ही दोस्तों मेरा नाम राज है और मेरी उम्र २२ साल है. मैं दिल्ली का रहने वाला हु.मैं आज आप सब के साथ अपनी एक सच्ची घटना शेयर करने जा रहा हु. मेरे सब दोस्त सेक्स एन्जॉय करते थे अपनी माल के साथ. पर मेरी कोई माल नहीं थी और मैंने आजतक सिर्फ एक बार सेक्स किया था वह भी पैसे दे कर एक रंडी को.
मुझे अपनी कॉलेज की कुछ शादी शुदा टीचर्स पे भी क्रश था और मोहल्ले की एक भाभी पे भी. पर मैं थोड़ा घबराता था किसी से भी बात करने को.
मेरा एक दोस्त था कॉलेज में जिसका नाम था रोहित. उसकी उम्र २१ साल थी और वह मेरे घर के पास ही रहता था. मैं अक्सर उसके घर जाता था उसके साथ टाइम स्पेंड करने.
वह अपनी माँ और बहन के साथ रहता था क्यूंकि उसकी माँ डिवोर्सी थी. उसकी माँ सानिका एक सलून चलती थी पास में ही और उनकी उम्र करीब ४५ साल होगी. आंटी बहुत अच्छी थी और मैं उनसे काफी घुला मिला हुआ था. मैंने कभी भी आंटी को गलत नज़रो से नहीं देखा था क्यूंकि वह मेरे दोस्त की माँ थी. पर फिर एक दिन मैंने अपनी माँ और उनकी फ्रेंड को बात करते देखा.
उनकी फ्रेंड उन्हें बता रही थी की सानिका कैसे रोज़ नए नए जवान लड़को के साथ घूमती है गाड़ियों में. “उसके कपडे तो देखा करो कितने छोटे पहनती है.”
मुझे ये बात सुन कर थोड़ा अजीब सा फील हुआ. जब मैं अगली बार उनके घर गया तो मैंने नोटिस किया की आंटी दिखने में सुन्दर थी. उनके बूब्स भी बड़े थे और पायजामी में उनकी गांड भी मस्त लग रही थी. मुझे बड़ी उम्र की औरतें पसंद थी. तो बस उस दिन से मेरे दिमाग में आंटी के बारे गलत ख्याल आने लगे. कहीं न कहीं मैं आंटी से खुल के बात कर लेता था तो मैं हमेशा सोचता था की उनपे ट्राय मारू. पर हिम्मत नहीं होती थी.
फिर कुछ दिन बाद रोहित दूसरे शहर चला गया आगे की पढ़ाई करने. उसकी बहन भी हॉस्टल में चली गयी. तब अक्सर आंटी मुझे किसी न किसी काम के बहाने बुला लेती थी. आंटी घंटो मेरे साथ बातें करती.
मुझे अच्छा लगने लगा था. एक बार तो मैं उनके घर पे था तब मैंने उनकी पेंटी लटकी देखि बाथरूम में. बहाने से जा कर मैं उन्हें सूंघने लगा. मुझे आंटी के ऊपर मानो एक क्रश सा हो गया था. अक्सर मुझे सपने आते की मैं उनकी ले रहा हु पर मेरा पेंट में ही छुट जाता. फिर एक दिन आंटी का फ़ोन आया और आंटी ने मुझे घर पर बुलाया.
उन्होंने कहा की वह रोहित से मिलने जा रही है और शॉपिंग करके आयी है. वह चाहती है की मैं उसकी टी – शर्ट्स पहन के दिखाऊ की फिटिंग कैसी है.
हमने कपडे ट्राय किये. फिर तभी आंटी ने मुझसे कहा “राज तुम ड्रिंक करते हो क्या?”
मैंने शरमाते हुए कहा “हाँ आंटी पर कभी कभी. लेकिन मम्मी को नहीं पता.
वह हंस के बोली “चलो मेरे साथ १-२ पेग मार लो मैं अकेली बोर हो रही हु.”
मैंने मना नहीं किया और उनके साथ ड्रिंक करने लगा. मैंने जोश जोश में थोड़ी ज़्यादा पी ली और मुझे समझ में नहीं आ रहा था की अब घर कैसे जाऊं. तो आंटी ने कहा राज तुम एक काम करो आज इधर ही रुक जाओ और अपने घर फ़ोन करके बता दो.
मैंने यही सही समझा और चुप चाप आंटी के घर ही रुक गया. मैं रोहित के रूम में लेटा हुआ था. करीब रात को जब मैं पानी पीने उठा तो मैंने देखा आंटी का रूम हल्का खुला था.
मैंने पास जा कर देखा तो मेरा होश उड़ गया. आंटी लैपटॉप पे पोर्न देख रही थी और उनका हाथ उनकी पेंटी में था. मेरा तो ये देख खड़ा हो गया था. मैंने मौका पा कर आंटी को रंगे हाथ पकड़ लिया. आंटी घबरा कर उठी और मुझसे बोली
सानिका – अरे राज कुछ चाहिए था तुम्हे?
राज – आंटी मेरा छोडो आप ये…?
सानिका – राज क्या बोलू तुम्हे?
राज – आंटी मैं समझ सकता हु आपकी अपनी ज़रुरत है.
सानिका – राज तुम रोहित को मत बताना तुमने मुझे ऐसे देखा.
राज – नहीं आंटी मैं नहीं बताऊंगा.
सानिका – तुम समझदार हो राज आंटी को समझते हो.
राज – आंटी मैं आपकी ज़रुरत पूरा कर सकता हु.
सानिका – राज तुम तो बच्चे जैसे हो मेरे.
राज – आंटी पर बच्चा तो नहीं. मुझे तो आप पसंद हो और हम दोनों इसे राज़ रख सकते है. प्लीज एक बार मुझे करने दो आप के साथ. मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है.
सानिका – राज पर किसी को पता चल गया तो?
राज – आंटी मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
मेरी किस्मत आज बहुत तेज़ थी आंटी ने मुझे हाँ कर दी. मैं ख़ुशी से पागल हो गया था. पर आंटी ने कहा “राज पहले कंडोम ले कर आओ.”
मैं जल्दी से केमिस्ट शॉप पे जा कर कंडोम का पैकेट उठा लाया और वियाग्रा भी. जैसे ही मैं घर पंहुचा आंटी ने अपनी नाइटी उतार दी. माहौल गरम हो रहा था क्यूंकि आंटी ने फिर धीरे से अपनी ब्रा खोल दी और पेंटी उतार कर फेंक दी.
आंटी मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी. आंटी के बूब्स बहुत बड़े थे और निप्पल्स ब्राउन और टाइट. मैंने भी अपने सारे कपडे खोल दिए. हम दोनों एक दूसरे के होठो को चूमने लगे. आंटी का शरीर सच में गरम था.
मैं आंटी के होठ चूमता हुआ उनके नैक पे किस करने लगा. आंटी के बूब्स फिर मैंने दबाने शुरू किये. आंटी को अच्छा लग रहा था और जैसे ही मैंने उनके निप्पल्स चूसने शुरू किया आंटी सिसकिया लेने लगी.
मैंने कहा आंटी आप आवाज़ें निकालो न. तो आंटी बोलने लगी “यह राज काटो मेरे निप्पल्स को प्लीज.” मैं और ज़ोर से काटने लगा उनके निप्पल्स को. सच में आंटी बहुत गरम थी उनके निप्पल्स काटते ही वह जोश में आ जाती.
मैं उनके नैवल चाटता हुआ उनकी चूत में धीरे धीरे ऊँगली करने लगा. आंटी को अच्छा लग रहा था. मुझे उनकी चूत चाटनी थी तो मैंने उन्हें लेटा दिया बिस्तर पे. और उनकी टाँगे खोल कर उनकी चूत चाटने लगा.
वह चिल्ला रही थी “क्या चूत चाटते हो तुम राज. आह मज़ा आ गया.”
फिर आंटी ने मुझे लेटाया और मेरे ऊपर चढ़ कर पहले मेरे निप्पल्स चाटने लगी. फिर मुझे किस करती हुई मेरे बॉल्स मसलने लगी और सहलाने लगी. फिर झुक कर मेरा लंड मुँह में ले कर चूसने लगी. उनके चूसने से मेरा शरीर गरम हो रहा था. करीब २ मिनट्स में ही मैंने आंटी को इशारा किया. और आंटी ने मेरे लंड पे कंडोम चढ़ाया. मेरे लंड पे बैठ के उन्होंने उसे अपनी चूत में धकेल दिया. उनकी चूत बहुत गरम थी और वह मेरे लंड पे आराम आराम से कूद कर चोदने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर कुछ देर बाद मैंने आंटी को डोगी स्टाइल में कर उनके बाल पकड़ कर पेलने लगा. आंटी बार बार बोल रही थी. “राज मेरी गांड पे थपड मारो और ज़ोर से धक्के दो प्लीज.”
थोड़ी देर बाद फिर वह मेरे नीचे लेट कर चोदने लगी. करीब १५ मिनट्स लगातार उनकी चूत लेने के बाद मेरा झड़ गया. आंटी मुझसे हग करके लेट गयी.
उस रात मैंने आंटी की ४ बार ली और करीब सुबह ४ बजे जा कर हम दोनों सोये.
अब मैं आंटी के साथ कभी भी सेक्स कर लेता हु. दोस्तों अगर आपको मज़ा आया हो तो ज़रूर बताना मुझे.