नमस्ते दोस्तो, आपके प्यार और मेसेजों के लिये बहुत बहुत धन्यवाद! आप लोगों का कहानी के प्रति समर्पण मुझे लिखते रहने के लिये प्रेरित करता है. इसके लिए आप सब ही बधाई के पात्र हैं.
और उन्ही मेल्स में आपके जैसे ही कुछ पाठक पाठिका मुझे मिलने के लिए आमंत्रित करते हैं!
इस बार भी मैं एक ऐसे ही कपल से मिला. फिर जो हुआ वो हम तीन लोगों के शब्दों में बयां है.
प्रतिदिन की भांति मैं अपने मेल चेक कर रहा था. तभी मुझे उसमें एक मेल प्राप्त हुआ अमन का.
अमन ने मुझे बताया कि वह 30 वर्षीय युवक है जो गाजियाबाद में ही किसी कम्पनी में कार्यरत है उसके साथ साथ उसके कुछ दोस्त भी उसी कमरे में रहते हैं.
उसकी अभी कुछ महीने पहले ही शादी हुई है. उसकी पत्नी नीरा 23 वर्षीया है. वह अमन के माता पिता के साथ मेरठ में रहती है क्योंकि अभी शादी नई नई शादी हुई है. और अमन ने फ्लैट भी नहीं लिया रेंट पर! तो उसने नीरा को अपने पिता के साथ ही रखना पड़ा.
अब आगे की हस्बैंड वाइफ की चुदाई स्टोरी आप अमन के शब्दों में पढ़िए:
दोस्तो, मैं अमन!
जैसा कि आप जानते हैं. आप मेल हैं या फीमेल … जब से आपको सेक्स की समझ आनी शुरू हो जाती है, तभी से अक्सर अकेले में आपका हाथ आपके लिंग या योनि में चला जाता है.
और ऐसा होना भी लाजमी है.
आजकल इंटरनेट की दुनिया में हम सही चीज़ कम देखकर गलत काम पर ज्यादा ध्यान देते हैं. फिर मन में उसे करने की लालसा भी होती है.
मेरा भी यही हाल था. मैं 2015 से कपल स्वेप थ्रीसम सेक्स की कहानी पढ़ पढ़ कर उत्तेजित हो जाता था.
शुरूआत में मुझे स्वेप और थ्रीसम के बारे सोचकर अजीब सा लगा. कि कोई कैसे अपनी वाइफ को गैर मर्द से चुदवा सकता है.
लेकिन धीरे धीरे जब मैंने फेसबुक की दुनिया में कपल फ्रेंड से बात की तो पता चला ये सब सच है. वो सब खुशी खुशी इस लाइफ स्टाइल को एन्जॉय करते हैं.
मैंने काफी कोशिश की कोई कपल मेरे साथ थ्रीसम करे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. थक हार कर मैंने उम्मीद छोड़ दी और कहानियां पढ़ कर समय व्यतीत करता रहा.
2019 में मेरी शादी हुई नीरा से.
नीरा दिखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही बोल्ड भी.
सुहागरात के दिन उसकी चुदाई में मुश्किल बहुत हुई. क्योंकि कुँवारी चूत चोदना वो भी बीवी की आसान खेल नहीं है. उसके कुछ ही दिनों बाद मैं वापस गाज़ियाबाद आ गया.
अब जिसकी नई नई शादी हुई हो उसकी बीवी साथ में न हो तो हालात आप समझ ही सकते हैं.
मैं अन्तर्वासना की साईट खोल कहानी पढ़ने लगा. राज जी की कहानी
कामुकता भरी नारी के जिस्म का भोग
पढ़ने लगा.
मैं उस कहानी में इतना खो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कब मेरा हाथ मेरे लिंग पर गया और मैं उसे सहलाने लगा.
कहानी में अपनी बीवी की दूसरे मर्द से चुदाई के बारे में सुन मेरे मन में नीरा का ख्याल आया.
और लिंग अकड़ गया.
बस फिर क्या था. कब धार छुटी और कितना मज़ेदार एहसास हुआ, बयाँ नहीं कर सकता.
उसी दिन मैंने ठान लिया था कि मुझे अपनी बीवी को तैयार करना है.
मैंने राज जी को मैसेज करके उनसे टिप्स लिए.
फिर बारी आई उन टिप्स को आजमाने की!
कुछ दिन बाद नीरा ने मुझे बताया कि उसकी सहेली की शादी है. हम दोनों को वहां जाना है.
तो मैंने हामी भर दी.
शादी से एक दिन पहले में अपने घर पहुँचा.
घर जाने पर शाम के समय सबके साथ खाना खाते हुए माँ बोली- बेटा, बहू को भी अपने साथ ले जा कुछ दिनों के लिये. उसका घूमना फिरना भी हो जायेगा.
मैं- माँ, अभी समय ही नहीं मिल पा रहा है कि किराये का कोई फ्लेट देख सकूँ. जैसे ही कोई फ्लेट मिलता है, ले जाऊंगा.
खाना खाकर मैं कमरे में आ गया. मेरे मन में हलचल मची हुई थी. कि कैसे अपनी बीवी की कहूँ कि वो दूसरे मर्द के साथ सोएगी.
वो मेरे बारे में क्या सोचेगी?
कहीं कोई ड्रामा न कर दे?
मैं इसी उलझन में था कि नीरा रसोई का काम खत्म कर अंदर आयी और दरवाजा लगा दिया.
मेरे चेहरे पर चिंता के भाव देख बोली- क्या हुआ? किस टेंशन में डूबे हुए हो?
मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- कुछ नहीं. बस ऐसी ही!
तभी वो मेरे पास आई और बोली- कल के लिए आपके कौन कौन से कपड़े पैक करने है?
मैंने उसे बांहों में कसते हुए उसके गाल पर किस किया और बोला- वो कल देखेंगे कि कौन कौन से पैक करने हैं. फिलहाल तो आज कपड़े उतारने दो.
ऐसा बोलते हुए मैंने उसकी गर्दन पर चूम लिया.
नीरा शांत लेट गयी मानो उसकी मन की मुराद पूरी हो रही हो.
हस्बैंड वाइफ की चुदाई
धीरे धीरे मैंने अपनी वाइफ के और अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए. अब हम दोनों अंडवियर में थे.
मैंने अपने दोनों हाथ धीरे से उसकी गांड पर रखते हुए उन्हें दबा दिया.
मेरी कामुक बीवी नीरा अब स्शह हह करती हुई मेरे लन्ड को सहलाने लगी. वो खुद ही अपनी चूत में लन्ड रख कर उसे अंदर डालने के लिये मेरी कमर को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैंने भी लंड अंदर न डाल उसकी चूत के बाहर ही रगड़ना चालू कर दिया.
नीरा काफी दिन से चुदी नहीं थी. लिहाजा उसका बेचैन होना लाजमी था.
लेकिन वो बोल नहीं पा रही थी.
और राज जी ने मुझे बताया था:
अगर आप चाहते है कि आपकी वाईफ खुल कर सेक्स करे, स्वेप करे, थ्रीसम करे. तो उसकी सबसे पहली सीढ़ी है सेक्स के समय वाइफ का खुल कर बोलना!
उसका खुल कर बोलना ही सेक्स के मजे को दुगना कर देता है. और वो तब सम्भव होगा जब आप उसे इतना उत्तेजित कर देंगे कि वो मजबूरन ही सही, वो सब बोल दे जो आप उस से बुलवाना चाहते हो.
यदि आप सोचते हो कि पत्नी खुद बोलेगी कि ‘मुझे किसी और से चुदवा दो.’ तो शायद ही ऐसा सम्भव ना हो.
लेकिन आपके द्वारा उसे दी गई उतेजना में जो मज़ा उसे मिलेगा तो वो न नहीं कर पायेगी.
मैंने भी अपनी बीवी की चूत में लंड रगड़ते हुए उसे तड़पाया लन्ड के लिए. मैंने कहा- जब तक तुम मुंह से नहीं बोलोगी कि मुझे तुम्हारा लन्ड चाहिये मेरी चूत में! मैं तब तक नहीं डालूंगा.
नीरा कुछ नहीं बोली, चुपचाप तड़पती रही और मेरी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचने की कोशिश करती रही.
लेकिन मैंने भी ठान रखा था कि आज देखूं कितनी उतेजना झेल सकती है.
मैंने नीरा के दोनों हाथ ऊपर कर उसकी गर्दन पर बूब्स पर किस करना चालू कर दिया और लंड उसकी चूत पर रगड़ता रहा.
रगड़ रगड़ कर लन्ड और अकड़ खा रहा था. और नीरा अपनी कमर उचका उचका कर उसे अंदर डलवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
उसकी गर्दन चाटते ही उसके मुख से निकल पड़ा- अमन प्लीज़ यार … अंदर डालो! तड़पाओ मत!
लेकिन मैं कठोर बन उसकी गर्दन, उसके कंधे चाट रहा था.
मैंने फिर नीरा से पूछा- जान डाल दूँ?
नीरा हाँ कहते हुए सर भी हिलाने लगी.
मैं- बोलो न फिर … जान मेरी चूत में लंड डाल दो!
नीरा- अमन, प्लीज़ मेरी चूत में लन्ड डाल दो प्लीज़!
मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा था.
अब मैंने नीरा की चूत में लन्ड धीरे से डाल दिया. उसकी चूत इतनी गीली थी कि चूत में लन्ड एक ही बार में चला गया.
नीरा ओह्ह ओहह सस्शहस करने लगी.
अब मैं तेज तेज झटके मार रहा था और नीरा को देख रहा था.
उसके चेहरे का वो कामुक अंदाज़!
उसे देख मेरा ज्यादा देर टिके रहना मुश्किल हो रहा था.
नीरा और मैं एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे का साथ दे रहे थे.
अब नीरा ने मुझे कस लिया और तेज तेज झटके मारने लगी. उसके मुख से ‘ओह्ह अमन … ओहह तेज … और तेज!’ की आवाजें निकलने लगी.
वो आवाजें इतनी तेज थी कि मुझे उसके मुख पर हाथ रखना पड़ा.
तभी वो ह्म्म्म हम्म्म्म अहह करती हुई स्खलित होने लगी. झटकों में नीरा की हर सिसकारी, उसके चेहरे पर चुदने से मिलने वाला सुकून देख मैं उसकी कल्पना करने लगा कि अगर नीरा अभी किसी और मर्द के नीचे लेट कर चुद रही होती तो कितनी मस्ती में चुद रही होती.
और इतना सोचने मात्र से मेरा भी स्खलन हो गया.
सुबह नीरा ने उठाते हुए कहा- सुनो जी, चाय पी लीजिये.
नींद खुली तो नीरा मुझे देख शर्माती हुई बाहर चली गयी.
नाश्ता कर हम दोनों उसकी सहेली की शादी में शरीक होने रुड़की चले गये. वहाँ जाकर नीरा ने अपनी सहेली मंजू से मिलवाया.
मंजू बड़ी ही कमसिन थी. जिस किसी से भी उसकी शादी होने वाली थी, मानो चूत का पूरा मज़ा उसे मिलने वाला हो.
लेकिन हम तो उसकी सखी के पति थे, लिहाजा चुपके चुपके ही ताड़ सकते थे.
मंजू हमे अपने मकान के बगल वाले मकान में ले गयी- मकान मालिक विदेश रहते हैं. तो चाबी हमारे ही पास होती है. आप दोनों यहीं आराम कीजिये. शाम के समय मेहंदी में मिलते हैं.
कहकर मंजू ने हमें उस मकान में रुकने के लिए कहा.
मैंने बेग नीचे रखा, टॉवल निकाला और बाथरूम में नहाने के चला गया.
मेरे बाद नीरा भी नहाने चली गयी.
मैंने थकावट दूर करने के लिए बैग से बोतल निकाल कर मेज में रखी और पेग बना लिया.
नीरा नहा कर आई. उसने तोलिया लपेट रखा था.
मुझे पीता देख बोल पड़ी- ये क्या? आप दिन में ही शुरू हो गए?
अमन- तो क्या हुआ? यहां कौन सा कोई आ रहा है? तुम भी पियोगी!
नीरा- हटो, मैं नहीं पीती.
मैं- प्लीज़ यार, बैठो न! दो पेग पी लो! बस मुझे भी कम्पनी मिल जाएगी.
लेकिन नीरा ने मना कर दिया.
मैंने उसे अपनी कसम देते हुए कहा- प्लीज़ देखो, यहां न तो माँ बाबू जी का डर है. ना कोई आयेगा. शाम तक नशा भी नहीं रहेगा. तो किसी को शक भी नहीं होगा.
मेरे कसम देकर फ़ोर्स करने पर वो मान गयी. उसने एक के बाद एक दो पेग मार लिए.
नीरा एक तरफ बैठ कर बातें करने लगी. अब उसे नशा हो चुका था.
मैंने भी दूसरा पेग खत्म कर बोतल एक तरफ रख दी और अब नीरा को देखने लगा.
नीरा मुस्कुरा रही थी.
मैंने नीरा से कहा- क्या हुआ नीरा?
“कुछ नहीं!”
मैं- एक किस तो दे दो?
नीरा- बस एक किस? मैं तो सारी तुम्हारी हूँ. जितनी मर्ज़ी किस ले लो!
मैंने नीरा का तौलिया खोल दिया. वो अब पेंटी में थी.
मैंने धीरे धीरे उसके पैर चूमते हुए उसकी जाँघों को चूमा और धीरे से उसकी पेंटी उतार दी.
नीरा की चूत में जीभ डालते ही उसने सिसकारियाँ लेनी शुरू कर दी- ओह्ह अमन!
शर्मीली नीरा जो शर्माती ज्यादा थी, आज नशे में बोल्ड हो रही थी. वो हस्बैंड वाइफ की चुदाई के लिए एकदम तैयार थी. उसने अपनी दोनों टांगें फैला कर मेरे सर को अपनी चूत में रख दिया और मजा लेने लगी.
कुछ ही देर में नीरा मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. अब उसे लन्ड चाहिए था.
उसने मेरे सीने पर किस करना चालू कर दिया. कभी मेरे निप्पलों को चूसती, कभी मेरे अण्डकोष को सहलाती. आज उसकी हरकतें उसे और मादक बना रही थी.
अपने हाथ से उसने मेरे लड़ को पकड़ा और एक बार आगे पीछे कर उसे गप से मुँह में ले लिया.
मेरी खुशियों का ठिकाना नहीं था. जिसने आज तक मेरा लन्ड शादी के इतने महीनों में नहीं चूसा, वो आज गपागप चूस रही थी. मेरी बीवी पूरा लन्ड ऐसे चूस रही थी मानो आज लन्ड खा जाने को तैयार हो.
मैंने उसके मुँह से लंड हटाया और उसकी चूत को सहलाने लगा. क्योंकि उसके लन्ड चूसने मेरा होने ही वाला था जो मैं नहीं चाहता था.
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हस्बैंड वाइफ की चुदाई स्टोरी का अगला भाग: गैर मर्द से चुदने को बीबी को मनाया-2