नमस्ते दोस्तों, ये उस दिन की बात है जब एक दिन मैं अपने घर में आराम कर रहा था. रविवार था और मेरा घर में कोई काम नहीं था. पर मेरी बीवी को अपने जॉब से छुट्टी नहीं मिली थी, इस बात को लेकर मैं नाराज़ था क्योंकि मुझको उसे चोदना था.
अब मैं अकेले घर में क्या करता … तो पूरे घर को लॉक कर के, खड़की दरवाजे सब बंद किए और नंगा हो गया. मैं हाथ में सिगरेट जला कर अपने बेडरूम में आ गया. मैं बेडरूम के टीवी में पॉर्न लगा कर देखने लगा.
फिर मुझे याद आया कि अपनी बीवी के कुछ नंगे फ़ोटो और चुदाई के वीडियो हैं, क्यों न वो भी देख कर मजा लिया जाए. मैंने अपनी बीवी के वीडियो में उसका नंगा और गोरा जिस्म देखना शुरू किया. इस वीडियो में वो नंगी नाच रही थी. वो ऊपर से नंगी थी.
वो मेरे कहने पर अक्सर नंगी होकर नाचती थी. इस तरह से मेरे कहने पर मेरी बीवी अपनी नाभि, बुर और गांड को मटका कर ऐसे नाचती थी मानो स्वर्ग लोक की अप्सरा नाच रही हो. वो वैसे भी देखने में भी किसी हूर से कम नहीं थी, वो नाचती भी मस्त है.
जब ‘ये मेरा दिल प्यार का दीवाना’ इस गाने पर वो नाचती थी, तो पूरी रांड बन जाती थी. आज वो इस वीडियो में मेरे लिए मेरी रांड बन गई थी. मैं अपने बेड पर नंगा लेटकर उसकी मस्त चूचियों को हिलाता हुआ देख रहा था. मैं इस वक्त अपने एक हाथ में सिगरेट दूसरे हाथ में अपना लवड़ा पकड़ कर हिलाने लगा था. उसके कई वीडियो एक के बाद एक चलाते हुए मैं देखता रहा.
एक घण्टा बीत गया, पर मेरा मादरचोद लवड़ा खड़ा का खड़ा ही रहा. मैं मन ही मन अपनी मादरचोद बीवी को गाली देने लगा था.
आज साला मादरचोद इतना बुरा दिन था कि अपनी बीवी के होते हुए अपना लवड़ा खुद हिलाना पड़ रहा था.
आखिर मैंने फोन लगाया और गुस्से में बोला- सुन निधि … कहां है तू साली …
वो समझ गई कि मैं बहुत गुस्से में हूँ.
निधि इठला कर बोली- मेरे पति देव मैं आपके दिल में ही हूँ और कहां रहूंगी.
मैं गुस्से में बोला- मादरचोदी जल्दी से आ जा … मेरे लवड़ा तुझे याद कर रहा है.
निधि समझ गई कि उसके पतिदेव बहुत गुस्से में हैं और लवड़ा पकड़ कर मुठ मार रहे हैं … इसलिए इतने भड़के हुए हैं.
वो बोली- हां जी … लो मैं लंड पर आ गई हूँ.
मैं खुश होकर बोला- तू कैसे समझ गई कि मैं मुठ मार रहा हूँ.
निधि बोली- जब आप गर्म होते हो, तो बहुत गालियां देते हो जी … और मेरे को बहुत मज़ा देते हो.
मैं निधि की इस समझदारी देख कर हैरान था और मेरा गुस्सा भी थोड़ा शांत हो गया था.
मैं बोला- निधि रानी, जब तू इतनी समझदार है … तो आज मेरे साथ क्यों नहीं है?
वो बोली- ये बात छोड़ो … मुझको आपके फोन से चुदवाने की आवाज कहां से आ रही है? आप पोर्न देख रहे हो न?
मैं बोला- हां.
अब वो गुस्से में बोली- मेरे इतने वीडियो बना लेते हो … वो क्या कम पड़ जाते हैं … जो इन रंडियों को देख रहे हो.
मैं बोला- मैं इन रंडियों को नहीं, अपनी निधि रंडी को देख रहा हूँ.
ये सुनकर उसका गुस्सा शांत हो गया.
मैं बोला- काश निधि तू यहां होती.
वो बोली- अच्छा … अगर मैं होती तो क्या करते?
मैं बोला- चोदता रे तुझको साली रंडी.
वो बोली- लो आवाज लगाओ मेरे को … ऐसे बुलाओ मेरे को, जैसे मैं घर में ही हूँ.
मैं बोला- ये मज़ाक करने का टाइम नहीं है.
निधि बोली- आप मुझको आवाज लगाओ तो!
मुझे लगा कि अब ये फोन सेक्स से ही मुठ मरवाएगी.
मैंने- उससे क्या होगा मेरी रंडी सिर्फ लंड का पानी ही तो निकलेगा … लंड को चुत थोड़े ही मिल जाएगी.
निधि फिर बोली- अरे दिल से बुलाओ न मेरे को मेरी जान … सामने न आ जाऊं तब कहना.
मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि साली कैसे आ जाएगी. मैंने सोचा कि हो सकता है कि ये ऑफिस से आ गई हो.
मैं बोला- मादरचोद मेरी रंडी निधि … आ जा न … तेरे को चोदना है रांड आआ … न!
अचानक से मेरे बेडरूम का दरवाजा खुल गया. मैंने देखा कि निधि मेरे सामने वाईट कलर की शर्ट में खड़ी थी. जिसके अन्दर उसकी लाइट ब्लू कलर की ब्रा साफ़ दिख रही थी. जिसको मैं देख सकता था, साथ में नीचे उसने सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी. वो दरवाजे से टिक कर किसी रंडी से जैसे खड़ी थी और उसके रसीले होंठों में रेड डार्क लिपस्टिक लगी थी, एड़ियों में ब्लैक कलर के हाई हील्स पहने हुए. वो करीना कपूर लग रही थी.
मैंने हैरान होते हुए पूछा- तू अन्दर कैसे आ गई?
वो बोली- मैं ऑफिस गई ही नहीं थी. आप जब नहाने गए थे, तब मैं घर ही आपको सरप्राइज देने के लिए छुप गई थी.
मैं खुश होकर बोला- तो आ जा मेरी कुतिया … जल्दी से मेरे पास आ जा.
वो बोली- कुतिया बन कर आऊं?
मैंने कहा- हां, कुतिया बन कर ही आ.
वो कुतिया के जैसे चार पैरों से चलते हुए मेरे पास आ गई. मैं नंगा तो पहले से ही था. निधि मेरे पास आई और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर लंड को किस करने लगी. मैंने उसकी चोटी को पकड़ कर उसका मुँह अपने लंड में दे दिया. वो लंड चूसने लगी. मैं उसके चूतड़ों में चाटें मारने लगा. वो मेरा लंड बहुत जोर जोर से चूसने लगी.
मैंने अपना लंड उसके मुँह की गहराई में डाला, तो उसको उल्टी सी आने लगी. उसने लंड मुँह बाहर निकाल दिया. ये नाटक उसका पहली बार नहीं था. मुझे पता था कि वो क्या चाहती है.
उसकी चोटी खींची मैंने और लंड फिर से उसके मुँह में भर दिया. उसने लंड को मुँह से निकाल दिया.
मैंने एक जोर से थप्पड़ उसके गाल में मारा … ये चांटा इतनी तेज पड़ा था कि कोई और औरत होती, तो वो रोना शुरू कर देती … पर निधि हंसी और आंख मारते हुए उसने फिर से लंड को मुँह में ले लिया.
दरअसल थप्पड़ मारना हमारे सेक्स का हिस्सा है.
फिर क्या मैंने 5 से 6 थप्पड़ जमा दिए. मेरे थप्पड़ खाकर निधि का गोरा मुँह लाल पड़ गया था, पर प्यार के आगे ये तो कुछ भी नहीं था.
कुछ ही देर में मेरे लंड को निधि ने थूक से नहला दिया था.
अब उसकी बारी थी. मैंने उसको बेड में पटका और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गया. उसकी वाईट शर्ट को खोलने लगा, पर मेरे को जल्दी थी, तो मैंने उसकी शर्ट को फाड़ दिया और निधि के मम्मे सामने आ गए. मैंने उसकी ब्रा भी फाड़ दी, तो उसके मम्मे उछल कर निकल आए.
अब उसके गोरे गोरे दूध मेरी आंखों के सामने फुदक रहे थे. मैंने उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से बहुत चूसे. उसके बाद उसके दोनों हाथों को जोर से पकड़ा और निधि को देख कर मुस्कुराया.
वो समझ गई कि अब उसके साथ क्या होगा, इसलिए वो जोर से बोली- नहीं न प्लीज़.
मगर मैं कहां मानने वालों में से था. मैंने उसका दायां दूध मुँह में भरा और जोर से काट दिया.
जब निधि दर्द से चीख़ने लगी, तब मैंने छोड़ा. फिर बाएं दूध के साथ भी यही हुआ. मैंने उसके दोनों मम्मों में अपने दांत के निशान छोड़ दिए.
इसके बाद मैं पानी पीने के लिए उठा. जैसे ही मैं पानी पी कर पलटा, मैं देखता हूँ कि निधि के हाथ में रस्सी थी.
उसने गुर्राते हुए कहा- बेड में लेट जाओ और अपने दोनों हाथ ऊपर कर लो.
मैं समझ गया कि अब ये मेरी लेगी. पर प्यार के लिए के कुछ भी चलता है.
उसने मेरे दोनों हाथ बांधे और मेरे सीने पर चढ़ कर बैठ गई. फिर वो अपने लंबे नाखूनों से मेरे सीने को खरोंचने लगी. उसने मुझे हर जगह काटा … मतलब अपने दर्द का बदला ले लिया.
फिर उसने मेरे हाथ खोल दिए. मैंने पेंटी खोल कर उसकी चूत पर हमला बोल दिया. मैं उसकी चुत को चूस चूस पानी निकालता रहा और पीता रहा.
अब हम दोनों गर्म हो गए थे. हम दोनों इतने गर्म थे कि एक दूसरे को थप्पड़ मार मार कर मस्ती कर रहे थे.
अंतत: निधि बोली- निधि की चूत चोदना जी … पर आज मैं खूब गाली दूंगी.
मैंने ओके कह दिया और उसको लेटा दिया. उसने भी अपनी चुत उठा कर मुझे इशारा कर दिया.
मैंने निधि की चूत में अपना लंड रगड़ते हुए पूरा घुसा दिया. एकदम से लंड घुसने से निधि चीख उठी- आह माँ के लौड़े … मार ही दिया हरामी … आआहह चोद दे मादरचोद … चोद ना मेरे को … आह.
मैं भी हचक कर चोदने लगा- रंडी निधि चुद साली.
निधि- आह … साले भड़वे … मादरचोद बहनचोद कुत्ते … मादरचोद चोद चूतिए … चोद साले गांडू … चोद …
मैंने भी गालियों की बौछार कर दी- ले रंडी निधि … लंड खा ले और जल्दी से नीचे आ कर कुतिया बन जा कमीनी.
मैं उठा तो वो झट से कुतिया बन गई. मैं कुत्ता बन गया.
बस फिर क्या था. मैंने निधि की गांड में लंड पेल दिया. उसकी गांड मारने लगा.
“आह निधि कुतिया … बहन की लौड़ी … मादरचोद ले गांड में लंड ले.”
वो भी गांड मटकाते हुए गांड में लंड का मजा लेने लगी. वो बोली- साले चूचे मसल कर गांड मार न.
मैं उसके लटकते मम्मों को पकड़ कर उसकी गांड में दनादन लंड पेलने लगा.
धकापेल चुदाई होने लगी. इस बीच उसने मुझे सिगरेट पीने की बात कही. मैंने उसे कुतिया बनाए हुए ठेला और सिगरेट की डिब्बी से एक सिगरेट जला कर उसे दे दी. वो सिगरेट के छल्ले उड़ाते हुए गांड मराने लगी.
मैंने उसकी चूची छोड़ कर उसके हाथ से सिगरेट ली और धुंआ उड़ाते हुए फिर से उसकी गांड में लंड चलाने लगा.
कोई बीस मिनट बाद मेरे लंड का पानी निकलने वाला था, पर इतनी जल्दी झड़ता, तो निधि नाराज़ हो जाती.
मैं बोला- निधि पानी छूटने वाला है … क्या करूं?
निधि बोली- साले लंड बाहर निकाल और पेशाब कर … भोसड़ी के आज बीच में झड़ा, तो माँ चोद दूंगी.
मैं लंड खींच कर बाथरूम की तरफ जाने वाला ही था कि मेरे हाथ को पकड़ कर निधि बोली- मादरचोद बहनचोद चूतिए … जाता किधर है हरामी … मेरे ऊपर मूत न.
मैंने खड़े होकर नीचे फर्श पर कुतिया बनी निधि के ऊपर ही मूत दिया. वो मेरे मूत में नहा कर खुश हो गई.
मैंने दुबारा से उसकी चुत में लंड पेल दिया. कोई पांच मिनट बाद वो बोली- आह अब मैं आ रही हूँ … तुझे झड़ना हो तो मेरे मुँह में निकलना.
मैंने भी आठ दस धक्के मार कर उसके मुँह में लंड दे दिया. उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूस चूस कर लंड का सारा पानी अपने मुँह से गटक गई.
हम दोनों तृप्त होकर नंगे जिस्म एक दूसरे के ऊपर फर्श पर ही सो गए.
आपको मेरी रंडी बीवी की चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करके बताना.
[email protected]