प्यारे दोस्तों! कैसे हैं आप सब? पोर्न सेक्स का यह मेरा अनुभव मेरी एक क्लास मेट के साथ का है जब उसने एक वीरान पड़ी इमारत में मुझसे अपनी चुदाई करवाई.
मेरा नाम आयुष है, मैं कानपुर का रहने वाला हूँ, दिल्ली में ठेकेदार के पास सुपरवाईजर की नौकरी करता हूँ, मेरी उम्र 21 वर्ष है, वजन 52 किग्रा है और कद 171 सेमी है.
मेरी शक्ल को देखकर कोई भी मेरी उम्र का अनुमान नहीं लगा सकता.
मेरा रंग थोड़ा सांवला हैं और मेरे लिंग की लंबाई लगभग 5-6″ होगी क्योंकि मैंने कभी इसकी नाप नहीं ली.
मैं अपने घर 2-3 महीने में एक बार ही जा पाता हूँ तो मार्च के महीने में मुझे कुछ जरूरी काम से घर आना पड़ा, रात की ट्रेन थी प्रयागराज एक्सप्रेस… स्लीपर में सोते हुए आया तो मैं लगभग साढ़े चार बजे सुबह अपने घर पहुंचा, सबसे मिला, चाय पी, अब सोने का समय तो था नहीं, मेरा घर नहर के पास में ही है तो मैं घर से बाहर निकल गया टहलने… नहर पर जाकर सिगरेट जलाई अब छः बज चुके थे तो बाकी लोग भी टहल रहे थे.
मैं सिगरेट पी ही रहा था की कुछ दूरी पे मुझे एक हसीं सी लड़की आती हुई दिखी. 32-28-34 का फिगर होगा, 20-21 ही उम्र होगी लोअर टी-शर्ट में वो गज़ब की दिख रही थी. वो भी सैर के लिए निकली थी.
मैं पता नहीं क्यों उसे घूरे जा रहा था.
वो थोड़ा रुकी और सीधा मेरे पास आ गई. मेरी तो गांड फट गई मुझे लगा कि बेटा आज जूते पड़ गए.
पर मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखते हुए वो बोली- आयुष?
तो मैंने भी उसके चेहरे पर नजर डाली तो देखा कि यह तो मेरी क्लासमेट आकृति थी जिसको क्लास में कोई देखता भी नहीं था उसके मोटापे की वजह से… पर आज वो बदल चुकी थी, उसका फिगर तो कमाल का हो चुका था, गोरा बदन, नशीली आँखें.. क्या गज़ब का माल बन चुकी थी.
हम दोनों की बात शुरू हुई और बातें करते हुए हम घर से काफी दूर आ गए. धूप चढ़ने लगी थी तो उसने मुझसे वापस चलने को कहा. फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किये और घर आ गए.
अगले 3 दिनों तक हम ऐसे ही सुबह की सैर पर मिलते रहे.
अगले दिन उसे कहीं जाना था तो उसने मुझसे सुबह जल्दी आने को बोला सैर पर… तो मैं चार बजे के आस पास पहुंच गया… वहाँ पे सन्नाटा था. 5 मिनट बाद वो भी आ गई, हम दोनों चल दिए.
पर आज वो कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी.
बातों बातों में मैंने उसे प्रपोज कर दिया तो उसने अपनी वाक स्पीड बढ़ा दी. मैंने हिम्मत दिखाते हुए उसका हाथ पकड़ लिया तो वो रुक गई. मैंने उससे जवाब माँगा तो वो बोली- क्यों? मानसी और स्नेहा नहीं पटी क्या जो मुझे प्रपोज कर रहे हो?
मैं चुप हो गया.
मैं थोड़ा उदास हो गया.
पता नहीं क्यों… उसने मुझे घूरते हुए देखा और किस कर लिया.
मुझे कुछ समझ नहीं आया.
तो उसने बोला- मैं तुझसे 10वीं से ही प्यार करती हूँ पर तुमने कभी उन सबसे ध्यान ही नहीं हटाया जो मेरा प्यार समझते!
मैंने उसे गले लगाकर सॉरी बोला तो वो भी मुझसे चिपक गई. मैंने उसके होठों पर किस करना चाहा तो उसने रोक दिया और बोली- कोई देख लेगा!
पास में ही एक बिल्डिंग है जो काफी दिनों से बंद पड़ी है. हम वहाँ जाते ही एक दूसरे से चिपक गए और किस करना शुरू कर दिया.
हम एक दूसरे में खोते जा रहे थे, मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए और दूसरे हाथ से मैंने उसका लोअर नीचे कर दिया और चूत के दाने को सहलाने लगा.
उसके मुख से मादक आवाजें आने लगी ‘आह ऊह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओएह ओ याह…’ और उसकी चूत से पानी बहने लगा. उसकी चूत में उंगली डालने से मुझे महसूस हुआ कि वो शायद पहले भी सेक्स कर चुकी थी.
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आकृति उत्तेजित हो चुकी थी, वो तुरंत मेरा लोअर नीचे करके मेरे लंड को चूसने लगी, मुझे 2 ही मिनट में उसने सातवें आसमान में पंहुचा दिया और मैं उसके मुंह में झड़ गया और वो सब पी गई. अब उसने खुद सारे कपड़े उतारे और लेट गई फिर मुझे अपने ऊपर खींचा और मुझे लिप किस करने लगी और हाथों से मेरे लंड को आगे पीछे करके खड़ा कर दिया.
उसके मुंह से अभी भी मादक आवाजें आ रही थी. मैंने भी देर न करते हुए उसके पैर फैलाये और उसकी चूत पे लंड का टोपा रख कर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर कर दिया. उसकी चूत गीली थी तो बिना किसी परेशानी के उसकी चूत में लंड घुसता चला गया.
अब हम दोनों के मुख से मादक आवाजें आने लगी और वो बोल रही थी- मादरचोद… तुझे मुझसे नहीं, मेरी चूत से प्यार है… चोद मादरचोद!
मुझे और जोश बढ़ता जा रहा था… उसके मुख से लगातार गालियाँ और मादक आवाजें ‘आह उह आह ओ याह आह आह… आह फ़क मी… कमीने चोद!’ निकल रही थी.
मैंने भी पूरी ताकत से उसको कुछ देर तक चोदा फिर वो खुद उठी और घोड़ी बन गई, मैं पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा. 7-8 मिनट बाद वो झड़ गई, उसके पानी का स्पर्श होते ही मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.
5 मिनट हम वैसे ही लेटे रहे और फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और घर की तरफ निकल गए.
आपको मेरी पोर्न सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बतायें!
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