हाय फ्रेंड्स, सेक्स स्टोरी पढ़ने वाली गर्म चूत वालियो को मेरे लंड का सलाम और खड़े लौड़ों के लिए चुत मिलने की कामना.
आपने आज तक बहुत सी सेक्स कहानी पढ़ी होंगी और अपने अंग विशेष को गीला भी किया होगा.
आज मैं अपनी एक सच्ची सेक्स स्टोरी इस साईट पर डाल रहा हूँ … प्लीज़ मेरी हॉट चुत की मस्त चुदाई कहानी को प्यार दीजिए.
मैं राहुल हरियाणा से हूँ. ये बात अभी कुछ ही समय पहले की है.
मुझे नेट पर एक लड़की मिली, जिसका नाम शमा था. वो मेरे ही शहर की दूसरे धर्म की एक लड़की थी.
मेरी उसके साथ दोस्ती हुई और कुछ ही दिनों उसकी मुझसे रोज बात होने लगी.
धीरे धीरे हम दोनों बहुत ज्यादा घुल-मिल गए थे और एक दूसरे को पसंद करने लगे थे.
भगवान ने यही मुझे एक अच्छी आर्ट दी है कि किसी को भी मैं बहुत जल्दी इम्प्रेस कर लेता हूँ.
हमारे बीच दोस्ती गहराने लगी, तो हम दोनों ने एक दूसरे के मोबाइल नम्बर एक्सचेंज कर लिए और अब हम दोनों सीधे फ़ोन पर बात और चैट करने लगे.
एक दिन हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया और मिलने के लिए एक जगह तय का ली.
उसी शाम में हम दोनों मिले.
जब वो चलती हुई आ रही थी तो खुदा कसम कयामत ढा रही थी.
शमा एक बहुत सुंदर लड़की थी. उसका 34-30-36 का कामुक फिगर था.
वो लड़की सच में एक मस्त माल थी.
उसे देखते ही मेरी वासना जाग गई और मन में बस एक ही तमन्ना जाग गई थी कि किसी भी तरह शमा की चुदाई का मौका मिल जाए.
उसके भरे और तने हुए चूचे कमाल के थे. मैंने उसके नीचे नजर डाली तो उसकी मखमली गांड के जलवे मेरे लंड को हिनहिनाने लगी थी.
चूंकि हम दोनों होटल के एक केबिन में मिले थे तो उसके केबिन में अन्दर आते मैं उससे हाथ मिलाया और उसकी खूबसूरती की खुल दिल से तारीफ़ की.
मैंने कहा- शमा तुम सच में खुदा का नूर हो … वास्तव में तुम फेसबुक की फोटो से दस गुना ज्यादा हॉट हो.
वो शर्मा गई और बोली- अब तारीफ़ हो गई हो … तो मैं बैठ जाऊं!
मैंने अचकचा कर कहा- अरे हां हां क्यों नहीं बैठो न … सॉरी मैं तुम्हारी खूबसूरती में इतना ज्यादा खो गया था कि मुझे कुछ ख्याल ही न रहा.
उसने मेरी बातों का मजा लेते हुए कहा- हम्म … आप बातें बहुत अच्छी कर लेते हैं.
मैंने मन में सोचा कि रानी मैं चोदता भी बहुत जबरदस्त हूँ … कभी हवेली पर आओ तो तुम्हारी चुत चोद कर भोसड़ा बना दूँ.
मगर प्रत्यक्षत: मैं बस उसे देख कर मुस्कुराता ही रहा.
वो बैठ गई थी और मैं खड़ा ही उसे देखे जा रहा था.
शमा मुझे देख कर हंस पड़ी और बोली- अब क्या आप बैठोगे नहीं?
मैं फिर से अचकचा गया और हं..हां कहते हुए उसके सामने बैठ गया.
अब हमने एक दूसरे को देख भी लिया था … तो अब हमारी बातें कुछ बढ़ने लगीं.
उसने मेरी की गई तारीफ़ से ही बात शुरू की.
वो बोली- हां तो आप वो हॉट वाली क्या बात कह रहे थे?
इतना कह कर वो अपनी आंखें नचाती हुई अपनी टी-शर्ट ठीक करने के बहाने से अपने मम्मे उठाती हुई मुझे रिझाने लगी.
मैंने उसके चुचों पर नजर गड़ाते हुए कहा- हां वो हॉट वाली बात तुम्हारी … व..वो ….
वो मुस्कुराई और बोली- क्या व..वो?
मैंने कहा- व..वो तुम्हारी फेसबुक वाली फोटो से तुम्हारी सामने दिख रही इमेज से कर रहा था … और उसी के लिए मैं हॉट कह रहा था.
वो बोली- हां वही तो पूछ रही हूँ यार कि फोटो में … और सामने से मुझमें तुमको क्या चीज हॉट लगी!
मैंने कहा- क्या मैं खुलकर कह दूँ … तुमको बुरा तो नहीं लगेगा?
वो शरारती नजरों से हंस कर बोली- मैं इस वक्त आपके सामने अकेली केबिन में बैठी हूँ … और क्यों बैठी हूँ, ये मालूम होते हुए भी आपकी फट रही है?
मैंने ‘फट रही है …’ शब्द सुने तो खुपड़िया हिल गई. ये लौंडिया तो मुझसे काफी आगे जा रही थी.
तो मैंने कहा- यार फट नहीं रही है … तुम्हारा लिहाज कर रहा हूँ. चलो एक बार फिर से पहले जैसी अपनी टी-शर्ट सही करना!
उसने टी-शर्ट ठीक करने की जगह इस बार एक मादक अंगड़ाई लेते हुए कहा- टी-शर्ट को क्या करना है?
मैंने एक झटके से उसकी चुचियों को खा जाने वाली नजरों से देखते हुए कहा- कुछ नहीं शमा डार्लिंग … तुम्हारी चूचियां बहुत हॉट हैं.
वो हंस पड़ी और बोली- अब आए न पटरी पर!
इतना खुलापन होने के बाद हम दोनों में सेक्स की बातें होने लगीं.
मैंने पूछा- ये हॉट हॉट आम खुद बनाए हैं या किसी से बनवाए हैं!
वो हंस दी और बोली- तुम आम खाने से मतलब रखो यार … पेड़ गिनने से क्या हासिल होगा.
मैं समझ गया कि लौंडिया चुदने को राजी है.
कुछ देर तक यूं ही रसीली और हॉट करने के बाद हम दोनों ने किसी दिन फिर से मिलने का प्रोग्राम बनाया.
वो बोली- इस तरह से केबिन में मिलना होगा … तो आम कैसे खाओगे?
मैंने कहा- जानेमन ऐसी जगह मिलूंगा कि तुम्हारे दोनों आम भी चूसूंगा और नीचे की गुठली भी रगड़ दूंगा.
वो वासना से बोली- देखती हूँ कि कौन किसको रगड़ता है.
उसकी आंखों में नशा देख कर मुझे यकीन हो गया कि शमा पक्के में लंड की प्यासी है.
मैंने कहा- केले का सैंपल देखोगी?
वो कुछ कहने ही वाली थी कि केबिन के बाहर से किसी ने आवाज दी- मे आई कम इन सर?
ये वेटर था.
मैंने उसे अन्दर आने का कहा … और वो ऑर्डर लेकर चला गया.
उसके जाते ही हम दोनों फिर से गर्मागर्म बातें करने लगे थे. उस दिन हम दोनों ने काफी बातें कीं.
शमा के साथ मैंने ये डेट बड़ी मस्त गुजारी थी और अगली बार चुत चुदाई का प्रोग्राम लगभग पक्का हो गया था.
मैंने और शमा ने तय कर लिया था कि अगली बार जब हम मिलेंगे, तो वो सब करेंगे … जो हम दोनों चाहते हैं.
मुझे मेरा सपना सच होता हुआ दिखाई दे रहा था क्योंकि वो मेरे साथ चुदाई करने के लिए मान गई थी.
होटल से आने के बाद मैंने कमरे के लिए खोज आरम्भ कर दी और एक रूम सैट करते ही मैंने शमा को फोन कर दिया कि दो दिन बाद हम उस कमरे में मिलेंगे.
शमा ने पूछा- ये कमरा किसका है?
मैंने कहा- किसी का भी हो मगर सेफ है … किसी भी तरह की समस्या नहीं आने वाली है.
वो मेरे प्यार में अंधी हो गई थी, उसने कहा- जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसलों से क्या डरना.
मैंने मन में सोचा कि साली मेरा मूसल तो लेकर देख, फिर तुझे और भी मूसलों का स्वाद चखा दूंगा.
मैंने सामने से उससे पूछा- मूसलों से क्या डरना … इस बात को जरा तफसील से बताओ!
वो समझ गई कि मैं क्या कहना चाह रहा हूँ.
वो हंस कर बोली- मारूंगी साले.
मैंने फिर से छेड़ा- अब चाहे मारो या मरवाओ … मैं तो तेरा आशिक हूँ मेरी जान.
इस तरह से हम दोनों की खुशनुमा माहौल में बातें हुईं और दो दिन बाद मिलने का तय हो गया.
दो दिन बाद हम दोनों मेरे एक दोस्त के कमरे पर आ गए जो फिलहाल खाली पड़ा था.
मेरा दोस्त अपने गांव गया था और वो एक दूसरे दोस्त को चाभी दे गया था.
मैंने पहले उसे फोन किया, तो उसने बताया की चाभी किधर से मिलेगी.
इस तरह से मैंने उस दोस्त के रूम की चाबी हासिल कर ली थी. कमरे में जाने से पहले मैंने मार्केट से कुछ खाने को ले लिया था.
पहले मैं उस कमरे में पहुंचा और आस पास के माहौल का जायजा लिया.
ये कमरा एक तंग गली में था. उधर दोपहर के समय एकदम सुनसान रहता था.
मैंने शमा को जगह बता दी और उससे कह दिया कि तुम फोन पर बात करती हुई आना … और जैसे ही मैं तुमसे कहूँ कि बस यहीं आ जाओ, तुम बिना कुछ देखे सीधे कमरे में आ जाना.
वो सहमत हो गई.
इस तरह से वो कमरे में आ गई.
कमरे का दरवाजा बंद करके मैंने शमा की तरफ देखा तो वो बुर्क़ा पहन कर आई थी.
मुझे उसका ये आइडिया सही लगा.
उसने बुर्का उतारा और पलंग पर बैठ गई. बुर्के के नीचे वो एक शॉर्ट्स व स्लीवलैस टॉप में निकली थी.
आह एकदम गर्म माल …
मैं तो उसे देखता ही रह गया. उसकी गहरे गले वाले टॉप से उसकी फूली हुई चूचियां एकदम आग लगा रही थीं.
मैंने उसके मम्मों की तरफ देखा तो वो झुक कर बोली- क्या सालम खाने का इरादा है मेरी जान!
तो मैंने कहा- हां, इरादा तो कुछ ऐसा ही है. मगर अभी तुम कुछ खा लो … क्योंकि बाद में तुम्हें सिवाए केला खाने के और कुछ नहीं मिलेगा.
वो हंस कर बोली- हां … मैं केले से ही काम चला लूंगी.
मैंने कहा- कुछ खा ही ले मेरी जानेजाना वरना मुझे भी सिर्फ मुसम्मियां चूस कर काम चलाना पड़ेगा.
वो हंस दी और उठ कर मेरे गले लग गई.
मैंने भी उसके होंठों की चुम्मी लेते हुए उसकी एक चूची मींज दी.
वो आह करके सीत्कार उठी- आह धीरे कर साले … क्या उखाड़ेगा!
मैंने कहा- काश उखाड़ कर अपने साथ ले जा पाता.
इस तरह से हम दोनों के बीच सेक्स का खेल शुरू हो गया.
मैंने उसे पूरी तरह से गर्म कर दिया और उसने मुझे कर दिया.
इसी अवस्था में दस मिनट तक हम दोनों ने दूसरे को खूब चूमा चाटा और मसला मसली हुई.
फिर पहले हमने कुछ खाया और इसके बाद सब्र का नामोनिशान ही नहीं था.
मैंने उसके नर्म नर्म होंठों को किस करना शुरू किया और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
किस करते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके मोटे और मक्खन से मुलायम दूध पर रख दिया और उसे दबाना शुरू कर दिया.
शमा की आंखों में मस्ती छाने लगी- ऊऊओह … आह्ह्ह्ह मुझे कुचल दो राहुल … मैं बहुत प्यासी हूँ.
उसकी सेक्सी आवाजें मुझे उत्तेजित करने लगीं. मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था.
मैंने उसका टॉप उतार दिया और वो अब पिंक कलर की ब्रा में थी. मैंने उसे भी उतार दिया.
उसका एक दूध अब मेरे मुँह में था और दूसरा मेरे हाथ में था.
वो पागल हुई जा रही थी; उसकी मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. वो अपना हाथ मेरे लंड पर फेरने लगी थी.
उसकी चाहत देखते हुए मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और उसके हाथ में पकड़ा दिया.
वो बिना देखे मेरे लंड के साथ खेल रही थी और मजे ले रही थी.
फिर मैंने उसकी शॉर्ट्स को भी उतार दिया और उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया उसकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, वो सेक्सी आवाजें निकालने लगी- ओह्ह आह्ह राहुल आआअ ह्ह्ह्ह!
मैं और ज्यादा गर्म होने लगा.
मैंने जल्दी से उसकी पैंटी को उतार दिया और उसको लिटा कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपने घुटनों पर बैठ कर उसकी चूत को किस करने लगा.
वो मचलने लगी और कुछ ही सेकंड बाद उसकी टांगें एक दूसरे की विपरीत दिशा में खुलती हुई हवा में फैल गईं, चुत को अपनी गांड का सहारा देकर ऊपर को उठाने लगी.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा.
मलाईदार चूत थी उसकी … एकदम क्लीन शेव्ड और प्यारी सी छोटी सी एकदम गर्म गर्म … मुझे मजा आ गया था और मैं चुत को पकी अमियां के जैसे चाटे जा रहा था.
सच कहते हैं कि लड़की की चूत होती ही गर्म है. शमा की चुत भी बहुत टाइट थी.
फिर वो बोली- मुझे भी केला चखना है.
ये सुनकर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी हॉट चूत.
लगभग दस मिनट तक ये चलता रहा. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को फिर से लिप किस करने लगे.
फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा, वो डर गई और बोली- इतना बड़ा और मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा … मैं तो मर ही जाऊंगी. मेरी चुत फट ही जाएगी.
उसका डरना वाजिब था. मेरा लंड है ही इतना बड़ा और मोटा. आठ इंच का लंड किसी नई बुर के लिए काफी हलब्बी लंड कहलाता है.
मैंने उससे कहा- शमा डरो मत … थोड़ा सा दर्द होगा, फिर बहुत मजा आएगा. मैं बड़े प्यार से अन्दर करूंगा मेरी जान.
वो मान गई और मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रख कर घिसना शुरू कर दिया.
उसकी चुत की फांकों से रस टपकने लगा और उसे भी लंड अन्दर लेने की चुल्ल होने लगी.
उसने कहा- अब अन्दर पेल दो … फट जाने दो चुत को.
उसके ये कहते ही मैंने उसके होंठों पर होंठ जमाए और धीरे से धक्का दे दिया.
मेरा एक चौथाई लंड ही चुत के अन्दर गया था कि वो चिल्लाने को हो गई.
मगर उसके होंठ बंद थे तो वो छटपटा उठी और इशारे से मना करने लगी.
मैं रुक गया और उसकी चुत को आराम मिलने तक चोदना रोक दिया.
अब मैं उसकी एक चूची के टिकोरे को उंगलियों से मींजने लगा.
उसे राहत मिलने लगी तो उसने होंठ खोलने के लिए इशारा दिया.
मैंने होंठ छोड़ दिए तो वो लम्बी सांस लेती हुई बोली- आह मार ही दिया यार तुमने … अब आगे करो या ऐसे ही घुसेड़े रहोगे?
मैं मन में सोचने लगा कि साली की चुत में अभी एक चौथाई लंड ही घुसा है और समझ रही है कि इसने पूरा लंड लंड खा लिया.
मैंने कुछ पल उसके दूध चूसे और जैसे ही उसकी गांड उठने लगी, मैंने फिर से होंठों पर होंठ जमा कर लंड को अन्दर पेल दिया.
इस बार मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत के अन्दर पेवस्त हो गया था और उसकी सील फट गई थी, जिससे खून की गर्म धार मुझे मेरे लंड पर महसूस होने लगी.
तभी मेरा ध्यान शमा पर गया … वो निचेष्ट पड़ी थी, उसकी कोई आवाज या हरकत नहीं हो रही थी.
मैं घबरा गया और उसके मुंह से मुंह हटा कर उसे हाथ से थपथपाने लगा.
एक दो पल बाद वो दर्द से कराहती हुई मेरी आंखों में देखने लगी.
मैं समझ गया कि इसको लंड झेलना मुश्किल हो गया है … मैं उसे सहलाने और चूमने लगा.
एक मिनट बाद उसकी चेतना लौटी और वो वो कांपती हुई आवाज में कहने लगी- आह मर गई अम्मी रे … प्लीज़ राहुल मत करो … मैं मर जाऊंगी.
मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया और फिर से एक जोरदार धक्का दे दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी हॉट चूत में घुस गया; वो तड़पने लगी और उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
फिर मैं थोड़ी देर तक उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा.
कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब मैंने उसे खूब तेज तेज चोदना चालू कर दिया.
वो भी अब बड़े मजे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.
पूरा कमरा हमारी सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था.
कुछ देर बाद वो खलास हो गई.
मगर मैं अभी बाकी था.
मैंने जोर जोर से मस्त चुदाई करना शुरू कर दिया और उसके झड़ने के कुछ ही मिनट बाद मैं भी उसकी हॉट चुत में फ्री हो गया.
झड़ जाने के बाद हम दोनों यूं ही नंगे सो गए.
आधा घंटे बाद हम दोनों उठे और शमा को सहारा देकर बाथरूम में ले गया.
हम दोनों नहाने लगे.
वहां पर ही फव्वारे के नीचे मैं उसे एक बार और चोदा.
इसी तरह हम दोनों शाम तक एक दूसरे के साथ रहे और हम दोनों ने छह बार सम्भोग का सुख प्राप्त किया.
उस दिन के बाद जब भी हमें मौका मिलता, हम दोनों एक बार जरूर चुदाई कर लेते.