हाय दोस्तो.. मैं संजीव.. मेरी लम्बाई 5’4″ है.. मैं दिखने में बहुत ही स्मार्ट हूँ.. मेरे लंड का साइज़ भी काफी लम्बा है.
मैं अपनी कहानी अन्तर्वासना पर भेज रहा हूँ.. यह लगभग एक साल पहले की बात है. तब मेरी उम्र 18 साल थी.. मैं 12वीं क्लास का स्टूडेंट था.
मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है.. उसका नाम मनीषा (बदला हुआ) है. उसका कद 4’5″ का है.. उसकी उम्र 22 साल की होगी. पर देखने में 18 साल की कमसिन लड़की दिखती थी.
उसके मम्मों को और उसकी गाण्ड को कोई भी देख ले.. तो समझो उसी पल उसका लंड अंडरवियर से बाहर आने को बेताब हो जाता है. उसका फिगर 32-30-32 का रहा होगा.
उसकी मम्मी और मेरी मम्मी आपस में सहेलियां थीं. उसके पापा और मेरे पापा में भी बहुत बनती थी.. इसलिए हम लोग उसके घर आते-जाते रहते थे, वो भी मेरे घर आती थी.
उसके घर में वो.. उसकी दो बहनें और एक भाई तथा उसकी भाभी और मम्मी रहती हैं. उसकी बड़ी बहन की शादी हो गई है. उसके पापा कहीं बाहर जॉब करते हैं.
उसका भाई हमेशा गाँव में घूमता रहता है.
मैं उसको देख-देख कर उसको चोदने के लिए बहुत परेशान रहता था लेकिन मौका ही नहीं मिलता था.
एक दिन की बात है, उसकी भाभी मम्मी के साथ खेत में गई थीं.. वो घर पर अकेली थी.
मैं बहुत ही हिम्मत करके उसके घर गया. वो किचन में काम कर रही थी.
मैंने दरवाज़ा खोला तो आवाज़ हुई.
वो बोली- कौन है?
तो मैं बोला- मैं हूँ..
वो बोली- आओ.. मैं भी अकेली ही हूँ.
मैं बहुत खुश हुआ.. अन्दर गया तो वो बोली- बैठो.
मैं बैठ गया.. उसकी मदमस्त जवानी देख कर मेरा लंड तो खूब तन्नाने लगा था.
मैंने खड़े लण्ड को छिपाने के लिए अपनी पैंट पर हाथ रखा.
उसने देखा तो बोली- क्या कर रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोला.. वो मुस्कराई.. तो मैं भी मुस्करा दिया.
उसके बाद वो जैसे ही किचन से बाहर निकली और दूसरे कमरे में गई, तभी मैंने उसके पीछे जाकर उसको पीछे से पकड़ लिया.
वो एकदम से बोली- यह क्या कर रहे हो.. मैं तुम्हारी दीदी हूँ.. कोई देख लेगा.
मैं बोला- कोई नहीं देखेगा.. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
तो वो भी बोली- आई लव यू टू..
मैं बोला- आप मुझसे कब मिलोगी.. तो वो बोली- मैं अगले महीने भाभी जाने वाली हैं.. तब मिलूँगी.
मैं उसके मम्मों को खूब दबा रहा था, तब तक उसकी मम्मी की आवाज़ आई.. तो मैं जाकर कुर्सी पर बैठ गया.
उसकी मम्मी मुझे देख कर पूछने लगीं- तुम कब आए?
तो वो बोली- अभी तो आया है.
बात आई-गई हो गई.
फिर ऐसे ही एक महीना बीत जाने के बाद जब उसकी भाभी चली गईं.. तो वो बोली- कल तू मुझे ब्लू फिल्म दिखाएगा?
‘ओके..’
मैं अपने लैपटॉप से मूवी को अपने मोबाइल में डाल कर उसके घर चला गया. वो और उसकी मम्मी बैठ कर बातें रही थीं. मुझे देखा तो उसकी मम्मी बोलीं- आओ बेटा बैठो!
मैं बैठ गया.
मनीषा दीदी मुझसे बोली- चलो, लूडो खेलते हैं.
मैं बोला- चलो.
हम लोग लूडो खेलने लगे.
तब तक उसकी मम्मी सो गईं.
अब मैंने उसे मोबाइल दिखाया.. तो वो बोली- चलो छत पर चलते हैं.
मैं बोला- चलो..
उसके घर में में छत पर भी एक रूम है. तो हम लोगों ने नीचे से चॅनेल लॉक कर दिया और जिस कमरे में मम्मी सोई थीं.. उसको बाहर से बंद कर दिया.
फिर हम दोनों ने ऊपर जाकर कमरे में घुस गए और कमरे को अन्दर से लॉक कर लिया.
दीदी मुस्कराई और उसने मेरा मोबाइल लेकर उसमें ब्लू फिल्म देखने लगी.
फिल्म देखते-देखते जब उससे एकदम से रहा नहीं गया.. तो वो मुझसे बोली- इधर आ..
मैं गया तो एकदम से दीदी ने मेरा पैंट खोलकर मेरा लौड़ा निकाल लिया और चूसने लगी.
मैं भी उसके मम्मों को दबाने लगा.
दीदी बोली- मुझे जल्दी से चोद दो.. मुझसे अब नहीं रहा जा रहा है.
तो मैं बोला- बर्दाश्त करो.. जैसे मैं तुमको देख कर बहुत दिन से बर्दाश्त कर रहा था.
बोली- मेरे बस की बात नहीं है.. चोदो मेरे राजा मुझे चोद दो.
मैंने उसके कपड़े उतार कर फेंक दिए और खुद भी नंगा हो गया.
दीदी की चूत एकदम चिकनी थी, हेयर रिमूवर से ताजी साफ़ की हुई दिख रही थी दीदी की चूत!
मेरा लंड इतना कड़ा हो गया था कि वो बोली- इसको क्यों तड़पा रहे हो.. चोद दो न अब.
‘मैं तेरी बुर तो चोदूंगा ही.. लेकिन तेरी गाण्ड भी मारूंगा.’
वो बोली- ठीक है.
मैंने उसकी चूत पर अपना लण्ड लगा कर एक ही झटके में पूरा का पूरा लौड़ा पेल दिया. दीदी एकदम से उछल पड़ी और चिल्लाते हुए बोली- अयाया.. ज़ान्न.. मेरी फट गईइ.. प्लीज़ज़.. धीरे करो न..
मैं दीदी की चूत को पेलने लगा.
लम्बी चुदाई के बाद मैं झड़ गया.
वो भी बहुत खुश हो गई थी.
मैं भी खुश था.
कुछ देर बाद मैं कपड़े पहन कर अपने घर चला गया.
उसके मुझे जब भी मौका मिलता है.. मैं उसे जरूर चोदता हूँ.