अन्तर्वासना पर मेरी सेक्स कहानी पढ़कर एक भाभी ने मुझे मैसेज किया. वो मुझसे अपने घर पर चुदना चाहती थी. मैंने उस गर्म सेक्सी भाभी की प्यास कैसे बुझाई?
दोस्तो, मेरा नाम अंश है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. सेक्स करने के मामले में मैं काफ़ी अच्छा हूँ.
जिस भी भाभी की चुदाई मैंने आज तक की है वो ही मुझसे खुश होकर गयी है और आज तक भी मुझे याद करती रहती है. मैं सभी भाभियों को हमेशा खुश करके ही रखता हूँ. अब आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपनी कहानी को शुरू करता हूं.
जब मैंने फिटनेस सेंटर में भाभी को चोदा तब से मुझे भाभियों की चुदाई में नये नये तरीके अपनाने का मन करने लगा था. मैं अब सबको अलग अलग तरीके से चोदने की कोशिश किया करता था.
इसी से संबंधित एक घटना मैं आपको आज बता रहा हूं जो कुछ महीने पहले की ही है. उस वक्त मैं इलाहाबाद में कुछ काम से गया हुआ था. काम निबटाकर मैं अपने घर वापस लौट रहा था. ऐसे ही रास्ते में मैं अपने ईमेल चेक करने लगा.
मुझे ईमेल में एक नया मैसेज आया हुआ था. वो मैसेज पढ़ा तो पता चला कि एक सेक्सी भाभी ने मैसेज भेजा हुआ है. वो मेरे ही शहर लखनऊ की रहने वाली थी.
उसने मैसेज में लिखा हुआ था कि वो मेरे से चुदाई करवाना चाहती है.
उसने लिखा था- मैं अकेली रहती हूं और मैं पूरी रात चुदना चाहती हूं.
मैंने उनके पास जाने के लिए हां कह दिया.
तो दोस्तो, दिये गये समय पर मैं भाभी के घर पहुंच गया. जब मैंने पहुंचकर बेल बजाई तो उसी ने दरवाजा खोला. मैं उसको देखता रह गया. ऊपर से नीचे तक नज़र उसके बदन पर घूमने लगी. उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी जो उसके गोरे रंग पर ऐसे जंच रही थी जैसे कोई अप्सरा खड़ी हो.
फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और बैठाया.
उसने मुझसे पूछा- कुछ ठंडा या गर्म लोगे?
मैंने कहा- ठंडा ही दे दीजिए, गर्म तो हम लोग अभी कुछ देर में हो ही जायेंगे.
उसने एक कातिल सी स्माइल दी और अपनी गांड मटकाती हुई अंदर की ओर चली गयी. कुछ देर में वो केले का शेक लेकर आयी. मैंने गिलास लिया और फिर वो मेरे बगल में बैठ गयी. मैंने अपना गिलास खत्म किया और हम दोनों बातें करने लगे.
वो बताने लगी कि उसके पति बाहर ही रहते हैं और वो अपने अकेलेपन को बर्दाश्त नहीं कर पाती है.
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- कोई बात नहीं भाभी, मैं हूं न आपका ख्याल रखने के लिए!
उसने मेरी ओर देखा और हल्के से मुस्करा दी.
वो बोली- पहले हम खाना खा लेते हैं और उसके बाद फिर प्रोग्राम शुरू करते हैं.
फिर हमने आधे घंटे के अंदर खाना खत्म किया और वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी.
बेडरूम शानदार था उनका. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम बैठो मैं अभी वॉशरूम से होकर आती हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर कुछ देर बाद जैसे ही वॉशरूम से वो आई तो बिल्कुल कयामत लग रही थी. उसने एक रेड कलर की नाइटी पहनी हुई थी जो कुछ हद तक पारदर्शी थी. उसकी सफेद ब्रा और पैंटी उसकी नाइटी में से हल्की हल्की दिखाई पड़ रही थी.
उसको देख कर लग रहा था कि किसी फिल्म की हिरोइन सेक्स सीन करने के लिये तैयार होकर आई है. फिर वो मेरे पास बेड पर आ गयी और मुझे अपने साथ लेकर लेट गयी.
हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये और दोनों एक दूसरे के होंठों को पीने लगे. मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिये और उसकी गांड पर अपनी दाहिनी टांग को चढ़ाकर उसको जोर जोर से चूसने लगा.
वो भी मेरी गर्दन को पकड़ कर मेरे होंठों का रस अपने मुंह में खींच रही थी. 10 मिनट की किस के बाद मैं अब पूरी तरह से गर्म हो चुका था और अब उसको नंगी करना चाह रहा था इसलिए पीछे हटने लगा.
मगर उसने मुझे अपनी पकड़ से ढीला नहीं किया. वो लगातार मेरे होंठों को चूसती जा रही थी. पहली बार मेरे होंठों को किसी महिला ने इतनी देर तक चूसा था. उसको किस करने का बहुत अच्छा एक्सपीरियंस था. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
पूरे 15-20 मिनट के बाद उसने मुझे छोड़ा तो मैं हांफने लगा था. मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. मेरा लंड बुरी तरह से टाइट होकर मेरी अंडरवियर में कामरस छोड़ छोड़कर मेरी पैंट को भी गीली करना शुरू कर चुका था.
अब वो हॉट भाभी मेरी शर्ट को खोलने लगी. मेरी शर्ट को मेरे कंधों से उतार कर उसने अलग कर दिया. बनियान मैंने खुद ही उतार दी. मेरी छाती नंगी हो गयी थी और वो मेरे सीने पर चूमने लगी. मेरे निप्पलों को चूसने लगी. उसके चुम्बनों से मेरे बदन में सुरूर सा छाने लगा.
फिर मेरी बॉडी को चूमते हुए उसने मेरी पैंट का हुक खोल दिया और पैंट को खींच कर मेरी टांगों से अलग कर दिया. अब मेरी फ्रेंची में झटके देता हुआ मेरा लौड़ा बार बार उछल कर गुहार लगा रहा था कि उसको इस कैद से कोई आजाद कर दे.
उसने मेरी फ्रेंची को खींचकर मेरी जांघों से निकालते हुए नीचे ले जाकर मेरी टांगों से अलग कर दिया और मेरा तनतनाता लंड उसके सामने था. मेरे लंड को देख कर उसके चेहरे पर एक कामुक मुस्कान तैर गयी.
फिर वो बेड पर खड़ी हुई और अपनी नाइटी को उतारने लगी. उसकी टांगें मेरे पेट के दोनों ओर थीं. उसकी पैंटी ठीक मेरी छाती के ऊपर थी जिसमें उसकी फूली हुई चूत की शेप मुझे साफ साफ दिख रही थी. उसने अपनी नाइटी को अलग कर दिया और केवल ब्रा पैंटी में रह गयी.
मेरी ओर देखते हुए उसने अपनी ब्रा के ऊपर से ही अपनी चूचियों को मसल कर सहलाया तो मेरे लंड ने जवाब में झटका दे दिया. वो मेरे लंड के कड़कपन को देख देखकर खुश हो रही थी.
फिर उसने अपनी ब्रा को खोल दिया और उसके 36 के स्तन आजाद हो गये. आह्ह … दोस्तो, क्या चूचे थे उस भाभी के! एकदम से गोल गोल गेंद के जैसे और बहुत ही तने हुए. ऐसा लग रहा था कि उसके पति ने उनका रस अच्छी तरह नहीं पीया था.
उसके बाद उसने अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी चूत को सहलाया और अपनी पैंटी की इलास्टिक को खींचने लगी. वो मुझे तरसा तरसाकर नंगी हो रही थी. पैंटी को ज़रा सी नीचे खिसकाकर वो अपनी चूत के हल्के झांट दिखाने लगी. मेरे लंड में अब दर्द होने लगा था. तनाव बर्दाश्त के बाहर हो चला था.
फिर उसने अपनी पैंटी थोड़ी सी और सरकाई और उसकी चूत के ऊपर का सांवला सा हिस्सा जहां से चूत शुरू होती है, वो दिखने लगा. मैंने अपने लंड की मुठ मारना शुरू कर दिया. फिर उसने पैंटी को पूरी नीचे कर दिया और उसकी रसीली सी चूत मेरी आंखों के सामने नंगी हो गयी.
मैं तो उसको नंगी देखकर पागल सा हो गया. इतनी सेक्सी भाभी की चुदाई करने के लिए अब मैं बिल्कुल मरा जा रहा था. वो आकर मेरे पेट पर बैठ गयी और मेरे होंठों पर झुक कर मेरे लबों का रस फिर से पीने लगी.
उसकी गांड पर पीछे से मेरा लंड टक्कर मार रहा था. जब मुझसे रहा न गया तो मैंने उसने नीचे पटक लिया और उसके जिस्म पर टूट पड़ा. उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए उसके निप्पलों को चूसने लगा.
भाभी के मुंह से कामुस सिसकारियां फूट पड़ीं- आह्ह … अम्म … ओह्ह … याह … स्सस … और जोर से … आईई … आआ … आह्ह अंश … बहुत मजा दे रहे हो … आह्ह … ऐसे ही करो।
कुछ देर तक मैं उसकी चूचियों पीता रहा और दबाता रहा. साथ ही उसकी चूत को भी एक हाथ से सहलाता रहा. उसका बदन अब पूरा का पूरा तपने लगा था. वो अंगड़ाई लेने लगी थी और बार बार अपनी चूत को मेरे हाथ पर रगड़वा रही थी.
जब उससे रुका न गया तो उसने मुझे नीचे पटक लिया और मेरी छाती पर बैठकर मेरे मुंह पर अपनी चूत लगा दी और आगे धकेलने लगी. मैंने भी उसकी चूत में जीभ दे दी और उसको अंदर तक चोदने लगा. वो जोर जोर से आगे पीछे हो रही थी.
2-3 मिनट तक वो ऐसे ही आगे पीछे होती रही और फिर उसने एकदम से मेरे मुंह पर अपनी चूत को पूरी ताकत लगाकर दबा दिया. उसकी चूत का गर्म गर्म पानी मेरे मुंह में आने लगा जिसको मैं साथ ही साथ पूरा चाट गया.
वो थककर एक तरफ आ गयी.
मैंने कहा- मैडम जी, मेरा क्या होगा?
वो हाँफते हुए बोली- रुको एक मिनट, सांस लेने दो मुझे.
जब वो थोड़ी नॉर्मल हुई तो उठकर मेरी जांघों के पास आ गयी और मेरे तने हुए लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर देखते ही देखते उसने मेरे लंड को एकदम से मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
बहुत मस्त तरीके से लंड चूसते हुए वो मेरे लौड़े की मुठ भी मार रही थी. उसको लंड चूसने का बहुत ही अच्छा अनुभव था. मैं तो आनंद में जैसे आसमान में उड़ रहा था. मगर मैं झड़ना नहीं चाहता था इसलिए पांच मिनट के बाद ही मैंने उसको रोक दिया.
फिर वो बिस्तर पर पीठ के बल लेट गयी और अपनी टांगों मेरे सामने खोल कर फैला दीं. मैंने उसकी जांघों से उसे पकड़ा और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर लगा दिया.
मैं उसकी चूत पर लौड़े के सुपाड़े को ऊपर नीचे रगड़ने लगा और वो जोर जोर से सिसकारने लगी- आह्ह … ऊईई मां … मर गयी … आह्ह … आहाहाह्ह … उफ्फ … चोद दो अंश … मुझे चोद दो प्लीज … मैं और नहीं बर्दाश्त कर पा रही हूं.
फिर मैंने उसकी चूत में एक जोर का धक्का मारा और गच्च से मेरा आधा लंड भाभी की चूत में जा घुसा. उसके मुंह से एक दर्द भरी आह … निकल गयी.
मैंने कहा- कितने दिन हो गये भाभी आपको चुदे हुए?
वो बोली- बहुत टाइम हो गया है इसलिए दर्द हो रहा है.
मैं धीरे धीरे भाभी की चूत में लंड को आगे पीछे करने लगा और वो धीमे धीमे कराहते हुए लंड को अंदर लेने लगी. दो मिनट के बाद उसका दर्द कम होने लगा और वो मेरे कंधों को पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.
मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसते हुए तेज-तेज उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. मेरा लंड अब पूरा का पूरा भाभी की चूत में जा रहा था. हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर चुदाई का मजा लेने लगे.
फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ाता चला गया. मेरी बढ़ती स्पीड के साथ भाभी की सिसकारियां भी तेज होती गयीं- ओह्ह … यस … और जोर से … आह्ह … फक मी हार्ड अंश … आह्ह … चोदो डार्लिंग … आह्ह और चोदो … आईई … उफ्फ … ऊईई … ओह्हह यस … लव यू बेबी।
इस तरह से 20-25 मिनट के लगभग मैं सेक्सी भाभी की चुदाई मजे लेकर करता रहा और फिर हम दोनों ने पोजीशन बदल ली. दोबारा लंड डालने से पहले मैंने उसको 69 की पोजीशन में कर लिया. कुछ देर तक दोनों ने एक दूसरे के लंड और चूत को खूब चूसा.
फिर वो खुद ही मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर अपनी चूत को रखकर मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर समा लिया. फिर वो मेरे लंड पर ऊपर नीचे होते हुए उछलने लगी. साथ ही वो अपनी चूचियों को भी मसल रही थी. इस पोज में वो पूरी रंडी लग रही थी और जोर जोर से अपनी चूत में लंड को ले रही थी.
15 मिनट तक चुदने के बाद वो बोली- अंश, मेरा होने वाला है.
मैंने कहा- मेरा भी होने वाला है भाभी।
वो बोली- मेरी चूत में मत निकालना, मैं तुम्हारे वीर्य का पहला स्वाद अपने मुंह में लेना चाहती हूं. मुझे तुम्हारा माल पीना है.
मैं उठा और वो घुटनों के बल बेड पर बैठ गयी. मैंने भाभी के मुंह में लंड दे दिया और उसका सिर पकड़ कर उसके मुंह को चोदने लगा. कुछ ही पल के बाद उसके मुंह में मेरा गर्म गर्म वीर्य भरने लगा. वो मेरे सारे माल को पी गयी. एक बूंद भी बाहर नहीं आने दी.
लंड को मुंह से उसने निकाल लिया. उसने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा- हम्म … मज़ा आ गया. बहुत स्वादिष्ट लगा तुम्हारा वीर्य!
मैं बोला- सब आपका ही है भाभी.
फिर हम थककर लेट गये. थोड़ी देर बार भाभी फिर से मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मगर इस बार मैंने उनसे कहा कि मुझे आपकी गांड चुदाई करनी है.
पहले वो मना करने लगी लेकिन फिर मैंने मेरी खुशी का हवाला दिया तो वो तैयार हो गयी. मैंने उसे घोड़ी बनाया और तेल लेकर उनकी गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा सा तेल मैंने अपने लंड पर भी लगाया.
धीरे धीरे मैं उसकी गांड मे अपना लंड डालने लगा. पहले तो उन्हें थोड़ा सा दर्द हुआ लेकिन वो कुछ नहीं बोली. बस बर्दाश्त करती गयी. मैंने अगली बार एक ही झटके के साथ अपना पूरा लंड अंदर कर दिया.
इस बार उसके मुँह से चीख निकल गई- आआआह्हह … मर गयी … ओह्ह … आईईई मां। धीरे करो यार। फट रही है मेरी.
मैंने उसके कहने पर धीरे-धीरे डालना शुरू किया. फिर देखा कि अब भाभी भी अपनी गांड को आगे पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही है तो मैंने भी देर न करते हुए अपनी स्पीड बढ़ा दी.
अब मैं जमकर भाभी को खूब मज़े से चोद रहा था. भाभी भी खूब मज़े लेकर अपनी गांड चुदवा रही थी. फ़िर कभी मैं उनकी चूत में तो कभी गांड में बारी बारी से चोद रहा था. करीब आधे घंटे तक हमने अलग- अलग तरह से चुदाई की.
कभी भाभी मेरे ऊपर तो कभी मैं भाभी के ऊपर आ जाता था. अब तक भाभी 3 बार झड़ चुकी थी. सच में दोस्तो, बहुत दम था भाभी में। दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था.
करीब 15 मिनट बाद मैंने भाभी से कहा- मेरा होने वाला है.
भाभी ने कहा- इस बार मेरी गांड में ही निकाल दो. मैं तुम्हारे माल को अपनी गांड में भी महसूस करना चाहती हूँ.
धक्के लगाते हुए फिर मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और फिर हम दोनों आराम करने लगे.
सच में दोस्तो, बहुत मज़ा आया था उस रात. हमने 5 बार चुदाई की और सुबह भाभी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखकर मेरा मन बहुत खुश हो गया.
अब जब भी भाभी का मन होता है चुदने का, तो भाभी मुझे पहले ही बता देती है और मैं उन्हें जाकर चोद देता हूं.
दोस्तो, ये थी सेक्सी भाभी की चुदाई की कहानी. आपको ये स्टोरी कैसी लगी, मुझे इसके बारे में जरूर बताना. यदि लिखने में कुछ गलती हो गयी हो तो मुझे माफ करना. मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा.
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