नमस्ते दोस्तों, मेरी भी कई दिनों से इच्छा थी की मैं अपनी एक सेक्स स्टोरी लिखूं. मेरी और कॉलेज टीचर की सेक्स कहानी मेरी इसी कोशिश का नतीजा है.
उन दिनों मैं नौकरी की तलाश में था. मैंने जून 2015 में अखबार में एक विज्ञापन देखा. स्थानीय सरकारी कॉलेज में गेस्ट टीचर की आवश्यकता थी. मैं इस पोस्ट के लिए एप्लाई करने कॉलेज जा पहुंचा. वहां पहुंच कर मैं स्टाफ रूम में गया, तो मुझे वहां एक 30-32 वर्ष की महिला दिखी. वो जीन्स टॉप में थी, बाल खुले, गहरे लाल रंग की लिपस्टिक उस पर खूब फब रही थी. मैं उस मैडम के पास गया और अखबार में निकली जगह के बारे में पूछताछ की.
उन्होंने मुझसे मेरे बारे में पूछा, मेरे दस्तावेज आदि मांगे. मैंने पहले से तैयार सब कागज़ उनको दे दिए. मैडम ने उन सभी कागजों को देखा और उनका एक सैट बना कर मुझे प्रिन्सिपल के कमरे में भेज दिया. मैंने वहां अपनी एप्लीकेशन जमा की और वापस उसी स्टाफ रूम में आ गया.
मैंने उन्हें बताया कि मैंने अपनी फाइल सबमिट कर दी है.
उन्होंने मुझसे बैठने के लिए कहा, मैं बैठ गया और उनसे बात करने लगा.
मैंने उनसे उनका नाम पूछा, तो उन्होंने अपना नाम श्रेया शर्मा बताया. मैंने उनसे पूछा- मेरे दस्तावेज देख कर आपको क्या लगता है कि मुझे नौकरी मिल जाएगी?
श्रेया मैडम मुस्कुराईं और उन्होंने कहा- आपके सिलेक्शन के 110 प्रतिशत चांस हैं.
मैंने इस बात पर उनका धन्यवाद किया और कुछ देर बाद अपने घर वापिस आ गया. तीन दिन बाद इंटरव्यू था, तो मैं तैयारी में लग गया.
फिर इंटरव्यू के दिन मैं 10 बजे कॉलेज पहुंच गया. जब मैंने वहां पता किया तो मुझे पता चला कि इंटरव्यू एक्सपर्ट कुछ देर से आएंगे, इसलिए इंटरव्यू 1 बजे से शुरू होगा.
इतनी देर में मुझे सामने से श्रेया मैडम आती हुई दिखीं. मैंने उनको विश किया … तो उन्होंने मुझे इंटरव्यू के लिए आल द बेस्ट बोला.
अब मैं प्रतीक्षा कक्ष में चल गया और अखबार पढ़ने लगा. साथ ही वहां आए अन्य प्रतिभागियों से बातें करने लगा. थोड़ी देर बाद एक चपरासी वहां आया और उसने मुझसे कहा कि आपको स्टाफ रूम में बुलाया है.
मैं गया, उधर मैंने देखा कि वो श्रेया मैडम थीं.
उन्होंने मुझसे कहा- आओ बैठ जाओ.
मैं थोड़ा हिचकिचाया, तो उन्होंने बोला- बैठ जाओ … वैसे भी तुम जल्दी ही इस स्टाफ रूम का हिस्सा बनने वाले हो.
मुझे उनके मुँह से ये सुन कर अच्छा लगा, मैं बैठ गया. उन्होंने दो चाय मंगवा ली. वो अकेली ही स्टाफ रूम में थीं, तो मैंने पूछा- बाकी टीचर्स कहां हैं?
उन्होंने शरारती लहजे में कहा- क्यों मेरे साथ बैठने में डर लग रहा है?
मैं शर्मा गया.
फिर उन्होंने बताया कि सभी अध्यापक पेपर मूल्यांकन कर रहे हैं तथा मूल्यांकन कक्ष में बैठे हैं.
मैंने पूछा- आप पेपर नहीं देख रही हैं?
तब उन्होंने थोड़ा उदास होकर कहा- नहीं, मेरे ससुर बहुत बीमार हैं … इसलिए मैं जल्दी घर चली जाती हूँ.
अब मैं उनको ध्यान से देखने लगा. आज उन्होंने एक आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी. मैडम का फिगर 34-28-34 का रहा होगा. वो बहुत आकर्षक लग रही थीं.
उन्होंने कहा- चलो मैं तुम्हारी इंटरव्यू की तैयारी करवाती हूँ.
मैंने हामी भर दी.
उन्होंने मेरा 2-3 बार इंटरव्यू लिया. हमने चाय पी और जो प्रश्न मुझे नहीं आए उनका उत्तर बताया.
मैं करीब 1 घंटे तक स्टाफ रूम में रहा. उसके बाद एक चपरासी उनको बुलाने आया, शायद प्रिंसीपल उनको किसी काम से बुला रहे थे. उन्होंने मुझे प्रतीक्षा कक्ष में, जहां ओर भी प्रतिभागी बैठे थे, जाने को कहा. मैं चला गया.
करीब एक घंटे में इंटरव्यू शुरू हुआ. जैसे ही मैं इंटरव्यू रूम में दाखिल हुआ, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. श्रेया मैडम खुद इंटरव्यू के पैनल का हिस्सा थीं तथा दो एक्सपर्ट्स में से एक मेरे अजीज़ प्रोफेसर थे. तीसरे प्रिंसिपल सर भी थे.
मेरा इंटरव्यू अच्छे से गया. परंतु एक सीट के लिए 18 प्रतिभागी थे, तो मुझे थोड़ा शक हुआ. सभी इंटरव्यू जब समाप्त हो गए, तो श्रेया मैडम छुट्टी करके जाने लगीं. मैं उनका इंतजार कर रहा था.
वो पार्किंग की तरफ बढ़ीं, तो मैं उनके पीछे पीछे चल गया. मैंने उनका धन्यवाद किया.
उन्होंने मुझसे पूछा- किस तरफ जाओगे?
मैंने अपने घर की लोकेशन बताई, तो उन्होंने कहा- आओ तुम्हें 5 किलो मीटर तक तो लिफ्ट दे देती हूं, मैं भी उसी तरफ जा रही हूं.
मैं खुश हुआ और उनकी गाड़ी में बैठ गया. मैंने उनसे कहा कि आप मुझे अपना नंबर दे दो, ताकि मैं अपने रिजल्ट के बारे में आपसे पूछ सकूँ.
उन्होंने शरारती लहजे में कहा- बहुत जल्दी है तुमको नंबर लेने की. आते ही सह कर्मचारियों पर लाइन मारना शुरू कर दिया.
यह कहते हुए मैडम हँसने लगीं, मैं झेंप गया.
उन्होंने कहा कि मेरे नंबर की जरूरत नहीं है … और शायद मेरी ट्रांसफर भी होने वाली है … क्योंकि कर्मचारी ट्रिब्यूनल में मेरा केस चल रहा है. तीन दिन के अन्दर फैसला आने वाला है, परंतु कॉलेज प्रशासन खुद तुम्हें संपर्क करेगा.
मैंने कहा- ओके.
उतनी देर में मेरी मंज़िल आ गयी और मैं गाड़ी से उतर गया. मैं घर चला गया और अपनी लाइफ में बिजी हो गया क्योंकि मैं कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहा था. मैं दिन में 10-12 घंटे पढ़ाई करता … एकाध घंटे खेलता और एक दो घंटे टीवी देखता … बाकी समय सोता था.
मेरी यही दिनचर्या थी बस.
इंटरव्यू के एक महीने बाद कॉलेज से फ़ोन आया तथा एक ईमेल आया, जिससे मुझे मेरे सिलेक्शन की सूचना मिली. मैं 15 जुलाई को ज्वाइन करने जा पहुंचा.
कॉलेज में पढ़ाना शुरू हो गया. मैं बच्चों से शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियां करवाता रहता था, जिसका मुझे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था. समय बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा था.
फिर जब 27 जुलाई को मैं 9:30 बजे कॉलेज पहुंचा, तो पार्किंग में ही श्रेया मैडम मिल गईं. मैं उनके पास गया और उन्हें विश किया.
उन्होंने धीमी सी स्माइल देकर मेरा अभिवादन स्वीकार किया.
फिर मैं स्टाफ रूम में आकर अपने लेक्चर की तैयारी में जुट गया. उसके बाद हम अपनी अपनी कक्षाओं में व्यस्त हो गए.
दोपहर में फिर से मैडम से मिलने का इत्तफाक हुआ. मैं स्टाफ रूम में बैठे था कि वो आयी और मुझसे 2 कुर्सियां दूर बैठ गईं. मैं किसी दूसरे अध्यापक से बात कर रहा था. कोई 4-5 मिनट के बाद वे चले गए. स्टाफ रूम में शायद ही एक दो लोग और बैठे थे. मैं अपनी किताब लेकर पढ़ने लगा.
तभी श्रेया मैडम मेरी तरफ मुड़ीं और कहने लगीं- और बताओ … कैसा लगा कॉलेज?
मैंने कहा- बढ़िया है मैडम.
फिर उन्होंने पूछा- मन लग गया?
मैंने कहा- हां जी.
उन्होंने फिर शरारत भरे लहजे में कहा- किस के साथ?
यह कह कर वे खिलखिला कर हंस पड़ीं, मैं फिर झेंप गया.
फिर मैंने कहा- आप बहुत दिनों बाद दिखीं, तो मुझे लगा था कि आपका तबादला हो गया है.
उन्होंने उदास स्वर में कहा- मेरे ससुर का देहांत हो गया, इसी कारण मैं नहीं आ रही थी. फिर ट्रिब्यूनल ने भी मेरा तबादला रद्द कर दिया है. अब मैं कम से कम एक वर्ष तक यहीं हूँ.
थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछा- क्या तुमने ऑफिस में मेरी अनुपस्थिति के बारे में पूछा था?
मैंने कहा- मैंने पूछा तो नहीं … परन्तु मैं रोज आपको देखता था.
उन्होंने कहा कि तो मुझे कॉन्टेक्ट कर लेते.
तब मैंने कहा कि आपने अपना नंबर ही नहीं दिया था.
वो मुस्कुराईं और कहने लगीं- स्मार्ट ब्वॉय.
मैंने भी मुस्कुरा कर कहा- जी.
फिर उन्होंने कहा- लो अभी लिख लो नंबर.
इस तरह हमारे नंबरों का आदान प्रदान हुआ.
कुछ और दिन बीत गए. मैडम के साथ व्हाट्सएप पर गुडमार्निंग गुड नाईट विश हो जाता था … उससे ज्यादा कुछ नहीं होता था.
फिर 15 अगस्त को दिन में मैडम का मैसेज आया- हैलो.
मैंने काफी देर बाद मैसेज पढ़ा, पर जबाब नहीं दिया. फिर शाम के 5 बजे फिर एक मैसेज आया- हाय.
मैंने रात को सोते वक्त पढ़ा.
मैं रिप्लाई करने ही वाला था कि उनका मैसेज आ गया- हे … क्या हाल हैं?
मैंने कहा- अच्छा हूँ मैडम.
उन्होंने ताना दिया- आजकल लोग रिप्लाई ही नहीं करते.
मैंने कहा- मैडम दिन में घर के कामों में व्यस्त था, इसलिए रिप्लाई नहीं दे पाया.
उन्होंने कहा- बिजी लोग. … सच्ची बताओ किस के साथ बिजी थे.
मैंने कहा- नहीं मैडम जी … ऐसी कोई बात नहीं.
मुझे लगा कि शायद वो मुझसे और बात करना चाह रही हैं, इसी लिए मैंने उनसे पूछा- आपका दिन कैसा रहा?
उन्होंने कहा- बढ़िया.
मैंने पूछा- मेम, आपका होम टाउन कहां हैं?
उन्होंने जगह का नाम बताया, जो कॉलेज से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर थी.
बातों बातों में उन्होंने बताया कि वो कॉलेज के पास ही किराए के घर पर रहती हैं. उनकी एक साल की बच्ची है, जो उनके साथ ही रहती है. पति दूसरे जिले में नौकरी करते हैं तथा वीकेंड पर घर आते हैं. वो भी वीकेंड पर घर जाती हैं. ससुर के गुजर जाने के बाद सास घर पर ही रहती हैं.
मैंने पूछा- जब आप कॉलेज आ जाती हैं तो बिटिया को कौन देखता है?
उन्होंने बताया कि मैंने एक नौकरानी रखी हुई है, जो दिन दिन में घर का काम करती है तथा बच्ची को भी देखती है. शाम को नौकरानी चली जाती है और मैं अकेली बिटिया के साथ रहती हूँ.
इतनी देर में मेरे किसी मित्र का मैसेज आ गया और मैं वहां व्यस्त हो गया.
थोड़ी देर तक श्रेया से बात न होने पर उन्होंने पूछा- कहां व्यस्त हो गए?
मैंने कहा- दोस्त से बात कर रहा था.
उन्होंने पूछा- दोस्त … या महिला दोस्त!
मैं फिर सोच में पड़ गया.
पर मैंने कहा- नहीं दोस्त ही है, आप चाहें तो मैं स्क्रीन शॉट भेज देता हूँ.
उन्होंने कहा- नहीं ज़रूरत नहीं है.
मैं फिर दोस्त से बात करने लगा, तो 2-3 मिनट में उनका फिर से मैसेज आया- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैं सोच में पड़ गया कि आखिर ये चाहती क्या हैं.
मैंने जबाब दिया- नहीं है.
तब उन्होंने बोला- तुम झूठ बोल रहे हो. तुम बहुत हैंडसम हो … पक्का कोई न कोई होगी.
मैंने कहा- शायद इसीलिए कोई नहीं बनी कि सबको लगता है … क्या फायदा, इसकी तो कोई न कोई होगी.
उन्होंने कहा- क्या सच में … कोई नहीं है?
मैंने मुस्कुराने वाला स्माइली भेज दिया.
फिर उन्होंने पूछा- अगर कोई होती तो?
मैंने कहा- अभी मैंने गर्लफ्रेंड के बारे में नहीं सोचा … क्योंकि सैटल नहीं हुआ हूँ.
उन्होंने कहा- अरे सैटल तो ही जाओगे … अभी कम उम्र है तुम्हारी, तुम ये बताओ कि अगर गर्लफ्रेंड होती … तो क्या करते?
मैं सोच में पड़ गया. फिर मैंने कहा- आपने तो बहुत पर्सनल सवाल पूछ लिया है.
उन्होंने हँसने वाला स्माइली भेजा और लिखा- कोई बात नहीं … बता दो, मुझे भी अपनी दोस्त ही समझो.
मैंने सोच कर कहा- प्यार करता उसे.
वो बोली- कैसे प्यार करते?
मैंने कहा- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, तो मैं कैसे इमेजिन करूँ.
अब दो मिनट तक उनका मैसेज नहीं आया, पर वो ऑनलाइन ही थीं.
थोड़ी देर बार उन्होंने रिप्लाई किया- मान लो कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ … अब बताओ कैसे प्यार करते?
मैंने कहा- कैसे मान लूं … आप तो किसी की पत्नी हैं.
फिर वो बोलीं- अरे मान लो न … मानने में क्या जाता है.
इतनी साफ़ लाइन मिलने पर मेरी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी. मैंने कहा- मैं आपको बांहों में भर लेता.
इस पर उन्होंने एक दिल वाला स्माइली भेजा और बोलीं- हम्म … और क्या करते.
मैं बोला- और तुम्हारे माथे पर किस करता.
मैं मैडम से ‘आप से..’ के स्थान पर ‘तुम पर..’ आ गया था.
वो बोली- और!
मैं बोला- और तुम्हारे गालों को सहलाता और किस करता.
वो बोली- और?
मैं बोला- और दोनों हाथों से तुम्हारे गाल पकड़ कर तुम्हारे होंठों को चूम लेता.
वो बोली- हाय …
मैडम ने हाय के साथ एक दिल वाला इमोजी भेजा.
अब मैंने पूछा- तुम क्या करतीं, अगर मैं ये सब करता?
उसने थोड़ा रुक कर रिप्लाई दिया- मैं भी अपने हाथों से तुम्हारे गालों को पकड़ कर तुम्हारे होंठों को चूम लेती.
मैंने कहा- वाओ … ये बहुत शानदार है.
उसने कहा- आगे बताओ.
मैंने कहा कि मैं तुम्हारी पीठ के पीछे से तुमको पकड़ लेता.
वो बोली- फिर?
मैं बोला- फिर मैं तुम्हारे गर्दन और कंधों से भी चुम्बन लेता.
वो बोली- फिर.
मैं बोला- फिर मैं धीरे धीरे अपने हाथ तुम्हारे बूब्स पर लेकर उन्हें धीरे से सहलाता.
वो बोली- हा हा हा …
इसी के साथ बहुत सारे दिल वाले इमोजी भेजे और लिखा डरो मत … जोर से भी सहलाते, तो भी मैं कुछ नहीं कहती.
मैंने भी बहुत सारे दिल वाले इमोजी भेज दिए.
फिर वो बोली- अब आगे क्या.
मैंने पूछा- तुमने अभी क्या पहना है?
वो बोली- टॉप और लोअर.
मैं बोला- उसके नीचे.
वो बोली- बहुत गर्मी है … इसलिए नीचे कुछ भी नहीं है.
मैंने कहा- अपना टॉप उतारो.
उसने कहा- मैंने उतार दिया, अब तुम भी उतारो.
मैंने कहा- मैंने भी उतार दिया है.
उसने कहा- नो क्लोथ्स ऑन.
(सभी कपड़े उतार दो)
मैंने कहा- डन … यू टू.
(उतार दिए, तुम भी उतार दो)
उसने कहा- डन.
मैंने कहा- सोचो कि तुम न्यूड (नग्न) सोई हो और में तुम्हें सारे शरीर पर चूम रहा हूँ.
वो बोली- हाय., बड़ी गुदगुदी हो रही है.
फिर मैं बोला- अब सोचो कि मैं तुम्हारी टांगों के बीच चुम्बन ले रहा हूँ.
उसने इस बात पर बहुत सारे दिल वाले इमोजी भेजे और बोली- यस कम ऑन … आगे बढ़ो.
मैं बोला- अब सोचो कि मैं अपना पेनिस (लंड) तुम्हारी वेजिना (चूत) में डाल रहा हूँ.
उसके साथ चैट करते हुए मैंने भाषा की मर्यादा ही बरती. लंड, चूत जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए.
उसका कुछ देर तक कोई रिप्लाई नहीं आया. परन्तु यहां मेरा लंड कच्छा फाड़ने को तैयार था. अभी मैंने कच्छा नहीं खोला था.
अब मैंने कच्छा भी खोल दिया और लंड को आगे पीछे करने लगा. फिर अपना काम रोक कर मैंने पूछा- हे व्हाट्स अप, आर यू स्टिल देयर. (क्या कर रही हो, क्या मैसेज पढ़ रही हो.)
उसने कहा- यस, आई एम डूइंग सेल्फ प्लेज़र. (मैं खुद से मजे ले रही हूं.)
मैंने पूछा- कैसे?
उसने कहा- टेकिंग माई फिंगर इनसाइड. (अपनी उंगली अन्दर ले कर.)
मैंने कहा- ओके … कैरी ऑन फिंगरिंग. (उंगली करना जारी रखो)
कुछ देर बाद उसने मुझसे पूछा- तुम क्या कर रहे हो.
मैंने कहा- आई एम शेकिंग माय सेल्फ. (मैं भी अपना हिला रहा हूँ.)
उसके बाद मैं उसके ख्यालों में खो कर मुठ मारने लगा. कोई 2-3 मिनट में मैं झड़ गया. मैं अक्सर मुठ मारा करता था, परंतु आज जितना माल निकला, उतना कभी नहीं निकला था.
एक पिचकारी मेरे गले और कंधे पर तक आ गिरी थी. मैं उठा लाइट जलाई और अपने आप को साफ किया.
इतनी देर में श्रेया का मैसेज आ गया; उसने लिखा- डन (हो गया)
मैंने लिखा- मी टू … लाइक नेवर बिफोर (मेरा भी अभी तक का सबसे अच्छा.)
अब मैं सोच में पड़ गया कि अभी अभी क्या हुआ. मैं ये भी सोच रहा था कि कहीं इसका कोई नकारात्मक परिणाम तो नहीं निकलेगा. क्या मैंने कोई सीमा तो नहीं लांघी. क्योंकि मेरी कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. पहली बार शायद किसी महिला के साथ चैट हुई और उसमें इतना सब हो गया. हम दोनों ही भावनाओं में बह गए थे शायद.
इतनी देर में फिर मैसेज आया, उसमें लिखा था- आई वांट इट लाइव. (मैं ये सब असल में करना चाहती हूं.)
अब मेरे हाथ पैर फूल गए. आज से पहले कभी नहीं किया था. एक ही रात में बिना किसी कोशिश के कोई औरत मुझे चूत ऑफर कर रही थी.
फिर भी मैंने मैसेज किया- लेकिन कहां.
उसने कहा- एट माय प्लेस (मेरे घर पर).
मैंने पूछा- आर यू श्योर (पक्का).
उसने कहा- हां.
मैंने कहा- लेट अस सी. (देखते है).
उसने कहा- क्या मैं एक कॉल कर सकती हूं.
मैंने मना कर दिया. सच बताऊं तो मेरी फट रही थी.
अगले दिन में कॉलेज पहुंचा. कक्षा का समय 10 बजे का था. अभी तक श्रेया नहीं आई थी … तो मैं कक्षा में चला गया. आज मन में बड़ी उहापोह की स्थिति थी … मेरा पढ़ाने में मन बिल्कुल नहीं था. सो मैंने बच्चों को सरप्राइज टेस्ट दे दिया.
थोड़ी देर में एक मैसेज आया, ये श्रेया का मैसेज था … उसने लिखा था- कहां हो.
मैंने कहा- क्लास में.
उसने कहा- ओके.
जब मैं कक्षा से बाहर आया, तो वन महोत्सव की तैयारी हो रही थी. लगभग 11:30 बजे तक सभी अध्यापकों व बच्चों के ग्रुप बन गए थे. सभी ने अपने अपने पौधे उठाए और जंगल में चले गए. बीच बीच में मैं श्रेया के पास जाने व बात करने की कोशिश करता रहा, परन्तु वो बहुत से छात्रों और अन्य महिला स्टाफ के साथ थी. हमने कुछ ग्रुप फोटोज भी लिए. मैं निरंतर कोशिश में था कि मैं उसके पास जा कर खड़ा हो जाऊं.
लगभग 3 बजे हम वापिस आए. मेरी 3 बजे की क्लास थी, परंतु सभी बच्चे चले गए थे. धीरे धीरे सभी अध्यापक भी जाने लगे. मेरी बस का समय 4:15 बजे का था. मैं लाइब्रेरी में चला गया.
थोड़ी देर में श्रेया का मैसेज आया- कहां हो तुम?
मैंने कहा- लाइब्रेरी.
उसने कहा- स्टाफ रूम में आओ.
मैं चला गया.
वहां देखा, तो वो वहां अकेली ही थी. कॉलेज लगभग खाली हो चुका था. उसने मुझे दरवाजे से एक तरफ को बुलाया. मैं जैसे ही दरवाजे के पास गया, उसने मेरे हाथ पकड़ लिए. मैं थोड़ा हिचकिचाया, परन्तु मैंने उसे बांहों में भर लिया और होंठों पर हल्का सा चुंबन ले लिया.
उसने मुझे जोर से हग किया और एक जबरदस्त चुम्बन लिया. मुझे बहुत डर लग रहा था. एक तो सब कुछ बहुत जल्दी और पहली बार हो रहा था और स्टाफ रूम … इस सबके लिए ये कोई सुरक्षित जगह नहीं थी.
मैं थोड़ा दूर हट गया. फिर मैंने कहा- यहां नहीं.
उसने कहा- तुम निकलो … मैं तुम्हें रास्ते से पिक करती हूं.
मैंने अपना बैग उठाया और चल दिया.
गेट से थोड़ा ही आगे निकला था कि पीछे से उसकी गाड़ी आ गयी. मैं गाड़ी में बैठ गया. उसने गाड़ी झील की तरफ घुमा ली. झील वहां से 8 किलोमीटर दूर थी.
मैंने पूछा- हम कहां जा रहे हैं?
उसने जवाब दिया- लेट अस स्पेंट सम क्वालिटी टाइम टूगेदर. (आओ कुछ अच्छा समय साथ में बिताएं).
फिर उसने गाना चला दिया. गाने के शोर से हमारी बातचीत रुक गयी. उस रास्ते पर ट्रैफिक ज्यादा नहीं था. कोई दस मिनट चलने के बाद उसने गाड़ी सुनसान सी जगह पर रोक दी और वो मेरे करीब आ गयी.
हम दोनों ने किसिंग शुरू कर दी. वो वहुत ही पैशन के साथ किस कर रही थी. मैं भी उसका भरपूर साथ दे रहा था. बीच बीच में मैं उसके दूध दबा देता. वो मेरी टी-शर्ट में हाथ डाल कर मेरी पीठ छू रही थी. मैं भी उसके पजामे में हाथ डाल कर उसके चूतड़ छूने की कोशिश कर रहा था.
तभी एक ट्रक का हॉर्न बजा. हम जल्दी से नार्मल हुए और उसने गाड़ी आगे बढ़ा दी. अगले ही मोड़ पर ट्रक जाता हुआ दिखा. मैंने राहत की सांस ली कि किसी ने हम दोनों को साथ नहीं देखा.
अब हम झील की तरफ बढ़ गए. वहां पहुंचने पर हमने गाड़ी एक तरफ लगाई … और गाड़ी से उतर कर सुनसान जगह पर चले गए.
मैं समझ चुका था कि मैडम की चूत मेरे लंड की प्यासी है. इसका पूरा मजा आपको मेरी फर्स्ट टाइम सेक्स की कहानी के अगले भाग में पढ़ने को मिलेगी.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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कहानी का अगला भाग: पहली बार कॉलेज की मैडम की चुदाई-2