यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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मेरी बातों से उसकी कामलालसा और ज्यादा भड़क रही थी, वो बोली- अब आ भी जाइए ना!
मैं बोला- अब उसी दूध वाले को ही इमेजिन करना!
वो बोली- ठीक है।
एकाएक मैंने उसे बोला- अच्छा, सच में वो लड़का चोदने के लिए मिल जाये तो तुम उससे चुदवाओगी?
वो एकदम से नाराज हो गई और मुझे बुरा भला कहने लगी, बोली- आप क्या मुझे कोई वेश्या समझते हैं? मैं एक ऊंचे कुल खानदान की बेटी हूँ, आईंदा ऐसे शब्द अपने मुंह से नहीं निकालियेगा।
वो फिर बोली- इमेजिन करना अलग बात है, वो भी मैं आपके खातिर करती हूँ, सिर्फ आपको खुश करने के लिए, इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे वेश्या बना दें।
मुझे लगा कि ये तो भड़क रही है। मैंने उसे समझाया- सोचो तुम्हें इमेजिन करने में इतना मजा आता है तो सच में कितना मजा आयेगा।
वो बोली- देखिये, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और मैं आपके साथ सेक्स से पूरी तरह संतुष्ट हूँ।
मैं बोला- मैं जानता हूँ. और मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और इससे मेरा प्यार कम नहीं होगा। यह मेरी फेन्टेसी है जो दिलो दिमाग पे छायी हुई है. प्लीज मेरे खातिर ये कर लो, मैं तुम्हारा एहसानमन्द रहूँगा।
मैंने सन्जू के पैऱ पकड़ लिये और गिड़गिड़ाने लगा और बोला- प्लीज!
वो बोली- आप क्यों जिद कर रहे हैं? यह गलत है।
मैं बोला- ये मेरे विश्वास से हो रहा है और मेरा विश्वास और तुम पर बढ़ेगा ही, कम नहीं होगा।
वो चुप रही।
मैंने फिर अंतिम बाण छोड़ते हुए कहा- तुम्हें मेरी कसम, प्लीज मेरी बात मान लो।
वो बोली- हद है, आप कैसे मर्द हैं?
फिर बोली- मैं तो सब कुछ आप ही के लिए करती हूँ, अगर आप नहीं तो मेरे लिए दुनिया में कुछ नहीं।
फिर एक लंबी सांस लेकर बोली- ठीक है, पर ये संभव कैसे है?
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैं बोला- वो तुम मुझ पे छोड़ दो।
वो अब बोली- अब तो आप मुझे खुश कीजिये.
और यह कहकर सन्जू मेरे होंठों को चूसने लगी। सन्जू अभी तक संतुष्ट नहीं हुई थी और वो उसके लिए व्याकुल थी।
एकाएक मैं बोला- अब रही बात खुश करने की … तो तुम उसी ग्वाले से भी खुश हो सकती हो।
वो बोली- वो कैसे संभव है?
मैंने कहा- वो बाहर खड़ा है!
वो बोली- आप कितने बदमाश हैं. यानि कि ये सब आपकी प्लानिंग थी।
मैं सिर्फ हंस दिया और बोला- कि तुम इसी अवस्था में रहना।
मैं बाहर गया और रोहित को कहा- अन्दर आ जाओ, भाभी से पैसा ले लो।
वो बेचारा मासूम जैसे ही मेरे बेडरुम में घुसा, वो संजना को नंगी देखकर उल्टे पैर पीछे भागा.
तभी मैंने पीछे से उसे रोका और पूछा- क्या हुआ?
वो लगभग डरते हुए बोला- भैया, मुझे माफ कर दो, मैं नहीं जानता था!
और वो गिड़गिड़ाने लगा।
मैंने उसे शांत किया और बोला- कोई बात नहीं, अन्दर आओ।
वो बोला- नहीं भैया!
वो अभी डर रहा था।
मैं उसका हाथ पकड़कर अन्दर ले गया और बोला- अपनी भाभी को चोदोगे?
वो तो जैसे हक्का बक्का हो गया; उसे लगा कि मैं उसे टोर्चर कर रहा हूँ और उससे नाराज हूँ। वो फिर माफी मांगने लगा।
मैं उससे बोला- मैं सच कह रहा हूँ।
संजना अभी भी उसी नग्न अवस्था में थी, गदराया बदन, सुडौल शरीर, काफी सुदर चेहरा।
रोहित ने एक नजर सन्जू को देखा, सन्जू ने भी रोहित को देखा।
तभी मैंने सन्जू को रोहित के सामने बेड पर पटक दिया और अब तक खड़ा हो चुका अपना लंड को उसकी चूत में घुसा दिया. सन्जू की चूत अभी तक गीली ही थी सो फच की आवाज के साथ मेरा लंड अन्दर चला गया और मैं उसे रोहित के सामने ही चोदने लगा।
ये सब देखकर रोहित का लंड पैन्ट में हरकत करने लगा और कुछ पैन्ट में उभार भी आ गया। ये सब सन्जू देख रही थी.
मैं बोला- क्या देख रही हो?
वो बोली- उसकी पैन्ट में।
आखिर सन्जू की भी लगातार इमेजिन कर कर के कहीं ना कहीं उसके मन में भी पराये लंड से चुदवाने की इच्छा थी। लेकिन स्त्री अपने आप को सीमित कर के रखती है।
मैं सन्जू को और जोर से चोदने लगा, वो जोर जोर से आहें भरने लगी और पूरा कामातुर हो गई. शायद पहली बार किसी गैर के सामने चुदने से उसे कुछ ज्यादा मजा आ रहा था। वो इस्स्सस … आह … ओह … करते जा रही थी। वो अब इस पोजिशन में थी कि उसकी शर्म हया सब खत्म हो गई थी और वो सिर्फ मजे ले रही थी।
करीब पांच ही मिनट के चुदाई के बाद वो बोली- और जोर से कीजिये ना … मेरा हाने वाला है।
मैं बोला- रुको, अब रोहित से चुदवाओ।
मैंने अपना लंड निकाल लिया और रोहित जो अब तक मूकदर्शक बन कर ये सब देख रहा था, को पास बुलाया और उसकी पैन्ट नीचे सरका दी। उसने जांघिया नहीं पहना था, उसका लंड एकाएक बाहर आ गया जो पूरा खड़ा था।
सन्जू उसे पूरा ध्यान से देख रही थी।
रोहित का लंड मुझसे लंबाई में छोटा यानि कि लगभग 5.5 इंच का था, लेकिन मोटाई मेरे ही जितना था। उसका लंड गोरापन लिये हुए था और उसका सुपारा, जो हल्का खुल गया था, पूरा गुलाबी था, जबकि मेरा लंड काला हो गया था।
संजना पहली बार किसी पराये मर्द का लंड अपनी आंखों से देख रही थी, उसका भी जल्दी से इससे चुदवाने का मन हो रहा था। आखिर कितनी भी पतिव्रता है … आखिर है तो एक जवान औरत ही ना … वैसे भी वो अपने चरमोत्कर्ष पर थी।
मैंने संजना को इशारा किया तो सन्जू बेड से नीचे आई और अपने कोमल हाथों से रोहित के लंड को छुआ, अपने दोनों हाथों से उसे पकड़ा तो रोहित का लंड की पूरी नसें उभर कर सामने आ गई उसने आंख मूँद लिया।
सन्जू मुझसे बोली- ये तो बहुत ही ज्यादा गोरा है।
मैंने उसे इशारा किया कि इन्जोय करो।
उसने एक दो बार हाथ को आगे पीछे किया और एकाएक रोहित का लंड की चमड़ी को पीछे कर उसका पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया। इससे रोहित कसमसाया और आँखें खोल कर इस्स… सअअ.अअ… की लंबी सित्कारी निकाली।
संजना के चेरी रेड लिपस्टिक वाले होंठों के अन्दर रोहित को गोरा लंड बड़ा ही कामुक लग रहा था।
अभी रोहित का लंड संजना के मुंह में 10 सेकेंड भी नहीं रहा होगा कि रोहित का लंड फड़कता अनुभव हुआ।
और ये क्या … संजना उम्म … अ … उम्म कर रही थी और इधर रोहित के लंड से पूरा वीर्य संजना के मुख में छुट गया।
संजना को उबकायी सी आई, वो उल्टी जैसा ओं … ओं करने लगी और रोहित का लंड मुंह से निकाल दिया.
उसने थोड़ा सा मुंह खोला तो मैंने देखा कि संजना का पूरा मुंह वीर्य से भरा है, उसका पूरा मुख सफेद तथा अत्यधिक गाढ़ा वीर्य से भरा हुआ था। वीर्य इतना गाढा़ और अधिक था कि संजना के मुख से चिपक गया था। वो इसे थूकना चाह रही थी पर थूक नहीं पा रही थी तो वो उसे धीरे धीरे कर के गटक गई।
सन्जू की आंखें पूरी नशीली हो गई थी।
वो मुझसे बोली- बस यही … ये मुझको खुश करने वाला था? ये तो 10 सेकेंड में ही झड़ गया।
तब तक रोहित, जो पसीने से तर-बतर था, बोला- भाभी जी, ये मैंने जिदगी में पहली बार किया था तो बरदाश्त नहीं हो पाया।
अब संजना बोली- आपका ये तो चेला फेल हो गया, अब मेरी संतुष्टि का क्या?
मैं बोला- मैं हूँ ना जान!
और मैं संजना को डॉगी स्टाईल में करके रोहित के सामने ही उसे पूरी ताकत से चोदने लगा। संजना को डॉगी स्टाईल में काफी मजा आता है। चुदाई इतनी जबरदस्त थी कि पूरा दिवान हिल रहा था और सन्जू की चूची हिलोरें ले रही थी।
लगभग 10 मिनट चुदाई के बाद संजना बोली- अब मैं झड़ने वाली हूँ।
और एकाएक उसका शरीर अकड़ा और वो आह … अअ … उम्म्ह… अहह… हय… याह… अ..अ… अ…अ की लंबी सीत्कार के साथ झड़ गई और पेट के बल ही बेड पर पस्त हो गई।
मैं बोला- मेरा अब तक नहीं हुआ है.
वो बोली- अब मुझसे बरदाश्त नहीं होगा।
तो मैं बोला- ठीक है! अपने मुंह से ही कर दो!
और अपना लंड उसके मुख में घुसा दिया तो वो चूसने लगी।
लगभग 2 मिनट चूसने के बाद मेरा झड़ने वाला था। वो जान गई तो बोली- बाहर निकालिये!
परंतु मैंने उसके मुख में ही वीर्य निकाल दिया।
संजना ने मेरा वीर्य को बाहर थूक दिया।
मैंने सन्जू को कहा-ये क्या बात हुई? तुम रोहित का सारा वीर्य पी गई और मेरा थूक दिया?
सन्जू ने कहा- प्लीज बुरा मत मानियेगा, लेकिन इसके वीर्य में जरा सा भी गंध नहीं थी, मुझे बड़ा अच्छा लगा।
मैं बोला- हाँ समझ सकता हूँ! आखिर इसका जीवन का पहला वीर्य स्त्राव था, ये गंध रहित ही रहता है।
ये सब करने के बाद जब हम दोनों ने रोहित को देखा तो ‘ये क्या … रोहित का लंड तो पूर्व की तरह ही फिर से अकड़ कर तैयार हो गया था और फुफकार मार रहा था।’
सन्जू बोली- अरे इतनी जल्दी फिर से खड़ा हो गया?
रोहित फिर हम लोगों के पास आया और बोला- भैया, एक बार मुझे भी भाभी को चोदने दो ना?
सन्जू बोली- बिल्कुल नहीं!
वो मायूस हो गया, बोला- भाभी प्लीज … मैंने जिंदगी में कभी भी चुदाई नहीं की है।
मैं सन्जू से बोला- सन्जू मान जाओ ना, बेचारा कितना मासूम है. और वैसे भी ये 2-4 झटके में ही तो गोल हो जायेगा।
इस बात पर सन्जू बोली- इसीलिए तो … ये तो डाल कर ही झड़ जायेगा।
लेकिन फिर काफी मनाने पर वो मान गई और पीठ के बल लेट गई और मेरी आंखों के सामने पहले बार किसी दूसरे का लंड अपने चूत में ले रही थी।
रोहित ने अपना लंड, जो कि काफी टाईट था, को सन्जू की चूत में टिकाया और घुसाने लगा. पर सन्जू की चूत सूख चुकी थी। मैंने उसकी चूत में थोड़ा वेसलीन लगा दिया।
अब रोहित ने दोबारा अपना लंड मेरी बीवी की चूत में घुसाया तो उसका लंड चूत में घप्प के आवाज के साथ प्रवेश कर गया।
सन्जू को कुछ ज्यादा भराव महसूस हुआ उसकी टाईटनेस के वजह से। लंड घुसने के साथ ही रोहित शांत हो गया और संजना के नंगे शरीर पर लेट गया।
संजना को अजीब लगा, उसने पूछा- क्या हुआ?
मुझे लगा जैसे वो झड़ गया. मैं बोला- क्या रे … झड़ गया क्या?
तो संजना बोली- नहीं झड़ा तो नहीं है।
रोहित कुछ नहीं बोला और उसने सन्जू के लाल लाल होंठों पर अपना होंठ सटाना चाहे तो सन्जू ने मना कर दिया और कहा- ये सिर्फ मेरे पति के लिए हैं।
कहानी जारी रहेगी.
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