मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र 19 है. रंग गोरा, हाइट 5 फुट 7 इंच है और मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.
मेरे घर में मैं, पापा और मम्मी ही हैं. पापा का बिजनेस दुबई में है. मैं कॉलेज के फर्स्ट इयर में हूँ और बीएससी कर रहा हूँ.
यह मेरी पहली हॉट भाभी Xxx स्टोरी है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी.
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं, उनका नाम रिया है. भाभी की उम्र 25 साल है. उनका फिगर 32-30-34 का है. रंग बहुत गोरा है.
उनके पति मार्केटिंग का काम करते हैं, इसलिए ज्यादा बाहर ही रहते हैं.
भाभी का हमारे घर आना जाना होता रहता था.
बात आज से तीन महीने पहले की है.
उस दिन दोपहर का समय था तो वह मम्मी से मिलने आई थीं.
मम्मी ऊपर कपड़े सुखा रही थीं.
जब भाभी मेरे घर में आई थीं, तब मैं नहा रहा था.
नहा कर में कमरे में आया ही था कि तभी भाभी आ गईं और मुझे तौलिए में देख मुस्कुराकर बाहर चली गईं.
मैं भी सकपका गया और मैंने भाभी से कहा- बस मैं एक मिनट में बाहर आया भाभी.
भाभी कुछ नहीं बोलीं और बाहर चली गईं.
मैंने जल्दी से कपड़े पहने और बाहर जाने की सोच ही रहा था कि भाभी खुद ही अन्दर आ गईं और बोलीं- राहुल, मम्मी कहां हैं … दिखाई नहीं दे रही हैं?
मैंने कहा- वह तो ऊपर ही छत पर हैं.
वे ऊपर चली गईं और मम्मी से बात करने लगीं.
मैंने सोचा कि भाभी कमरे के अन्दर तो ऐसे चली आईं, जैसे वे बाहर से मुझे कपड़े पहनते हुए देख ही रही हों.
खैर … उनके कमरे से जाते ही मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा.
मेरा मन भाभी से बात करने का होने लगा.
हालांकि मेरे पास भाभी का नंबर तो था लेकिन उनसे क्या बात करूं, वह समझ नहीं आ रहा था.
मुझे भाभी पहले से ही पसंद थीं लेकिन पटाने का मौका नहीं मिल रहा था.
आज ये हुआ तो लगा कि भाभी को आसानी से सैट किया जा सकता है.
फिर एक दिन मम्मी को चाची के घर जाना पड़ा.
वे रिश्ते में मेरी दूर की चाची लगती हैं और इसी शहर में रहती हैं.
उनकी डिलीवरी के लिए मम्मी को जाना था. मम्मी को दो दिन या कुछ ज्यादा समय लग सकता था.
मम्मी ने जाने से पहले मुझसे कहा- राहुल, तुम भाभी के यहां खाना खा लेना. मैं रिया से कह कर जा रही हूँ.
मैंने हां बोल दिया.
मम्मी चली गईं.
शाम को मैं भाभी के यहां चला गया.
तब भाभी ने चाय के लिए पूछा, मैंने हां बोल दिया.
भाभी चाय बनाने किचन में जाने लगीं, तो मैं भी भाभी के साथ ही किचन में आ गया.
वे चाय बना रही थीं और मुझसे बात भी कर रही थीं.
मैं उनकी गांड देख रहा था.
मां कसम एकदम पास से भाभी की इतनी उठी हुई गांड देखने में बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने चाय पी, फिर टीवी देखने लगा.
अब रात होने वाली थी तो भाभी खाना बनाने फिर से किचन में चली गईं.
कुछ देर बाद हम दोनों ने खाना खाया और थोड़ी देर बात की.
इस बार भाभी की बातों में बदलाव आ गया था.
भाभी- कॉलेज कैसा चल रहा है … कोई लड़की देखी कि नहीं?
मैं- क्या भाभी… अभी ये सब नहीं. अभी सिर्फ पढ़ाई!
भाभी- इस उम्र में मजे नहीं लोगे तो कब लोगे… इस उम्र में ही सब सीखने का होता है!
मैं- भाभी एक बार कैरियर सैट हो जाए… फिर वह सब भी देख लूँगा.
भाभी हंसने लगीं और बोलीं- वह सब भी देख लोगे … इसका क्या मतलब हुआ देवर जी?
मैं झेंप गया.
भाभी- चलो अच्छा है, जो भी करो दिल से करना.
उस समय मैं भाभी से चिपक कर बैठा था. उनके बदन से बड़ी ही मादक खुशबू आ रही थी.
कुछ देर बाद सोने के लिए मैं अपने घर जाने ही वाला था कि भाभी ने रोका और कहा- आज यहीं सो जाओ. वैसे भी तुम्हारी मम्मी बाहर गई हैं और मुझे तुम्हारी कंपनी मिल जाएगी.
मुझे तो इसी का इंतजार था. मैंने हां बोल दिया.
मैं बाहर जाने के लिए उठाय. तो भाभी ने पूछा- अब कहां जा रहे हो?
मैंने कहा- बस थोड़ा घूम कर आता हूँ.
मुझे पता था कि आज सेक्स होकर ही रहेगा तो मैं जल्दी से मेडिकल शॉप पर गया और एक गोली ले ली.
फिर भाभी के घर आकर गोली खा ली.
भाभी के घर में दो कमरे हैं. एक में भाभी सो गईं और दूसरे में, मैं सो गया.
रात गहरा गई थी, मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं चुपके से भाभी के कमरे में गया तो पता चला कि भाभी ने साड़ी बदल कर नाइटी पहन ली थी.
भाभी का बेड बड़ा था.
मैं चुपके से भाभी के पास जाकर लेट गया.
भाभी एक करवट लेकर लेटी थीं. उनके बदन से गजब खुशबू आ रही थी.
मेरे लंड में आग लगी हुई थी. गोली का असर भी चढ़ चुका था.
मैं अपना संतुलन खो चुका था और अब मुझे सेक्स करना ही था.
फिर जो हुआ, वह मैंने सोचा नहीं था.
जैसे ही मैंने भाभी की मैक्सी को ऊपर किया, तो पता चला कि भाभी ने पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने भाभी की मैक्सी उठा कर उनकी कमर पर रख दी. अब मैं भाभी के करवट लेने का इंतजार करने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी ने करवट ली तो मैंने पैंट की जिप खोली और लौड़ा बाहर निकाल कर सहलाने लगा.
भाभी की चूत एकदम सफाचट थी और बड़ी फूली हुई दिखाई दे रही थी.
मेरी गांड तो फट रही थी लेकिन रिस्क तो लेना ही था.
अभी नहीं तो कभी नहीं वाली सोच काम कर रही थी.
तभी भाभी ने मेरी तरफ करवट ले ली.
अब उनकी चूत मेरे लंड के सामने हो गई थी.
मैंने लौड़ा थोड़ा आगे को किया और चूत से सटा कर रुक गया.
फिर मैंने सोचा कि कुछ ऐसा करूं, जिससे मेरा लौड़ा देख भाभी को चुदवाने को मचल जाएं.
मैं किचन में गया और खाली स्टील का ग्लास लेकर आ गया.
मैंने लौड़ा फिर से भाभी की चूत से सटा दिया और सोने का नाटक करने लगा.
फिर ग्लास फेंक दिया.
गिलास गिरने की आवाज से भाभी जाग गईं और उन्होंने देखा कि मेरा लौड़ा उनकी चूत में लगा है, तो उन्होंने उसे हटाया ही नहीं.
वे कुछ पल बाद वापस लेट गईं और अपनी कमर को आगे पीछे करके लंड के मजे लेती रहीं.
मैं समझ गया कि भाभी को भी मजा आ रहा है वर्ना अभी तक तो कांड हो जाता.
भाभी चिल्ला भी सकती थीं कि मेरे कमरे में कैसे आए और नंगे क्यों हो?
मैंने आंखें खोल दीं और भाभी ने मेरी आंखों में देख कर कंटीली मुस्कान दे दी.
फिर मैंने बिना देर किए खेल शुरू कर दिया.
वे टांगें पसार कर चित लेट गईं और मैं उनका इशारा समझ गया.
पहले मैंने भाभी की चूत चाटी. इसमें भाभी को मजा आने लगा.
कुछ देर बाद भाभी ने 69 होने का बोला.
वे मेरे लौड़े को चूसने लगीं और मैं उनकी चूत में मुँह लगा कर चाटने लगा.
उनकी गुलाबी चूत चाटने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
इतनी गुलाबी चूत तो मैंने पोर्न वीडियोज में भी नहीं देखी थी.
बहुत देर तक चूत चाटने के बाद भाभी झड़ने को हुईं तो मैंने अपना लौड़ा हाथ में लेकर उनकी चूत में रगड़ा और झटके से पेल दिया.
भाभी को मजा आने लगा.
वह आह आह कर रही थीं.
मैंने 15 मिनट तक भाभी की चुदाई की मगर लंड झड़ने को राजी नहीं था. गोली का असर बड़ा दमदार था.
भाभी एक बार झड़ चुकी थीं और उनको मेरे कड़े लंड से चुदने में बहुत मजा आ रहा था.
अब मैंने उनके निप्पल चूसने भी शुरू कर दिए.
पूरी चुदाई में भाभी दो बार झड़ गई थीं.
अब मैं भी झड़ने को था.
मैंने भाभी से पूछा- पानी किधर लोगी?
भाभी बोलीं- अन्दर ही डाल दो.
मैंने अपना वीर्य चूत में डाल दिया और उनके ऊपर ही ढह गया.
फिर कुछ देर बाद मैंने भाभी को औंधा कर दिया और उनकी गांड चाटने लगा.
भाभी समझ गईं कि आगे क्या होने वाला है.
वैसे भी मुझे सबसे ज्यादा भाभी की गांड ही पसंद थी.
वे अपनी गांड को गजब मटका कर चलती थीं.
मैंने लौड़ा गांड के गुलाबी छेद पर लगाया, तो भाभी ने गांड उठा दी.
वे बोलीं- आज से पहले मैंने कभी भी गांड नहीं मराई राहुल. मगर तुमने मुझे इतना मजा दिया है, इसलिए तुम्हें ना नहीं बोल सकती. बस तुम धीमे करना.
मैं समझ गया कि सीलपैक गांड खोलने का मौका मिला है.
जल्दी से मैं किचन में गया और तेल ले आया.
मैंने पहले अपने लौड़े पर तेल लगाया, फिर बहुत सारा तेल भाभी की गांड में डाल दिया.
भाभी की गांड में पहले एक उंगली की तो भाभी ने झेल ली.
फिर दूसरी उंगली भी पेली … तो जरा उन्न आह की.
कुछ देर में ही भाभी की गांड कुछ ढीली हो गई और उनका पहला छल्ला भी आराम से खुलने लगा.
फिर मैंने अपना लौड़ा हाथ में लेकर उनकी गांड के छेद पर रखा और धीमे धीमे अन्दर डालने लगा.
थोड़ा सा लौड़ा ही अन्दर गया था कि भाभी दर्द से कसमसाने लगीं.
मैंने सोचा कि अब देर नहीं करनी चाहिए.
उसी पल मैंने एक तेज झटका लगा दिया और मेरा आधा लौड़ा अन्दर चला गया.
भाभी को काफी दर्द हुआ और वे छटपटाने लगीं.
उनकी कोशिश थी कि वे किसी तरह से मेरे चंगुल से छूट जाएं पर मैं उन्हें जोर से पकड़े हुए था.
भाभी लगभग रोती हुई बोलीं- प्लीज एक बार बाहर निकालो, फिर वापस डाल लेना.
मैंने लौड़ा बाहर निकाल लिया.
भाभी को राहत मिल गई और मैं वापस लंड पर कुछ ज्यादा सा तेल लगा दिया.
कुछ पल बाद भाभी वापस घोड़ी बन गईं और मैंने उनकी गांड को देखा तो उनकी गांड खुल गई थी.
मैंने तेल की धार बना कर गांड में टपकाया और लंड पेल दिया.
इस बार उन्हें लौड़ा लेने में आसानी हो रही थी.
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए.
मैंने भाभी को एक लंबा किस किया और भाभी की दूध सी गोरी गुलाबी गांड भी चाटी, उसी के साथ मैं उनकी चूत में उंगली चलाने लगा.
भाभी वापस झड़ गईं और हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
सुबह भाभी ने मुझे उठाया. उन्हें सामने देख कर मैंने उन्हें बिस्तर में खींच लिया और हम दोनों गुत्थम गुत्था हो गए.
सुबह वाला बड़ा ही जोरदार सेक्स हुआ था.
Xxx हॉट भाभी ने लंड की सवारी की और मुझे अपने दोनों दूध बारी बारी से चुसवाए.
चुदाई के बाद मैं अपने घर आ गया.
फिर जब तक मम्मी वापस नहीं आ गईं तब तक भाभी ने चूत गांड दोनों तरफ से अपनी सेवा करवाई.
उसके बाद मौका मिलते ही हम दोनों चुदाई कर लेते थे.
पर अब कुछ दिन से भाभी को पता नहीं क्या हुआ, उन्होंने मुझसे बात नहीं की, घर आना भी बंद कर दिया.
उसके दस दिन बाद वे अपने पति के साथ चली गईं … कहां गईं, कुछ नहीं पता चला.
शायद अब वे मुझसे संबंध नहीं रखना चाहती थीं.