मस्ती की बातें करना शुरू कर दीं.
कुछ रंगीन बातों का माहौल हो गया. लौंडियाबाजी की और चुदाई की बातें होने लगीं.
उसी दौरान मैंने उससे कहा- मुझे सेक्स करना है, मैंने आज तक नहीं किया है.
उस ड्राइवर ने कहा- अरे तो चलिए साहब, आज मैं आपकी ये इच्छा पूरी करवा देता हूँ.
मैंने हामी भर दी.
अब वो ड्राइवर मुझे एक घर में ले गया.
वो एक रंडी का घर था.
रंडी के घर में जाने से पहले मैंने मुँह पर रूमाल रख लिया ताकि कोई हमें पहचान ना पाए.
घर के अन्दर गए तो वो लड़की सामने आई.
देखने में वो ठीक ठाक लग रही थी और यही 22-23 साल की मस्त माल थी. तने हुए दूध थे और उठी हुई गांड थी. ऊपर से रांड थी तो आँखों में अदा भी थी.
वो मेरी तरफ मादक नजरों से देखने लगी.
मैं भी उसको देखकर उसके फिगर का दीवाना हो गया और उसके पास को आ गया.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उसके क्या बात करूं.
फिर जो दिमाग में आया सो उससे बोलने लगा.
मैंने उसके पास जाकर बोला- क्या तुम फ्री हो?
वो हंस दी और होंठ दबाती हुई बोली- हां, बोलिए न क्या क्या करवाना है?
उसकी इस साफ़गोई से मेरी गांड फट गई.
फिर मैं कुछ सम्भल कर बोला- तुम्हारी लेना है.
वो बोली- हां ले लीजिए न. मैंने कब मना किया है.
मैंने उससे पूछा- अच्छा … देने का क्या लेती हो?
वो इठला कर अपने बालों में उंगली से रोल बनाती हुई और कमर हिलाती हुई बोली- बस उतने ही लूंगी, जितना लेती हूँ.
मैंने उससे कहा- मैं तुझे उससे ज्यादा दूंगा, पर तुझे, मुझे पूरी तरह से खुश करना होगा.
वो मेरी तरफ देखने लगी. फिर बोली- मैं समझी नहीं साहब?
मैंने कहा- मतलब ये कि तुझको उस तरह से मुझे खुश करना होगा, जिस तरह से एक पत्नी अपने पति को खुश करती है.
वो मुझसे बोली- ठीक है, अन्दर आ जाओ.
वो प्रोस्टीटयूट सेक्स के लिए मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गयी.
मैं जाकर उसके बिस्तर पर बैठ गया.
तो वो अन्दर चली गयी और कुछ देर बाद आई.
मैं उसे देखता ही रह गया.
वो साड़ी पहन कर मेरे सामने ठीक एक भारतीय नारी की तरह खड़ी थी.
वो साड़ी पहनने के साथ एक नकली मंगलसूत्र भी अपने गले में डाल कर आई थी.
उसने अपने होंठों पर डार्क लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी जिससे वो बहुत मस्त दुल्हन सी लग रही थी.
वो मेरे पास आकर मुझसे बोली- मेरे राजा अब ठीक लग रही हूँ क्या? मैं तुम्हें एक शादीशुदा औरत लग रही हूँ ना?
मैं बोला- हां मस्त.
वो मेरे पास बैठ गयी, बोली- मैं तुम्हारे लिए इतने मन से सज कर आई हूँ. जरा प्यार से तारीफ़ भी कर दो.
मैं उससे बोला- सच में तुम एक भारतीय नारी लग रही हो. बिल्कुल ऐसी लग रही हो, जैसे तुम्हारी आज ही शादी हुई हो.
वो खुश होकर बोली- हां ये अच्छा लगा मेरे राजा. एक मिनट और बैठो, मैं अभी आई.
वो फिर से अन्दर चली गयी. वो कुछ देर बाद अन्दर से आई और अपने हाथ में एक गिलास लेकर आई, जिसमें दूध था.
उसने वो दूध का गिलास मुझे थमा दिया और पीने को कहा.
मैंने उस दूध के गिलास को एक ही बार में खत्म कर दिया.
फिर उसे पकड़ कर खींच लिया और अपने साथ बिस्तर पर लेटा लिया.
उस समय वो मुझे कुछ वक्त के लिए मेरी बीवी लगी और मैं उसके साथ बीवी की तरह बात करते हुए उसे चूमने लगा
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और चूसने लगा.
जब मैंने उसके होंठों को चूमने लगा तो वो भी मेरे होंठों को अपने मुँह में रख कर चूसने लगी.
वो बड़ी बेताबी से मेरे होंठों को चूस रही थी और मैं उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर चूस रहा था.
उसके होंठ चूसने के साथ साथ मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से मसलने लगा.
वो मुझसे बोली- एक मिनट रुको राजा.
मैं रुक गया.
उसने पहले अपने मंगलसूत्र को निकाल कर रख दिया और मेरे कपड़े निकालने लगी.
मैंने उससे पूछा- ये क्यों उतारा?
वो बोली- बाद में बताऊंगी.
मैं चुप हो गया.
अब उसने पहले मेरी शर्ट के बटनों को खोल दिया और मेरी शर्ट को निकाल दिया.
फिर उसने मेरी जींस भी निकाल दी, जिससे मैं उसके सामने अंडरवियर में आ गया था.
वो मेरे कपड़े निकालने के बाद अपने कपड़े निकालने लगी.
मैं उसे देख रहा था और वो कामुक अदा से अपने ब्लाउज के बटन खोलने के लिए अपने हाथ ब्लाउज के ऊपर से ही मम्मों पर फेर रही थी.
उसे यूं देख कर मेरे लंड का तनाव बढ़ता जा रहा था.
फिर पहले तो उसने अपना ब्लाउज खोल दिया और उसके बाद उसने धीरे धीरे अपने सारे कपड़े निकाल दिए.
वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में रह गई थी.
लाल रंग की ब्रा पैंटी में वो क्या मस्त कांटा माल लग रही थी, मेरा लंड हिनहिनाने लगा था.
दोस्तो मैं अगर उसके जिस्म के बारे में बताऊं, तो आप पढ़ने वालों का ईमान डगमगा जाए.
मैंने हाथ बढ़ा कर उसको अपनी बांहों में भर लिया और बिस्तर पर लेटा कर उसके रसीले होंठों को चूसने लगा.
उसके बाद मैं उसके जिस्म को चूमने लगा. साथ ही उसके जिस्म पर अपने हाथों को घुमाने लगा.
इससे उसके अन्दर की रांड जाग गयी और वो मुझे पकड़ कर लिपट गयी. अपने हाथ से मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी.
उसका हाथ लंड पर लगा तो लंड बाबू भी लड़ने को तैयार हो गए.
वो मेरे कड़क होते लंड को सहलाती हुई मुस्कुराने लगी. उसने एक बार मेरी आंखों में देखा और हाथ को अंडरवियर में डाल दिया.
अन्दर लंड निकाल कर आगे पीछे करने लगी.
लंड पर आज पहली बार किसी लड़की का हाथ लगा था तो मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.
वो मेरे लंड को आगे पीछे करती हुई मुँह में रख कर चूसने लगी.
जब वो मेरे लंड को मुँह में रख कर चूसने लगी तो मैं आंह आंह कर उठा और उसके सर को पकड़ कर लंड चुसाने लगा.
मैं उसके मुँह में लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा, साथ में उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.
उसने इशारा किया कि ब्रा हटा दो.
मैंने उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से मसलने के साथ साथ उसकी ब्रा को खोल दिया.
उसकी ब्रा खुलते ही उसके एकदम सख्त दूध उछल कर मेरे सामने आ गए.
दोस्तो, सच में क्या मस्त चूचे थे … एकदम गोल और मक्खन की तरह चिकने.
ये बात उस समय तो नहीं, पर बाद में समझ आई कि एक रांड के दूध इतने सख्त और शेप में कैसे रह सकते थे.
वो एक बाजारू रांड नहीं थी और अभी कम बार ही चुदी थी.
अब मैंने उसके मुँह से लंड को निकाला और उसे लेटा दिया, उसके दोनों मम्मों को हाथ में पकड़ कर दबाने लगा.
उसके मुँह से मस्त सेक्सी आवाजें निकलने लगीं.
मैं उसके मम्मों को मसलने के साथ एक दूध के निप्पल को मुँह में दबा कर चूसने लगा था.
वो मेरे सर को अपने दूध पर दबा रही थी, जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं उसके दोनों मम्मों को एक एक करके कुछ मिनट तक चूसता रहा.
वो ‘आह आह ओह उई …’ की मादक आवाजें करती हुई अपने मम्मों को चुसवाती रही.
फिर मैंने उसकी टांगों को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा दिया.
वो मेरी जीभ के स्पर्श से मचल उठी और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
मेरे सर को दबाती हुई वो अपनी चूत पर रगड़ रही थी.
मैंने भी उसकी चूत में अपनी उंगली घुसा दी जिससे उसके मुँह से मादक आवाज में ‘आह आह उई मां उई मां …’ की कराह निकल गई.
अब वो सेक्सी आवाजें करती हुई मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगी.
उसकी मादक आवाजें मेरे जोश को बढ़ा रही थीं और मैं उसकी चूत में उंगली को तेजी के साथ अन्दर बाहर करने लगा.
वो मुझसे बोली- मेरे राजा अब और न तड़पाओ … जल्दी अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो.
वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़पने लगी थी.
तब मैंने उसकी चूत में ऊपर अपने लंड को रख कर एक मिनट तक चूत के ऊपर रगड़ा.
वो मस्त होकर अपनी गांड हिला रही थी चुत की फांकों में लंड की रगड़ कर मजा ले रही थी.
कुछ देर के बाद मैंने एक तेज धक्का मारा, जिससे मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया.
मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में गया, तो वो कराह उठी और उसके मुँह से मस्त आवाजें निकलने लगीं.
उसकी सिसकारियों को सुनकर मैं और जोश में आ गया और उसकी चूत में धक्कों की स्पीड को तेज करके लंड अन्दर बाहर करने लगा.
वो भी अपनी टांगें हवा में उठा आकर लंड अन्दर बाहर करवाने लगी थी.
मैं उसकी चूत में जोरदार के धक्के मारने के साथ उसके मम्मों को पकड़ कर दबा रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
जब मैं उसकी चूत में जोर का धक्का मारता तो वो उछल जाती और आह ‘आह उई मई मां … आ आ आ सी उई ओह्ह …’ की सेक्सी आवाजें करने लगती.
वो अपनी गांड उठा कर मेरे धक्कों के मज़े लेने लगी थी और मेरे हर धक्के के का जवाब नीचे से गांड उठा कर दे रही थी.
मैं समझ गया कि आज ये मज़े लेती हुई चुद रही है और मेरे कहे अनुसार मुझे पूरा मजा दे रही है.
शायद इसी वजह से उसने अपना मंगलसूत्र हटा दिया था ताकि वो एक मस्त रांड की तरह मुझे पूरा सुख दे सके.
कुछ देर बाद मैंने उसे अपने लंड पर बैठा लिया और वो मेरे लंड के ऊपर नीचे होती हुई चुदने लगी.
वो मेरे लंड पर जब ऊपर नीचे होने लगी, तो उसके मम्मे हवा में ऊपर नीचे होने लगे.
मैं उसके दोनों मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा और एक को मुँह में रख कर चूसने लगा; साथ ही मैं नीचे से अपनी गांड उठा कर उसकी चूत में धक्के मारने लगा, जिससे कुछ ही देर में मेरे लंड से माल निकलने वाला हो गया था.
मैंने उसकी चूत से अपने लंड को निकाल लिया और उसके मुँह में डाल कर लंड चुसाने लगा.
वो मेरे लंड को चूसने लगी, जिससे मेरे लंड ने अपना पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया.
वो लंड को चाटती हुई मुस्कुरा कर बोली- मजा आया?
मैंने उसके मुँह को चूम कर कहा- बहुत मजा आया.
वो बोली- फिर कब आओगे?
मैंने कहा- जल्द ही.
उसने कहा- मैं इन्तजार करूंगी.
फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और उसने अपने कपड़े पहन लिए.
दोस्तो उस दिन उस रांड ने मुझे खुश कर दिया था. मैंने भी ख़ुशी से उसको कुछ ज्यादा इनाम दे दिया.
बाहर मेरा ड्राइवर मेरी राह देख रहा था.
बाहर आकर मैंने उससे कहा- आज तो मजा गया … एकाध दिन फिर से इसकी लेने आऊंगा.
ड्राइवर बोला- अरे सर, इससे बढ़िया माल दिलाऊंगा. हर बार एक की ही लेते रहोगे क्या?
मैंने कहा- चल ठीक है. मगर इसकी एक बार फिर से लेने का मन है.
वो बोला- ठीक है सर.
अब हम दोनों उधर से चले आए.
उस दिन की चुदाई के बाद मैंने उसे और कई बार कई तरह से चोदा और चुदाई के मज़े लिए.