हाई फ्रेंड्स, मैं आपके मनीषा, कैसे हैं आप सब? मस्ती से चुदाई की कहानियों का आनंद ले रहे हैं ना? मैं आपके सामने फिर हाजिर हूं अपनी एक नई कहानी लेकर!
मैं अब तक अपनी अपने तीन-चार कहानियां लिख चुकी हूं जब मैं कहानियां लिखती हूं तो मुझे बहुत सारी ईमेल आते हैं कुछ अच्छे भी होते हैं और कुछ बहुत बुरे मैं सारे अच्छे ईमेल के जरूर जवाब देती हूं.
मेरी पिछली कहानी थी
पति के सामने पत्नी को चोदा
उस कहानी के जवाब में मुझे एक ईमेल आया था. वह ईमेल काफी अच्छा था तो मुझे उसका जवाब देना पड़ा. वह गुजरात के एक व्यक्ति का था जो मुझसे किसी भी हालत में मिलना चाहता था, मुझे प्यार करना चाहता था, मुझे चोदना चाहता था.
मैंने उसे ईमेल से हैंग आउट पर बुलाया. फिर हमारी बहुत सारी बातें हुई.
उसने मुझसे कहा- भाभी, मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूं.
मुझे भी उसकी बातें अच्छी लग रही थी क्योंकि वह अच्छा इंसान था.
मैंने कहा- अच्छा आप मेरे लिए क्या कर सकते हो?
उसने कहा- कुछ भी!
मैंने कहा- ठीक है, मेरी 3000 रूपये की हेल्प करोगे?
उसने कहा- ठीक है, बताइए कैसे भेजने हैं.
मैंने कहा- मैंने तो ऐसे ही तुम्हें परख रही थी. अभी नहीं … जब जरूरत होगी तब कह दूंगी.
फिर मैंने अपने हस्बैंड से चुपके से एक नंबर भी उसको दिया जिससे वह मुझसे बात कर सकता था क्योंकि मेरा व्हाट्सएप नंबर मेरे हस्बैंड चेक करते थे.
अब हमारी रोज बातें होती थी. फिर धीरे-धीरे जब मुझे भरोसा हुआ, मैंने उसका अपना चेहरा भी दिखाया.
एक दिन उसने मांग की- भाभी, मुझे आपको न्यूड देखना है.
थोड़ी आनाकानी के बाद मैं मान गयी, मैंने कहा- ठीक है.
एक रात को मैंने उसको न्यूड वीडियो कॉल की. मेरा भरा हुआ जिस्म देखकर तो फिर और पागल हो गया मुझसे सेक्स करने के लिए!
उसे सबसे ज्यादा मेरे 32″ के बूब्स पसंद आए.
फिर उसने कहा- भाभी, अब तो मैं आपसे मिलने आ ही रहा हूं.
उसने मुझे दिल्ली में होटल में बुलाया. फाइव स्टार होटल था तो कोई परेशानी भी नहीं हुई. हम दोनों इस तरह से दोस्त बन गए थे तो मैं भी उसके लिए चली गई.
मैंने काले रंग की एक मस्त साड़ी पहनी थी, साथ में लाल रंग का ब्लाउज. मानो मैं एकदम परी जैसी लग रही थी. सबसे पहले तो उसने मुझे देखते ही कहा- वाह भाभी, बहुत मस्त लग रही हो!
फिर हम रूम में चले गए. रूम में जाकर उसने मेरे पीछे से कोली भर ली. वह मेरे बालों को मेरी कमर से हटाकर गर्दन के पास मेरी कमर पर किस करने लगा. मैंने अपनी आंखें बंद कर ली क्योंकि यह प्यार मुझे मेरे हस्बैंड से नहीं मिलता था.
उसने खड़ी-खड़ी की मेरी साड़ी खोल दी और ब्लाउज को भी मेरे बदन से अलग कर दिया. अब मैं सिर्फ उसके सामने ब्रा और पेंटी में थी, मेरा गोरा बदन उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में था. उसने पीछे से खड़े खड़े ही मेरी कोली भर ली. फिर उसने मुझे बेड की तरफ धक्का दे दिया.
मैं हंसती हुई बेड पर जा गिरी. फिर उसने मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और सीधा मेरी चूत को चूसने लगा. मैं कभी अपने बालों को पकड़ती कभी अपनी चुचियों को मलती. मैं तो पागल सी हुई जा रही थी.
फिर वह मुझे किस करते करते ही मेरे बूब्स तक आ गया. उसने मेरे दोनों बूब्ज़ खूब मजा लेकर चूस डाले. मुझे सारा चूस डाला.
मैं भी पूरे जोश में आ गई थी. मैंने उसको बेड की तरफ धक्का दे दिया और उसके लंड को एकदम से अपने मुंह में ले लिया और गपागप चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे.
फिर उसने मुझे बेड पर सीधा लेटा मेरे पैरों को थोड़ा ऊपर उठाया और मेरी चूत में अपना लंड सटा दिया. धीरे-धीरे वो उसे अंदर की तरफ धकेलने लगा. धीरे-धीरे करके सारा लंड मेरी चूत में चला गया. मुझे थोड़ा दर्द का अहसास हुआ लेकिन थोड़ी देर में सब सामान्य हो गया, मैंने उसे अपने पैरों से उसको जकड़ लिया था. कमरे में बस हम दोनों की मस्त कामुक आवाजें गूंज रही थी.
फिर उसने एक बार लंड निकाल कर मेरी मुंह की तरफ आ गया और मुझे चूसने का इशारा किया. मैं भी इतनी गर्म हो गई थी कि मैंने भी फट से उसका लंड अपने मुंह में ले लिया.
कुछ देर चूसने के बाद उसने मुझे बेड पर पलट दिया. अब मैं पेट के बल लेट गई और मेरे चूतड़ों को खोल कर उसने लंड मेरी चूत में डाल दिया. मेरे 38″ के चूतड़ों में गुदगुदी हो रही थी और साथ में लंड चूत में!
बहुत मजा आ रहा था उसे भी और मुझे भी!
वो पीछे से मेरी कमर चाट रहा था चिकनी एकदम … जिसे उसने वीडियो कॉल में देखा था. आज उसके सामने रियल में थी जिसे वह खूब नोच रहा था. वह मुझे पूरे कसकर धक्के लगा रहा था.
फिर उसने मुझे पीछे की तरफ खींच लिया. खींचा कुछ इस तरह कि मैं अपने आप घोड़ी बन गई. फिर उसने अपना लंड फिर से मेरी चूत में घुसा दिया.
इस तरह मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ तो मैंने उससे आराम से करने के लिए कहा. फिर धीरे-धीरे मजा आने लगा।
बहुत बहुत देर तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा, पीछे से उसने मेरे बाल भी पकड़ लिए. मेरी चीख निकल रही थी.
फिर वह बेड से नीचे उतर गया और मुझे अपना लंड चूसने का इशारा किया. मैं भी उसका लंड चूसने के लिए उतावली थी और जाकर सीधा उसका लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
उसने कहा- भाभी, मैं तो आने वाला हूं, मेरा होने वाला है.
मैंने कहा- ठीक है, मुझे अपना पानी पिलाओ!
उसने खूब मजा लिया और मेरे मुंह में ही झड़ गया.
उसकी खुशी के लिए और अपने मन की इच्छा पूरी करने के लिए उसका सारा पानी पी गई.
फिर कुछ देर हमने बिस्तर पर आराम किया. 20-25 मिनट रुकने के बाद उसने मुझे फिर से अपना लंड चूसने के लिए कहा. मुझे भी बहुत इच्छा थी तो मैंने उसके सोए हुए लंड को चूस चूस कर जगा दिया.
अब की बार उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया. उसने मेरे सारे बदन की कोली भर ली. मेरे 32 के बूब्स को पीछे से पकड़ लिया और मेरे 38 के चूतड़ में पीछे से धक्के मारता, अपने दांत मेरी कमर पर गाड़ देता. उसने मुझे कमर पर दो-तीन जगह खा लिया था.
अब की बार वह झड़ने का नाम नहीं ले रहा था। मेरी चूत में भी दर्द होने लगा था. अब उसके हर धक्के के साथ मेरा बार-बार मुंह खुल जाता था क्योंकि मुझे दर्द हो रहा था. तो वह मेरे चेहरे को पीछे घुमा कर मेरे मुंह में अपनी जीभ घुसा देता था. मैं भी दर्द के कारण उसके होठों को खा जाती.
फिर मैंने उसे कुछ देर रुकने के लिए कहा. लेकिन वह नहीं माना. मैं उसकी बांहों में छटपटा रही थी. मुझे ऐसे करते देख शायद वह जल्दी झड़ने वाला था.
उसने और तेज तेज धक्के लगाने शुरु कर दिए। मेरी और तेज चीखें निकलने लगी.
शायद मैं झड़ने वाली थी लेकिन मुझे दर्द हो रहा था. मुझे ऐसे करते देख उसने मेरी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और कुछ देर मुझसे ऐसे ही चिपका रहा. जब उसने अपना लंड बाहर निकाला तो उसका वीर्य मेरी चूत से निकलकर मेरी जाँघों पर बहने लगा. अब हम थोड़े से अलग हुए और दोनों बेड पर बैठ गए.
मेरी सांसें बहुत तेज चल रही थी, मेरे पेट ऊपर नीचे हो रहा था. फिर मेरी जान में कुछ जान आई.
इसके बाद हम दोनों ने साथ में शावर लिया। वहां नहाते हुए उसने मुझे बहुत किस किया, मेरे होठों को बहुत देर तक चूसा.
मेरे नंगे जिस्म पर ऊपर से गिर रहे पानी से मेरा बदन बहुत चमक रहा था. एक एक बूंद मेरे जिस्म पर अलग ही चमक रही थी. मेरे मुंह को पकड़ कर मेरा वह दोस्त मुझे किस कर रहा था. मेरे होठों को चूस रहा था.
फिर मैंने उससे कहा- तुमने तो आज मुझे मार ही डाला था.
वह मेरी तरफ थोड़ा सा मुस्कुराया. मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आई.
लेकिन फिर भी वह मेरा दोस्त था तो मुझे उसके लिए सब कुछ करना था.
उस दिन हमने ऐसे ही तीन चार बार सेक्स किया. मैं उसके पास 5 घंटे रुकी.
यह मेरे एक ऐसे अच्छे दोस्त की कहानी है जो मुझे अंतर्वासना से ही मिला था. वो बहुत अच्छा लगा तो मैंने उसकी सारी बातें मानी सेक्स के दौरान!
मैं जानती हूँ कि आज के टाइम में किसी गैर इंसान पर भरोसा करना मुश्किल है. पर मुझे इतना पता है कि मैं सच्ची हूं तो मैंने उस पर विश्वास किया. बातें करते हुए भी वो मुझे अच्छा इंसान लगता था इसीलिए मैं उसके पास चली गई. और मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं है.
मुझे अच्छे बुरे हर तरह के मेल आते हैं पर जवाब मैं सिर्फ अच्छे ईमेल का देती हूं.
मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करें. मैं अपनी ईमेल आईडी दे रही हूं.
आपकी अपनी मनीषा
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