अब तक मैं अपने जीवन की कुछ सच्ची अविशवसनीय सेक्स घटनाओं को शेयर किया. जिसमें मैं अपने गांव में अपनी
फुफेरी बहन की चूत और गांड चुदाई में उनके भाई के साथ शामिल था.
उसी की अगले दिन की घटना जिसमें मैंने पड़ोसन को चोदा, को लेकर फिर से हाजिर हूँ.
मैं भगवानदास … सभी खड़े लंडों को नमस्कार और चटकती चुतों को दंडवत प्रणाम!
दिखने में 21 साल का एक कसरती बदन का मालिक परन्तु सूरत सामान्य है.
फिर भी ऊपर वाले ने मुझमें नारी को वश में करने की अद्भुत क्षमता दी है जो मेरी चूत की तलाश पूरी करने में कामयाब होती है.
गुजरते पांच साल से मेरी मामी अपनी वासना पूरी करने में मेरा इस्तेमाल करती रही. किन्तु समय के साथ मैं चूत का जबरदस्त आशिक बन गया. बिना चूत चोदे मुझे रात में नींद कहां आती।
पिछले रात मैंने अपनी बुआ के बेटे दीपक के साथ बुआ की बेटी रीना की जबरदस्त चुदाई की थी. और आज बुआ की दूसरी बेटी रंजुमुनी की पेलने की बारी है।
रीना अपनी मम्मी के साथ सोने वाली है. लेकिन उसने अपनी पड़ोस की एक असंतुष्ट भाभी आएशा को वासना पूर्ति के लिए शाम को बुलाया है।
34 साल की आएशा एक शेयर कारोबारी हमीद दलाल की तीसरी बीवी है जो अपने ४८ साल के खसम से खुश नहीं है।
रीना की प्लानिंग सुन मैं दंग रह गया.
ठीक शाम साढ़े तीन बजे अपने मायके जाने के लिए बोलकर आएशा तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार आ पहुंची।
बुरके में होने के कारण मैं कुछ भी नहीं देख पाया.
आएशा के आते ही रीना ने उसे और दीपक को दीपक के कमरे में अंदर बंद कर ताला लगा दिया।
बुआ से पकड़े जाने के डर से मेरी रीना और रंजु की हालत ख़राब हो रही थी। दोनों बहनों ने बुआ को बातों ही बातों में दीपक के कमरे में नहीं होने की खबर बता दी और मैंने वहीं बैठे टीवी देखने में भलाई समझी।
लेकिन बंद ताले के अंदर जो मल्ल युद्ध हो रहा था उसके लिए बेचैन रहा।
चाय के समय का इंतजार खत्म हुआ. मुस्कुराते हुए रीना ने नींद की गोलियों के साथ चाय बुआ को पकड़ा दी. अब भी हम तीनों की आंखों में भय साफ़ दिख रहा था।
करीब साढ़े पांच बजे सब्जी काटकर बुआ अपने कमरे में जाने लगी. शायद गोली अपना काम कर रही थी।
खतरा टलता देख मैं भी ‘बाहर घूमने जा रहा हूं.’ बोलकर दीपक के कमरे के सामने खड़ा हो गया.
तुरंत रंजु ने मुझे अंदर कर ताला लगा दिया।
कमरे के अंदर आएशा और दीपक किसी हारे हुए खिलाड़ी की तरह बेसुध पड़े थे जो मुझे देख सजग हो गए।
बातों में पता चला कि 69 फोरप्ले में एक बार और चुदाई में दो राउंड झड़ चुकी है।
मैंने आएशा भाभीजान के डील-डौल देखने हेतु हाथ पकड़ कर बिस्तर से नीचे खींच दिया. भाभी मादरजात नंगी सरक कर नीचे खड़ी हो गई।
चौंतीस की उमर में भाभी ने फीगर पच्चीस की मेंटेन कर रखी थी. अनुमान ऐसा लगा कि भाभी जब तक गर्म होती हमीद दलाल खलास हो जाता होगा।
इकहरी काया की भाभी 34-30-36 फीगर की और हाईट 5 फीट 3 इंच है. वो दिखने में बहुत सेक्सी है. उसकी सेक्सी जवानी इतनी कातिलाना है कि उसे देखते ही लंड खड़ा होकर सलामी देने लगे. और बिना कुछ किए लंड का पानी निकल आए.
भाभीजान का चेहरा एकदम गोल भरा हुआ, आँखें झील सी गहरी एकदम नशीली. गहरी नाभि, रंग एकदम दूधिया तन बुर्के में ढके रहने के कारण।
अब अगर जींस टी-शर्ट पहना दी जाए तो उसके चूचे और कूल्हे पच्चीस से ज़्यादा नहीं लगते।
मेरी नज़र से झेंपकर आएशा मेरे बांहों में झूल गई। उसका गुदाज़ और गर्म जिस्म मेरे तन बदन में आग लगा रहा था।
धीरे धीरे मैंने उसकी रसीले होंठों और नर्म चूचियों को चूसना शुरू कर दिया. उसको भी मज़ा आने लगा। उसकी वासना चरम सीमा तक पहुंचने की असफल कोशिश कर रही थी.
मैंने बिना समय गंवाए भाभी को अपना लंड निकाल कर मुंह में पकड़ा दिया। आएशा शहरी लड़कियों की तरह लंड चुसाई कर रही थी, बहुत मज़ा आ रहा था।
उकड़ु बैठने से भाभी की चूत से वीर्य के थक्के बाहर निकल आए जो दो राउंड की चुदाई में दीपक ने अंदर छोड़ा था।
साक्षात काम की देवी को सामने पाकर मैं अपने को अब रोक न सका. मैंने उसे उठा कर पलंग पर लिटा दिया जहां दीपक बेसुध पड़ा था।
मैंने भाभीजान की दोनों टांगों को फैला कर चूत के दर्शन किए. भाभी की चूत ढाई इंच के लाल पंखुड़ियों की बीच आगंतुक के सत्कार के लिए तैयार हो गई थी।
शायद अभी तक भाभी को बच्चे पैदा करने का सुख नहीं मिला था।
मैं अपने लौड़े को उसकी चूत पर रगड़ने लगा और दोनों चूचियों को मसलने लगा. आएशा भाभी आह उंह आअई माई की आवाज करके अपने चूतड़ नचाने लगी। किसी शेरनी की तरह वो लंड खाने के लिए बेताब मचलने लगी.
पूछने पर पता चला कि हमीद भाई की दूसरी बीवी हमीद को आएशा के पास नहीं आने देती, इसलिए चुदाई से मरहूम रहती है।
कुछ सोच कर मैंने कि उसके बच्चे ठहर जाए, इसलिए बकरी बना कर पीछे से चूत में लंड डाल दिया।
दो बार की चुदी चूत में अब भी कसावट बाक़ी थी. भाभीजान कंधे बिस्तर पर टिका कर हर शॉट का इंतजार कर रही थी जिससे मेरा जोश दुगुना हो जाता।
मन में मैंने एक संकल्प लिया कि भाभी को आराम से चोद कर आज गर्भवती करना है।
करीब आधे घंटे की धीमी-धीमी चुदाई में भाभी के शरीर में ऐंठन होने लगी. मैं भी उसके जांघों को पकड़ बिस्तर से उठा कर जड़ तक लंड पेलने लगा।
हर ठाप पर भाभी कांप जा रही थी.
चार पांच ठाप पर भाभी और मैं दोनों एक साथ झड़ने लगे। खलास होने पर मैं दोनों हाथों से टांगों को चौड़ा कर भाभी को नीचे लटका दिया जो किसी लाश की तरह लटक रही जैसे जान ही नहीं हो।
करीब पांच मिनट बाद उसने सम्हलने के लिए जमीन पर दोनों हाथों का सहारा लिया, फिर भी मैंने नहीं छोड़ा। मैंने मन भर कर पड़ोसन को चोदा.
अचानक दरवाजे पर कुंडे खुलने की आवाज़ आई तो मैं उसे गोद में लेकर बिस्तर पर दुबक गया और बोला- ईश्वर ने चाहा तो आप अगले महीने मां बनने के खुशखबरी दे सकती हैं।
दरवाजे धीरे खोल कर रीना अंदर दाखिल हुई। हम तीनों को एक बिस्तर पर दुबके पड़े देख वो व्यंग्य बोली- एक मोमिन भाभी ने दोनों को हिजड़ा बना दिया।
मैंने क्रोध में रीना को झपट कर पलंग के सिरहाने दबा लांग स्कर्ट के नीचे मुंह लगा दिया। उसने पेंटी नहीं पहनी थी. सीधे चूत पर हमला होने से वह कांप गई।
वह मुझसे छुटने के लिए बहाने बनाने लगी- मुझे खाना बनाना है.
लेकिन मैं कहां मानने वाला था. मैंने उसकी चूत का पानी निकाल कर ही छोड़ा।
धौंकती सांसों को संयत करके रीना बोली- मम्मी दोनों को पूछ रही हैं कि अभी तक घूम कर नहीं आए क्या? दोनों जा कर मिल लो. नहीं तो मम्मी इधर आ गई तो हंगामा खड़ा हो जाएगा।
जाते जाते रीना कह रही थी- अच्छा हुआ कि तुमने मेरे चूत का पानी निकाल दिया. वरना आज मुझे यूं ही सोना पड़ता क्योंकि आज रंजुमुनी की पेलने की बारी है।
बिना समय गंवाए हम दोनों भाई रीना के पीछे एक एक कर के कमरे के बाहर निकल आए और फ़िर ताला लगा दिया।
बुआ के बेटे के साथ मैं बुआ से मिलने पहुंचा तो बुआ पर नींद की गोलियों का असर साफ दिख रहा था. बुआ अब सिर्फ खाना खाकर सोने के लिए तैयार थी।
घड़ी में आठ बजने वाले थे इसलिए दीपक भैया दारू की बोतल लाने बाहर निकल गए। मैं बुआ के पास बैठ अपनी खोई हुई उर्जा समेटने की कोशिश कर रहा था.
तभी किचन से रीना ने सबको खाने के लिए आवाज लगाई। बुआ खाना खा कर सोने की तैयारी में लगी.
और हम लोग दीपक के आने का इंतजार कर रहे थे।
दीपक के आते ही रंजु खाना खिलाने की तैयारी में जुट गई. सभी ने दीपक के कमरे में इकट्ठे की चुस्कियां लेते हुए आएशा भाभी के साथ खाना खाया।
आएशा को कुछ ज्यादा चढ़ गई तो उसने रीना को अपने बांहों में जकड़ा और रीना की चूत चुसाई करके उसे धन्यवाद दिया. बिना किसी प्रतिरोध के रीना चुदासी के मजे ले रही थी और चुदाई के बिना शाम से दो बार झड़ चुकी थी।
रीना खुशी से झूम उठी.
फिर वह सारे बर्तन समेटकर बुआ के साथ बिस्तर पर सोने चली गई।
मैंने अपनी बहन की मदद से उसकी पड़ोसन को चोदा. कैसी लगी यह कहानी आपको?
[email protected]