सेक्सी कहानी प्रेमियों नमस्कार! यह बात एक रात की है जब मैंने एक सेक्स को तरसती आंटी को जोरदार तरीके से चोदा।
दोस्तो, मेरा नाम अमर है.. मैं मध्य प्रदेश में रहता हूँ। मेरी उम्र 26 साल की है.. मेरा रंग गोरा है और फिगर नॉर्मल है। मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है और मेरा लंड 5 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है।
उस आंटी से मेरी पहचान एक इत्तफ़ाक़ से हुई थी। मैं अपने एक दोस्त को फोन कर रहा था तो दूसरी तरफ से एक खातून ने फोन उठाया।
मैंने उनसे पूछा- सिकंदर है?
मेरे दोस्त का नाम सिकन्दर है।
तो उसने कहा- यहाँ कोई सिकंदर नहीं होता.. यह मेरा नम्बर है।
मैंने कहा- सॉरी मुझे तो सिकंदर ने यही नम्बर दिया था।
उसने कहा- आपने ग़लत नम्बर डायल कर दिया होगा।
बहरहाल मैंने उनसे फिर सॉरी किया और पूछा- आपका नाम क्या है?
तो उसने कहा- मैं आपको जानती नहीं.. तो आपको नाम क्यों बताऊं?
मैंने कहा- जान पहचान हो जाएगी.. आप अपना नाम तो बताओ.. आपकी आवाज़ बहुत मीठी है.. इसलिए पूछ रहा हूँ।
तो वो हंस कर बोली- लाइन मार रहे हो?
मैंने कहा- मेरा नाम अमर है आपसे बात करके अच्छा लगा।
उसने अपना नाम यासमीन बताया।
फिर मैंने पूछा- अगर आप को ऐतराज़ ना हो तो मैं आपको फोन कर लिया करूँ?
तो उसने कहा- क्या करोगे बात करके?
मैंने कहा- आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ।
उसने कहा- मैं शादीशुदा हूँ।
मैंने कहा- कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.. मैं भी शादीशुदा हूँ। बहरहाल उसने मुझे इजाज़त दे दी.. मगर यह भी कहा कि शाम के बाद फोन मत करना.. उस वक्त मेरा शौहर होता है।
फिर हम रोज़ दिन में बात करने लगे। मैंने एक बात नोट की थी कि मैं जब भी उसके शौहर के बारे में कोई बात करता, तो वो कहती छोड़ो.. कोई और बात करो।
उससे मुझे अंदाज़ा हुआ कि उसके ताल्लुक़ात उसके शौहर से अच्छे नहीं हैं।
हम बात करते रहे और फिर हम खुल कर हर टॉपिक पर बात करने लगे, जिसमें सेक्स भी शामिल था। फिर आहिस्ता-आहिस्ता हम सेक्सी बातें ही करने लगे।
एक दिन मैंने उससे कहा- क्यों ना रियल सेक्स किया जाए?
तो उसने कहा- ऐसा नहीं हो सकता। मैंने अपने शौहर के अलावा किसी से सेक्स नहीं किया।
मगर मेरे इसरार पर वो एक दिन तैयार हो गई और कहा कि जब भी मौक़ा मिला तो मैं आ जाऊंगी मगर मुझे जल्दी फारिग कर देना।
मैंने वादा कर लिया।
कुछ दिन बाद ही उसने फोन किया और कहा- मैं आ रही हूँ.. एक बजे दोपहर को मैं हॉस्पिटल आऊंगी तुम मुझे वहां से पिक कर लेना।
मैं खुश हो गया और तैयार होकर एक बजे उसके बताए हुए हॉस्पिटल पहुँच गया।
मैंने उसको देखा नहीं था.. हॉस्पिटल पहुँच कर ओपीडी में देखा कि एक आंटी जिनकी उम्र तक़रीबन 40 साल होगी.. सबसे अलग-थलग बैठी थीं।
मैंने मोबाइल निकाल कर यासमीन का नम्बर डायल किया तो उसी आंटी ने फोन उठाया तो मैं कन्फर्म हो गया कि यही है।
मैंने फोन पर उससे कहा- सामने देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ।
तो उसने मुझे देख लिया।
फिर मैंने करीब जाकर उसको देखा तो वो मुझे बहुत अच्छी लगी। उसका रंग गोरा और जिस्म भरा हुआ था। उसके चूचे भी बड़े-बड़े थे और गांड भी बाहर को निकली हुई थी। वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी.. उसने ब्लू सलवार और कुर्ता पहना था।
मैंने उससे कहा- बाहर आओ।
फिर मैंने उसको अपनी कार में बिठा लिया और अपने एक दोस्त के घर ले गया, जो खाली था।
वहाँ उसको ड्रॉइंग रूम में बिठाया और अपने दोस्त को अलग ले जाकर कहा- हम दोनों को थोड़ी देर के लिए अकेला छोड़ दो।
तो वो चला गया।
फिर मैंने उसको ले जाकर बेडरूम में बिठाया.. डोर लॉक किया और फिर मैं उसके बराबर में बेड पर बैठ गया।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूमा और अपनी बांहों में खींच लिया, फिर मैंने उसको होंठों पर किस किया। उसने रेड लिपस्टिक लगाई हुई थी और उसके होंठ रसभरे थे.. चूसने में बहुत मज़ा आया।
अब उसने भी रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया और हम बेड पेर लेट कर किस करने लगे। फिर मैंने उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने स्टार्ट किए तो वो सीत्कार करने लगी।
मैं समझ गया कि उसको मज़ा आ रहा है और जब मैंने उसकी गर्दन के पीछे किस किया तो वो और ज्यादा मचलने लगी।
तक़रीबन 10 मिनट तक हम किसिंग करते रहे। फिर मैंने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा भी उतार दी।
वउओ क्या ठोस चूचे थे.. इस उम्र में भी इतने तने हुए थे और बहुत सॉफ्ट थे।
मैंने मम्मों को चूसना शुरू किया। बड़े ही मज़ेदार चूचे थे.. बहुत स्वीट थे, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
वो भी अपने मम्मों पर मेरा सर दबा रही थी.. और कह रही थी- ओह अमर.. चूसो जान.. और चूसो.. मज़ा आ रहा है।
मैं बहुत देर तक मम्मों को चूसता रहा।
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फिर मैं उसकी चुत पर हाथ ले गया और महसूस किया कि उसने पेंटी नहीं पहनी थी। उसकी सलवार चुत के पानी से गीली हो रही थी।
मैं उसकी चुत को सहलाता रहा और मम्मों को भी चूसता रहा। उसको बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी।
उसने बताया कि आज 6 महीने के बाद किसी ने मुझे हाथ लगाया है.. मेरे शौहर ने 6 महीने पहले मुझे चोदा था, उसके बाद से अब तक मैं प्यासी हूँ.. प्लीज़ जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो जान.. मैं हमेशा के लिए तुम्हारी हो जाऊंगी।
मैंने अपने कपड़े उतारना शुरू किए। जब मैंने पैंट उतारी तो वो मेरे लंड से बना तम्बू देख रही थी जो अंडरवियर में बना हुआ था।
फिर मैंने वो भी उतार दी और उसकी सलवार भी उतारी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, वो उसको सहलाने लगी। मुझे भी मज़ा आने लगा, उसके सहलाने से मेरा लंड और टाइट हो गया।
वो कहे जा रही थी- अमर प्लीज़ अब और आग मत लगाओ प्लीज़ मुझे चोद दो.. मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो।
मैंने उसकी टाँगों को फैलाया, घुटनों को फोल्ड किया और अपना लंड उसकी चुत पर रख कर रगड़ने लगा। वो तो मानो पागल हो गई और जोर-जोर से आवाज करने लगी- आआआह.. ज़ान डाल दो ना प्लीज़..
मैंने उसकी चुत पर सुपारा रख कर दबाया। मुझे उसकी चुत बहुत टाइट लगी। मैंने कहा- क्या हुआ.. तुम्हारी चुत तो कुँवारी लग रही है?
तो उसने कहा- हाँ आधे साल से कुँवारी है.. थोड़ा जोर लगाओ।
मैंने उसकी चुत पर लंड को सैट करके एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया और उसके साथ ही उसकी चीख भी निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई…
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर एक और धक्का लगाया। अबकी बार मेरा लंड आधे से ज्यादा अन्दर चला गया और तकलीफ़ की वजह से उसकी आँखों से आंसू निकल आए।
मैं रुक गया और उसके होंठों को किस करने लगा। थोड़ी देर मैं वो पुरसुकून हो गई तो मैं लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो फिर से मोनिंग करने लगी- आआआह.. आआआह.. आह ज़ान मज़ा आ रहा है.. और चोदो जान..
मैं भी स्पीड बढ़ाता गया और वो भी गांड उठा-उठा कर चुत चुदाई के मज़े लेने लगी। वो कह रही थी- जान तुमने मुझे सेक्स का असल मज़ा दिया है.. वरना अब तक तो मैंने सेक्स को एंजाय ही नहीं किया।
मैंने महसूस किया कि वो सेक्स की प्यासी थी और खूब खुश थी। वो बार-बार कह रही थी- अमर मुझे चोदो खूब चोदो.. फाड़ दो मेरी चुत।
मैं भी लंड को उसकी चुत के खूब अन्दर तक डाल रहा था और मेरा लंड उसकी चुत की गहराइयों तक जा रहा था। वो भी खूब मज़ा ले और दे रही थी।
इस तरह 5 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसको घोड़ी बनने को कहा।
वो झट से पलट कर घोड़ी बन गई। मैंने पीछे से उसकी चुत में लंड डाला और अन्दर-बाहर करने लगा। वो तो पागल ही हो गई.. और खूब मज़े लेने लगी।
उफफ्फ़ क्या मज़ा आ रहा था.. मैं बयान नहीं कर सकता।
फिर मैंने लंड बाहर निकाला और बेड पर टाँगें फैला कर बैठ गया। अब मैंने उसको अपने लंड पर बैठने को कहा.. वो आराम से आकर लंड पर चुत टिका कर बैठ गई। मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करते हुए और फिर नीचे से उसकी चुत में लंड के झटके मारने लगा।
वो फिर से पागल हो गई और खुद भी मेरे लंड पर उछलने लगी। वो चुत चुदाई को खूब एंजाय करने लगी।
इस तरह चुदाई करते हुए अचानक उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और उसका जिस्म अकड़ने लगा। मैं समझ गया कि अब वो फारिग होने वाली है।
अगले ही पल वो मेरे लंड पर फारिग हो गई। उसकी चुत के माल की गर्मी से अब मैं भी फारिग होने वाला था।
मैंने उससे पूछा- लंड का पानी कहाँ लोगी?
तो उसने कहा- मुझे लिटा कर मेरी चुत में अपना पानी गिरा दो।
मैंने उसको चित्त लिटाया और उसकी चुत के अन्दर ही पानी छोड़ दिया।
अब मैं उसके ऊपर ही लेट गया। हम दोनों के दिलों की धड़कनें तेज़ हो रही थीं।
तकरीबन 5 मिनट तक हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर मैंने उसके बाजू में लेट कर उसको किस किया।
मैंने कहा- जान मज़ा आया?
तो उसने कहा- तुमने तो मुझे खरीद लिया.. अब मैं हमेशा तुम्हारी रहूँगी।
उसने मुझे होंठों पर लंबा सा किस दिया और उठ कर बाथरूम में चली गई।
तो साथियों कैसी लगी मेरी आंटी की चुदाई की सेक्स स्टोरी.. मुझे ज़रूर बताना।
मेरी ईमेल आईडी है।
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