मैंने कहा- यार नगमा मैं दो दिन से लण्ड के लिए तड़प रही हूँ. मुझे अभी तक कोई लण्ड नहीं मिला. मेरे घर में कोई नहीं है और मैं यहाँ अकेली बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ रही हूँ. गली मोहल्ले का भी कोई लौड़ा मेरे सामने नहीं आया. दो दिन से न कोई दूध वाला आया और न कोई सब्जी वाला! अगर आया होता तो मैं खुद ही उसका लण्ड लपक कर पकड़ लेती. यार कुछ करो न … मेरी चूत में आग लगी हुई है बहनचोद. कोई 60-70 साल का बुड्ढा भी नहीं मिला बहन चोद! अगर मिला होता तो उसी के लण्ड से काम चला लेती!
वह बोली- हां यार, याद आया एक ६५ साल का बुड्ढा है तो, पर पता नहीं कि उसका लण्ड कटा है या समूचा?
मैंने कहा- यार मुझे लण्ड चाहिए, कटा फटा होगा तो भी चलेगा. बुड्ढा होगा तो भी चलेगा. लण्ड तो है न उसके पास? मैं उसी लण्ड से अपनी तसल्ली कर लूंगी.
वह बोली- मैं तो उसका नाम भी नहीं जानती हूँ यार! पर है साला बड़ा हैंडसम. वह कल मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा था, तभी मैंने उसे देखा था. उसका लण्ड भी देखा था. लण्ड साला इतना तन कर खड़ा हुआ था, लण्ड का सुपारा बाहर निकला हुआ इतना चमक रहा था कि समझ में नहीं आया कि लण्ड कटा है या समूचा. मैं तो उसके लण्ड पर फ़िदा हो गई. मेरी खाला के पास उसका नंबर जरूर होगा. मैं अभी जाकर उसे तेरे पास भेजती हूँ. तुम खुद ही देख लेना की वह तुझे ठीक से चोद पायेगा की नहीं!
मैंने कहा- जब वह तेरी खाला का भोसड़ा चोद सकता है तो मेरी भी बुर भी मजे से चोद लेगा. यार उसको जल्दी भेजो. इसके अलावा तेरी जान पहचान का कोई और लण्ड हो तो उसे भी भेज दो. मैं सच में लण्ड के लिए मरी जा रही हूँ.
नगमा वादा करके चली गयी.
अब आगे है ओल्ड मैन सेक्स का मजा!
मैंने इधर बाथरूम जाकर अपने झांटें साफ़ की और नहा धोकर बाहर निकल आयी.
मेरा गोरा बदन बड़ा चमक रहा था.
मैंने अपना पेटीकोट ऊपर अपनी चूचियों तक खींच रखा था.
नीचे मेरी टाँगें घुटनों तक खुली थीं. मैं अंदर से बिल्कुल नंगी थी.
एक अदना पेटीकोट से मेरे मम्मे, मेरी चूत और मेरी गांड छिपी हुई थी.
मेरी बाहें एकदम खुली हुई थीं.
मेरे गीले बालों से धीरे धीरे पानी टपक रहा था.
बड़ी रोमांटिक हो रही थी मैं!
तभी अचानक किसी ने डोर बेल बजा दी.
मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो सामने एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था.
वह बोला- मैं ताहिर हूँ और रेशमा से मिलना चाहता हूँ. मुझे नगमा ने भेजा है.
मैं समझ गई कि नगमा ने अपना काम कर दिया. मेरा चेहरा खिल उठा.
मैंने उसे बड़े प्यार और आदर से अंदर बैठाया और कहा- मैं ही रेशमा हूँ. आप बैठिये मैं अभी कपड़े बदल कर आती हूँ.
वह बोला- कपड़े बदलने की कोई जरुरत नहीं है रेशमा … तुम तो ऐसे ही बड़ी खूबसूरत लग रही हो. बैठो न प्लीज!
मैं चुपचाप उसके सामने कुर्सी पर बैठ गयी.
वह मुझे एकटक देखने लगा और मैं उसे!
मैं तो उसका लण्ड पकड़ कर देखने के लिए बेताब थी और वह भी शायद मुझे पूरी तरह नंगी देखने के मूड में था.
बार बार मैं अपने पेटीकोट की लास्टिक खींच खींच कर ऊपर कर रही थी.
मैंने सोचा कि कहीं मेरा पेटीकोट नीचे न खसक जाए और मेरे मम्मे नंगे हो जायें.
मैं अपनी टांग दूसरी टांग पर रखे हुए थी कि कहीं उसे मेरी चूत की झलक न मिल जाए.
मैं चाहती तो थी उसके आगे एकदम नंगी होना … पर पहले मैं उसके लण्ड में आग लगाना चाहती थी.
कुछ देर बाद मैं उठी और बोली- मैं अभी आती हूँ.
बस मैं अंदर गई और मैक्सी पहन कर आ गई जिससे मेरे बड़े बड़े मम्मों की झलक उसे बड़ी आसानी से मिल रही थी.
मैं बार बार उठ कर जाती आती तो उसको मेरी सेक्सी गांड की भी झलक दिखाई पड़ने लगती.
मैंने देखा कि उसके पाजामे के अंदर उसका लण्ड खड़ा हुआ है.
पर लण्ड की साइज का कुछ अंदाज़ा नहीं लग रहा था.
मैंने जान बूझ कर उससे सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, मैंने पूछा- अंकल, नगमा को आप कैसे जानते हैं?
वह बोला- नगमा की खाला से मेरे जिस्मानी रिश्ते हैं. तभी मैंने नगमा को एक दिन देखा था.
मैंने पूछा- अच्छा तो फिर नगमा से जिस्मानी रिश्ते क्यों नहीं है? वह भी तो जवान हो गई है!
वह बोला- अभी नगमा से नहीं हुए सम्बन्ध लेकिन नगमा की खाला की बेटी से भी मेरे जिस्मानी रिश्ते हैं.
मैंने कहा- अच्छा तो इसका मतलब माँ बेटी दोनों से जिस्मानी रिश्ते हैं तुम्हारे?
वह बोला- हां सच कहा तुमने रेशमा.
मैंने फिर खुल कर कहा- तब तो तुम भोसड़ी के बड़े हरामजादे हो अंकल? माँ भी चोदते हो, माँ की बेटी भी चोदते हो? मुझे लगता है कि तुम्हारा लण्ड बहनचोद तुमसे ज्यादा हरामजादा है.
मेरी खुली खुली बातों और गालियों से उसके लण्ड में आग लग गयी.
वह बोला- रेशमा तुम बहुत बोल्ड लड़की हो. मुझे ऐसी ही लड़कियां पसंद हैं जो तुम्हारी तरह एकदम खुल्लम खुल्ला सेक्स की बातें करतीं हो.
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच कर कहा- तुम तो एकदम पटाका हो रेशमा. मेरा दिल तुम पर आ गया है. मैं तुम्हारी जैसी ही लड़कियों से सेक्स करना पसंद करता हूँ.
ताहिर अंकल ने मेरी चुम्मी ले ली, मेरे मम्मे दबा दिये और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरकर बोला- तुम्हारे आगे नगमा की खाला कुछ नहीं है. उसकी बेटी से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत हो तुम! मैं तुम्हें बिल्कुल नंगी देखना चाहता हूँ, रेशमा! तुम्हारा जिस्म बड़ा मादक है यार … मैं तो बिल्कुल पागल हो रहा हूँ.
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी.
मेरा निशाना तो उसका लण्ड था.
उसने इतने में मेरी मैक्सी खोल दी तो मैं मादरचोद उसके सामने बिल्कुल नंगी हो गई.
वह बोला- माशाल्ला क्या मस्त चीज हो तुम रेशमा? नंगी नंगी और ज्यादा खूबसूरत लग रही हो तुम! तेरे जैसी मस्तानी लड़की मैंने आजतक नहीं देखी.
फिर मुझे भी जोश आ गया, मैंने भी उसके कपड़े उतारे.
उसके पाजामे का नाड़ा जब खोला तो पजामा धड़ाम से नीचे गिर गया.
उसका खड़ा टनटनाता हुआ लण्ड मेरे सामने नंगा हो गया.
मैंने लपक कर पकड़ लिया लण्ड!
मन में मैंने कहा- बाप रे बाप … 65 साल के बुड्ढे का इतना बड़ा और इतना मोटा लण्ड?
मैं लण्ड देख कर उसी में खो गई.
मैंने कभी इतना बड़ा लण्ड देखा ही नहीं था. मैंने इंची टेप से लण्ड का साइज नापा तो वह 9″ का निकला.
मैं समझ गई कि नगमा बुरचोदी इसके लण्ड पर क्यों मर मिटी!
मैंने बड़े प्यार और मस्ती से लण्ड पकड़ कर कहा- वाओ क्या मस्त लौड़ा है तेरा भोसड़ी के अंकल! तू मादरचोद इसी लण्ड पर इतराता है न? आज मैं तेरे लण्ड की चटनी बनाऊंगी. समझे अंकल तेरी लण्ड की बहन का भोसड़ा!
मुझे उसके लण्ड पर प्यार आ गया और मैंने बड़े प्यार से लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले लीं.
मैं मस्ती से उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा.
मुझे उसके लण्ड का टोपा बड़ा मज़ा दे रहा था. एकदम लाल टमाटर जैसा लण्ड का टोपा मेरे दिल में घुस गया बहनचोद!
वह भी मेरी बुर चाट ही नहीं रहा था बल्कि अपनी जबान से मेरी बुर चोद रहा था.
किसी मर्द की जुबान से बुर चुदवाने का मज़ा मैं पहली बार ले रही थी.
मेरे भोसड़ी वाले मियां ने भी कभी मेरी इतनी मस्ती दे नहीं चाटी बुर जितनी मस्ती से अंकल चाट रहा था.
फिर कुछ देर बाद वह एकदम चित लेट गया और बोला- हाय मेरी रानी, रेशमा तू मेरे लण्ड पर बैठ जा. तेरे चूतड़ तेरी गांड मुझे बड़ी अच्छी लग रही है. तू चिंता न कर मैं तेरी गांड नहीं मारूगा तेरी बुर चोदूंगा लेकिन तुझे लण्ड पर बैठा कर!
मैं भी ख़ुशी ख़ुशी उसके लण्ड पर बैठ गयी तो लण्ड गच्च से पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया.
वह बोला- मुझे लड़कियों को लण्ड पर बैठाने में बड़ा मज़ा आता है.
मैंने कहा- मुझे भी लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आता है अंकल. अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड!
मैं अपनी गांड उठा कर उसके लण्ड पर पटकने लगी. मैं आगे झुकी हुई थी तो वह मेरे उछलते हुए मम्मे देख देख कर बड़ा खुश होने लगा.
वह भी अपनी गांड से जोर लगा लगा कर मुझसे मजे से अपना लण्ड चुदवाने लगा.
कुछ देर बाद वह अचानक ऊपर उठा और मुझे नीचे कर दिया, मेरे ऊपर चढ़ बैठा और मेरी चूत में पेल दिया लण्ड तो मैं भी कमर मटका मटका कर चुदवाने लगी.
बड़ा पावरफुल था उसका लण्ड! ओल्ड मैन सेक्स का पूरा तजुर्बेकार था.
वह बोला- तू मादरचोद रेशमा बड़ी मस्त चीज है. तेरी जैसी चूत मुझे कभी नहीं मिली. क्या मस्तानी चूत है तेरी! नगमा की खाला की बेटी की चूत इतनी अच्छी नहीं है. अब मैं तुझे छोडूंगा नहीं जब भी इधर आऊंगा तुझे चोद कर ही जाऊंगा. एकदम टाइट, एकदम सख़्त, एकदम मक्खन मलाई है तेरी चूत रेशमा! तेरी माँ का भोसड़ा भी ऐसा ही होगा बुरचोदी रेशमा. किसी दिन तेरी माँ चोदूंगा मैं!
वह धक्के पे धक्के मारे जा रहा था.
मैं हैरान थी कि इतने बुड्ढे आदमी के लण्ड में इतनी ताकत कहाँ से आ गई?
मैंने कहा- हां हां … कभी मेरी माँ भी चोद लेना.
कुछ देर बाद वह मुझे कुतिया बनाकर पीछे से चोदने लगा.
मुझे हर तरफ से उससे चुदवाने में मज़ा आने लगा.
मैं बोलने लगी- वाओ … बड़ा मज़ा आ रहा है. हाय रे … मुझे खूब रंडी की तरह चोदो. आहां हीं हो हूँऊँ हो उफ़ … क्या मस्त लौड़ा है यार! ओहो हय हूँ ऊँ हो … तू साला हरामजादा … तेरी बिटिया की बुर, साली मेरी चूत फटी जा रही है यार! कितना मजेदार है तेरा लौड़ा बहनचोद, बुर फटी जा रही है. हाय रब्बा मुझे किसी ने ऐसे किसी ने भी नहीं चोदा. तू जितना बुड्ढा है तेरा लण्ड उतना ही जवान है. साला बिना रुके चोदे जा रहा है. हहो होह उई माँ मर गई मैं … इज़्ज़त लूट ली … पूरा लौड़ा पेल दिया. इसने तो तेरी बेटी की फाड़ डाली चूत अम्मी जान. तू अपना भोसड़ा संभाल रख … नहीं तो तेरा भोसड़ा भी फाड़ डालेगा.
मैं मस्ती में कुछ भी अल्लम गल्लम बोले जा रही थी.
इतने में मेरी चूत खलास हो गई, निकल गई चूत की गर्मी, गीली हो गई मेरी बुर!
मगर उसका लण्ड साला तना हुआ था.
फिर मैं घूम कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी. जोर जोर से मुट्ठ मारने लगी तब कहीं जाकर वह झड़ा.
वह चोद कर गया और मैं भी चुदवाकर कर मस्त हो गई.
मैंने कहा- यार नगमा मैं दो दिन से लण्ड के लिए तड़प रही हूँ. मुझे अभी तक कोई लण्ड नहीं मिला. मेरे घर में कोई नहीं है और मैं यहाँ अकेली बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ रही हूँ. गली मोहल्ले का भी कोई लौड़ा मेरे सामने नहीं आया. दो दिन से न कोई दूध वाला आया और न कोई सब्जी वाला! अगर आया होता तो मैं खुद ही उसका लण्ड लपक कर पकड़ लेती. यार कुछ करो न … मेरी चूत में आग लगी हुई है बहनचोद. कोई 60-70 साल का बुड्ढा भी नहीं मिला बहन चोद! अगर मिला होता तो उसी के लण्ड से काम चला लेती!
वह बोली- हां यार, याद आया एक ६५ साल का बुड्ढा है तो, पर पता नहीं कि उसका लण्ड कटा है या समूचा?
मैंने कहा- यार मुझे लण्ड चाहिए, कटा फटा होगा तो भी चलेगा. बुड्ढा होगा तो भी चलेगा. लण्ड तो है न उसके पास? मैं उसी लण्ड से अपनी तसल्ली कर लूंगी.
वह बोली- मैं तो उसका नाम भी नहीं जानती हूँ यार! पर है साला बड़ा हैंडसम. वह कल मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा था, तभी मैंने उसे देखा था. उसका लण्ड भी देखा था. लण्ड साला इतना तन कर खड़ा हुआ था, लण्ड का सुपारा बाहर निकला हुआ इतना चमक रहा था कि समझ में नहीं आया कि लण्ड कटा है या समूचा. मैं तो उसके लण्ड पर फ़िदा हो गई. मेरी खाला के पास उसका नंबर जरूर होगा. मैं अभी जाकर उसे तेरे पास भेजती हूँ. तुम खुद ही देख लेना की वह तुझे ठीक से चोद पायेगा की नहीं!
मैंने कहा- जब वह तेरी खाला का भोसड़ा चोद सकता है तो मेरी भी बुर भी मजे से चोद लेगा. यार उसको जल्दी भेजो. इसके अलावा तेरी जान पहचान का कोई और लण्ड हो तो उसे भी भेज दो. मैं सच में लण्ड के लिए मरी जा रही हूँ.
नगमा वादा करके चली गयी.
अब आगे है ओल्ड मैन सेक्स का मजा!
मैंने इधर बाथरूम जाकर अपने झांटें साफ़ की और नहा धोकर बाहर निकल आयी.
मेरा गोरा बदन बड़ा चमक रहा था.
मैंने अपना पेटीकोट ऊपर अपनी चूचियों तक खींच रखा था.
नीचे मेरी टाँगें घुटनों तक खुली थीं. मैं अंदर से बिल्कुल नंगी थी.
एक अदना पेटीकोट से मेरे मम्मे, मेरी चूत और मेरी गांड छिपी हुई थी.
मेरी बाहें एकदम खुली हुई थीं.
मेरे गीले बालों से धीरे धीरे पानी टपक रहा था.
बड़ी रोमांटिक हो रही थी मैं!
तभी अचानक किसी ने डोर बेल बजा दी.
मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो सामने एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था.
वह बोला- मैं ताहिर हूँ और रेशमा से मिलना चाहता हूँ. मुझे नगमा ने भेजा है.
मैं समझ गई कि नगमा ने अपना काम कर दिया. मेरा चेहरा खिल उठा.
मैंने उसे बड़े प्यार और आदर से अंदर बैठाया और कहा- मैं ही रेशमा हूँ. आप बैठिये मैं अभी कपड़े बदल कर आती हूँ.
वह बोला- कपड़े बदलने की कोई जरुरत नहीं है रेशमा … तुम तो ऐसे ही बड़ी खूबसूरत लग रही हो. बैठो न प्लीज!
मैं चुपचाप उसके सामने कुर्सी पर बैठ गयी.
वह मुझे एकटक देखने लगा और मैं उसे!
मैं तो उसका लण्ड पकड़ कर देखने के लिए बेताब थी और वह भी शायद मुझे पूरी तरह नंगी देखने के मूड में था.
बार बार मैं अपने पेटीकोट की लास्टिक खींच खींच कर ऊपर कर रही थी.
मैंने सोचा कि कहीं मेरा पेटीकोट नीचे न खसक जाए और मेरे मम्मे नंगे हो जायें.
मैं अपनी टांग दूसरी टांग पर रखे हुए थी कि कहीं उसे मेरी चूत की झलक न मिल जाए.
मैं चाहती तो थी उसके आगे एकदम नंगी होना … पर पहले मैं उसके लण्ड में आग लगाना चाहती थी.
कुछ देर बाद मैं उठी और बोली- मैं अभी आती हूँ.
बस मैं अंदर गई और मैक्सी पहन कर आ गई जिससे मेरे बड़े बड़े मम्मों की झलक उसे बड़ी आसानी से मिल रही थी.
मैं बार बार उठ कर जाती आती तो उसको मेरी सेक्सी गांड की भी झलक दिखाई पड़ने लगती.
मैंने देखा कि उसके पाजामे के अंदर उसका लण्ड खड़ा हुआ है.
पर लण्ड की साइज का कुछ अंदाज़ा नहीं लग रहा था.
मैंने जान बूझ कर उससे सेक्सी बातें करना शुरू कर दिया, मैंने पूछा- अंकल, नगमा को आप कैसे जानते हैं?
वह बोला- नगमा की खाला से मेरे जिस्मानी रिश्ते हैं. तभी मैंने नगमा को एक दिन देखा था.
मैंने पूछा- अच्छा तो फिर नगमा से जिस्मानी रिश्ते क्यों नहीं है? वह भी तो जवान हो गई है!
वह बोला- अभी नगमा से नहीं हुए सम्बन्ध लेकिन नगमा की खाला की बेटी से भी मेरे जिस्मानी रिश्ते हैं.
मैंने कहा- अच्छा तो इसका मतलब माँ बेटी दोनों से जिस्मानी रिश्ते हैं तुम्हारे?
वह बोला- हां सच कहा तुमने रेशमा.
मैंने फिर खुल कर कहा- तब तो तुम भोसड़ी के बड़े हरामजादे हो अंकल? माँ भी चोदते हो, माँ की बेटी भी चोदते हो? मुझे लगता है कि तुम्हारा लण्ड बहनचोद तुमसे ज्यादा हरामजादा है.
मेरी खुली खुली बातों और गालियों से उसके लण्ड में आग लग गयी.
वह बोला- रेशमा तुम बहुत बोल्ड लड़की हो. मुझे ऐसी ही लड़कियां पसंद हैं जो तुम्हारी तरह एकदम खुल्लम खुल्ला सेक्स की बातें करतीं हो.
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच कर कहा- तुम तो एकदम पटाका हो रेशमा. मेरा दिल तुम पर आ गया है. मैं तुम्हारी जैसी ही लड़कियों से सेक्स करना पसंद करता हूँ.
ताहिर अंकल ने मेरी चुम्मी ले ली, मेरे मम्मे दबा दिये और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरकर बोला- तुम्हारे आगे नगमा की खाला कुछ नहीं है. उसकी बेटी से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत हो तुम! मैं तुम्हें बिल्कुल नंगी देखना चाहता हूँ, रेशमा! तुम्हारा जिस्म बड़ा मादक है यार … मैं तो बिल्कुल पागल हो रहा हूँ.
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी.
मेरा निशाना तो उसका लण्ड था.
उसने इतने में मेरी मैक्सी खोल दी तो मैं मादरचोद उसके सामने बिल्कुल नंगी हो गई.
वह बोला- माशाल्ला क्या मस्त चीज हो तुम रेशमा? नंगी नंगी और ज्यादा खूबसूरत लग रही हो तुम! तेरे जैसी मस्तानी लड़की मैंने आजतक नहीं देखी.
फिर मुझे भी जोश आ गया, मैंने भी उसके कपड़े उतारे.
उसके पाजामे का नाड़ा जब खोला तो पजामा धड़ाम से नीचे गिर गया.
उसका खड़ा टनटनाता हुआ लण्ड मेरे सामने नंगा हो गया.
मैंने लपक कर पकड़ लिया लण्ड!
मन में मैंने कहा- बाप रे बाप … 65 साल के बुड्ढे का इतना बड़ा और इतना मोटा लण्ड?
मैं लण्ड देख कर उसी में खो गई.
मैंने कभी इतना बड़ा लण्ड देखा ही नहीं था. मैंने इंची टेप से लण्ड का साइज नापा तो वह 9″ का निकला.
मैं समझ गई कि नगमा बुरचोदी इसके लण्ड पर क्यों मर मिटी!
मैंने बड़े प्यार और मस्ती से लण्ड पकड़ कर कहा- वाओ क्या मस्त लौड़ा है तेरा भोसड़ी के अंकल! तू मादरचोद इसी लण्ड पर इतराता है न? आज मैं तेरे लण्ड की चटनी बनाऊंगी. समझे अंकल तेरी लण्ड की बहन का भोसड़ा!
मुझे उसके लण्ड पर प्यार आ गया और मैंने बड़े प्यार से लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले लीं.
मैं मस्ती से उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा.
मुझे उसके लण्ड का टोपा बड़ा मज़ा दे रहा था. एकदम लाल टमाटर जैसा लण्ड का टोपा मेरे दिल में घुस गया बहनचोद!
वह भी मेरी बुर चाट ही नहीं रहा था बल्कि अपनी जबान से मेरी बुर चोद रहा था.
किसी मर्द की जुबान से बुर चुदवाने का मज़ा मैं पहली बार ले रही थी.
मेरे भोसड़ी वाले मियां ने भी कभी मेरी इतनी मस्ती दे नहीं चाटी बुर जितनी मस्ती से अंकल चाट रहा था.
फिर कुछ देर बाद वह एकदम चित लेट गया और बोला- हाय मेरी रानी, रेशमा तू मेरे लण्ड पर बैठ जा. तेरे चूतड़ तेरी गांड मुझे बड़ी अच्छी लग रही है. तू चिंता न कर मैं तेरी गांड नहीं मारूगा तेरी बुर चोदूंगा लेकिन तुझे लण्ड पर बैठा कर!
मैं भी ख़ुशी ख़ुशी उसके लण्ड पर बैठ गयी तो लण्ड गच्च से पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया.
वह बोला- मुझे लड़कियों को लण्ड पर बैठाने में बड़ा मज़ा आता है.
मैंने कहा- मुझे भी लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आता है अंकल. अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड!
मैं अपनी गांड उठा कर उसके लण्ड पर पटकने लगी. मैं आगे झुकी हुई थी तो वह मेरे उछलते हुए मम्मे देख देख कर बड़ा खुश होने लगा.
वह भी अपनी गांड से जोर लगा लगा कर मुझसे मजे से अपना लण्ड चुदवाने लगा.
कुछ देर बाद वह अचानक ऊपर उठा और मुझे नीचे कर दिया, मेरे ऊपर चढ़ बैठा और मेरी चूत में पेल दिया लण्ड तो मैं भी कमर मटका मटका कर चुदवाने लगी.
बड़ा पावरफुल था उसका लण्ड! ओल्ड मैन सेक्स का पूरा तजुर्बेकार था.
वह बोला- तू मादरचोद रेशमा बड़ी मस्त चीज है. तेरी जैसी चूत मुझे कभी नहीं मिली. क्या मस्तानी चूत है तेरी! नगमा की खाला की बेटी की चूत इतनी अच्छी नहीं है. अब मैं तुझे छोडूंगा नहीं जब भी इधर आऊंगा तुझे चोद कर ही जाऊंगा. एकदम टाइट, एकदम सख़्त, एकदम मक्खन मलाई है तेरी चूत रेशमा! तेरी माँ का भोसड़ा भी ऐसा ही होगा बुरचोदी रेशमा. किसी दिन तेरी माँ चोदूंगा मैं!
वह धक्के पे धक्के मारे जा रहा था.
मैं हैरान थी कि इतने बुड्ढे आदमी के लण्ड में इतनी ताकत कहाँ से आ गई?
मैंने कहा- हां हां … कभी मेरी माँ भी चोद लेना.
कुछ देर बाद वह मुझे कुतिया बनाकर पीछे से चोदने लगा.
मुझे हर तरफ से उससे चुदवाने में मज़ा आने लगा.
मैं बोलने लगी- वाओ … बड़ा मज़ा आ रहा है. हाय रे … मुझे खूब रंडी की तरह चोदो. आहां हीं हो हूँऊँ हो उफ़ … क्या मस्त लौड़ा है यार! ओहो हय हूँ ऊँ हो … तू साला हरामजादा … तेरी बिटिया की बुर, साली मेरी चूत फटी जा रही है यार! कितना मजेदार है तेरा लौड़ा बहनचोद, बुर फटी जा रही है. हाय रब्बा मुझे किसी ने ऐसे किसी ने भी नहीं चोदा. तू जितना बुड्ढा है तेरा लण्ड उतना ही जवान है. साला बिना रुके चोदे जा रहा है. हहो होह उई माँ मर गई मैं … इज़्ज़त लूट ली … पूरा लौड़ा पेल दिया. इसने तो तेरी बेटी की फाड़ डाली चूत अम्मी जान. तू अपना भोसड़ा संभाल रख … नहीं तो तेरा भोसड़ा भी फाड़ डालेगा.
मैं मस्ती में कुछ भी अल्लम गल्लम बोले जा रही थी.
इतने में मेरी चूत खलास हो गई, निकल गई चूत की गर्मी, गीली हो गई मेरी बुर!
मगर उसका लण्ड साला तना हुआ था.
फिर मैं घूम कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी. जोर जोर से मुट्ठ मारने लगी तब कहीं जाकर वह झड़ा.
वह चोद कर गया और मैं भी चुदवाकर कर मस्त हो गई.