मैंने जब एम बी ए फर्स्ट डिवीज़न में पास कर लिया और यूनिवर्सिटी में एक पोजीशन बना ली तो फिर मुझे एक प्राइवेट मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिल गयी.
मैं वाकई बहुत खुश थी.
इस कॉलेज में लड़के और लड़कियां साथ साथ पढ़ती हैं.
मैं भी और टीचरों की तरह क्लास लेने लगी, स्टूडेंट्स को पढ़ाने लगी.
स्टूडेंट्स भी धीरे धीरे मेरे नजदीक आने लगे.
मैं सबको बड़े प्रेम से पढ़ाने लगी और उनकी हर तरह से हेल्प करने लगी.
नतीजा यह हुआ कि कुछ लड़के और कुछ लड़कियां मेरे घर आने लगीं और मेरी हॉट टीचर कॉलेज सेक्स कहानी बनने लगी.
जो लड़के मुझे पसंद होते मैं उनको ज्यादा भाव देने लगती और फिर उन्हें अपने घर आने का संकेत भी दे देती.
उनके 2 / 3 बार आने के बाद मैं फिर उनसे खुल कर बातें करने लगती, उनकी शर्म की माँ चोदने लगती, अपने मुंह से कुछ प्यारी प्यारी गन्दी गन्दी गालियां निकालने लगती ताकि वो भी मेरी तरह बेशरम हो जायें और जब वो मुझसे खुल कर बातें लगते तो मैं मौक़ा देख कर खुद ही उनका लण्ड पकड़ लेती.
मेरा नाम रेहाना है. मैं 28 साल की हूँ बेहद सुन्दर, गोरी चिट्टी और अच्छे नाक नक्श वाली हूँ.
लोग कहते हैं कि मेरे चेहरे पर गज़ब की सेक्स अपील है, मैं बहुत हॉट लगती हूँ.
मैं नाक में एक बाली पहनती हूँ जो मेरी खूबसूरती को और बढ़ाता है. मैं जब मुस्कराकर बोलती हूँ तो लोगों के दिल में कुछ कुछ होने लगता है.
मुझे यह भी पता चला है कि कॉलेज के लड़के मेरे नाम का सड़का मारते हैं यानि मेरा नाम ले ले कर मुठ्ठ मारते हैं.
इधर मुझे भी कुछ लड़के बड़े अच्छे लगते हैं.
मुझे जो लड़का अच्छा लगता है, मेरा मन होता है कि मैं उसे नंगा करके उसका लौड़ा पकड़ लूं. मुझे लण्ड पकड़ने का जबरदस्त शौक है.
संडे का दिन था, मैं नहा कर अपना पेटीकोट अपनी चूचियों तक ऊपर किये हुए बाहर निकली.
मेरे घुटने साफ़ साफ़ दिख रहे थे. पेटीकोट के अलावा मेरे बदन पर कुछ भी नहीं था.
तभी अचानक मेरी डोर बेल बज उठी.
मैंने वैसे ही दरवाजा खोल दिया.
मेरे सामने ऋषि खड़ा था.
मैं उसे पसंद करती थी.
वह पहले भी 2 / 3 बार आ चुका था.
मैंने उसे अंदर आने को कहा.
वह अंदर आया और सोफा पर बैठ गया.
मैं उसी अवस्था में उसके सामने बैठ गयी.
वह मुझे बड़े गौर से देख रहा था.
मेरा भी दिल उस पर आ गया था.
मैंने सोचा कि आज मौक़ा अच्छा है तो फिर क्यों न इसे नंगा किया जाये और इसका लण्ड पकड़ कर देखा जाये!
आखिर मुझे भी मालूम हो कि इसके लण्ड में दम है या नहीं?
इसका लण्ड भी इसी की तरह खूबसूरत है या नहीं?
यह ख्याल आते ही मेरी चूत गीली हो गयी.
मैंने पोर्न में बहुत सारे लण्ड देखे हैं; बड़े बड़े लण्ड और मोटे मोटे लण्ड देखे हैं.
इसका लण्ड कैसा है और कैसा दिखता है?
मैं यही सब सोचती रही, फिर कहा- बोलो ऋषि कैसे हो?
वह बोला- ठीक हूँ मेम!
मैंने कहा- अभी तो दो दिन के लिए कॉलेज बंद है.
वह बोला- हां मेम दो दिन के लिए कॉलेज बंद है.
मैंने कहा- अच्छा तो बताओ तुम्हें मुझसे कुछ काम है?
वह बोला- मेम?
मैंने उसे रोकते हुए बड़े प्यार से कहा- मेम की माँ का भोसड़ा … मेम की माँ की चूत … मैं घर में मेम नहीं हूँ यार! मेम तो बस कॉलेज में ही हूँ. घर में मैं केवल रेहाना हूँ. मुझे रेहाना कहो. चालू रेहाना, भोसड़ी वाली रेहाना कहो, मादरचोद रेहाना कहो. तुम मर्द हो यार? तुम प्यार में मुझे कुछ भी कह सकते हो.
मैंने देखा कि वह थोड़ा शर्मा गया और सहम भी गया.
तो मैं उठी और उसकी चुम्मी ले ली, उसे पुचकारा और कहा- ऋषि मैं तुम्हें बेहद पसंद करती हूँ. तुमसे प्यार करती हूँ यार!
इसी बीच मैंने अपनी बड़ी बड़ी चूचियाँ उसके बदन से टच कर दीं.
फिर क्या … उसके लण्ड में लग गयी आग.
जवान वह भी था और जवान मैं भी थी.
उसकी नीयत मुझ पर ख़राब हो गई.
मैंने कहा- तुम बैठो, मैं अभी आती हूँ.
मैं अंदर गयी, अपना पेटीकोट ठीक किया, अपने बालों को आगे करके अपनी मस्तानी चूचियों को छुपाया और व्हिस्की बनाकर ले आयी.
मैंने कहा- ऋषि, तुम मेरा साथ दोगे?
वह बोला- जी हां, जरूर दूंगा.
हम दोनों व्हिस्की पीने लगे.
वह बोला- मैं एक बात कहना चाहता हूँ.
मैंने कहा- हां हां कहो न … बेधड़क कहो!
वह बोला- आज आप बहुत ही सुंदर लग रही है. सच पूछो तो हॉट लग रही हो.
मैं उठी और उसका सिर अपनी चूचियों के बीच डाल कर कहा- ऋषि तुम बहुत अच्छे हो. मैं तुम्हें दिल से चाहती हूँ. तुमसे प्यार करती हूँ.
मैंने बाल पीछे किये तो मेरी दोनों तनी हुई चूचियाँ उसे दिख गईं.
उसकी पैंट के बीच का उभार मैंने देखा तो समझ गयी कि उसका लण्ड खड़ा है.
मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख कर कहा- यार, अब इसे भी दिखा दो न मुझे. मेरा दिल तेरे लण्ड पर आ गया है यार!
मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनकर वह उत्तेजित हो गया.
उसने मेरे बूब्स छुए, मैं कुछ नहीं बोली. उसने बूब्स दबाया मैं कुछ नहीं बोली.
मैंने उसकी पैंट खोलना शुरू किया, वह कुछ नहीं बोला.
नशे में वह भी था नशे में मैं भी थी.
मैंने अपने बालों का जूड़ा बना लिया तो उसे मेरे दोनों बूब्स एकदम नंगे दिखने लगे.
फिर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिया. उसकी पैंट उतार दी उसकी शर्ट उतार दी और बनियान भी.
वह नेकर में आ गया.
मैंने उसे खड़ा कर दिया और नेकर भी बड़ी बेशर्मी से नीचे खींच दी तो वह बिलकुल नंगा हो गया.
उसका लौड़ा साला तन कर मेरे आगे खड़ा हो गया.
जैसे ही मुझे लण्ड के दर्शन हुए, वैसे ही मेरा मन खिल उठा.
मेरा चेहरा एकदम सुर्ख लाल हो गया, मेरे मुंह से निकला- वाह क्या मस्त लौड़ा है ऋषि तेरा … मज़ा आ गया यार? ये तेरा भोसड़ी का लण्ड मेरे दिल में समा गया है ऋषि.
मैंने लण्ड की कई चुम्मियाँ एक साथ ले लीं और पेल्हड़ भी मस्ती से चूमे.
झांटें साफ़ थीं तो लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था.
लण्ड का टोपा भी बड़ा मस्त था लाल लाल एकदम चिकना टमाटर जैसा.
ऐसा नहीं कि मैंने पहले कभी लौड़ा पकड़ा नहीं था.
हां कॉलेज में इसका पहला लण्ड था जो मैंने पकड़ा.
मैं बहुत दिनों से इस फ़िराक में थी कि कोई लण्ड मुझे जल्दी से मिले क्योंकि अब लण्ड के बिना मुझसे और रहा नहीं जा रहा था.
आज मेरे नसीब ने मेरी मुलाक़ात एक मनचाहे लण्ड से करा दी तो मेरा पूरा दिन मजेदार हो गया.
मैंने वहीं पर सोफा को गिरा के बेड बना दिया.
उस पर ऋषि को नंगा लिटा दिया और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ कर झुक कर उसका लण्ड चूसने लगी.
उसका लण्ड इतना प्यारा था कि उसे मुंह से निकालने का मन ही नहीं हो रहा था.
लण्ड साला 8″ से कम न था.
मोटा भी 5″ का था.
सुपारा बड़ा प्यारा था.
मैंने कहा- अब तुम्हें समझ में आया ऋषि कि मैं सच में बुरचोदी रेहाना हूँ. भोसड़ी वाली रेहाना हूँ.
वह हंसने लगा.
और फिर मैं घूम कर उसके ऊपर चढ़ बैठी, अपनी चूत मैंने उसके मुंह पर रख दी और झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी.
वह भी मस्ती से मेरी चूत चाटने लगा.
बहुत दिनों के बाद मुझे मौक़ा मिला तो मैं पगला गई और पागल बिल्ली की तरह लौड़ा चाटने चूसने में जुट गयी.
लण्ड के टोपा पर थूक थूक के चाटने लगी.
चूसने लगी ऊपर से नीचे तक पूरा लण्ड.
मेरे मुंह की लार और लण्ड की लार एकदम एक हो गई.
मुझे उसके लण्ड का स्वाद बड़ा अच्छा लग रहा था. लण्ड की खुशबू तो मुझे और ही ज्यादा अच्छी लग रही थी.
कुछ देर बाद मैं घूम कर उसके लण्ड पर बैठ गयी जैसे कोई घोड़े पर बैठती है.
मैंने लण्ड की सवारी कर ली.
थोड़ा झुकी मैं … और अपनी गांड उठा उठा के पटकने लगी उसके लण्ड पे!
मैं सच में बड़ी खुश थी अंदर से भी और बाहर से भी.
अब मैं चोदने लगी ऋषि का लण्ड.
मैंने कहा- देख भोसड़ी के ऋषि, मुझे चोदना भी आता है. मैं तेरा लण्ड चोद रही हूँ.
वह सिसकारियां ले रहा था और मैं उसका लण्ड चोदे चली जा रही थी. अपने बड़े बड़े चूतड़ उसके लण्ड पर बार बार पटक रही थी.
मुझे लगा कि मैं एक ब्लू फिल्म की हीरोइन हूँ और मेरी शूटिंग चल रही है.
कुछ देर बाद उसे भी जोश आ गया और वह मुझे नीचे करके मेरे ऊपर चढ़ बैठा.
मेरी चूत में लौड़ा पूरा घुसेड़ दिया अंदर और बोला- भोसड़ी की रेहाना, तेरी माँ की चूत. तेरी चूत चोदी चूत आज मैं चोद चोद कर हलवा बना दूंगा. तू साली बहुत मस्त चीज है. मैंने जब तुझे पहली बार देखा था तभी मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था. आज मैं फाड़ डालूंगा तेरी चूत! रेहाना तेरी माँ का भोसड़ा. तू सच में एक रंडी है और मुझे रंडी चोदना बड़ा अच्छा लगता है. तेरी बहन की चूत!
मुझे उसकी गालियां बहुत अच्छी लग रहीं थीं, मेरी चूत की ताकत बढ़ा रहीं थीं.
ये गालियां चुदाई में चार चाँद लगा देती हैं.
वह सच में पागलों की मुझे चोदने में जुटा हुआ था और मैं फिर एकदम से खलास हो गयी.
वह बोला- यार, अब मैं निकलने वाला हूँ.
बस मैं घूमी और उसक लौड़ा मुट्ठी ले लिया.
मैं अपना मुंह खोले हुए लण्ड का सड़का मारने लगी और तब लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुँह में.
बस अगले दिन से मेरी निगाह लड़के और लड़कियों पर और तेज हो गयी.
मेरी नज़र रेणुका पर टिक गई.
रेणुका बहुत ही खूबसूरत सेक्सी और हॉट लड़की थी.
मैं समझ गयी कि यह लड़की लड़कों से जरूर चुदवाती होगी.
इसलिए अगले संडे को मैंने उसे अपने घर बुला लिया.
वह आई तो मैंने उसे बड़े प्यार से अपने पास बैठाया और बातें करने लगी.
मैंने कहा- देखो रेणुका, मैं बहुत दिनों से तुमसे खुल कर बात करना चाह रही थी. आज मौक़ा है तुमसे खुल कर बात करने का, बोलो करोगी?
वह बोली- हां करुँगी मेम!
“तो बताओ कि तुम कितने लड़कों को बड़े नजदीक से जानती हो?”
“मैं तो सभी लड़कों को नजदीक से जानती हूँ मेम!”
“मेम की बुरचोदी रेणुका भोसड़ी वाली, मैं तुमसे यह पूछ रही हूँ कि कितने लड़कों को तूने नंगा देखा है? और कितने लड़कों ने तुझे नंगी देखा है?”
“अच्छा तो यह बात है. मैंने 4 / 5 लड़कों को नंगा देखा है और इन सब लोगों ने मुझे भी नंगी देखा है. और 2 / 3 लड़कों के लण्ड मैंने अँधेरे में पकड़े हैं पर उन्हें उजाले में नंगा नहीं देखा. उन्होंने मुझे नंगी नहीं देखा.”
“किस बहनचोद का लण्ड तुम्हें सबसे ज्यादा पसंद है? किसका लौड़ा सबसे ज्यादा मोटा, तगड़ा है और लंबा है? किसका लण्ड सबसे ज्यादा खूबसूरत है?”
“रोहन, हरीश और अनुज के लण्ड मुझे पसंद हैं. इन सबके लण्ड मोटे भी हैं और लम्बे भी! सबसे खूबसूरत लण्ड रोहन और अनुज के हैं. लण्ड आरिफ का भी बढ़िया है पर कटा लण्ड है. कुछ कटे लण्ड भी बड़े मस्त और खूबसूरत होते हैं बुरचोदी रेहाना. तेरे यहाँ तो कटे लण्ड का खजाना होगा?”
“हां यह बात तो है. हमारे यहाँ तो सब कटे लण्ड ही हैं. अच्छा ये बताओ कि कौन सी लड़कियां खूब चुदवाती हैं?”
“लड़कियों से ज्यादा तो हॉट टीचर चुदवाती हैं मेम क्योंकि उनके लिए लण्ड का इंतज़ाम मैं ही करती हूँ.”
“अच्छा तो बताओ कौन कौन टीचरें चुदवाती हैं?”
“मिस माला, मिस लतिका, मिसेज आयेशा और मिसेज परमजीत कौर. ये चारों खूब चुदवातीं हैं. शादीशुदा टीचरें ज्यादा चुदवाती हैं. इनको तो रोज़ लण्ड चाहिए. आयेशा और परमजीत कौर तो दो दो / तीन तीन लण्ड रोज़ पेलवातीं हैं. आयेशा और परमजीत कौर दोनों कभी साथ साथ चुदवातीं हैं.”
मैं सोचने लगी कि आयेशा और परमजीत कौर तो दोनों कॉलेज में मेरे बगल में ही बैठती हैं और मुझे कानों कान खबर नहीं कि ये दोनों इतनी बड़ी चुदक्कड़ टीचरें हैं.
मेरे मन में आया कि अगर मुझे अपनी चूत अच्छी तरह चुदवानी है तो इनसे दोस्ती करना ठीक रहेगा.
मैंने आयेशा के पास जाकर कहा- यार आयेशा, आज मैं तेरे घर में तेरे साथ चाय पीना चाहती हूँ. बोलो क्या मैं जा जाऊँ?
वह तपाक से बोली- अरे यार, तुम जब चाहो तब आओ. तुम्हारा अपना घर है. तुम यही से मेरे घर चलो न?
मैंने कहा- ठीक है यार, मैं तेरे साथ ही चलती हूँ.
मैं उसके साथ उसके घर पहुँच गयी.
तब मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली ही रहती है.
मुझे तो बड़ी ख़ुशी हुई कि चलो अब मेरा भी एक और अड्डा बन जाएगा अपनी चूत चुदवाने का!
वह बोली- देख रेहाना, तू पहली बार मेरे घर आयी है तो मैं तुझे चाय नहीं व्हिस्की पिलाऊंगी.
मैंने हंस कर कहा- तब तो बहुत अच्छा!
हम दोनों बैठ कर बड़े प्रेम से मदिरा का आनंद लेने लगीं.
थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने कहा- यार कुछ अपने बारे में बता मुझे आयेशा!
वह बोली- यार, मैं तो एक बिंदास लड़की हूँ. आज़ाद लड़की हूँ. खुले लफ़्ज़ों में बताऊँ तो मैं बहुत बड़ी मादरचोद हूँ, कॉलेज सेक्स का मजा लेती हूँ, हरामजादी हूँ और बदचलन हूँ.
मैंने कहा- अच्छा तुम तो बिल्कुल मेरी ही तरह हो यार? तब तो बड़ा मज़ा आएगा.
वह बोली- यार देखो, अब इस मस्त जवानी में अगर कॉलेज सेक्स का मज़ा न करूँ तो कब करूंगी?
मैंने पूछा- तो फिर इस मस्त जवानी के लिए क्या करती हो?
वह बोली- दो चीजें करती हूं. पहला कि शराब पीती हूँ तो लण्ड पीती हूँ. दूसरा- लण्ड पीती हूँ तो शराब पीती हूँ.
मैंने कहा- वाह यार, क्या बात है! यानि इधर भी लण्ड और उधर भी लण्ड?
वह बोली- लण्ड के अलावा और क्या चाहिए एक जवान लड़की को?
मैंने पूछा- तो फिर इतने लण्ड लाती कहाँ से हो?
वह बोली- कॉलेज में लण्ड ही लण्ड हैं यार! अगल बगल के कॉलेजों में लण्ड ही लण्ड हैं. कुछ लण्ड तो मैं खोज लेती हूँ और कुछ बुरचोदी रेणुका ले आती है.
मैंने कहा- यार, मुझे भी लण्ड चाहिए.
वह बोली- यहाँ चाहिए? अभी चाहिए? बोलो … नहीं तो तेरे घर भिजवा दूँ लण्ड? बस तुम अपनी पसंद बता दो. तुमको कैसे लण्ड चाहिए?
मैंने कहा- हां यार, मेरे घर भिजवा दो. मुझे मोटे लम्बे और सख़्त लण्ड पसंद हैं. मैं इंतज़ार करूंगी.
उसने ख़ुशी खुशी हां कह दी और फिर मैं जल्दी से अपने घर आ गयी.
मैंने घर ठीक किया और चुदने का सारा इंतज़ाम कर लिया.
बस एक घंटे के बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया.
मैं एक घाघरा पहने हुए थी और ऊपर कुछ भी नहीं.
बस बालों को आगे करके अपनी चूचियाँ ढक लीं थीं.
मैं शाल ओढ़ कर दरवाजा खोलने चली गयी.
मैंने जब दो मस्त जवान लड़कों को देखा तो मेरी चूत गीली हो गयी.
लेकिन वो हमारे कॉलेज के लड़के नहीं थे.
मैंने कहा- हां बोलो क्या काम है?
एक बोला- हमें आयेशा मेम ने आपके पास भेजा है.
मैंने दोनों को अंदर बड़े प्यार से बैठा लिया.
एक बोला- मेरा नाम सुमित है और इसका नाम अमर है. हम लोग आपके कॉलेज के बगल वाले कॉलेज में पढ़ते हैं.
मैंने कहा- मैं रेहाना हूँ.
वह बोला- हां हम जानते हैं. आयेशा मेम ने हमें सब बता दिया है.
मैंने उनको बड़े प्रेम से ड्रिंक सर्व कर दी और खुद भी उनके साथ पीने लगी.
बीच बीच में मैं अपनी चूचियों की झलक उन्हें दिखाने लगी और आँखें मटका मटका कर बड़ी सेक्सी अदा से बातें करने लगी.
सुमित बोला- आयेशा मेम आपकी बड़ी तारीफ करती हैं.
तो मैंने कहा- वह बुरचोदी मेरी दोस्त है तारीफ तो करेगी ही! नहीं करेगी तो मैं उसकी माँ चोद दूंगी.
मैंने माहौल बनाने के लिए और उनकी झिझक मिटाने के लिए गालियां निकालीं.
मेरी गालियों ने काम किया; उसके लण्ड में करंट लग गया.
मैंने कुछ और कुरेदा; मैंने कहा- मैंने सुना है कि तुम लोगों ने हॉट टीचर आयेशा को नंगी देखा है?
अमर बोला- हां देखा तो है.
मैंने कहा- तो उसने भी तुम लोगों को नंगा देखा होगा.
सुमित बोला- हां उसने भी देखा है.
मैंने हँसते हुए कहा- तो फिर यहाँ क्या तुम लोग अपनी गांड मरा रहे हो. मेरे आगे नंगे क्यों नहीं हो जाते.
ऐसा कह कर मैंने दोनों के लण्ड ऊपर से दबा कर कहा- अब क्या तुम अचार डालोगे अपने अपने लण्ड का? मेरे सामने लण्ड खोल कर बैठो. मैं भी शराब के साथ लण्ड पीती हूँ और लण्ड के साथ शराब.
ऐसा कह कर मैंने अपने बाल एक ही झटके में पीछे कर दिया और मेरी दोनों चूचियाँ उनके आगे नंगी हो गयीं.
फिर मैंने दोनों को नंगा किया और एक एक हाथ से दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी.
कुछ देर में मैं दोनों को लण्ड पकड़े पकड़े अपने बेड पर ले गयी और चित लिटा दिया.
मैं बीच में बैठ कर दोनों लण्ड मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी; बारी बारी से चूमने चाटने लगी लण्ड!
इतने में सुमित ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा.
मैं अमर का लण्ड चूसते हुए सुमित से चुदवाने लगी.
वह भी मस्ती से धकाधक चोदने लगा और बोला- यार रेहाना, तेरी चूत तो बड़ी टाइट है यार … बड़ा मज़ा दे रही है.
मैंने कहा- मेरी चूत वैसे ही चोदो जैसे तुम आयेशा की चूत चोदते हो.
वह बोला- मैं तो तुम्हारे कॉलेज की सभी फीमेल टीचर की चूत चोदता हूँ. रेणुका के अलावा भी कई लड़कियों की चूत चोदता हूँ. कई लड़कियां तो मेरे पास सिर्फ मेरा लण्ड पीने आती हैं. दो लड़कियां मुझसे अपनी गांड मरवाने आती हैं. मैं आपको सच बता रहा हूँ कि आजकल चुदाई में लड़कों से कहीं ज्यादा लड़कियां इंटरेस्ट लेती हैं. उन्हें बस पहली बार ही खुलने में टाइम लगता है और जब खुल जाती हैं तो फिर खुद ही खोल कर खड़ी हो जाती हैं.
कुछ देर बाद अमर ने अपना लौड़ा घुसा दिया मेरी चूत में! लौड़ा चिपक कर घुसा चूत में तो मज़ा आ गया. मैं दोनों लड़कों से बारी बारी से फड़वाने लगी अपनी चूत!