नमस्कार प्यारे दोस्तों. मैं आपका दोस्त राजन हूँ. मैं बदलापुर में रहता हूँ. मैं एक साधारण सा लड़का हूँ. मेरा लंड 6 इंच का है और मेरे अन्दर बहुत ज्यादा कामुकता भरी है. किसी भी लड़की के दूध देखते ही मेरे लंड में तनाव आने लगता है और मुझे अपने लंड को हाथ से हिला कर ही बैठना पड़ता है.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. सुबह की चाय के बाद मुझे अन्तर्वासना की सेक्स कहानी पढ़े बिना चैन ही मिलता है. मैं बहुत दिनों से अपनी सेक्स कहानी भेजना चाहता था, मगर न जाने क्यों कुछ हिचकिचाहट के चलते ऐसा न कर सका. पर आज हिम्मत करके मैं आपको अपने जीवन की सच्चाई बता रहा हूँ.
मेरी पड़ोसन चाची अपने घर में पति और बच्चों के साथ रहती हैं. चाची के सांवली होने की वजह से चाचा गोरी लड़कियों और औरतों के चक्कर में अक्सर ही घर के बाहर रहते हैं. इसी कारण चाची रात में अपने कमरे अकेली ही रहती हैं.
अब चाचा चुत के चक्कर में माशाअल्लाह थे, तो चाची भी लंड के लिए सुभानअल्लाह हो गईं. जब उनकी चुत को लंड नहीं मिल रहा था, तो वो ही क्यों कोई भी औरत बाहर मुँह मारने की कोशिश करने लगती है.
यही एक वजह थी कि वो मुझको बहुत लाईन मारती थीं.
मैं भी उनको बहुत पसन्द करता हूं. उनको चोदने के सपने देखता रहता था. चाची मेरे सामने अपनी गांड हिलाते हुए जब निकलती थीं, तो मेरे लंड में आग सी लग जाती थी. मुझे उनकी गांड बहुत पसन्द थी. उनके घर मैं अक्सर ही जाता रहता था, मेरी आदत थी कि मैं बिना आवाज दिए अन्दर चला जाता था.
एक दिन चाची अपने घर में अकेली थीं. उनके बच्चे बाहर खेलने गए थे. दोपहर का समय था. मैं उनके घर कोई सामान लेने गया था. मैंने अन्दर जाकर देखा, वो केवल ब्लाउज़ पहने बैठी थीं और नीचे से नंगी थीं.
उनके पेटीकोट का नाड़ा खुला हुआ था और कमर से नीचे यूं ही छितरा पड़ा था. चाची बड़ी तल्लीनता से अपनी झांटें बना रही थीं. उनको ये नहीं पता था कि मैं अन्दर आ गया हूँ और उनको झांटें बनाते हुए देख रहा हूं.
मेरे पहुंचने के कुछ ही पलों बाद मैंने देखा कि चाची अपनी झांटें बना चुकी थीं और अपने अधखुले साये से अपनी चूत पौंछ रही थीं.
आज चाची के पेटीकोट खुले होने के कारण से मैं उनकी गांड को अपने नंगी आंखों से एकदम साफ़ देख रहा था. वो रंग में सांवली हैं, लेकिन उनका फिगर बहुत ही कामुक है. चाची की चूचियों का साइज नॉर्मल है, लेकिन गांड बहुत ही उभरी हुई … कामुकता से लबरेज है.
चाची को इस तरह से नंगी देख कर मेरा लंड टाइट होकर बाहर आने को मचलने लगा था.
झांटें बनाने के बाद चाची ने खड़े होकर चड्डी ऊपर करते हुए पहन ली और साया भी ठीक से पहन लिया. वो ब्लाउज पेटीकोट पहन कर बाहर आईं, उधर अलगनी पर उनकी साड़ी टंगी थी.
चाची साड़ी पहनने के लिए उधर आ रही थीं. तभी चाची मुझे देख कर एकदम से शरमा गईं. चाची ने मुझे देखते ही झट से रस्सी पर टंगी साड़ी खींची और अपने मम्मों पर करते हुए मेरी तरफ खिसयाई सी हंसी बिखेरने लगीं.
मुझे मालूम था कि उनके मन में भी मेरे लिए वासना थी लेकिन वो अपने मुँह से ये सब कैसे कह सकती थीं. मैं इस बात को समझता था.
पर आज का सीन देख कर मैं बहुत जोश में आ गया था. इस वक्त मुझे सही गलत में फर्क नहीं समझ आ रहा था.
मैंने आगे बढ़ कर चाची का हाथ पकड़ लिया. वो मुझसे अपना हाथ छुड़ाते हुए कमरे में चली गईं. इधर एक बात देखने वाली थी कि मेरे हाथ पकड़ने पर चाची ने मुझसे कुछ भला बुरा नहीं कहा था, बल्कि वो बस तेज क़दमों से अन्दर कमरे में चली गई थीं.
मैं भी वासना के वशीभूत उनके पीछे कमरे में चला गया और अन्दर आ कर चाची को देखने लगा.
चाची अपनी साड़ी बांध रही थीं, इस समय उनकी गांड मेरे सामने थी. मैं उनकी मस्त गांड देख कर पहले ही कामुक हो गया था. फिर चाची के कोई विरोध न करने पर मेरी हिम्मत भी बढ़ गई थी. मैं उनके पीछे खड़े होकर बस चाची को निहारने लगा.
फिर मुझे कुछ याद आया और मैंने अपने मोबाइल में पड़ी एक ब्लू फ़िल्म चला दी. ब्लू फिल्म चलने की आवाज से चाची ने मुड़ कर देखा, तो मैंने उनकी तरफ मोबाइल करके वीडियो दिखाने लगा. वो ब्लू फिल्म देख कर शरमा गईं.
उनके चेहरे पर शर्म की लाली देख कर मैं समझ गया कि चाची की तरफ से हरी झंडी है. मैंने मोबाइल जेब में रखा और आगे बढ़ कर चाची को कस कर पकड़ लिया.
मैंने उनको अपनी बांहों में लेकर जबरदस्ती सेक्स वीडियो दिखाया और साथ में जोरदार किस भी किया. चाची ने पहले तो हल्का सा विरोध किया … लेकिन मेरी मजबूत पकड़ से उन्होंने छूटने की कोशिश करना बंद कर दी. अब वो भी मदहोश होने लगी थीं.
मैंने मौके का फायदा उठाकर एक पल की भी देर नहीं की और आगे हाथ बढ़ा कर उनके ब्लाउज़ के बटन खोल दिए. चाची ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, जिससे उनके मस्त चूचे मेरे सामने उछलने लगे. मैंने उनको अपनी तरफ घुमा लिया और उनकी एक चूची में मुँह लगा कर दूध पीना शुरू कर दिया.
वो अपने मम्मों पर मेरे होंठ पाते ही एकदम मदहोश हो गईं. मैंने एक हाथ से चाची की दूसरी चूची को दबाते हुए अपने दूसरे हाथ से उनकी साड़ी खोल दी. चाची भी मुझे अपना दूध पिलाने की मस्ती में मुझसे लग गईं.
मैंने झट से चाची की साड़ी हटाने के बाद उनका साया का नाड़ा ढीला कर दिया. चाची का साया जमीन पर गिर गया. मैंने उनकी चुत के पानी से नम सी हो चुकी चड्डी भी खींच कर नीचे कर दी. चाची ने खुद सहयोग करते हुए अपने पैरों से चड्डी निकाल कर दूर फेंक दी. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी हो गयी थीं.
मैंने चाची को झट नीचे बिठाया और अपना लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया. वो लंड मुँह में नहीं ले रही थीं. मेरे जबरदस्ती करने पर वो मेरे लंड को चूमने लगीं. उनका मुँह नहीं खुला था. वो अपने बंद होंठों से ही मेरे लंड को चूम रही थीं.
मैंने उनकी एक चूची के निप्पल को अपनी दो उंगलियों में दबाते हुए जोर से मसल दिया, जिससे चाची के मुँह से कराह निकल गई और उनका मुँह खुल गया. मैंने उसी पल अपना लंड चाची के मुँह में पेल दिया. लंड मुँह में आने से चाची के सामने लंड चूसने की मजबूरी थी. मुझे लग रहा था कि शायद मैंने जबरन लंड उनके मुँह में डाला है. लेकिन अगले ही पल जिस तरह से चाची ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया, उससे मुझे समझ आ गया कि चाची पक्की लंड चुस्क्कड़ हैं, बस झिझक के चलते वो लंड मुँह में नहीं ले रही थीं.
अब चाची बहुत अच्छे से मेरा लंड चूसने लगी थीं. मैं भी गर्मा गया था और बेतहाशा उनके मुँह को चोद रहा था.
कुछ देर बाद चाची ने लंड निकाल दिया और बिस्तर पर लेट गईं. मैं उनकी चुदास को समझ गया और उनके साथ ही मैं भी बिस्तर के करीब आ गया.
चाची चुत खोल कर चित पड़ी थीं. मैंने चाची की चूत को खोल कर देखा, तो उनकी चूत एकदम पानी पानी हो गयी थी.
मैं पहली बार में उनकी चूत चोदने से ज्यादा गांड मारने की इच्छा रखता था. इसलिए मैंने उनको औंधा कर दिया और उनकी गांड को चाटना शुरू कर दिया.
चाची को मजा आने लगा था. मैंने भी समय खराब न करते हुए थूक लगाकर उनकी गांड को चिकना किया. चाची अपनी गांड में मेरी उंगली पाते ही एक पल के लिए चिहुंकीं, मगर मैंने अगले ही पल लंड गांड में पेल दिया.
चाची की एक कराह निकल गई. मगर मुझे ये जान कर हैरानी हुई कि मेरा लंड बिना किसी बाधा के चाची की गांड में सरकता चला गया था. चाची ने अपनी गांड को ढीला छोड़ दिया था. वो मेरी इच्छा समझ गई थीं. उन्होंने कुछ नहीं कहा और अपनी गांड फैला कर मेरे लंड को लीलना शुरू कर दिया.
पूरा लंड घुसेड़ने के बाद मैं बेतहाशा उनकी गांड चोदने में लग गया. वो भी गांड चुदवाने में इतनी मदहोश हो गयी थीं कि उनको पता ही नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है. बस चाची तो कामुक आवाजें निकाल कर मस्त होकर अपनी गांड मरवा रही थीं.
मैं उनकी गांड बहुत दिनों से चोदना चाह रहा था, पर अब जा कर लंड को उनकी गांड मारना नसीब हुयी. चाची दिखने में सांवली थीं, लेकिन उनकी गांड एकदम काली थी, जो मुझको इस समय अलग ही जोश दे रही थी.
कोई दस मिनट तक चाची की चूचियां मसलते हुए गांड मारता रहा. मैं अब झड़ने वाला था, तो मैंने सोचा कि चाची की गांड में ही पानी निकाल दूँ. मैंने जोर की सांस लेकर अपना पूरा बीज उनकी गांड में जमा कर दिया.
मेरी चाची की गांड चुद चुकी थी, लेकिन जैसा सभी को मालूम है कि गांड मारने से चुत की आग खत्म नहीं होती है. इसलिए चाची भी अभी मानने वाली नहीं थीं. उनको लंड का नशा हो गया था.
दो मिनट बाद चाची चित होकर लेट गईं और टांगें फैला कर मुझको अपने ऊपर खींचने लगीं.
मैंने उनकी चुदास देखी तो जल्दी से लंड को चाची के पेटीकोट से पौंछा और लंड उनके मुँह में दे दिया. मैंने चाची से लंड चूस कर खड़ा करने को कहा, वो लौड़ा चूसने में जुट गईं. उन्होंने जल्दी ही मेरा लंड चूस कर बहुत टाइट कर दिया.
अब मैंने उनकी चूत में लंड पेला और धक्का मारने लगा. वो गांड उठाते हुए बेतहाशा चूत चुदवाने का मजा लेने लगीं. उनकी मस्ती भरी आवाजों से मालूम चल रहा था कि वो बहुत दिन से लंड की प्यासी थीं.
मैंने इस बार कोई बीस मिनट तक चाची की चुत को ठोका और जल्दी से अपना माल उनकी चूत से लंड खींच कर उनके पेट पर टपका दिया. मैं झड़ गया था और चाची बड़े मस्ती से मेरे रस को अपनी उंगलियों से अपने पेट पर मलने में लगी थीं. मैं चाची को चोदने के बाद उनके ऊपर से उठा और अपने कपड़े पहन कर वहां से निकल आया.
अब चाची की चुत मेरे लिए खुल गई थी. मैं एक हफ्ते तक रोज दोपहर में उनके घर चला जाता था और उनकी चुत चुदाई का मजा लेकर वापस आ जाता था. एक दिन मुझे मालूम नहीं था कि उनकी भतीजी भी आई हुई है. उस दिन क्या हुआ और भतीजी के सामने चाची ने मुझसे कैसे चुत चुदवाई.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपको पूरी चुदाई की कहानी लिख कर बताऊंगा कि मैंने चाची और उनकी भतीजी को कैसे चोदा.
आपको मेरी इस सेक्स कहानी पर क्या कहना है, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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