मेरा नाम आरव है, मैं राजस्थान के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला हूं.
दोस्त लड़की की सेक्स कहानी कुछ यूं है कि, जब 2017 में मेरी पहली पहली नौकरी लगी थी तब मेरी उम्र 23 साल थी और मेरी पोस्टिंग राजस्थान के अलवर शहर में हुई थी.
अलवर शहर जयपुर से मात्र 2-3 घंटे की दूरी पर है.
अब नई नौकरी थी तो पैसे का जोश भी बहुत था, खूब खर्चा पानी मिल रहा था और दारू सिगरेट के सब ऐश चल रहे थे.
फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरी बरसों पुरानी जमकर चुदाई करने की तमन्ना को पूरा कर दिया.
फेसबुक पर मुझे एक लड़की की फ्रेंड रिकवेस्ट आई.
गौर से देखने पर पता लगा कि ये तो 4 साल पहले बारहवीं में मेरे साथ कोचिंग में पढ़ने वाली लड़की है.
ये वही लड़की थी जिसको मैं कोचिंग में बहुत लाइन मारा करता था पर उससे मेरी कभी आगे बात नहीं बढ़ पाई थी.
अब मैं आपको इस कहानी की नायिका के बारे में बता देता हूं.
उसका नाम सिमी था और वो जयपुर में रहती थी.
वो एक भरे पूरे बदन की, गोरे और सांवले रंग के बीच के रंग की तीखे नैन नक्श वाली लड़की थी.
कुल मिलाकर कोई हीरोइन तो नहीं, पर किसी भी मिडिल क्लास लड़के को मिल सकने वाली अप्सरा सी थी.
उस समय उसका फिगर 34-28-36 का रहा होगा.
भरे भरे चूचे लेकर जब वो मटक कर चलती थी, तो अच्छे अच्छों के लंड खड़े हो जाते थे.
गांड भी उसकी बहुत मोटी थी, कुल मिलाकर चोदने के लिए परफेक्ट माल थी.
हालांकि दिखने में मैं भी कुछ कम नहीं था, बॉलीवुड फिल्मों का ना सही पर साउथ की फिल्मों का हीरो कहलाने लायक तो था ही.
मेरा लंड भी अच्छा ख़ासा था. करीब 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था.
मैं कॉलेज टाइम से ही अपने लंड की सरसों के तेल से मालिश किया करता था.
इस वजह से मेरा लंड किसी की चुत भी धज्जियां उड़ाने के लिए काफी था.
तो जब सिमी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई तो मैंने फटाफट उसे एक्सेप्ट कर लिया. हालांकि मैं किसी अनजाने डर के मारे उसे मैसेज नहीं किया.
थोड़ी देर बाद उसका खुद मैसेज आ गया.
उसने पूछा- कैसे हो?
मैंने कहा- अच्छा हूं.
कुछ औपचारिक बातें हुईं और वो ऑफ़लाइन हो गई.
फिर 2-3 दिन बाद जब दुबारा से बात हुई, तो उसने पूछा- कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
उसके इस सवाल से मेरी भी उम्मीद जाग गई कि इसके मन में भी कुछ तो है.
मैंने उसे मना कर दिया कि नहीं है और उससे उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने भी मना कर दिया कि कोई नहीं है.
मैं तो बल्लियों उछल पड़ा कि मज़ा आ गया.
एक सिंगल लड़की खुद से अपने पास टपक कर आई है.
मुझे अपनी किस्मत पर तो मानो यकीन ही नहीं हो रहा था.
धीरे धीरे बात होते होते वो पट गई और हमारी बातें लंबी होने लगीं.
धीरे धीरे बात फोन सेक्स तक पहुंच गई, हम घंटों रात को चुम्माचाटी, लंड चुसाना, चूत चूसने की बातें करते रहते.
मैं मुठ मार कर झड़ जाता और वो अपनी चूत के दाने को सहला कर खुद को शांत कर लेती.
फिर एक दिन मैंने उससे मिलने का कहा, तो वो झट से मान गई.
पहले तो वो बाहर रेस्टोरेंट में ही मिलने का बोल रही थी पर मैंने उसे होटल में मिलने के लिए मना लिया.
अगले ही दिन मुलाक़ात होना तय हुई थी तो मैंने फटाफट जाकर अपने बाबूराव के आसपास का जंगल साफ किया और मालिश करने लगा.
लंड की मालिश करते करते जल्दी मिलने वाली चूत की याद आने लगी तो मुठ मारने के बाद ही चैन मिला.
अगले दिन सुबह मैंने पहले मेडिकल से चॉकलेट फ्लेवर के कंडोम खरीदे और ट्रेन पकड़ कर जयपुर पहुंच गया.
मैंने होटल वहां पहले ही बुक कर लिया था तो सुबह 11 बजे करीब में होटल पहुंच गया और चेक-इन कर लिया.
वहां पहुंच कर मैंने सिमी को कॉल लगाया तो उसने कहा कि वो बस आधा घंटा में आ रही है.
तब तक मैं फ्रेश होकर नाश्ते का ऑर्डर देकर, चूत का इंतजार करने लगा.
फिर जब मेरी दोस्त लड़की आई तो मैंने उसे लेने गया और उसे अपने कमरे में लेकर आ गया.
कमरे में आकर जब उसने अपने मुँह से स्कार्फ हटाया और अपने बाल खोले तो मैं तो उसे देखता ही रह गया.
पिछले 4 सालों में और भी सुंदर हो गई थी वो!
उसका बदन भी और भर गया था.
उसके चूचे भी तोतापुरी आम से बढ़कर बादामी हो गए थे और गांड भी खरबूजे के जैसी गोलमटोल हो गई थी.
इन 4 सालों में वो पूरी सेक्स बॉम्ब बन गई थी.
मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि इसके जैसी सेक्स बॉम्ब मेरे प्यार में गिर गई और मुझसे चुदने के लिए यहां तक आ गई है.
मैंने मन ही मन में फेसबुक को धन्यवाद दिया.
फिर हमने नाश्ता किया और बातें करने लगे.
बातें करते करते मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगा.
उसको भी ये अच्छा लग रहा था.
धीरे धीरे मैंने एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया और उसको दबाने लगा.
उसकी सांसें तेज होने लगीं और उसके चूचे ऊपर नीचे होने लगे.
ये देखकर मेरे लौड़े ने भी सलामी दी और टनटना कर खड़ा हो गया.
फिर हमसे रहा नहीं गया तो हम दोनों के होंठ आपस में भिड़ गए और हम एक दूसरे को चूमने लगे.
चूमते चूमते मैंने अपने जीभ उसके मुँह में डाल दी तो सिमी मेरी जीभ को चूसने लगी.
मुझे तभी अंदाजा हो गया कि सिमी सेक्स की बहुत प्यासी है और इसकी प्यास बुझाने के लिए मुझे लंबी पारी खेलनी पड़ेगी.
मैं अपना एक हाथ उसकी कमर से हटा कर उसके दाएं चूचे पर ले आया और उसे हल्के हल्के से दबाने लगा.
उसकी मादक सिसकारियां निकलने लगीं, उसने मेरे होंठ काट लिए.
इससे मुझे और जोश आ गया और मैं जोर जोर से उसके चुच्चे दबाने लगा.
वो होंठ छुड़ा कर बोली- उखाड़ ही लोगे क्या इनको … आराम से दबाओ ना, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं … और मेरे ये भी कहीं भाग कर नहीं जा रहे है, प्यार से दबाओ थोड़ा.
मैं- हां सॉरी जान, वो मुझे जोश इतना आ गया कि मुझसे काबू नहीं हुआ और मैं जोर जोर से दबाने लगा.
सिमी हंसती हुई बोली- अपना जोश बचाकर रखो बच्चू. सारा जोश यहीं निकाल दोगे तो आगे क्या करोगे.
मैं आंख मारते हुए बोला- तुम जोश की चिंता मत करो. जोश आगे के लिए तो है ही, पीछे के लिए भी काफी है.
सिमी मेरी इस डबल मीनिंग बात को समझ गई और शर्मा कर मेरे सीने में घुस गई.
मैं उसका चेहरा उठा कर उसे फिर से किस करने लगा और दोनों हाथों से उसके दोनों चूचे दबाने लगा.
धीरे धीरे में किस करते करते उसकी गर्दन तक आ गया और उसकी गर्दन और चूचों के बीच की घाटी के ऊपर तक किस करने लगा.
अब तक मेरे हाथ भी फिसल कर उसकी शर्ट के अन्दर से उसकी नंगी कमर में चलने लगे थे.
मेरे ऐसा करने से वो और गर्म हो गई और मुझे अपनी तरफ खींचने लगी.
मैंने अपने हाथ इसके पीछे ले जाकर एक ही झटके में उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
सिमी बोली- तुम तो काफी एक्सपीरियंस्ड लगते हो. कितनी खोली हैं अभी तक?
मैं- सपनों में तो बहुत सी, पर हकीकत में पहली बार खोल रहा हूं.
ऐसा कहकर में उसके चूचों को उसकी शर्ट के ऊपर से ही चूमने लगा.
वो आहें भरने लगी.
मैंने धीरे धीरे उसकी शर्ट को भी ऊपर करके उतार दिया तो उसने भी अपने हाथ ऊपर करने मेरा साथ दिया.
उसका बदन बहुत चिकना था, एकदम मलाई जैसा. मेरे हाथ तो समझो फिसल रहे थे.
मैंने उसकी लटकी हुई ब्रा उतार दी और उसके दोनों चूचों को आजाद कर दिया.
उसके गोरे चूचों को देखते ही मैं पागल हो गया और उन्हें बेतहाशा चूमने चूसने लगा.
वो भी पागल होने लगी और मेरा सिर अपने चूचों में घुसाने लगी.
पहले मैं उसके भूरे रंग के निप्पल को जीभ से छेड़ता, फिर पूरे निप्पल को मुँह में भरकर जोर जोर से चूसने लगता.
बार बार मेरे ऐसा करने से वो मेरी अदा की कायल हो गई और कहने लगी- आह हां चूसो इनको … आज खा ही जाओ … आज इनका पूरा रस निचोड़ दो … मैंने तुम्हारे लिए ही बचाकर रखे हैं.
ये सुनकर मैं और जोर से उसके चूचे चूसने लगा और दूसरे हाथ से उसका एक चूचा दबाने लगा.
फिर मैंने उसको लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उसकी आंखों में देखा, तो उसकी आंखों में वासना के लाल डोरे तैरने लगे थे.
वो काफी गर्म और उत्तेजित लग रही थी.
2-3 मिनट तक उसके चूचों को चूमने चूसने के बाद मैं उसके पेट पर अपने होंठ और जीभ फिराने लगा.
अपने दोनों हाथों से मैंने उसके दोनों चूचे थाम लिए और चूचे दबाते हुए मैं उसकी नाभि को किस करने लगा.
वो और गर्म होने लगी.
फिर मैं अपने हाथ उसकी जीन्स के बटन पर लाया और बटन खोल कर उसकी जीन्स निकाल दी.
अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लैक कलर की पैंटी में पड़ी थी.
मैंने एक बार उसे आंख भर के देखा.
उसका बदन चमक रहा था.
मेरे ऐसे देखने पर वो शर्मा गई और अपनी आंखें बंद करके उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
कुछ पल बाद मैंने अपने होंठ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिए.
उसकी चूत फूली हुई बिल्कुल पाव की तरह लग रही थी.
मैं अपने दांतों से उसकी पैंटी उतारने लगा, तो वो कसमसाने लगी.
सिमी- मुझे शर्म आ रही है, तुमने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और खुद अभी तक पूरे कपड़ों में हो.
मैं- तो ऐसा बोलो ना जान. अभी निकाल देता हूं.
मैंने अपनी अंडरवियर छोड़ कर सभी कपड़े निकाल दिए.
फ़्रेंची में मेरा उठा हुआ लंड बार बार ठुनक रहा था.
सिमी की आंखें मेरे लंड की तरफ टिक गईं तो मैंने उसकी तरफ देखते हुए अपने लंड को एक बार ठुनका दिया.
उसने मुस्कुरा कर मुँह फेर लिया.
मैं उसके पास को गया और उसको किस करके, उसके चूचे दबाने लगा.
फिर उसकी पैंटी को दांतों से पकड़ कर नीचे खींच दिया.
उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे. शायद उसने आज ही साफ किए थे.
चूत से भीनी भीनी खुशबू भी आ रहा थी.
मुझे रहा नहीं गया तो मैंने अपने होंठ उसकी सुलगती हुई भट्टी पर रख दिए और उसकी चूत को चूसने चाटने लगा.
मेरी इस हरकत से वो मचल उठी और मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी.
सिमी- आह आरव … ये क्या कर रहे हो. मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया. चाटो इसे … आंह और चाटो … और इसका सारा रस पी जाओ … आह.
मैं जोर जोर से उसकी चूत को चाटने लगा.
जब मैं चूत के दाने को मुँह के लेकर जोर चूसता और हल्का हल्का दांतों से काटता तो वो मचल उठती और अपने अपने हाथ बिस्तर पर पटकने लगती.
फिर 5 मिनट तक उसकी चूत चूसने के बाद मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली.
मेरी पूरी उंगली उसकी चूत में चली गई.
तब मुझे पता लगा, ये तो पहले से चुदी चुदाई है.
पर मैंने उस बात पर से ध्यान हटाते हुए अपने काम की तरफ ध्यान दिया.
एक उंगली के बाद अब मैंने एक और उंगली उसकी चूत में डाल दी और उसे 2 उंगलियों से जोर जोर से चोदने लगा.
एक हाथ से मैंने उसका चूचा पकड़ लिया और दूसरे हाथ की उंगलियों से जोर जोर से उसकी चूत चोदने लगा.
वो इस दोहरी मार को झेल नहीं पाई और दो ही मिनट में झड़ गई.
उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकला और चुतरस ने बेडशीट को भिगो दिया.
जब उसकी सांसें थोड़ी संयत हुईं तो मैंने उसको बेड पर बैठा दिया और खुद खड़ा होकर अपनी अंडरवियर नीचे उतार दी.
मैं अपने लंड को उसके होंठों पर फिराने लगा.
वो मेरा इरादा समझ गई पर उसने मेरा लंड मुँह में नहीं लिया.
सिमी- नहीं, मुझे उल्टी आती है. मैं मुँह में नहीं लूंगी. मैंने पहले कभी नहीं लिया है.
मैं- सिमी जान, प्लीज मान जाओ ना, बस एक बार मुँह में ले लो, देखो मैंने भी तो तुम्हारी चूत चूसी है.
सिमी- नहीं यार, मैं नहीं ले पाऊंगी.
फिर मुझे एक आइडिया आया.
मैं जो डेयरी मिल्क उसके लिए लाया था, उसको खोल कर थोड़ा अपने लंड पर लगाया और बोला- अब तो लोगी ना, तुम्हें तो डेयरी मिल्क भी बहुत पसंद है.
सिमी- तुम मानोगे नहीं ना!
मैंने ‘नहीं …’ में सिर हिलाया और अपने लंड को उसको होंठों पर लगा कर पुश करने लगा.
उसने पहले मेरा लंड पकड़ा और बोली- तुम्हारा ये बहुत कड़क है.
मैंने कहा- हां इसे और कड़क बना दो जान.
फिर उसने मुँह खोल कर लंड का सुपारा मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी.
खुदा कसम … क्या फीलिंग थी वो!
जब उसकी गर्म गर्म लार मेरे सुपारे पर लगती और उसकी गर्म जीभ मेरे सुपारे पर फिसलती तो लगता कि मैं जन्नत में पहुंच गया हूँ.
मेरे मुँह से एक आह निकली, मैंने उसके बाल पकड़े और आधा लंड उसके मुँह में ठूंस दिया.
उसे कोई परेशानी नहीं हुई और वो आराम से मेरा लंड चूसने लगी.
मैं- हां सिमी, बस ऐसे ही!
करीब 5-7 मिनट की जबरदस्त लंड चुसाई के बाद जब मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊंगा तो मैंने अपना लंड उसके मुँह के निकाल लिया था.
मेरे लंड का लाल सुपारा उसकी लार से गीला होने चमक रहा था.
फिर मैंने उसके चूचे दबाते हुए उसे किस किया और उसे वापस से गर्म करने लगा.
उसे वापस से गर्म होने में एक मिनट भी नहीं लगा.
उसकी चूत लगातार पानी बहा रही थी, मानो मुझे कह रही थी कि आ जाओ … समा जाओ मुझमें.
मैंने भी देर करना ठीक नहीं समझा और उसके टांगें मोड़ कर उसके ऊपर आ गया.
लंड को मैंने चूत के मुँह पर रखा और उसकी तरफ देखकर पूछा- डाल दूं?
उसने अपनी आंखों से इशारा करके मौन स्वीकृति दे दी.
मैं चुदाई के नशे में इतना खो गया था कि मुझे कंडोम लगाने की भी सुध नहीं रही.
मैं अपना लंड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा.
वो तड़पते हुए बोली- बस आरव … अब बर्दाश्त नहीं होता. अब चोद दो मुझे!
मैं- बस मेरी जान … अभी लो.
ये कहकर मैं लंड का टोपा उसकी चूत में घुसाने लगा तो उसकी सिसकारी निकल गई.
उसकी चूत अभी भी टाईट थी.
उसने अपने बैग से क्रीम निकाली और बोली- ये लगा लो.
मैंने उसी चूत पर थोड़ी क्रीम लगाई और लंड को अन्दर घुसाने लगा.
एक ही झटके में आधा लंड चूत के अन्दर चला गया.
उसके चेहरे पर दर्द के भाव नजर आने लगे.
सिमी- ऐसे बेरहमी से कोई घुसाता है क्या … फट जाएगी मेरी!
मैंने आव देखा ना ताव एक और जोरदार झटके में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से आंसू आने लगे.
वो रोने लगी और कहने लगी कि थोड़ा धीरे करो प्लीज.
मैंने उसकी बातों को अनसुना करके उसे कस लिया और लंबे लंबे धक्के देना शुरू कर दिए.
करीब 20-25 धक्कों के बाद लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा और सिमी को भी मज़ा आने लगा.
वो भी मेरे हर धक्के पर गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.
सिमी- आह आरव … आह कहां थे तुम इतने दिनों तक … चोदो मुझे … आआह आह.
मैं- बस मेरी जान अब मैं आ गया हूं ना … अब मैं ही चोदूंगा तुझे. चोद चोद कर तुम्हारी गांड फाड़ दूंगा.
सिमी- हां चोदो मुझे, जैसे चाहो वैसे चोदो. मजा आ रहा है आह!
कुछ मिनट तक मिशनरी पोजिशन में चुदाई करने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो झट से घोड़ी बन गई.
मैंने पीछे से उसके बाल पकड़े और उसकी चूत में लंड घुसा कर उसे चोदने लगा.
एक हाथ से मैंने उसकी मोटी गांड पर थप्पड़ मार मार कर उसे लाल कर दिया.
फिर मैंने इसी पोजिशन में आगे झुक कर उसके दोनों झूलते हुए चूचों को पकड़ लिया और कसकर चुदाई करने लगा.
करीब पांच मिनट डॉगी स्टाइल में चुदाई करते हुए सिमी झड़ने के नजदीक आ गई.
उसकी टांगें थरथराने लगीं.
सिमी- आंह और जोर से चोदो मुझे … मैं आने वाली हूं बस … आह्ह ह्ह.
मैं- आह बस मैं भी आने ही वाला हूं.
करीब 5-10 धक्के और लगाने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत से फव्वारा निकलना शुरू हो गया जो मेरे आंडों को भिगोने लगा.
उसी समय मेरा लावा भी उसकी चूत के अन्दर फट पड़ा.
तेज तेज 5-6 पिचकारियां छोड़ते हुए मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में भर दिया और उसके ऊपर ही ढेर हो गया.
हम दोनों ऐसे ही लेटे हुए अपनी सासें काबू में करने लगे.
इसी बीच मेरा लंड भी सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर निकाल आया.
उसकी चूत से हम दोनों के पानी का मिक्स बाहर टपक रहा था.
सिमी- आरव मुझे आज से पहले चुदाई में इतना मजा कभी नहीं आया. तुमने मुझे अपनी चुदाई का कायल बना दिया है.
मैं- जान अब में भी तेरा ही और मेरा लंड भी तेरा है. अब तू जहां कहेगी, वहीं तुझे चोद कर मजा दूंगा.
इस जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों ही थक गए थे और उसी पोजिशन में नंगे ही सो गए.
बाद में मैं 3 दिन जयपुर में रुका और कैसे उसकी गांड मारी और बाद में उसकी कजिन को भी चोदा, वो सब अगली चुदाई की कहानी में लिखूंगा.
दोस्तो, यह थी मेरी दोस्त लड़की की सेक्स कहानी. आशा करता हूं कि आप सबको पसंद आई होगी.
मेरी ये पहली कहानी है, तो कमियों के लिए माफी चाहता हूं.