नमस्कार दोस्तों! अमृता के साथ एक साल तक मैंने दिल्ली साथ जॉब की और इस दौरान हमने सेक्स का भरपूर आनन्द भी लिया. अगले साल उसका रिश्ता कहीं और हो गया और फिर जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी इसलिए उसके घर वालों ने उसकी नौकरी छुड़वा कर उसे घर बुला लिया था.
जैसे कि हम दोनों में तय था कि जब तक प्यार और साथ रहने का मौका होगा हम निभाएंगे और बाद में कोई किसी को बिन कुछ कहे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकता है. इसलिए मैंने भी उसे प्यार से विदा किया.
उसकी शादी से एक महीने पहले उसने मुझे फोन किया और कहा कि वो अपनी शादी से पहले एक बार मुझसे बेइंतहा प्यार करना चाहती है और मुझे उसकी यह ख्वाहिश जरूर पूरी करनी है. मेरे दिल में भी उसके लिए बहुत प्यार और आदर हमेशा के लिये है तो मैंने भी उसे मना नहीं किया.
वैसे उसके जाने के बाद मेरी लाइफ में सेक्स के लिए एक बहुत प्यारी भाभी मिल चुकी थी जिसके बारे में मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगा.
फिर अमृता और मैंने मिलने का प्लान बनाया. उसे शादी के लिए कुछ सामान लेना था जिसके बहाने वो दिल्ली मुझसे मिलने मेरे रूम पर भी आ गई बीच में समय निकाल कर!
मैंने उस दिन अपने कमरे को खासतौर सजाया हुआ था ताकि अमृता को शादी से पहले एक हसीं मधुर मिलन का यादगार तोहफा दे सकूँ. बिस्तर पर गुलाब पंखुड़ियाँ बिखेर रखी थी, कमरे में इत्र की सुंगध… जैसे ही अमृता कमरे में आई, पहले तो उसे कसकर गले लगाये रखा कुछ पल… फिर मैंने उसे गोद में उठा लिया और प्यार से बिस्तर पर बैठाया.
अमृता मुझे बेतहाशा चूमने लगी, वो एक पल भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहती थी. मैं भी उसकी भावनायें समझता था इसलिए मैं भी उस पर आज अपनी पूरी मोहब्बत बरसाने को तैयार था. कब हम दोनों के सारे कपड़े उतर गये, हमें पता ही नहीं चला.
अमृता के गुलाबी लबों को अपने लबों में लेकर जी भर के चूसा उन्हें मैंने… फिर उसे लिटा दिया और डेरी मिल्क सिल्क चोकलेट को अमृता के कोमल मुलायम स्वादिष्ट दुग्ध कलशों पर अच्छे से लगाई और फिर उसके बूब्स को चूमना और ज़बरदस्त चूसना शुरू किया.
ऐसे ही उसकी नाभि को चूमते हुए कुछ चॉकलेट मैंने अमृता की चिकनी चूत पर लगाई और उसकी चूत को दिल खोल कर चाटा. उसकी चूत का वो खट्टा रस चॉकलेट के स्वाद के साथ मिक्स होकर बहुत जायकेदार हो गया था.
फिर अमृता ने भी मेरे लंड के साथ वैसा ही किया.
उसके बाद अमृता ने मुझे नीचे लिटा दिया और खुद उपर बैठकर लंड अपनी चूत में लेकर मेरे लंड पर कूदने लगी. करीब 5 मिनट में ही वो थक गई और मैंने उसे नीचे लिटाया. अमृता के दोनों पैरों को मोड़कर ऊपर किया और उसकी अवस्था में अपना लंबा लंड मैंने अमृता की चूत में डालकर उसे असीम आनन्द दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… और खुद भी अपनी चरम अवस्था में पहुँच गया.
फिर कई पोजीशन में करीब 4-5 बार हमने सेक्स का आनन्द लिया और फिर आधे घंटे तक हम दोनों नंगे ही एक दूसरे के साथ यों ही चिपक कर लेटे रहे.
वो शाम अमृता के लिए शादी से पहले उसकी हसीन सुहागरात जैसी थी.
उसकी आँखों में आंसू थे क्यूंकि वो कभी खोना नहीं चाहती थी मुझे… पर मैंने भी उसे कभी न भूलने का वादा किया.
वो चली गई और कुछ दिन बाद उसकी शादी हो गई. अभी उसकी शादी को दो साल हो गये हैं पर हम दोनों में आज भी सच्ची दोस्ती है हमेशा के लिए!
दोस्तो, मेरे जीवन में इस छोटी उम्र में भी सेक्स की कई सच्ची घटनायें हुई हैं जिनका आगे की कहानियों में मैं आपको वर्णन करता रहूँगा. मेरा हमेशा से यही तरीका रहा है कि मैं जिससे भी सम्बन्ध बनाता हूँ, सच बोलकर बनाता हूँ. सेक्स प्यार और विश्वास की ही तो कहानी है दोस्तो!
आप सभी का एक बार फिर से शुक्रिया करता हूँ मेरी सच्ची कहानी को अपना समर्थन देने के लिए. आपकी प्रतिक्रियाओं और मेल का स्वागत है.
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