नंगी लड़की की सेक्सी कहानी में पढ़ें कि मैंने मेरे साथ आयी लड़की को नंगी करके अपने दोनों दोस्तों को अंदर बुला लिया. हम तीनों ने उसके गर्म गोश्त का मजा कैसे लिया?
मेरी नंगी लड़की की सेक्सी कहानी के पिछले भाग
मज़हबी लड़की की चूत की प्यास-3
में आपने पढ़ा कि मैं मेरे साथ सिर्फ सेक्स के मकसद से आयी एक बुर्कानशीं लड़की को नंगी कर चुका था. वो गर्म होकर लंड मांग रही थी.
>”अब करो … फिर से गर्म हो गयी हूँ।” उसकी आंखों से वह भूख जाहिर होने लगी थी।
अब आगे की नंगी लड़की की सेक्सी कहानी:
“पर दिमाग को इस बात के लिये भी प्रीपेअर कर लो कि पीछे से भी होगा। चूंकि पहले कर चुकी हो तो अब एतराज नहीं होना चाहिये। दरअसल आजकल सब आगे पीछे दोनों तरफ से ही करते हैं … फिर तीन लोग हैं तो एकसाथ चढ़ने का मूड भी जरूर बनता है।”
“एक साथ?” वह कुछ उलझन में पड़ी।
“नीचे दो आगे पीछे से और एक ऊपर मुंह में … मतलब पोर्न में देखा होगा।”
“समझ रही हूँ … मतलब मेरी शामत आनी ही आनी है। चलिये करिये … देखते हैं।”< अब मैं उसके ऊपर लद गया और बारी-बारी उसके दोनों चूचुक चूसने और खींचने लगा। उसने होंठ भींच लिये और उसके शरीर में फिर अकड़न पैदा होने लगी … साथ ही अपने हाथों से उसे इधर-उधर से सहला भी रहा था।
“अब उन्हें बुलाता हूँ।” बीच में मुंह उठा कर मैंने कहा। उसने इस बात का जवाब तो नहीं दिया लेकिन प्रतिक्रिया में आंखें बंद करके चेहरा साईड में कर लिया कि जैसे उनसे आंखें न मिलाना चाहती हो। “आ जाओ बे!” मैंने थोड़ी ऊंची आवाज में कहा कि वे दोनों सुन लें और समझ लें कि उनकी एंट्री का वक्त हो गया। दोनों जैसे दरवाजे पर ही कान लगाये खड़े थे और इशारा पाते ही अंदर आ गये। हिना ने कुछ अतिरिक्त प्रतिक्रिया नहीं दी थी और वे दोनों गर्माये से पास आकर बैठ गये और हवस भरी निगाहों से उसके जिस्म को देखने लगे। अपने हिस्से की दारू तो वे पी चुके थे और मेरे लिये गिलास उनके हाथ में था जो उन्होंने मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैं गिलास ले कर साईड में हो गया कि अब वे दोनों थोड़ा मजा ले लें।
दोनों ने उसके नंगे बदन पे हाथ फिराये तो उसके शरीर में फिर कंपकंपी पैदा हुई। रोहित ने जहां उसके दूध मसले वहीं शिवम उसकी योनि को मसलने लगा। उसकी बड़ी-बड़ी कलिकायें उन्हें भी पसंद आई थीं। “कपड़े तो उतार दो बे हरामखोरों … क्यों उसकी इंसल्ट कर रहे हो!” मैंने हल्के से रोहित को लात मारते हुए कहा। दोनों का ध्यान इस बात पे गया कि वे अभी भी हमारी तरह नंगे नहीं हुए थे तो उन्होंने फटाफट अपने शरीर के कपड़े उतार फेंके।
नंगे होकर दोनों उसके आजू बाजू लेट गये और एक-एक दूध पर कब्जा कर लिया। दोनों हाथों से वे उन्हें दबा रहे थे और होंठों में घुंडियां फंसा कर चुभलाने लगे थे। मैंने गिलास साईड में रखा और फिर उसकी पूरी योनि मुट्ठी में भर कर मसलने लगा। उसकी शर्म उतरने लगी। उसने चेहरा सीधा कर लिया था और आंखें खोल ली थीं। उसने मुझे देखा तो मैंने इशारे में पूछा कि कैसा लग रहा है? तो वह मुस्करा कर रह गयी। भले यह चीज उसके लिये अनपेक्षित हो, भले उसने कभी इस स्थिति की कल्पना न की हो लेकिन शरीर यह सब कब सोचता है। उसे तीन नये जिस्मों का स्पर्श मिल रहा था और वह यकीनन उसे एक अलौकिक सुख से सराबोर कर रहा होगा। उन दोनों ने भी उसके सीधे हुए चेहरे और नशे में मदमस्त निगाहों को पढ़ लिया और पहले रोहित ऊपर खिसक कर उसके होंठों तक पहुंच गया। हिना ने इस बार कोई नखरे दिखाने के बजाय उसके होंठों को स्वीकार कर लिया और दोनों बेहद उत्तेजक अंदाज में एक प्रगाढ़ चुंबन में मस्त हो गये।
बिलकुल ऐसा लग रहा था जैसे दोनों प्रेमी-प्रेमिका हों। शिवम उसके दूध से उसी तरह खेलता रहा और मैं उसकी योनि से … कुछ देर बाद रोहित वापस नीचे आ गया तो शिवम ऊपर खिसक कर उसके होंठों तक पहुंच गया और अब वह उसके होंठों का मर्दन करने लगा और हिना उसके साथ भी ठीक उसी तरह सहयोग करने लगी जैसे रोहित के साथ कर रही थी। “इसके होंठ कितने सेक्सी हैं।” रोहित ने उखड़ती हुई सांसों के साथ कहा।
“चोद लो … इसीलिये तो हैं।” यानि सिग्नल ग्रीन था और इशारा मिलते ही वह अपना लिंग हाथ में थामे हिना के चेहरे तक पहुंच गया। उसे पहुंचते देख शिवम फिर नीचे सरक आया और इस बार वह उसकी छातियों पर नहीं रुका बल्कि सीधा नीचे उसकी योनि तक पहुंच गया। उसे वहां पहुंचते देख मैंने अपना हाथ हटा लिया और शिवम उसके मोटे-मोटे भगोष्ठों को मुंह में भर कर खींचने लगा। साथ ही उसने एक उंगली उसके छेद की गहराई में उतार दी थी और उंगली से उसे चोदने लगा था।
जबकि रोहित के मोटे लंबे लिंग को देख कर हिना की आंखों में एकदम चमक आ गयी थी और इस बार उसने वह झिझक भी नहीं दिखाई जो मेरा सामान मुंह में लेते वक्त दिखाई थी, बल्कि तत्काल उसे स्वीकार कर लिया और मुंह में सख्ती से दबोच लिया। रोहित सिसकारते हुए धीरे-धीरे उसके मुंह को चोदने लगा। मुझे दोनों चूचे खाली मिल गये थे तो मैं उन पर टूट पड़ा और उन्हें दबाते मसलते हुए घुंडियों को चूसने लगा।
फिर उन दोनों ने जगह बदल ली और रोहित नीचे जा कर हिना की योनि से खेलने लगा और शिवम ऊपर उसके मुंह के पास आकर अपने सख्त हो चुके लिंग से उसके मुंह को चोदने लगा। इस वक्त हिना बिलकुल किसी पोर्न एक्ट्रेस की तरह बिहैव कर रही थी। शायद उसके दिमाग से बाकी सारी बातें निकल गयी थीं और रह गयी थी तो बस यह बात कि वह एक मादा थी जिसे तीन नर मिल कर एकसाथ शारीरिक सुख दे रहे थे। “मस्त है यार … चूत भी कसी हुई है।”
थोड़ी देर बाद रोहित ने कहा। “चूसती भी बढ़िया है … इससे तो खाली ब्लोजॉब भी लिया जा सकता है। जी कर रहा है कि मुंह में ही झड़ जाऊं।” शिवम भी जोश में भरा हुआ बोला। “झड़ जाओ न … कोई बंदिश नहीं … मुंह में झड़ो, चूत में झड़ो या गांड में झड़ जाओ। फिलहाल जैसे चाहो चोदो. वह हर किसी तरह राजी है।” “तुझे मिल भी जाती हैं खूब भोसड़ी के … हमें तो पटानी पड़ती है।” “जलो मत … मुझे मिलती हैं तो तुम लोगों के साथ बांट भी लेता हूँ।
तुम तो साले वह भी नहीं करते।” “ऐसी खुले दिल वाली मिलती किधर अपने को!” “एनी वे, तमाशा बहुत हो गया। अब चोदते हैं … तुम बताओ हिना, पहले कैसे पसंद करोगी?” “एक एक करके!” कहते वक्त वह कुछ शर्मा सी गयी थी। “तुम लोग साईड में हो बे … पहले मैं छेद ढीला करता हूँ।” मैंने बेड से नीचे उतरते हुए कहा। दोनों शराफत से उससे अलग हो गये … जंगलीपन दिखाने से अच्छा था कि सामने वाले की इच्छा का सम्मान करते हुए इत्मीनान से चोदा जाये।
यह बात वे समझते थे। मैंने टांगों से पकड़ कर हिना को बेड के इतने किनारे पर खींच लिया कि उसके चूतड़ गद्दे की कगार पे आ गये। फिर उसके घुटने मोड़ कर पैर पीछे कर दिये और यूं उसकी योनि एकदम उभर कर सामने आ गयी। वह काम रस और हमारी लार से इतनी गीली हो चुकी थी कि अब एक्स्ट्रा लुब्रिकेंट की कोई जरूरत ही नहीं थी। मैं एक हाथ से उसके भगोष्ठ सहलाते दूसरे हाथ से अपना लिंग पकड़ कर उसकी योनि की पूरी लंबाई में ऊपर नीचे करने लगा।
उसके चेहरे से दिख रहा था कि वह काफी गर्म हो चुकी थी और जैसे आंखों ही आंखों में कह रही थी कि अब बस पेल दो। फिर मैंने मुंह में लार बनाई और उसे हाथ में ले कर अपने लिंग के ऊपरी भाग पर मलते हुए उसे और चिकना कर लिया। तत्पश्चात, उसकी नोक हिना की योनि के निचले हिस्से पर टिकाई और उसे दबाने लगा।
योनि की मांसपेशियों पर जोर पड़ा तो वे फैल गयीं और टोपी फिसल कर अंदर सरक गयी। वह जोर से सिसकारी … पास में बैठे दोनों भूखे भेड़िये अपने लिंग सहलाते उसके बदन की जैसे हर हरकत पे गौर कर रहे थे। सुपारा घुसा तो नीचे की तरफ रुख रखते कमर से जोर लगाया। सख्त रही कसी दीवारें जैसे चिरती हुई परे सरकती चली गयीं और पूरा लिंग जड़ तक अंदर घुसकर गायब हो गया। मैंने एडजस्ट होने के लिये थोड़ा वक्त दिया और उस पर झुक कर उसकी घुंडियों को खींचने लगा।
उसने भी उल्टे हाथ से अपनी एक चूची मसलने के साथ सीधे हाथ से अपने भगांकुर को सहलाना शुरू कर दिया था। एक मिनट बाद मैं सीधा हुआ और लिंग को वापस बाहर निकाला। वह रस से नहाया चमक रहा था … इससे पहले रस सूखता, उसे वापस उसी तरह अंदर धंसा दिया। इस बार पहले की अपेक्षा कुछ आसानी से गया और अपने हाथ उसकी जांघों पर टिका कर बड़ी आराम से धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। योनि एडजस्ट हो गयी और तो उसने अपना हाथ हटा लिया और अब आंखें बंद कर के धीरे-धीरे सिसकारने लगी। “जोर-जोर से पेल न बे!” शिवम ने उकसाने की गरज से कहा।
“शुरुआत में ऐसे ही ठीक है … थोड़ी ठीक से चलने लगे तब जोर की पेलाई होगी।” मेरी बात पर हिना के होंठों पर मुस्कान आ गयी थी लेकिन अपनी तरफ से न वह कुछ बोली और न आंखें खोलीं। मैंने वैसे ही धीरे-धीरे उसे चोदना जारी रखा। थोड़ी देर तो खड़े-खड़े चोदा और फिर अपना वजन कोहनियों पर रखते उस पर लद गया और अपना चेहरा उसके चेहरे के एकदम पास ले आया कि हमारी गर्म-गर्म सांसें एक दूसरे से टकराने लगीं। उसने भी अपने हाथ मेरी पीठ पर पहुंचा लिये थे और धीरे-धीरे मेरी पीठ सहलाने लगी थी। “कैसा लग रहा है?” मैंने उसके होंठों को चूसने के बाद उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा।
“बहुत अच्छा … पहले से थोड़ा अलग।” उसने भी आहिस्ता से कहा। “किस एतबार से?” “पहले कोई देख नहीं रहा था और अब दो लोग देख रहे हैं कि मेरे साथ क्या हो रहा है।” “क्या हो रहा है तुम्हारे साथ?” बोलने के बजाय वह कुछ शर्मा गयी। “शर्माओ मत … ऐसे वक्त में खुल कर बात करो तो थोड़ा और मजा बढ़ जाता है। मत सोचो कि कुछ याद रखा जायेगा। हमें बाद में कुछ नहीं याद रहता।” “मुझे तो रहेगा।” “तो अच्छा है न तुम्हारे लिये … जब भी याद करोगी, गीली हो जाओगी।” वह चुप हो कर अपनी योनि की गहराई में उतरते लिंग के घर्षण को महसूस करने लगी। “बताओ न, क्या हो रहा है तुम्हारे साथ?” मैंने उसे फिर छेड़ा। “मेरी चुदाई हो रही है।” उसने कुछ शर्माते हुए कहा। “शाबाश … सेक्स का मजा बेशर्मी में है।
शर्मा के सेक्स अपने मियां के साथ करना। वहां मसला और होगा … यहां तो खुल कर एंजाय करो।” “हम्म।” वह सिसकारते हुए बोली। “अब दूसरा औजार लो अंदर।” मैं उठते हुए बोला। वह चुप रही … सीधे होने के बाद मैंने उसकी जांघों पर दबाव बना कर कुछ जोरदार धक्के लगाये। फच्च-फच्च की मधुर आवाज गूंजी और उसके मुंह से भी ‘आह-आह’ की ध्वनि उच्चारित हुई। फिर मैंने लिंग बाहर निकाल लिया। “अब दूसरा सामान अलग स्टाईल से लो … रोहित तू सीधे लेट और तुम इसके ऊपर बैठ कर इसके सामान को अंदर लो। कम ऑन, शर्माओ मत अब। रात को सब सोच-सोच कर शर्मा लेना।
अभी तो बस मजे लो।” मैंने उसे उठाते हुए कहा। हालांकि उसमें अभी भी झिझक थी और चेहरे से ही सकुचाहट जाहिर हो रही थी … पर उठ खड़ी हुई थी और रोहित पीठ के बल लेट गया था। उसका लिंग कुछ मुरझा गया था इतनी देर में। “इसे पहले तैयार कर लो … थोड़ा मुंह का इस्तेमाल करो और थोड़ा हाथ से उसके बाल सहलाओ।” वह फिर थोड़ा शर्माई लेकिन फिर हिम्मत कर के रोहित के लिंग पर झुक गयी और उसे मुंह में ले कर चूसने लगी।
साथ ही अपनी उंगलियां उसके अंडकोषों पर फिराने लगी थी। उसके झुकने की वजह से उसकी शानदार योनि शिवम के मुंह पर पहुंच गयी थी और वह उसे उंगलियों से सहलाने लगा था जो बुरी तरह गीली हो रही थी अब। “अब बैठो इस पे।” रोहित के लिंग में कड़ापन आते देख मैंने हिना की पीठ थपथपाई। वह उठ खड़ी हुई और रोहित के ऊपर आ गयी। उसने अपनी पीठ रोहित के चेहरे की तरफ रखते, घुटने मोड़ते खुद को इतना झुकाया कि उसकी योनि रोहित के लिंग तक पहुंच गयी। फिर उसने खुद से पेट पर गिरे उसके स्थूलकाय लिंग को उठाया जिसे उसने अपनी लार से अच्छी तरह गीला और चिकना कर दिया था और उसे अपनी योनि के छेद से सटा कर मेरी तरफ देखा। “धीरे-धीरे नीचे दबाओ … आराम से अंदर लो।
” मैंने उसे प्रोत्साहन देते हुए कहा। उसने खुद को नीचे दबाया और रोहित का टमाटर जैसा सुपारा उसके छेद में फंस गया। फिर उसने अपने हाथ पीछे रोहित के सीने पर टिका लिये और पीछे की तरफ झुक गयी। रोहित का सुपारा अंदर सरकने लगा उसकी योनि की चिकनाई, रस छोड़ती दीवारों को सरकाते और उसके चेहरे पर हल्के दर्द के लक्षण उभर आये। नंगी लड़की की सेक्सी कहानी के बारे में आप अपनी राय से मुझे मेरी मेल आईडी या फेसबुक पर अवगत करा सकते हैं.
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