नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अभिलाष कुमार है. मैं 25 साल का हूँ. मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मर्द का सबसे जरूरी अंग यानि मेरा लंड 6 इंच का है.
आज मैं आपको एक लड़की की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. उसका नाम रिया है. वो गजब की खूबसूरत है. पहली बार देखते ही मेरा उस पे दिल आ गया था. रिया 5 फुट 3 इंच के कद की सांवले रंग की.. मगर कामुकता से भरे बदन वाली लौंडिया थी. उसका मदमस्त फिगर 32-28-34 का था.
हुआ यूं कि मैं अपनी स्कूल लाइफ खत्म करके लखनऊ कोचिंग करने चला गया. वहां पर मेरी मुलाकात रिया से हुई. वैसे तो क्लास में बहुत से मस्त लड़कियां थीं, पर मेरा दिल रिया पे आ गया था. जब से अपनी गर्लफ्रेंड को चोदा था, तब से हर दिन चुदाई करने का मन करता था. अब मन की ख्वाहिश पूरी करने के लिए चुत को दुकान से तो खरीद नहीं सकते थे. हां रंडी चोद कर प्यास बुझाई जा सकती है, लेकिन बीमारी के डर से मैं रंडियों के चक्कर में नहीं पड़ा था. वैसे भी पिछली बार कितनी मेहनत करनी पड़ी थी, मैं ही जानता हूँ.
रिया से मेरी बातें शुरू हुईं, फिर हम साथ में घूमने फिरने लगे. साथ में खाने जाते, मूवी जाते. मैं तो हॉस्टल में कमरा लेकर रहता था और वो पीजी में रहती थी. रिया मुझसे सैट हो चुकी थी उसके संग चुम्मा-चाटी तो हमेशा होती ही रहती थी, पर चोदने के लिए माफिक जगह नहीं होने के कारण हम दोनों ही इस फिराक में थे कि कब उसका मकान मालिक कहीं जाए.
फिर एक दिन शाम को रिया का फोन आया- जल्दी आ जाओ, आज घर पर कोई नहीं है, दो दिन के लिए मकान मालिक की फैमिली बाहर जा रही है.
यह सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैंने तुरंत अपना बैग पैग किया और उसके घर की तरफ चल दिया जो कि पैदल की दूरी पर था.
मैंने दवाई दुकान से एक पैकट कंडोम का खरीदा और उसके दरवाजे पर जा कर बेल बजा दी. उसने दरवाजा खोल कर मुझे अन्दर खींच के तुरंत दरवाजा बंद कर दिया. अन्दर लेते ही उसने मुझे अपनी बांहों में ले लिया. मैं भी उससे लता सा लिपट गया. हम इसी तरह दो मिनट खड़े रहे.
फिर उसने पूछा- किसी ने देखा तो नहीं?
मैंने ना में सिर हिला दिया.
दोस्तो, क्या बताऊं, उसे देख कर अब जैसे कुछ बोला ही नहीं जा रहा था. आज उसकी आँखों में चुदाई की हवस साफ साफ दिख रही थी. वो मुझसे ज्यादा चुदाई के लिए मरी जा रही थी.
मैंने वक़्त बर्बाद ना करते हुए उसे गोद में उठाया और पूछा- बेडरूम किधर है.
उसने इशारा किया और मैं उसे लेकर कमरे की ओर चल दिया.
उसे बेड पर लिटा कर मैं उसके होंठों को चूमने लगा. हम दोनों एक दूसरे को चूमे जा रहे थे.
पूरे 4 महीने के बाद अब आज मुझे चुत मिलने वाली थी. यही बात सोच कर तो मेरा लंड जैसे सलामी देने को तैयार खड़ा था. मुझसे अब और इंतज़ार नहीं हो रहा था.. तो मैंने तुरंत उसके कपड़े उतार दिए और साथ ही अपने भी कपड़े निकाल फेंके.
पहली बार रिया को बिना कपड़ों के देख कर मेरे लंड से पानी चुचाने लगा. क्या गजब का माल लग रही थी. मैं उसके बगल में आकर लेट गया और उसे तिरछा करके उसके एक निप्पल को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा. वो खुद दूध पिलाने को मरी जा रही थी, उसने खुद अपने हाथ से अपनी दो उंगलियों के बीच निप्पल को पकड़ा और मेरे होंठों में फंसा दिया, ये सीन ठीक वैसा ही लग रहा था, जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते वक्त करती है.
मैंने अपना सर उसकी छातियों के बीच अड़ा दिया था और एक हाथ से एक मम्मे को मसलता हुआ, दूसरे के निप्पल को चूसने में लगा हुआ था.
वो पहले से ही चुदाई के लिए चुदासी थी, मेरे दूध चूसने और मसलने से वो हीट पर आ गई और मादक सिसकारी भरने लगी. ‘आह आह आह.’ करके उसकी कामुकता से भरी आवाजें आने लगीं. वो मेरे सर पर अपना दूसरा हाथ रख कर मुझे अपने से दबाते हुए कह रही थी- आह … अभिलाष आज मेरी प्यास बुझा दो. मुझे 5 महीने से कोई लंड नहीं मिला. मेरी इस चुत में चींटियां रेंग रही हैं.. जल्दी से लंड पेल दो.
चुच्ची मसलते हुए मैंने उससे कहा- मुझे चोदना बहुत अच्छे से नहीं आता है, अब तक सिर्फ एक बार ही चुदाई का मजा लिया है.
उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा- टेंशन न ले राजा … आज सब सिखा दूंगी कि चूत को क्या क्या चाहिए होता है. आज मैं तुम्हारी सेक्स टीचर बन जाती हूँ.
उसने यह कहते हुए अपनी टांग उठा कर मेरी कमर पर रख दी, जिससे उसकी नंगी चूत का गीलापन मुझे महसूस होने लगा.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और हिलाने लगा. उसकी चूत अच्छी खासी टाइट थी, कई महीने से चुदी नहीं थी, शायद इसीलिए मुंदी सी थी. मैं उंगली अन्दर डाली, तो उसकी आह निकल गई थी. अब उसकी चुच्ची चूसते हुए मैं उसकी चूत में तेज तेज उंगली अन्दर बाहर लगा. अपनी लिसलिसी चूत में उंगली करवाने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी कमर उठा उठा कर ‘आह आह..’ की आवाज़ निकाल रही थी.
इसके बाद मैंने उंगली निकाल कर उसके ऊपर चढ़ कर मोर्चा सम्भाला. मैं उसके पूरे बदन को चूमा और जल्दी ही उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया. उसने मेरी तरफ नशीली आंखों से देखा और अपनी सफाचट गोरी चूत पर खुद का हाथ फेरा.
मैंने उसका इशारा समझ लिया और उसकी जांघों से चूमना चालू करते हुए उसकी चुत के चारों तरफ जीभ को घुमाना शुरू कर दिया. मुझे न जाने क्यों एक बात समझ आ गई थी कि इसकी चूत को सबसे बाद में चूमूंगा. मैं उसकी चूत के इर्द गिर्द ही जुबान चलता रहा.
इससे वो एकदम से गरमा गई और गाली देते हुए बोली- मादरचोद, क्यों सता रहा है … छेद पर भी कर ना.
मैं हंसते हुए ऊपर अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूची पकड़ी और मसलते हुए अपनी जीभ उसकी चूत से सहला दिया. वो एकदम से गनगना उठी और अपनी गांड उठाते हुए मेरे मुँह की तरफ चूत को रगड़ने लगी. मैंने अपनी नाक से उसकी चूत की दरार को रगड़ा और इसके बाद अपने दोनों होंठों से उसकी चूत के मुकुट यानि दाने को पकड़ कर खींचते हुए चूसने लगा.
उसकी तो माँ चुद गई. साली आह आह करते हुए गांड उठाए जा रही थी. फिर मैं जीभ से चुत को पूरी लम्बाई में ऊपर से नीचे तक चाटने लगा वो मदमस्त हो गई. कुछ ही पलों में वो तो मानो जैसे एकदम से उछलने लगी और अपनी टांगों से मेरे सिर को जोर से पकड़ लिया. अब वो चिल्ला रही थी- और जोर से.. आह आह उफ्फ आह मजा आ गया.
उंगली करने के वजह से चुत पहले ही गीली हो चुकी थी, जिसका स्वाद अब मेरी जीभ पर लग रहा था. जितने लोग भी चुत चाटते हैं, सब जानते होंगे कि कितना मजेदार स्वाद होता है.
करीब 5 मिनट के बाद मैं उठा और अपने कच्छे को उतारने लगा. वो भी मेरी मदद करने लगी और एक ही झटके में उसने मेरा कच्छा लगभग फाड़ते हुए उतार दिया था. अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था. उसने तुरंत मेरे पहले से ही खड़े लंड को हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया. उसके हाथ का स्पर्श मिलते ही ऐसा लग, जैसे लौड़े पर करंट लग गया हो.
अब मैं बेड पर लेट गया और वो झुक कर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. लंड चुसवाने का मज़ा आज मुझे पहली बार मिल रहा था. वो जैसे ही मेरे लंड को मुँह में ले कर अन्दर बाहर करने लगी, मुझे लगा कि अभी तुरंत ही लंड छूट जाएगा और हुआ भी वही. मेरे लंड की पिचकारी निकलने को हुई, मैंने उसके मुँह से लंड बाहर खींचने का प्रयास किया. लेकिन वो समझ गई कि मैं आने वाला हूँ, तो उसने और मजबूती से लंड को पकड़ लिया.
अब मेरी मजबूरी थी, सो मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा सब माल पी गयी और कहने लगी- इतनी जल्दी कोई झड़ता है क्या?
मैंने कहा- अब इतनी हॉट माल सामने हो तो उसके सम्मान में तो कोई भी झड़ जाएगा.
उसने हंसते हुए मेरा लंड चूसना चालू किया. वो बोली- अच्छा हुआ कि तू बाहर ही झड़ गया, यदि मेरी चूत के अन्दर जाकर इतनी जल्दी झड़ता तो आज तेरा कत्ल ही कर देती.
मैं भी हंसने लगा- साली तू ये सब जानती थी कि मुझे एक बार झड़ना है, तभी तो तूने मुझे लंड बाहर नहीं निकालने दिया.
वो बोली- हां ये बात तो थी. यकीनन मुझे तेरे लंड का स्वाद भी लेना था. मुझे वीर्य पीना अच्छा लगता है.
मैंने पूछा- कितने नलों का पानी पी चुकी है?
रिया बिंदास बोली- तू दूसरा ही है.
इस बीच वो मेरे मुरझाए लंड पर चुप्पे लगा रही थी.. जिससे दो ही मिनट में फिर से मेरा लंड सख्त हो चुका था.
उसने कहा- अब 69 के पोजीशन में हो जाओ. मेरा छेद भी एक बार गीला कर दो.
उसने अपनी चूत उठा कर मेरे मुँह के सामने रख दी और लंड चूसने लगी. मैं भी उसकी चुत के रस का स्वाद लेने लगा. फिर थोड़ी देर में मैंने कहा- अब और नहीं रुक सकता.
उसने कहा- रोक कौन रहा है?
उसने पूछा- अब तक किस किस पोजीशन में चुदाई की है?
मैंने कहा- बस देसी स्टाइल.
वो हँसने लगी और बोली- तुम लेटे रहो और बस चुदाई का मजा लो.
वो उठी और मेरे खड़े लंड के ऊपर बैठने लगी. लंड को चुत के निशाने पर लगा कर उसने सुपारा चूत की फांकों में फंसा लिया. मेरा लंड पूरी तरह से तना हुआ था. हालांकि उसकी चूत भी टाइट ही थी, तो उसे थोड़ी ज्यादा मेहनत करना पड़ी. लेकिन एक बार लंड निशाने पर लगा, तो वो दांत भींच लंड पर बैठती चली गई. मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में अन्दर तक घुसता चला गया.
पूरा लंड लीलने के बाद उसने मेरे सीने पर हाथ जमा कर कुछ ठहर कर मेरे लंड को अपनी चूत में जज्ब किया. उसको हल्की सी पीड़ा हो रही थी.
इस बीच मैंने उसकी चूचियों को हाथ से मसला और उसके हाथों को चूमा. तो बीस सेकंड में ही वो ऊपर नीचे करने लगी. कुछ ही पलों में चुदाई ने रफ्तार पकड़ ली थी. उसका यूं मेरे लंड पर कूदना मुझे बड़ा ही आनन्द दे रहा था. मैं उसके चुच्ची दबा रहा था.
करीब आठ दस मिनट तक इसी तरह चुदाई के बाद मुझे लगा कि अब उसका माल झड़ने वाला है. तब मैंने उससे कहा अभी रुको, अब मेरी बारी है.
मैं लंड फंसाए हुए उसे सामने गिराते हुए अपने नीचे लेटा लिया. फिर उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपना लंड अन्दर तक पेल दिया. मेरा पूरा लंड एक ही झटके में अन्दर चला गया. उसकी चीख निकल गयी. मैं बिना रुके झटके मारते रहा.
वो भी आह आह करके आनन्द ले रही थी. फिर कुछ देर में हम दोनों ही झाड़ गए. मैं उसके ऊपर ही लेट गया और उसको चूमने लगा. मैंने उससे कहा- अगर तू न मिलती, तो शायद ही कभी मैं ऐसी चुदाई के मज़ा ले पाता.
उसने मुझे पूरी रात सुख दिया. हम लोग इसके बाद भी कई बार चुदाई का मजा ले चुके हैं. अभी दूसरा दिन बाकी था.
जब मैं लखनऊ से घर वापस आया, तो मेरी गर्लफेंड को मैंने एक दिन चोदते समय रिया के बारे में बता दिया.
साली कितनी बड़ी नौटंकी निकली.. उसे सब पता चला तो वो कहने लगी- अगली बार जब उससे मिलो, तब कुछ भी हो जाए.. उसे चोदना मत.
मैंने कहा- वो लंड चूसती है.
तो उसने मुँह बना लिया.
लेकिन मैं रिया से नहीं अपनी गर्लफ्रेंड से ही प्यार करता हूँ.
तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, बताना जरूर, अगले भाग में मैं बताऊंगा. उन दो दिनों में रिया ने मुझे चुदाई के कौन कौन से स्टेप सिखाये.. और हम दोनों ने किस किस तरह से मज़े किए.
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